India

Aug 03 2024, 15:15

भारतवंशी कमला हैरिस ने रचा इतिहास, अमेरिकी चुनाव में बनीं डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार

#kamala_harris_formally_chosen_as_democratic_candidate_for_us_presidential_elections 

अमेरिका की मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को शुक्रवार को सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रतिनिधियों के वोट में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने के लिए जरूरी वोटों की दहलीज पार कर ली है। शुक्रवार को 2350 डेमोक्रेटिक प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के साथ ही कमला हैरिस ने आधिकारिक तौर पर पार्टी की उम्मीदवारी हासिल कर ली है। राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस का सीधा मुकाबला रिपबल्किन कैंडिडेट और पूर्व प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप से होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा पिछले महीने पद छोड़ने और राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने की घोषणा करने के बाद से ही कमला हैरिस को अगला उम्मीदवार माना जा रहा था। कमला हैरिस ने भी बाइडन के फैसले का सपोर्ट करने के साथ ही तत्काल वर्चुअल रोल कॉल में निर्विरोध आगे बढ़ गईं। कई संभावित उम्मीदवारों ने भी आखिरकार उनका समर्थन किया। शुक्रवार दोपहर को कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी के 2,350 प्रतिनिधियों का समर्थन हासिल करने के बाद औपचारिक रूप से नामांकित हो गईं, जो नामांकन अर्जित करने के लिए जरूरी सीमा है।

हैरिस पहली भारतीय-अफ्रीकी मूल की महिला हैं जिन्हें राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। कमला हैरिस पहली अश्वेत महिला और पहली दक्षिण एशियाई महिला हैं जो किसी प्रमुख अमेरिकी राजनीतिक दल की ओर से व्हाइट हाउस की रेस में शामिल हुई हैं। इस साल ये पहली बार होने जा रहा है जब कोई अश्वेत और एशियाई मूल की महिला अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ेगी। इस साल चुनाव में हैरिस के पास एक और बड़ा कीर्तिमान बनाने का मौका होगा। नवंबर में होने वाले चुनावों में हैरिस अगर डोनाल्ड ट्रंप को हरा देती हैं तो वह अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। अमेरिका में अबी तक कोई भी महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है।

बता दें कि कमाला हैरिस की मां श्यामला गोपालन जो कि भारतीय थीं और उनके पिता डोनाल्ड जैस्पर हैरिस जमैका के हैं, वे दोनों अमेरिका में आकर बस गए थे। कमला हैरिस की मां कैंसर पर शोध कर रही थीं और साल 2009 में उनकी मौत हो गई। कमला के पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के रहने वाले थे, जो स्टैमफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे। कमला हैरिस के माता-पिता तभी अलग हो गए थे, जब कमला और उनकी बहन माया हैरिस बहुत छोटी थीं।

कमला हैरिस ऑकलैंड में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने हावर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली है। इसके बाद कमला ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है। हैरिस सैन फ्रांसिस्को में जिला अटॉर्नी के रूप में भी काम कर चुकी हैं। वह 2003 में सैन फ्रांसिस्को की जिला वकील बनी थीं। कमला हैरिस दो बार अटॉर्नी जनरल रहीं और फिर 2017 में वो सांसद बनीं। वो ऐसा करने वाली दूसरी अश्वेत महिला थीं। सीनेटर के तौर पर वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुखर रही हैं। हालांकि, विदेश नीति पर उन्होंने ट्रंप का समर्थन भी किया है। वहीं, अमेरिका के इतिहास में उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली महिला थीं।

India

Aug 03 2024, 14:40

सुप्रीम कोर्ट में आया ऐसा केस, सीजेआई भी हुए हैरान, कहा-हम कुछ नहीं कर सकते

#supreme_court_bins_end_superstitions_pil 

सुप्रीम कोर्ट में अंधविश्वास खत्म करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई। जिसने सरकारों को अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने ये कहते हुए कि उसके पास हर मर्ज की दवा नहीं है, याचिका को स्वीकर करने से इनकार कर दिया जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उसे वापस ले ली।

