विनेश फोगाट और पूनिया कांग्रेस के मोहरे थे’ बृजभूषण शरण सिंह के बयान में कितनी सच्चाई?

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ओलंपियन विनेश फोगट और बजरंग पुनिया कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद पार्टी की तरफ से विनेश को जुलाना से टिकट भी दे दिया गया है। वहीं, पूनिया को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।फोगट और पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के एक बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विनेश फोगट और बजरंग पुनिया को मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया।

बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के विरोध प्रदर्शन के दो प्रमुख चेहरे फोगाट और पुनिया के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘वे चेहरे थे… वे मोहरे थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस और कांग्रेस परिवार ने उन्हें मोहरों की तरह इस्तेमाल किया।’ उन्होंने कहा कि, ‘यह सब भारतीय कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण पाने और बीजेपी की विचारधारा पर हमला करने के लिए रची गई साजिश थी। उन्होंने कहा कि विनेश और बजरंग के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह बात सच साबित हुई कि उनके खिलाफ महिला पहलवानों का आंदोलन कांग्रेस की साजिश थी। राहुल की यह टीम, कांग्रेस इस तरह का काम करती रहती है।’ अब सवाल है कि बृज भूषण शरण सिंह के बयान का आधार क्या? भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख की बातों में कितनी सच्चाई है?

वहीं भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, यह तो होना ही था। पूरे देश में सबको पता है कि यह आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था और उसके पूरे कर्ता-धर्ता दीपेंद्र हुड्डा और पूरी हुड्डा फेमिली थी। इसकी चिंगारी हरियाणा से लगाई गई। इस धरने की नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह की तारीफ़ की थी और कहा था कि कुश्ती सुरक्षित हाथों में है। यह ओलंपिक का साल था और आंदोलन करके जो पांच छह मेडल आने वाले थे, उसे भी डिस्टर्ब किया गया।

विनेश के साथ ही बजरंग पुनिया ने हरियाणा के चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस का दामन थामा। इस दौरान व‍िनेश ने कांग्रेस में शाम‍िल होने की वजह बताई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने और अन्य महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आवाज उठाई, तो दुर्भाग्य की बात रही कि बीजेपी ने हमारा साथ देना जरूरी नहीं समझा। इस मुश्किल वक्त में किसी ने हमारा साथ दिया, तो वो कांग्रेस ही थी, इसलिए हमने कांग्रेस में शाम‍िल होने का फैसला किया।

अब सवाल है क्या कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए पहलवानों के प्रदर्शन को सियासी रंग दिया? विनेश फोगाट के कांग्रेस का दामन थामने और चुनावी मैदान में उतरने से राजनीतिक परिस्थिति पर कितना असर पड़ेगा, ये आने वाले वक़्त में पता चलेगा। लेकिन हरियाणा की राजनीति पर क़रीबी नज़र रखने वालों की मानों तो ओलंपिक खेलों के बाद विनेश के पक्ष में बने सेंटीमेंट का कांग्रेस को फायदा होगा। हरियाणा में किसान पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं। पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को किसानों ने समर्थन दिया था। विनेश की छवि एक किसान की बेटी की है। ऐसे में विनेश को टिकट देने से किसानों के बीच कांग्रेस की छवि और पुख़्ता होगी और इससे राज्य में अन्य क्षेत्रों में भी उसे फायदा मिलेगा।

राम मंदिर निर्माण से सरकार के खजाने में आएंगे 400 करोड़ रुपए, 42 दिन में लोगों ने दिया 2800 करोड़ का दान

अयोध्या में स्थित राम मंदिर निर्माण में लगने वाली सामग्री को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमने मंदिर निर्माण के लिए उपयोग की गई हर एक सामग्री का भुगतान कर दिया है. राम मंदिर निर्माण के लिए जो सामग्री लाई गई उससे सरकार को करीब 400 करोड़ रुपए का जीएसटी मिलेगा. चंपत राय ने ये जानकारी मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित एक समारोह में दी.

