बुखार पर अंकुश लगाने को सेहत महकमे ने बनाई कार्ययोजना, एक दिन में 2,296 मरीजों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। जिले में तेजी से बढ़ रहे बुखार पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्तर पर तैयारी कर ली है। इस क्रम में विभाग ने एक कार्य योजना बनाकर गांव-गांव स्वास्थ्य शिविर लगाने शुरू कर दिए है।

इन शिविरों में विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा मरीजों एवं ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें नि:शुल्क दवाओं का वितरण कर उनके रक्त के नमूनों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही चिकित्सकों एवं मेडिकल टीम के सदस्यों द्वारा लोगों को मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताकर जागरूक भी किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गत दिवस जिले के 17 ब्लॉक क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया। इन शिविरों में 2,296 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इन सभी को आवश्यक दवाएं वितरित की गईं। इसके अलावा इनमें से 870 मरीजों के रक्त के नमूने लेकर उनकी जांच की गई, जिनमें से बेहटा ब्लॉक के रेंगटा और पिलौली गांव में तीन मरीजों को मलेरिया धनात्मक पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि जिन गांवों में बुखार का प्रकोप हैं, वहां पर विभाग द्वारा एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है।

सीएमओ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गांव के लोग कोशिश करें कि घरों में और आस-पास साफ-सफाई रखें और जल भराव न होने दे, जिससे कि मच्छर न पनपने पाये। उन्होंने कहा कि कुछ मच्छर साफ पानी में तो कुछ मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं, इसलिए कहीं भी साफ पानी कई दिनों तक इकट्ठा न होने दें। गमले, पुराने बर्तन टायरों में पानी न भरने दें। कूलर की हर हफ्ते सफाई करें। सीएमओ ने यह भी बताया कि जिले में संक्रामक रोग न फैले इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गई हैं। गांवों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविर लगाकर मलेरिया की जांच की जा रही है।

लहरपुर सीएचसी पर व्यवस्थाएं हुईं दुरुस्त, अतिक्रमण हटाने से आवाजाही हुई आसान

सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। लहरपुर सीएचसी के नवागत अधीक्षक डॉ. अरविंद बाजपेयी ने कार्यभार सम्हालते ही व्यवस्थाओं में सुधार करना शुरू कर दिया है। अभी तक सीएचसी के मुख्य भवन जहां पर ओपीडी चलती है, वहीं पर पर्चे बनाने और दवा वितरण का भी काम होता है।

जिससे मरीजों एवं तीमारदारों की भारी भीड़ से हर किसी को मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा सीएचसी के मुख्य भवन के सामने ही दो पहिया, चार पहिया वाहनों के साथ ही एम्बुलेंस की पार्किंग होने से लोगों को सीएचसी के अंदर आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।

नवागत सीएचसी अधीक्षक डॉ. अरविंद बाजपेयी ने कार्यभार सम्हालते ही सबसे पहले सीएचसी के परिसर के स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण को हटवाकर पर्चे बनाने और दवा वितरण का काम मुख्य भवन के बाहर कराने की व्यवस्था कराई। इस क्रम के कमरों के दरवाजों को अंदर के बजाए बाहर की ओर खोले जाने की व्यवस्था की। इससे अब सीएचसी के मुख्य भवन में भीड़ होगी कम, जिससे मरीजों को अपना उपचार कराने में होगी सुविधा। सीएचसी अधीक्षक के इस कार्य की मरीजों एवं उनके तीमारदारों ने प्रशंसा की।

इलाज के नाम पर मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे झोलाछाप डॉक्टर

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) मलेरिया व सामान्य बुखार में इलाज के नाम पर गरीब मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे है झोलाछाप डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालक एक इजेक्शन पर लिया जा रहा चार सौ रूपया मुनाफा |सकरन क्षेत्र में इस समय मलेरिया बुखार ने अपने पैर पसार रखे है क्षेत्र में इस बुखार से सैकडों लोग पीडित है जो अपना इलाज इलाके के झोलाछाप डाक्टरों से करा रहे है क्षेत्र का हर डाक्टर मलेरिया या सामान्य बुखार में आरटिस-120 इंजेक्शन हर मरीज को दिन में दो बार लगाता है इस इंजेक्शन के डिब्बे पर एमआरपी 476-50 पड़ी है जो मेडिकल स्टोरों पर एमआरपी की दर से ही मरीजों को दिया जाता है ।

