बीईओ पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के गंभीर आरोप, महानिदेशक से शिकायत
खजनी गोरखपुर। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्यरत लिपीक राजेंद्र यादव के द्वारा उनके कार्यालय में अवांछित रूप से काम करने वाले और बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले पूर्व बीआरसी समन्वयक के सहयोग से भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित लिपीक द्वारा इसका विरोध करने पर उसे भी विभागीय तौर पर प्रताणित किया गया। जिससे आहत लिपीक ने महानिदेशक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद को शपथ पत्र के साथ रजिस्टर्ड पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की गई है।
इससे पहले लिपीक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखकर धांधली की शिकायत की गई थी। किंतु बीएसए के द्वारा मामले के जांच की जिम्मेदारी बीईओ खजनी और बीईओ पाली को सौंपी गई थी। चूंकि स्वयं बीईओ खजनी ही जांच अधिकारी थे इसलिए जांच में लीपापोती कर दी गई और कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हुई। पत्र में बताया गया है कि बीईओ कार्यालय में उनके संरक्षण में काम करने वाले पूर्व में समन्वयक रहे शिक्षक ओमप्रकाश रावत मूल रूप से प्राथमिक स्कूल खुटभार में प्रधानाध्यापक हैं। किंतु बीआरसी में रहकर शिक्षकों और बीईओ के बीच बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं। अपना मूल वेतन कंपोजिट स्कूल रूद्रपुर खजनी में एक शिक्षक के रूप में प्राप्त करते हैं, तथा दिन में 11 बजे अपनी शिक्षिका पत्नी के साथ स्कूल में पहुंच कर उपस्थिती रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं।
बीआरसी में होने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों, गोष्ठियों, कंपोजिट ग्रांट, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान, शैक्षणिक भ्रमण, खेल प्रतियोगिता आदि मदों में शासन द्वारा स्कूलों को मिलने वाली धनराशि में शिक्षकों को धमकी दे कर उनसे मोटा कमीशन वसूलते हैं। अपने चहेते लोगों और एजेंसियों को टेंडर दिलाकर उनसे मोटी रकम वसूल करते हैं। इतना ही नहीं अवकाश स्वीकृत करने, अनुपस्थिति और एरियर भुगतान के लिए शिक्षकों से 5 हजार से लेकर 10 फीसदी कमीशन लिया जाता है। पत्र में शपथ पत्र के साथ की गई शिकायत में शिक्षक ओमप्रकाश रावत को उनके मूल तैनाती वाले स्कूल में भेज कर शिक्षण कार्य कराने की मांग की गई है। इस संदर्भ में बीईओ खजनी सावन कुमार दूबे ने अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया कि ओमप्रकाश रावत हमारे कार्यालय में संबद्ध नहीं हैं।
Sep 02 2024, 20:13