इंदौर में एक कार्यक्रम को लेकर राम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण में लगे रुपयों को लेकर बयान दिया. उन्होंने कहा कि हमने मंदिर में लगने वाली हर एक सामग्री का भुगतान कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमने राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में 42 दिन तक समर्पण निधि अभियान चलाया था.

चंपत राय ने कहा कि 42 दिन चले समर्पण अभियान के दौरान देश के 10 करोड़ लोगों ने भगवान के प्रति आस्था दिखाते हुए मंदिर निर्माण के लिए पैसे दिए. 42 दिन में लोगों ने 2800 करोड़ रुपए दान दिए. लोगों ने मंदिर निर्माण ही नहीं, बल्कि सरकार का भी सहयोग किया है. लोगों ने जो पैसा दिया उससे मंदिर निर्माण के लिए सामग्री लाई गई. उससे सरकार को जीसटी के तौर पर करोड़ों रुपए मिले हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए भारत सरकार ने ट्रस्ट के एवज में एक रुपया दिया था. जिसे फ्रेम कराकर मंदिर के लॉकर में रखा गया है.

चंपत राय ने कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर में लगे पत्थर और लकड़ी का भुगतान कर दिया गया है. बता दें कि मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से पत्थर मंगवाया गया था और महाराष्ट्र से लकड़ी मंगवाई गई थी. यहीं अलग शहरों और राज्यों से मंदिर निर्माण के लिए जरूरी सामान मंगवाया गया था. जिसको लेकर चंपत राय ने कहा कि सभी सामग्री का भुगतान किया गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी आजादी की लड़ाई से कम नहीं था.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को लेकर दिया बड़ा बयान, मचा बवाल! आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की धरती से मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखा है। वर्जीनिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए। हम चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है। मैंने कहा देखी जाएगी, देखते हैं क्या होता है। लेकिन चुनावों के बाद कुछ बदल गया है।

कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब। मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर​ फैलाया और छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव, सबकुछ एक सेकेंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और लेकिन ये डर एक सेकेंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।

इससे पहले 8 सितबंर को नेता विपक्ष ने बेरोजगारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं को लेकर संघ की दकियानूसी सोच की आलोचना की थी। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में चर्चा के दौरान राहुल गांधी के विचारों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने राहुल गांधी को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताया, जो विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करता है।

दरअसल अमेरिका में छात्रों के साथ चर्चा कर रहे राहुल गांधी से बेरोजगारी की समस्या के बारे में पूछा गया था। इस बारे में राहुल गांधी ने कहा कि 1960 तक अमेरिका प्रोडक्शन का केंद्र का हुआ करता था, इसके बाद नौकरियां कोरिया, जापान और चीन में पैदा होने लगीं। आज आप देखिए ग्लोबल प्रोडक्शन में चीन का दबदबा है। भारत में आप देखेंगे फोन, फर्नीचर और कपड़े चीन के बने हुए हैं। और ये सच्चाई है। राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत ने नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोडक्शन के आइडिया पर काम करना बंद कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि आपने सबकुछ चीन को सौंप दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि टेक्सटाइल के मामले में बांग्लादेश ने भी भारत को पीछे छोड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष ने चेताते हुए कहा कि प्रोडक्शन में आई गिरावट बहुत सारी सामाजिक समस्याओं को पैदा करेगी। और यही वजह है कि राजनीति में ध्रुवीकरण हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच विचाराधारा की लड़ाई है।

बीजेपी और आरएसएस के लोग मानते हैं कि महिलाओं को एक भूमिका तक सीमित रहना चाहिए। उन्हें घरों में रहना चाहिए। खाना बनाना चाहिए। उन्हें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। और हम मानते हैं कि महिलाओं को वह सब करने की आजादी होनी चाहिए जो वे अपनी जिंदगी में करना चाहती हैं।

आरएसएस और भारत बनाम चीन के मुद्दे पर बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, देश के प्रति जवाबदेही है उनकी, लेकिन वह बार-बार विदेशी धरती से देश की छवि को खराब कर रहे हैं, ये राष्ट्रद्रोह है।

