विधानसभा भंग होने के बाद नायब सिंह सैनी बने रहेंगे कार्यवाहक मुख्यमंत्री
हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार के जोर के बीच राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज गुरुवार को राज्य कैबिनेट की सिफारिश के बाद विधानसभा भंग तत्काल भंग करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया. साथ ही राजभवन की ओर से यह कहा गया है कि राज्य में अगली सरकार के अस्तित्व में आने तक नायब सिंह सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे.
इससे एक दिन पहले राज्य कैबिनेट ने अंतिम बैठक से छह महीने की अवधि खत्म होने से पहले सदन को बुलाने से बचने के लिए इस कदम की सिफारिश की थी. हरियाणा विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल दत्तात्रेय ने संविधान के अनुच्छेद 174 (2) (बी) के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से विधानसभा को भंग कर दिया. संविधान का अनुच्छेद 174 (2) (बी) के तहत राज्यपाल के पास संबंधित राज्य की विधानसभा को भंग करने का अधिकार होता है.
क्यों भंग करनी पड़ी विधानसभा
इससे पहले राज्य कैबिनेट ने कल बुधवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी. इसके एक दिन बाद राज्यपाल ने विधानसभा को भंग करने से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
राज्य सरकार से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने विधानसभा भंग किए जाने की सिफारिश के पीछे की वजह बताई कि संवैधानिक नियम के अनुसार पिछले सत्र से छह महीने का दौर खत्म होने से पहले ही विधानसभा का नया सत्र बुलाना जरुरी होता है, लेकिन अब इस कदम से किसी भी तरह का संवैधानिक संकट नहीं रहेगा.
चंडीगढ़ में जारी जानकारी में कहा गया, “राज्य कैबिनेट की बुधवार शाम हुई बैठक में 14वीं हरियाणा विधानसभा को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. प्रस्ताव को अब मंजूरी के लिए हरियाणा के राज्यपाल दत्तात्रेय के पास भेजा जाएगा. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को खत्म हो रहा है.
13 मार्च को बुलाई थी आखिरी सत्र
हरियाणा में नई विधानसभा के गठन को लेकर चुनाव की तारीखों का ऐलान पहले ही किया जा चुका है. यहां पर एक ही चरण में यानी 5 अक्टूबर को वोटिंग कराई जाएगी. जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. इससे पहले यहां पर एक अक्टूबर को वोटिंग कराई जानी थी और फैसला 5 को आना था, लेकिन लोगों की मांग के बाद चुनाव की तारीखों में फेरबदल किया गया.
वर्तमान हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को आयोजित किया गया था. इस सत्र के दौरान राज्य की नई सरकार ने बहुमत हासिल करना था. मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद राज्य में बनी नायब सिंह सैनी सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था. इस तरह से अगला सत्र आगामी आज गुरुवार यानी 12 सितंबर तक बुलाया जाना जरूरी हो गया था.
नायब सिंह सैनी ने मार्च में मनोहर लाल की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था. खट्टर अब केंद्रीय मंत्री हैं. आमतौर पर अगस्त में मानसून सत्र बुलाया जाता रहा है. लेकिन पिछले महीने 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया जिसके बाद सरकार ने अगला सत्र नहीं बुलाया
Sep 13 2024, 09:36