विश्व आदिवासी दिवस पर निकला आदिवासी जुलुस हुई सभा
मीरजापुर। आदिवासी समाज की मूलभूत सुविधाओं और गोंड आदिवासी समाज को उनका हक अधिकार दिलाने की गरज से विश्व आदिवासी दिवस अवसर पर नगर में जुलूस निकाल, प्रदर्शन कर एकजुटता और अधिकारों की बात की गई। आदिवासी गोंड समाज के लोगों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में पारंपरिक हथियार तीर-कमान से लैस होकर प्रदर्शन किया है।
विश्व आदिवासी दिवस को गोंड समाज के लोगों ने काफी अहम बताते हुए कहा कि 9 अगस्त का दिवस हम आदिवासियों के लिए अहम है। बताया गया कि विश्व भर के आदिवासियों के संरक्षण मानवाधिकारों के लिए 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ से एक कार्यदल का गठन किया गया था तथा 9 अगस्त 1994 को इस कार्यदल की प्रथम बैठक जेनेवा में सम्पन्न हुई थी। तभी से विश्व के सभी देशों में आदिवासी समाज के लोग आज के दिन को मूल निवासी दिवस के रूप में भी मनाते हैं।
इस दौरान अखिल भारत वर्षीय गोंड महासभा, आदिवासी विकास समिति, गोंडवाना समग्र क्रान्ति आंदोलन, अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ, अखिल भारतीय कोयापूनेम संघ, मीरजापुर गोंड आदिवासी समाज उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में जिले भर से जुटे गोंड आदिवासी समाज के लोगों का सीटी क्लब के मैदान में जुटान हुआ जहां सर्वप्रथम अपने इष्ट देव (प्रकृति देव) बड़ादेव की गोगो (आदिवासी आराधना) कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान नगर क्षेत्र में तकरीबन 6 किमी दूरी की गौरव यात्रा निकाल कर लोगों को आदिवासी समाज के पारंपरिक हथियार तीर-कमान वेशभूषा से अवगत कराते हुए आदिवासी परंपराओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। गौरव यात्रा में आदिवासियों का पारंपरिक परिधान और तीर-कमान लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है।
विश्व आदिवासी दिवस पर एकजुट हुए आदिवासी गोंड जनजाति समाज के लोगों ने मांग किया कि गोंड जनजाति के लोगों को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश के तहत जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएं। न कि उनके रहन-सहन, वेशभूषा, रंग-रूप, खान-पान, पेशा तथा बोलचाल की भाषा का उदाहरण देकर शासनादेश का उलंघन करते हुए आदिवासियों को हक अधिकार से वंचित किया जाए। विश्व आदिवासी दिवस पर सम्पूर्ण देश में 9 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए, जनपद के जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में आदिवासी विद्यालय की स्थापनाकी जाए, किसी भी चौराहे पर आदिवासी महापुरुष की प्रतिमा लगवाई जाएं, देश में लगातार आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार अन्याय व शोषण पर तत्काल रोक लगाई जाए, इसी प्रकार प्रदेश के भिन्न-भिन्न जिलो में निवासरत कोल, मुसहर जाति को भी जनजाति में शामिल किया जाए, गोंडी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा प्रदान किया जाएं। इस मौके पर रामप्यारे गोंड, रामनिवास, राजेश कुमार गोंड इत्यादि मौजूद रहे।
Aug 10 2024, 10:37