उन्होंने कहा कि कोई भी देशभक्त ऐसा नहीं करेगा, लेकिन राहुल गांधी निराश हो गए हैं। लेकिन लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस का सफाया होने के बाद राहुल गांधी अमेरिका में अपना फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं, देश की छवि को बदनाम कर रहे हैं। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल सकते हैं, वे भारत को कमजोर कर रहे हैं। वह चीन के साथ खड़े हैं।

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा…राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब विपक्ष के नेता हैं। एक तरफ वह भारत जोड़ो की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ मौका मिलने पर आलोचना भी करते हैं। उनके चीन के साथ बहुत गहरे संबंध हैं…”

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को लेकर दिया बड़ा बयान, मचा बवाल! आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका की धरती से मोदी सरकार पर अपना हमला जारी रखा है। वर्जीनिया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए। हम चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है। मैंने कहा देखी जाएगी, देखते हैं क्या होता है। लेकिन चुनावों के बाद कुछ बदल गया है।

कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब। मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर​ फैलाया और छोटे कारोबारियों पर एजेंसियों का दबाव, सबकुछ एक सेकेंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और लेकिन ये डर एक सेकेंड में गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।

इससे पहले 8 सितबंर को नेता विपक्ष ने बेरोजगारी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बढ़ते प्रभाव और महिलाओं को लेकर संघ की दकियानूसी सोच की आलोचना की थी। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में चर्चा के दौरान राहुल गांधी के विचारों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने राहुल गांधी को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला धब्बा बताया, जो विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करता है।

दरअसल अमेरिका में छात्रों के साथ चर्चा कर रहे राहुल गांधी से बेरोजगारी की समस्या के बारे में पूछा गया था। इस बारे में राहुल गांधी ने कहा कि 1960 तक अमेरिका प्रोडक्शन का केंद्र का हुआ करता था, इसके बाद नौकरियां कोरिया, जापान और चीन में पैदा होने लगीं। आज आप देखिए ग्लोबल प्रोडक्शन में चीन का दबदबा है। भारत में आप देखेंगे फोन, फर्नीचर और कपड़े चीन के बने हुए हैं। और ये सच्चाई है। राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और भारत ने नौकरियां पैदा करने के लिए प्रोडक्शन के आइडिया पर काम करना बंद कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि आपने सबकुछ चीन को सौंप दिया।

राहुल गांधी ने कहा कि टेक्सटाइल के मामले में बांग्लादेश ने भी भारत को पीछे छोड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष ने चेताते हुए कहा कि प्रोडक्शन में आई गिरावट बहुत सारी सामाजिक समस्याओं को पैदा करेगी। और यही वजह है कि राजनीति में ध्रुवीकरण हो रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच विचाराधारा की लड़ाई है।

बीजेपी और आरएसएस के लोग मानते हैं कि महिलाओं को एक भूमिका तक सीमित रहना चाहिए। उन्हें घरों में रहना चाहिए। खाना बनाना चाहिए। उन्हें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। और हम मानते हैं कि महिलाओं को वह सब करने की आजादी होनी चाहिए जो वे अपनी जिंदगी में करना चाहती हैं।

आरएसएस और भारत बनाम चीन के मुद्दे पर बीजेपी ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया। नेता प्रतिपक्ष की आलोचना करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, देश के प्रति जवाबदेही है उनकी, लेकिन वह बार-बार विदेशी धरती से देश की छवि को खराब कर रहे हैं, ये राष्ट्रद्रोह है।

उन्होंने कहा कि कोई भी देशभक्त ऐसा नहीं करेगा, लेकिन राहुल गांधी निराश हो गए हैं। लेकिन लगातार तीन चुनावों में कांग्रेस का सफाया होने के बाद राहुल गांधी अमेरिका में अपना फ्रस्टेशन निकाल रहे हैं, देश की छवि को बदनाम कर रहे हैं। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी चीन के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल सकते हैं, वे भारत को कमजोर कर रहे हैं। वह चीन के साथ खड़े हैं।