यही इंजेक्शन अगर कोई डॉक्टर मंगवाता है तो मेडिकल संचालक उसे केवल 50 से 60 रूपये में ही दे देते है एक मेडिकल स्टोर संचालक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कस्बे के अधिकतर डॉक्टर यही इजेक्शन मरीजों को बुखार में देते है 32 रूपये की कीमत का पडने वाला यह इंजेक्शन डॉक्टरों को 50 से 60 रूपये में दे दिया जाता है जब कि मरीज के पर्चे पर यही इंजेक्शन प्रिंट रेट पर बेंचा जा रहा है उसके बाद पर्चा लिखने वाले डॉक्टर का कमीशन मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा पहुंचा दिया जाता है।

अगर किसी मरीज को दिन में केवल दो ही बार यह इंजेक्शन लगाया जाता है तो एक मरीज से ही डॉक्टर आठ सौ रूपये कमा लेता है जब कि इस समय हर डॉक्टर 50 से ऊपर लोगों का प्रतिदिन इलाज करते है इस तरह से डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालक मरीजों की जिंदगी से खिलवाड के साथ साथ उनकी जेबों पर डाका डाल रहे है | ग्रामीण जितेन्द्र,वीरेन्द्र,प्रदीप आदि ने इसकी शिकायत सीएचसी अधीक्षक से की है |

सीएचसी अधीक्षक डॉ० अनिल कुमार सचान ने बताया शिकायत मिली है मामले की जांच करायी जायेगी |

पैसों के लेनदेन में हुयी मारपीट में घायल किशोर की इलाज के दौरान मौत

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) पैसों के लेन देन को लेकर हुयी मारपीट में घायल किशोर की इलाज के दौरान मौत हो गयी पुलिस ने शव का पंचायतनामा भर कर उसे पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है |सकरन थाना क्षेत्र के कटइयापुरवा मजरा उमराखुर्द निवासी सुमित (12) को विगत 17 अगस्त को पैसों के लेन देन को लेकर गांव के ही शिवकुमार व उसकी मां ने लाठी डंडों व लात घूसों से मारा पीटा था चीख पुकार सुनकर बचाने आयी सुमित की मां को भी मारा पीटा था मारपीट में मां बेटा गम्भीर रूप से घायल हो गये थे ।

परिजन घायलों को लेकर सीएचसी सांडा इलाज के लिए गए थे जहां सुमित की हालत गम्भीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया था जहां हालत में सुधार न होने पर परिजन उसे लखीमपुर के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गए थे वहीं उसका इलाज चल रहा था मामले में सुमित की बहन प्रीती ने 23 अगस्त को पुलिस को तहरीर दी थी जिस पर पुलिस ने शिवकुमार व उसकी मां के बिरूद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया था शनिवार की साम इलाज के दौरान सुमित की मौत हो गयी पुलिस ने शव का पंचायतनामा भरकर उसे पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है |एसओ कृष्ण कुमार ने बताया शव को पीएम के लिए भेजा गया है मामले में दो लोगों के बिरूद्ध मारपीट का मुकदमा दर्ज है पीएम रिपोर्ट आने के बाद धाराओं में बढोत्तरी कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी |

*आबादी के करीब दहशत फैला रह बाघ,दहशत में लोग*

रमन वर्मा

सीतापुर - क्षेत्र में बाघ लगातार आबादी के करीब दहशत फैला रहे हैं. कई मवेशी इनके शिकार बन चुके हैं. शनिवार को फिर से गांव में आबादी के निकट एक बाघ गया. ग्रामीणों ने बाघ को एक गन्ने के खेत में घेर लिया.

जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई.शनिवार को महोली के पसगवा गांव के दक्षिण अमरीश, रामकुमार, केवल अपने खेत मे काम कर रहे थे तभी उन्हें गन्ने के खेत मे बाघ दिखाई दिया जिसके बाद वो दहशत मे आ गए किसी तरह उन्होंने गांव वालों को सूचना देकर ग्रामीणों की मदद बाघ को घेर कर वन विभाग को सूचना दी मौक़े पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ये पता करने के लिए कि बाघ खेत मे है कि नहीं गोला दगाया बाघ खेत से निकल कर भाग गया

मौके पर मौजूद उद्योग व्यापार संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा मनोज मिश्रा ने बताया कि वन विभाग लापरवाही कर रहा ज़ब वन विभाग को सूचना दे दी गयी थी तो उनको अपने उच्च अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था व प्रशिक्षित टीम को बाघ को पकड़ने के लिए लाना था.वन दरोगा संतराम ने बताया कि टीम मौक़े पर गयी थी लेकिन बाघ निकल गया.

