दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: शराब घोटाला मामले में दो आरोपियों को मिली जमानत
दिल्ली में शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट ने आरोपी बिजनेसमैन समीर महेंद्रू और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मनप्रीत सिंह रयात को जमानत दे दी है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की कोर्ट ने आरोपियों को जमानत दी है. शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अभी भी न्यायिक हिरासत में है. उन्हें शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल चुकी है, लेकिन भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की ओर से आरोपी बनाए जाने के मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है.
ईडी ने समीर महेंद्रू को 28 सितंबर,
2022 में गिरफ्तार किया था. महेंद्रू पर आरोप है कि वह आबकारी नीति मामले में नियमों के उल्लंघन के प्रमुख लाभार्थियों में से एक है क्योंकि वो न केवल अल्कोहलिक बेवरेज मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चला रहा था बल्कि अपने रिश्तेदारों के नाम पर कुछ खुदरा लाइसेंस के साथ थोक लाइसेंस भी दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन था.
ईडी ने पिछले साल रयात को किया था गिरफ्तार
ईडी ने शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल रयात को गिरफ्तार किया था. जिस पर 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान के लिए कथित तौर पर नकद में पैसे के प्रबंधन करने का आरोप लगा. रयात की गिरफ्तारी के बाद मामला आगे बढ़ता चला गया है और 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया.
पिछले सप्ताह विजय नायर को मिली थी जमानत
पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज रहे विजय नायर को जमानत दे दी थी. नायर की गिरफ्तारी शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और उसके बाद बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत मिल गई. विजय नायर को करीब 23 महीने तक जेल में रहना पड़ा था. नायर की गिनती उन लोगों में से होती है जिन्हें शराब घोटाला मामले में पहले गिरफ्तार किया गया था.
तत्कालीन मुख्य सचिव की रिपोर्ट से हुआ था खुलासा
दिल्ली शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था. इसके बाद मामला सीबीआई के पास पहुंचा और फिर इसमें ईडी की भी एंट्री हो गई. सीबीआई और ईडी ने दावा किया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. दिल्ली के केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.
Sep 09 2024, 18:38