उत्सव के जरिये पहली बार मां बनने पर मातृ शिशु स्वास्थ्य का दिया संदेश
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गोरखपुर। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए विशेष उत्सव का आयोजन कर पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के जरिये मातृ शिशु स्वास्थ्य व सुरक्षा का शनिवार को संदेश दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार और समाज में गर्भावस्था में स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के संबंध में समुदाय को सजग करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर ने किया ।
डॉ मणि शेखर ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार गर्भवती की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से गर्भवती को आयरन फोलिक एसिड की गोलियां दी जाती हैं और गर्भावस्था में टीकाकरण भी कराया जाता है। सरकारी प्रावधानों के अनुसार खून, पेशाब और अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा भी दी जा रही है। इस उत्सव के जरिये यह संदेश दिया गया कि गर्भावस्था एक खुशी का मौका है और गर्भवती की सेहत के प्रति सभी को सजग होना होगा। सही खानपान, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच और पोषकता से भरपूर सामग्री के सेवन से न केवल गर्भवती स्वस्थ रहती हैं, बल्कि जच्चा-बच्चा दोनों का जीवन सुरक्षित होता है। उन्होंने कहा कि सीएचसी ने इस उत्सव को आगे भी प्रत्येक पहली बार मां बनने वाली माता के साथ मनाने का संकल्प लिया है ताकि हर नई मां का स्वागत और सम्मान किया जा सके।
इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंकुर, डॉक्टर शैलजा, स्टॉफ नर्स संध्या मधई, प्रीति गौतम, रामा देवी और रवीना आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। सभी लोगों ने उपस्थित महिलाओं को सुखद मातृत्व के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके स्वस्थ और सुरक्षित प्रसव की कामना की।
उत्सव में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया गया। महिलाओं को सम्मान व शुभकामना के कार्ड दिये गये और केक भी काटा गया। इसके साथ ही, स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारियों और नर्सिंग अधिकारियों ने गर्भावस्था के दौरान पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और नवजात शिशु की देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जीवन का सबसे खूबसूरत दौर है मातृत्व सुख
इस मौके पर स्टाफ नर्स संध्या मधई ने कहा, "मां बनना एक महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत और चुनौतीपूर्ण दौर होता है। हमारा प्रयास है कि हम इन माताओं को भावनात्मक समर्थन प्रदान करें और उन्हें यह महसूस कराएं कि वे इस यात्रा में अकेली नहीं हैं।"













गोरखपुर । सरकार के आदेशों को दरकिनार करना तो उतर प्रदेश सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों के लिए आम बात हो गई परंतु उच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करना आमजन और सरकार के लिए विचारणीय प्रश्न है। जहां भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्य निर्वहन की बजाय सिर्फ धन उगाही करने में मशगूल हैं और उच्च न्यायालय के आदेशों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं।
Sep 01 2024, 20:25
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