*महिला पंचायत सहायक को परेशान किये जाने की शिकायत पर नाराज हुए विधायक, सख्त कार्यवाही करने के दिये निर्देश*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर- इमलिया सुल्तानपुर थाना इलाके के ग्राम पंचायत रोजहा में तैनात महिला पंचायत सहायक को शोहदों व कथित पत्रकारों द्वारा वीडियो बनाकर परेशान किया जा रहा है। यह शिकायत ऐलिया ब्लाक की ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि संजय सिंह ने समाधान दिवस में इमलिया सुल्तानपुर थाने में फरियादियों की शिकायत सुन रहे महोली विधायक शशांक त्रिवेदी से मौखिक रूप में की। जिसके बाद विधायक ने नाराज होते हुए थानाध्यक्ष दयाशंकर मित्रा को मामले की जांच कर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि थाना इमलिया सुल्तानपुर में शनिवार को आयोजित समाधान दिवस पर पहुंचे विधायक महोली शशांक त्रिवेदी ने फरियादियों की शिकायतें सुनी व उनके अविलंब निस्तारण की बात कही। समाधान दिवस में मौजूद ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संजय सिंह ने विधायक महोली व थानाध्यक्ष के सामने मौखिक रूप से रोजहा ग्राम पंचायत में तैनात महिला पंचायत कर्मी की फरियाद रखते हुये कहा कि ग्राम सभा में आये दिन उसी ग्राम सभा के दो शोहदे कथित पत्रकारों को बुलाकर महिला कर्मी का वीडियो बनाया जाता है व रास्ते में बाइक लगाकर तरह तरह की छींटाकशी की जाती है। जिस पर विधायक महोली ने त्वरित कार्रवाई करने की बात कही। थानाध्यक्ष ने जांच करके उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। महिला कर्मी ने बताया कि शोहदों द्वारा दो वर्ष पूर्व छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था। जिन पर मुकदमा भी पंजीकृत है। समाधान दिवस में कुल आठ शिकायतें आयीं। जिनमे राजस्व की तीन शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है। दो पुलिस विभाग की शिकायतें आयीं जिन पर थानाध्यक्ष इमलिया सुल्तानपुर दयाशंकर ने बताया कि मामले की जांच करके समाधान किया जायेगा। इस मौके पर लेखपाल व अन्य कर्मी मौजूद रहे।

*अपने दर्द को ताकत बना, दूसरों की मददगार बनी ररिता*

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर- हरगांव ब्लॉक के शेखवापुर गांव की रहने वाली 46 वर्षीय ररिता देवी, पिछले 25 सालों से फाइलेरिया यानी हाथीपांव से जूझ रही हैं। हालांकि, अपनी इस बीमारी को उन्होंने कमजोरी नहीं बनने दिया। अपनी कोशिशों से न केवल खुद को संभाला, बल्कि अब दूसरों को भी जागरूक करने में जुटी हुई हैं। बीते साल हुए एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) राउंड के दौरान उन्होंने समुदाय को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया और फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित किया, उनके इन्हीं प्रयासों को देखते हुए सीएमओ हरपाल सिंह ने उन्हें सम्मानित भी किया था।

ररिता बताती हैं कि करीब 25 साल पहले तेज बुखार आया। फिर मेरे बाएं पैर में सूजन और लालपन आ गया। कई जगह इलाज करवाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर पता चला कि मैं फाइलेरिया से पीड़ित हूं जिसका कोई इलाज नहीं हैं। वह बताती हैं कि पिछले साल एक संस्था के लोग गांव में आये और उन्होंने फाइलेरिया के बारे में बताया कि यह मच्छर के काटने से होती है। फाइलेरिया से बचना है तो मच्छरों से बचें और साल में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा जरूर खाएं।

संस्था ने गांव में फाइलेरिया रोगियों का समूह बनाया। ररिता भी पिछले साल शिवगंगा फाइलेरिया रोगी समूह की सदस्य बनी। जिसमें फाइलेरिया से जुड़ी जानकारी, फाइलेरिया ग्रसित अंगों की सफाई, पैरों की सूजन कम करने के लिए व्यायाम करने का तरीका सीखा। इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि अब दूसरों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करेंगी। इसके बाद गांव में घर-घर जाकर, बैठकों में, कथा-भागवत में, विद्यालय, अस्पताल, सहायता समूह के लोगों के बीच जाकर फाइलेरिया और इससे बचाव की दवा के बारें में लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया।