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा…राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वह अब विपक्ष के नेता हैं। एक तरफ वह भारत जोड़ो की बात करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ मौका मिलने पर आलोचना भी करते हैं। उनके चीन के साथ बहुत गहरे संबंध हैं…”

दिल्ली-एनसार में महसूस किए गए भूकंप के झटके, यूपी से कश्मीर तक कांपी धरती,पाकिस्तान था केंद्र

#delhi_ncr_earthquake_tremors_felt_pakistan 

दिल्ली एनसीआर में बुधवार दोपहर एक बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूपी से लेकर कश्मीर तक धरती कांपी है। भूकंप के ये झटके हरियाणा, पंजाब और कश्मीर से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक में महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के करूर इलाके में था। जिसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई है। फिलहाल, इस भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

बताया गया कि बुधवार को दोपहर में उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान के पेशावर, इस्लामाबाद और लाहौर में भी झटके महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान में 12 बजकर 58 मिनट पर यह भूकंप आया था। इसके झटके ही भारत और अफगानिस्तान में महसूस किए गए। इस भूकंप का सेंटर पंजाब के अमृतसर से 415 किलोमीटर पश्चिम पाकिस्तान में था।

वहीं, भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में धरती हिली है। दिल्ली-एनसीआर में दो हफ्ते के अंदर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले 29 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर में धरती हिली थी।

डोनाल्ड ट्रंप-कमला हैरिस के बीच तीखी बहस, जानें प्रेसिडेंशियल डिबेट में किसकी हुई जीत?

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में आमने-सामने आए। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला हुआ। 1 घंटे 45 मिनट की बहस में कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कैपिटल हिल दंगा, गर्भपात कानून जैसे मुद्दों पर घेरा। हैरिस ने कहा कि लोग थकान और ऊब के चलते ट्रंप की रैलियों से चले गए। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस को अप्रवासन, बॉर्डर और इजरायल को लेकर निशाने पर लिया।

इस मुकाबले में कमला हैरिस रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ती दिखीं। सीएनएन के एक पोल के अनुसार, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार की बहस देखने वाले पंजीकृत मतदाताओं 63 प्रतिशत ने माना कि हैरिस ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, ट्रंप के प्रदर्शन को 37 प्रतिशत ने अच्छा बताया। खास बात यह है कि बहस से पहले मतदाता दोनों के प्रदर्शन पर समान रूप से बंटे थे। 50% ने हैरिस और 50% ने ट्रंप के मजबूत प्रदर्शन की बात कही थी। बता दें कि, पोल के नतीजे केवल उन मतदाताओं के विचारों को दर्शाते हैं जो इसे देख रहे थे। यह सभी वोटरों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

इस डिबेट की शुरुआत में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और अपना-अपना परिचय भी दिया। बता दें कि अमेरिका के इतिहास में पिछले आठ सालों से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की तरफ से हाथ नहीं मिलाया गया था। डिबेट की शुरुआत के बाद दोनों उम्मीदवारों की तरफ से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप को दौर शुरू हुआ। इस दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि ट्रंप हमारे लिए सबसे खराब इकोनॉमी और लोकतंत्र छोड़कर गए थे। इस दौरान कमला हैरिस ने कहा कि वे एक मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं और अकेली उम्मीदवार हैं जिनके पास अमेरिका के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजना है।

इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने देश की मौजूदा बाइडन सरकार पर आरोप लगाया कि देश में महंगाई का सबसे खराब दौर है। डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने वो काम क्यों नहीं किए जिन्हें करने का वादा किया था। कमला ने ऐसा क्यों नहीं किया? ट्रंप ने कहा कि हम एक असफल राष्ट्र हैं। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो गंभीर गिरावट में है। दुनिया भर में हमारा मजाक उड़ाया जा रहा है। हम नेता नहीं हैं। हमारे मध्य पूर्व में युद्ध चल रहे हैं, रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा हैं और हम तीसरे विश्व युद्ध में समाप्त होने जा रहे हैं।

