वैशाली जिले में डेंगू के चार नए मरीज मिले, संख्या 26 तक पहुंचा
डेंगू का डंक
हाजीपुर। वैशाली जिले में डेंगू रोग दबे पांव ही सही, अब तेजी से पांव पसार रहा है। एक सप्ताह में यहां स्वास्थ्य विभाग को डेंगू के चार नए मरीजों की सूची विभिन्न अस्पतालों से मिली है। चार डेंगू मरीजों के सामने आने के बाद जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है।
इनमें 04 मरीज जिले के निवासी जरूर हैं, लेकिन दूसरे जिले और दूसरे राज्यों के हैं। इसी तरह जिले में मलेरिया से भी पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं। इन मरीजों का इलाज पीएमसीएच एनएमसीएच एवं आरएमआरआई समेत अन्य अस्पतालों में हुआ है।
डेंगू से बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि खुद को मच्छरों के काटने से बचाना। ढीले-ढाले, फूल बांह का शर्ट या पैंट पहनें, घर के आसपास मच्छरों के नियंत्रण के लिए उपाय करें। इस बार ज्यादातर डेंगू मरीज ग्रामीण इलाकों से सामने आ रहे हैं। शहरी क्षेत्र में नगर परिषद को फॉगिंग कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पत्र भेजा गया है,
लेकिन शहर के आवासीय मोहल्ले में फॉगिंग नहीं हो रही है। इससे लोग डरे-सहमे हैं। स्थानीय दिग्धी पूर्वी के अखिलेश महतो के 11 वर्षीय पुत्र की मौत पीएमसीएच में हो गई, लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से फॉगिंग नहीं कराई गई है। जिला वीचीडीसीओ डॉ. गुड़िया कुमारी का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए पूर्व में जागरूकता से संबंधित हैंडचिल, बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया है। डेंगू मरीज सामने आने पर मरीज के मोहल्ले में फॉगिंग कराई जा रही है।
जिला येक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. गुड़िया कुमारी का कहना है कि अभी तक जी भी डेंगू के मरीज मिले हैं, उन मरीज के मोहल्ले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फॉगिंग की जा रही है।
सोमवार को राघोपुर प्रखंड अंतर्गत तेरसिया में डेंगू मरीजों को मोहल्ले में फॉगिंग कराई गई है। अब तक सैंकड़ों आवासीय परिसरों के आसपास फॉगिंग कराई गई है। तेरसिया में फॉगिंग के दौरान बेक्टर बोर्न डिजिज नियंत्रण पदाधिकारी नेहाल कुमार ने स्थानीय लोगों को डेंगू से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं रखने, स्थायी रूप से जमा पानी में किरासन या डीजल डालने, गमला, बेकार टॉवर, बेकार पड़े डब्बा आदि से पानी निकालने और कूलर का पानी तीसरे दिन बदलते रहने के लिए जानकारी दे रहे थे.
Sep 11 2024, 11:28