दवा से इनकार करने वाले परिवारों को मनाया

ररिता बताती है कि पिछले सप्ताह मेरे पड़ोस में रहने वाले सुनील के परिवार ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से इन्कार कर दिया। उनका मानना था कि जब वो सब बिल्कुल स्वस्थ है तो दवा क्यों खाएं। ऐसे में परिवार को समय लेकर समझाया कि एक बार जो यह बीमारी हो गयी तो कभी ठीक नहीं होती है। अपनी बीमारी से जुड़े कड़वे अनुभव बताकर उन्हें दवाई खाने के लिए समझाया। आखिर वो परिवार राजी हुआ और परिवार के सभी सदस्यों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई। गांव की आशा कार्यकर्ता पिंकी देवी बताती हैं कि ररिता दीदी ने जब से अपनी बीमारी का उदाहरण देकर लोगों को समझाना शुरू किया है, तब से गांव के लोग उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं। पिछली बार छह से सात ऐसे परिवार थे जिन्होंने दवा खाने से साफ इन्कार कर दिया तो ऐसे में हमने दीदी की मदद ली। उन्होंने उन सभी परिवारों को समझाकर दवा खाने के लिए राजी किया।

सीएमओ ने किया सम्मानित

सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने ररिता के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ररिता और उनके जैसे फाइलेरिया समूह से जुड़े कई अन्य लोग आईडीए अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी कहानी और अनुभवों को सुनकर गाँव के लोग दवा लेने के लिए प्रेरित होते हैं। ररिता अपनी दिक्कतों से परे लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रही है यह सराहनीय है।

सकरन में बुखार से दो मौते और,संख्या पहुंची आधा दर्जन

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) सकरन में बुखार से शुक्रवार को दो मौते और हो गयीं एक सप्ताह पूर्व कस्बे में जहां चार मौते हो चुकी है वही सौ से ऊपर लोग जाडा बुखार से पीडित है जिनका इलाज क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों के यहां चल रहा है सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव नही आयी ग्रामीणों ने चल रही महामारी की शिकायत मुख्यमत्री पोर्टल पर की है |

विकास खंड की ग्राम पंचायत सकरन निवासी राम बचान (70) को गुरूवार की साम को बुखार आया था उसके बाद दवा खाकर वह लेट गये रात कराब 11 बजे उनकी मौत हो गयी इसी ग्राम पंचायत के मजरा मिश्रपुर निवासी साबित्री (35) की गुरूवार रात बुखार से मौत हो गयी इससे पहले मिश्रपुर निवासी सोनम(18) सकरन निवासी रूंजी (55) रिषिनाथ अवस्थी (60) भगवानदीन (55) की मौते विगत एक सप्ताह के भीतर हो चुकी है तथा सौ से ऊपर लोग बीमार है ग्राम पंचायत के मजरा लालूपुरवा में सौरभ(18) अमित (22) इन्द्रसेन (30) बंशी (40) चावली (12) शिवा (8) प्रताप (45) लक्षमण (45) रामदेवी (40) राजकुमार (35) रामखेलावन (43) अजीत (25) मोहिनी (15) रोहिणी (13) राधिका (50) रामस्वरूप (55) रहीसपाल (35) प्रांजुल (14) बबलू (32)अमित (22) रामदेवी (55) बैजंती (30) व सकरन में

देशराज (45) नीरज (18) किसान (11) सर्मीला (20) उर्मिला (14) गायत्री (40) रवि (13)

श्यामसुंदर (55) रामकली (55) रामरानी (60) श्यामा देवी (40) टेकई (35) मिथुन (10) छोटू (6) शान्ती (30) सोनी (20) छोटेलाल(50) गयाप्रसाद (55) रिंकू (22) श्रीकेशन (45) धर्मेन्द्र (25) श्रवण (22) अजयपाल (40) आशीष (15) परमेश्वर (45) उमेश (18) मुकेश (22) सुरेश (12) कमलादेवी (35) रामवती (55) समेत सौ से ऊपर लोग बीमारी से ग्रसित है इसके अलावा ग्राम पंचायत के मजरा मिश्रपुर,गयादीनपुरवा,गुलरबोझा में पच्चास से ऊपर लोग बीमार है जो अपना इलाज मजबूरन क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों से करा रहे हैं।