डिबेट के दौरान ट्रंप बहस में बार-बार बाइडन की चीन को लेकर पॉलिसी पर कमला हैरिस पर निशाना साध रहे थे। जिसपर कमला हैरिस ने कहा आप की सरकार तो चीन को सप्लाई कर रही थी।

इस डिबेट के दौरान जब ट्रंप ने अपराध नियंत्रण को लेकर बाइडन सरकार के रिकॉर्ड पर हमला किया, तो हैरिस ने जवाब दिया कि यह टिप्पणी किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से की जा रही है, जिस पर कई बार आपराधिक आरोप लगे हैं। जिस पर ट्रंप ने कहा कि उनके खिलाफ मामले न्याय विभाग के हथियारीकरण का एक उदाहरण हैं, ताकि एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाया जा सके। फिर उन्होंने 13 जुलाई की हत्या के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, शायद मैंने उन बातों के कारण सिर पर गोली खाई है। वे लोकतंत्र की बात करते हैं, मैं लोकतंत्र के लिए खतरा हूं, आप लोग लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

वहीं इस पर पलटवार करते हुए कमला हैरिस ने कहा कि मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में दुनिया की यात्रा की है। विश्व के नेता डोनाल्ड ट्रंप पर हंस रहे हैं। वे कहते हैं कि आप एक कलंक हैं।

इस डिबेट से ऐसा लग रहा है कि कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाजी पलट दी है। इसकी वजह है कि डिबेट से पहले तक मुकाबला 50-50 का था। डिबेट से पहले वही वोटर्स यह तय नहीं कर पा रहे थे कि कौन कैंडिडेट बेहतर है। डिबेट से पहले तक 50 फीसदी वोटर्स का कहना था कि कमला हैरिस बेहतर प्रदर्शन करेंगी। वहीं, 50 फीसदी वोटर्स का मानना था कि डोनाल्ड ट्रंप ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कुल मिलाकर डिबेट से पहले मुकाबला बराबरी का था। मगर अब जो लेटेस्ट सर्वे के रिजल्ट आए हैं, उससे साफ है कि कमला ने बाजी मार ली है और ट्रंप पिछड़ गए हैं।

पिछले 50 दिनों में 18 रेल हादसे, महज हादसा या बड़ी साजिश?

#8trainderailmentincidentsinlast50_days

पिछले दिनों भारत में रेल हादसों में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ट्रेन की पटरी पर कभी साइकिल तो कभी गैस सिलेंडर रखकर उसे बेपटरी करने की आपराधिक कोशिश जारी है।रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाओं में भारी वृद्धि को देखते हे रेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया और पाया कि पिछले सप्ताह में रेलगाड़ियों को पटरी से उतारने की तीन कोशिशें और रेलगाड़ियों पर पत्थरबाजी की दो घटनाएं हुईं, जिससे चिंता पैदा हुई।

रेल हादसों के आंकड़ों की बात करें, तो अगस्त से अब तक 50 दिनों में ट्रेनों के डीरेल करने की करीब 18 कोशिशें की जा चुकी हैं। अगर बीते दो सालों कि बात की जाए, तो इस दौरान करीब 24 ऐसी कोशिशें हुईं थी।रेलवे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इनमें सबसे अधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश में सामने आई हैं। यहां कई बार यह प्रयास हो चुका है।इसके अलावा पंजाब, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश हो चुकी है।

ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश

-19 जुलाई को, लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर गोंडा के मोतीगंज के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायस हो गए। ट्रेन असम जा रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट ने ओवरहेड बिजली के तारों को बेतहाशा झूलते देखा, जिसके बाद उसने आपातकालीन ब्रेक लगाए। 22 डिब्बों में से 8 पूरी तरह से पटरी से उतर गए और बाकी आंशिक रूप से पटरी से उतर गए।

-17 अगस्त की रात कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। इसके तुरंत बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पटरी पर रखी गई किसी वस्तु के कारण यह दुर्घटना हुई। बाद में जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि दुर्घटना को अंजाम देने के लिए रेलवे ट्रैक का टूटा हुआ टुकड़ा रेल लाइन पर रखा गया था।

