साई कॉलेज में दो दिवसीय कांफ्रेंस का हुआ समापन
अम्बिकापुर- शिक्षक विचारवान कड़ी के उच्चतम पायदान पर है ऐसा लोग मानते हैं, यही शिक्षक का सम्मान है। यह बातें रविवार को श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विज्ञान विभाग और आईक्यूएसी के तत्वावधान में ग्लोबल इम्पैक्ट ऑफ साईंस टेक्नालॉजी एंड मैनेजमेंट विषय पर आयोजित इन्टरनेशनल कांफ्रेंस के समापन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शारदा प्रसाद त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि वह विद्यार्थी भी गौरवशाली होता है जिसे योग्यतम शिक्षक मिलता है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप युवा पीढ़ी के मार्गदर्शक हैं। विज्ञान, तकनीकी और मैनेजमेंट पर शोध-अनुसंधान होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा हमेशा होनी चाहिए। इससे ज्ञान-विज्ञान को प्रसार मिलेगा और हम सभी को भला होगा। इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती और श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर नमन किया। अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ और बैच लगाकर किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि विज्ञान, तकनीकी के साथ मैनेजमेंट का प्रभाव पूरी दुनिया पर है। इस विषय पर कांफ्रेंस में दो दिन लगातार मंथन होना सुखदायी रहा और प्राध्यापकों तथा अध्येताओं के लिये लाभकारी होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय अपर संचालक डॉ. रिजवान उल्ला ने कहा विज्ञान के ज्ञान और उसके अनुसंधान को प्रसार होना, गर्व की बात है। राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रिजवान ने कहा कि आविष्कार मानवता के हित के लिये होता है और इसी से शिक्षा का उद्देश्य पूरा होता है। उन्होंने सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई दी। समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष डॉ. अर्णब बनर्जी ने कहा कि शोध और अनुसंधान के लिए लगातार प्रयास होना, सरगुजा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. रामेश्वरी बंजारा ने कहा कि शोध-अनुसंधान लम्बी प्रक्रिया है जो हमेशा चलती रहेगी। हमे नवाचार के लिए लगातार काम करना होगा।
रविवार को महाविद्यालय में आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। कांफ्रेंस में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्राध्यापकों, अध्येताओं को अतिथियों ने प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। अतिथियों को अंगवस्त्र और श्रीफल प्रदान का सम्मानित किया गया। इस कांफ्रेंस में 10 से अधिक तकनीकी सत्रों में 100 से अधिक शोध पत्रों को वाचन हुआ। ऑनलाइन मोड में विदेश से भी विद्वान जुड़े रहे।
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक पल्लवी द्विवेदी और देवेन्द्र दास सोनवानी ने किया। इस अवसर पर कांफ्रेंस के कन्वीनर शैलेष देवांगन, लाइफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, डॉ. विवेक कुमार गुप्ता, डॉ. दिनेश शाक्या, डॉ. अलका पांडेय, डॉ. श्रीराम बघेल, दीपक तिवारी, एलपी गुप्ता, गीता चौहान, रेखा हलदार, चांदनी व्यापारी, विनीता मेहता आदि उपस्थित रहे।
Sep 22 2024, 19:33