साधन सम्पन्न लोग तो अपना इलाज बाहर प्राइवेट अस्पतालों में करवा लेते है मगर गरीब तबके के लोग पैसों के अभाव में चाहकर भी बाहर नही दिखा पाते

ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने न तो ग्राम पंचायत में बुखार से पीडित लोगों को दवाइयों का बितरण किया और न ही विभाग द्वारा कीटनाशक का छिडकाव कराया गया मच्छरों से बचाव के लिए ग्राम पंचायत से भी फागिंग नही करायी गयी है मच्छरों के प्रकोप से बीमारियों में लगातार बढोत्तरी हो रही है ग्रामीण राजकुमार राजपूत ने शुक्रवार को इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है |

सीएचसी अधीक्षक डॉ० अनिल कुमार सचान ने बचाया कि सूचना मिलने पर प्रभावित गांवों को टीम भेज कर दवाइयों का बितरण करवाया जा रहा है |

बुखार फैलने की सूचना पर गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

रमन वर्मा ,महोली(सीतापुर )विकास खण्ड पिसावा  गावों मे बुखार होने की सुचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बुधवार को दो गावों मे जाँच करने पहुंची जहां पर उसने ग्राम संसड़ा नेरी  मे 40 बुखार के मरीजों की जाँच की 30 मरीजों की मलेरिया की जाँच की जिसमे से सारे मरीज निगेटिव पाए गए वही जहाँ सापुर गांव मे 50 बुखार के मरीजों की जाँच की व 30 मरीजों की मलेरिया की जाँच की मलेरिया के सारे मरीज निगेटिव पाए गए।

सभी मरीजों को दवा वितरित की गयी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने  लोगों को जागरुक करते हुए कहा घरों के आसपास जल भराव ना होने दें अपने हाथों को बार-बार धोये बिना हाथ धोएं अपने चेहरे मुंह नाक को स्पर्श न करें मच्छरदानी लगाकर सोए पूरी आस्तीन के कपड़े पहने स्वास्थ्य विभाग की टीम में शोभित मिश्रा लैब  टेक्नीशियन, प्रज्ञा मिश्रा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी ,  मनीष तिवारी हेल्थ सुपर वाइजर नूर हसन शाह प्रधान नेरी राम मूर्ति शर्मा प्रधान प्रतिनिधि जहांसापुर आदि लोग उपस्थित रहे।
सकरन में बुखार से आज फिर हुयी दो मौतें

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) सकरन के दो गांवों में बुधवार को फिर बुखार से दो मौते हो गयी वहीं सैकडों लोग इस महामारी से पीडित है पिछले तीन दिन में इलाके में छह मौते हो चुकी है े विभाग द्वारा बितरित की जाने वाली दवाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है ।

विकास खंड की ग्राम पंचायत सकरन के मजरा लालूपुरवा निवासी सुकई (52) व प्यारापुर निवासी रजनी (55) को मंगलवार की सुबह जाडा बुखार आया था दोनो का इलाज क्षेत्र के प्राइवेट डाक्टरों के यहां चल रहा था देर रात दोनो की मौत हो गयी इससे दो दिन पूर्व भी इन्ही ग्राम पंचायतों के मिश्रपुर निवासी सोनम(18) बरियारी निवासी सुनील(50) बृजेश (35) सकरन निवासी रूंजी (55) की भी बुखार से मौतें हो चुकी है तथा प्रभावित गांवों में सौ से ऊपर लोग बीमार चल रहे है जिनका इलाज क्षेत्र के प्राइवेट डॉक्टरों के यहां चल रहा है ।

क्षेत्र में महामारी का कारण गांवों में गंदगी व जलभराव है गंदगी से गांवों में मच्छरों की भरमार है इसकी रोकथाम के लिए ग्राम पंचायत व स्वास्थ्य विभाग द्वारा कीटनाशक दवाओं का छिडकाव नही कराया गया है बीमारी से ग्रसित गांवों में स्वास्थ विभाग द्वारा बितरित की जाने वाले दवाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है अगर समय रहते विभाग द्वारा इन बीमारियों से बचने का कोई ठोस उपाय नही किया गया तो आने वाले समय में क्षेत्र की स्थित और भी भयावाह हो सकती है ।

सीएचसी अधीक्षक अनिल कुमार सचान ने बताया कि क्षेत्र में इस समय मलेरिया फीवर चल रहा है दवाइयों का बितरण व कीटनाशक का छिडकाव कराया जा रहा है ।