-18 अगस्त को जबलपुर में रेलवे ट्रैक पर रखी आधा दर्जन लोहे की छड़ें एक पैसेंजर ट्रेन के इंजन से टकरा गईं। रेल अधिकारियों ने मामले की जांच की और बताया कि बदमाशों ने छड़ें चुराने की कोशिश की, लेकिन तेज गति से आ रही ट्रेन को देखकर उन्हें ट्रैक पर ही छोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि पटरियों पर विदेशी वस्तुएं रखने के अलावा, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी हुई हैं, खासकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों पर।

-20 अगस्त को, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सुबह 07:40 से 07:45 बजे के बीच ट्रेन KN2733541 एक मोटरसाइकिल के रिम से टकरा गई, जिससे ट्रेन का इंजन रुक गया।

-फिर 22 अगस्त को अलीगढ़ रेलवे पुलिस ने चलती ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए जानबूझकर रेलवे ट्रैक पर एलॉय व्हील लगाने के आरोप में अफ़सान नामक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया।

-23 अगस्त की रात को कासगंज और फर्रुखाबाद के बीच चलने वाली फर्रुखाबाद एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे लकड़ी के लट्ठे से टकराने के बाद एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गई थी।

-23 अगस्त को कायमगंज और शमशाबाद के बीच रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया, जिससे ट्रेन संख्या 05389 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में घटना स्थल पर रोकना पड़ा।

-24 अगस्त को राजस्थान के अजमेर जिले में अज्ञात बदमाशों ने रेलवे ट्रैक पर भारी पत्थर रख दिए। ये पत्थर जवाईबांध और बिरोलिया क्षेत्र के बीच जानबूझकर ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से रखे गए थे।

-30 अगस्त को तेलंगाना के रंगारेड्डी में चंदन नगर और हाफ़िज़पेट रेलवे स्टेशन के बीच डाउनलाइन ट्रैक पर लोहे की रॉड रखी गई। ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।

-4 सितंबर को सोलापुर के कुर्दुवाड़ी स्टेशन पर एक फाउलिंग मार्क स्टोन मिला, जिसकी वजह से टावर वैगन ट्रैक पर रुक गया।

-5 सितंबर को गुजैनी पुल से इसी रेलवे ट्रैक पर एक ट्रक भी गिर गया था। इससे भी रेलवे काफी प्रभावित हुई थी और कई ट्रेनों का संचालन रुक गया था।

-9 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर एक सिलेंडर रखा गया था जिसमें ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई थी जिसकी जांच भी अभी कई खुफिया एजेंसी और एटीएस कर रही है।

अमेरिका में भारत विरोधी इल्हान उमर से राहुल गांधी ने क्यों की मुलाकात? बीजेपी ने घेरा

#america_rahul_gandhi_ilhan_omar_meeting

राहुल गांधी अमेरिका के तीन दिनों के दौरे पर हैं। अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात की है। इसी क्रम में वो वाशिंगटन के रेबर्न हाउस में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से मिले। इस मुलाकात के बाद एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में राहुल के साथ एक ऐसा चेहरा नजर आया, जिसे लेकर विवाद हो गया। दरअशल, वो चेहरा चेहरा इल्हान उमर का है,जो भारत और हिंदुओं से घृणा को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं।उमर अमेरिकी संसद के निचले सदन की सदस्य हैं।

इल्हान उमर अमेरिकी सांसदों के उस समूह का हिस्सा थीं जिसने वाशिंगटन डीसी के रेबर्न हाउस में कॉन्ग्रेस नेता के साथ बैठक की। इसकी मेजबानी अमेरिकी सांसद ब्रेडली जेम्स शेरमन ने की। उमर के अलावा इस बैठक में सांसद जोनाथन जैकसन, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, बारबरा ली, श्री थानेदार, जीसस जी ग्रासिया, हैंक जॉनसन और जैन शाकोवस्की भी शामिल थे। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि राहुल गाँधी ने अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू से भी मुलाकात की है।

राहुल की इल्हान की मुलाकात पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है।बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि सिख विरोधी, आरक्षण विरोधी बयान देने और विदेशी जमीन से भारतीय संस्थानों पर सवाल उठाने के बाद, राहुल गांधी अब एक पार्टी का विरोध करते हुए भारत विरोधी तत्वों से मिल रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। कौन हैं इल्हान उमर? अमेरिकी कांग्रेस में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाईं, पाकिस्तान के दौरे पर गईं। प्रायोजित यात्रा और भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किया।

बता दें कि अपने भारत विरोधी बयान के लिए पहचाने जाने वाली इल्हान उमर पाकिस्‍तान की चहेती है। वो जम्‍मू-कश्‍मीर को पाकिस्‍तान का हिस्‍सा बता चुकी हैं। उमर 2022 में पाकिस्‍तान गई थी. इस दौरान वो पाकिस्‍तानी अधिकृत कश्‍मीर में भी पहुंची। यह पूरा दौरा पाकिस्‍तान द्वारा प्रयोजित था। वो पाकिस्‍तान के पीएम शाहबाज शरीफ से भी मिली थी। तब इल्हान उमर ने यह बयान भी दिया था कि पीओके पाकिस्‍तान का अहम हिस्‍सा है। इसपर भारत का कोई हक नहीं है।

इतना ही नहीं जब पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी संसद में भाषण दे रहे थे, तब इल्हान उमर ने इसका विरोध किया था। यही वजह है कि राहुल गांधी के साथ तस्‍वीर वायरल होने के बाद अब इसपर विवाद भी शुरू हो गया है।

चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा किया, यूएस में राहुल गांधी का दावा

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कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर है। पिछले तीन दिनों से राहुल गांधी अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके बयानों ने भारत में सियासी पारा हाई कर रखा है। यहां देश में उनके बयानों पर बहस छिड़ी हुई है। मंगलवार को आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए गे बयान के बाद राहुल गांधी ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे एक बार फिर सियासी भूचाल आना तय है। राहुल गांधा का दावा है कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।

4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों कब्जा-राहुल गांधी

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, अगर आप कहते हैं कि हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों का होना किसी चीज़ से ठीक से निपटना है, तो शायद हमने लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिकों का कब्ज़ा कर रखा है। मुझे लगता है कि यह एक आपदा है।

पीएम मोदी ने चीन से ठीक से नहीं निपटा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा, अगर कोई पड़ोसी देश आपकी 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा करले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे ठीक से संभाला है? इसलिए मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन से ठीक से निपटा है। मुझे लगता है कि कोई कारण नहीं है कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में बैठे रहें।

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया हो। पिछले साल भी राहुल गांधी ने इसी तरह का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति पर विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने भारतीय जमीन छीन ली है। हालांकि, केन्द्र की बीजेपी सरकार कांग्रेस के इस दावे को बार-बार खारिज करती आ रही है।

मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं” यूएस में बोले राहुल गांधी, जानें क्यों देनी पड़ी सफाई

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अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान पर देश में विवाद खड़ा हो गया है। रक्षण पर अपने बयान की वजह से चढ़े सियासी पारे के बीच कांग्रेस सासंद ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया, कांग्रेस पार्टी और का लक्ष्य इसे 50 प्रतिशत तक ले जाने का है।

वाशिंगटन में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया है। वो 50 प्रतिशत से आगे बढ़कर आरक्षण देना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। हम, जो चल रहा है उसकी व्यापक समझ चाहते हैं और फिर इसे ठीक करने के लिए नीतियों की एक सीरीज लागू करना चाहते हैं, आरक्षण भी उनमें से एक है। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम चाहते हैं कि आरक्षण 50% हो।’

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर मंगलवार को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात की थी। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है। राहुल ने कहा था, “जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।”

बयान पर सफाई की वजह

बता दे कि की राहुल के इस बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर कहा है कि 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और न ही देश में जातीय जनगणना। अब इनके इनकी आड़ में कांग्रेस सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। बसपा के अलावा कुछ दलित संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया है और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।