यह जनहित याचिका (PIL) चर्चित वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। उनका कहना था कि हर साल अंधविश्वास के कारण सैकड़ों लोगों की जान जाती है। उन्होंने अदालत से गुजारिश की कि सरकारों को लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि ‘लोगों में वैज्ञानिक सोच का विकास न्यायिक आदेशों से नहीं किया जा सकता। हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि छात्रों को स्कूलों में क्या सीखना चाहिए। यह सरकार के शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों के नीतिगत दायरे में आता है। छात्रों पर पहले से ही पढ़ाई के बहुत अधिक विस्तारित पाठ्यक्रमों का बोझ है। हम न्यायिक आदेश से उसमें और इज़ाफा नहीं कर सकते।

जब याचिकाकर्ता ने कहा कि यह सामाजिक सुधारों के लिए एक वास्तविक जनहित याचिका है, तो सीजेआई ने कहा, संवैधानिक अदालतों में जनहित याचिका दायर करने से कोई समाज सुधारक नहीं बन जाता। आप अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर सकते हैं। उपाध्याय द्वारा अदालत को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।

India

Aug 03 2024, 14:39

सुप्रीम कोर्ट में आया ऐसा केस, सीजेआई भी हुए हैरान, कहा-हम कुछ नहीं कर सकते

#supreme_court_bins_end_superstitions_pil 

सुप्रीम कोर्ट में अंधविश्वास खत्म करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई। जिसने सरकारों को अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने ये कहते हुए कि उसके पास हर मर्ज की दवा नहीं है, याचिका को स्वीकर करने से इनकार कर दिया जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उसे वापस ले ली।

यह जनहित याचिका (PIL) चर्चित वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी। उनका कहना था कि हर साल अंधविश्वास के कारण सैकड़ों लोगों की जान जाती है। उन्होंने अदालत से गुजारिश की कि सरकारों को लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा कि ‘लोगों में वैज्ञानिक सोच का विकास न्यायिक आदेशों से नहीं किया जा सकता। हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि छात्रों को स्कूलों में क्या सीखना चाहिए। यह सरकार के शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों के नीतिगत दायरे में आता है। छात्रों पर पहले से ही पढ़ाई के बहुत अधिक विस्तारित पाठ्यक्रमों का बोझ है। हम न्यायिक आदेश से उसमें और इज़ाफा नहीं कर सकते।

जब याचिकाकर्ता ने कहा कि यह सामाजिक सुधारों के लिए एक वास्तविक जनहित याचिका है, तो सीजेआई ने कहा, संवैधानिक अदालतों में जनहित याचिका दायर करने से कोई समाज सुधारक नहीं बन जाता। आप अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को शिक्षित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर सकते हैं। उपाध्याय द्वारा अदालत को मनाने की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।

India

Aug 03 2024, 14:15

*पदक से चूकीं मनु भाकर, 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में चौथे स्थान से करना पड़ा संतोष*
#manu_bhaker_women_25m_pistol_shooting
मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में मेडल का हैट्रिक नहीं लगा पाईं। 25 मीटर पिस्टल इवेंट में वह चौथे नंबर पर रहीं। तीसरे और चौथे स्थान के शूटर के बराबर पॉइंट थे। इसके बाद मनु और हंगरी की मेजर वेरोनिका के बीच शूटऑफ हुआ। इसमें मनु तीन निशाना लगा पाईं जबकि हंगरी की शूटर ने चार बार टारगेट को हिट किया। मनु भाकर 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में शनिवार को गोल्ड मेडल के बेहद करीब पहुंचीं। वे एक समय दूसरे नंबर पर चल रही थीं। उम्मीद गोल्ड की थी। उन्होंने पहली सीरीज में 5 में से 2 शॉट 10.2 से ऊपर मारे. दूसरी सीरीज में 5 में से 4 शॉट सटीक मारे और चौथे स्थान पर पहुंची। तीसरी सीरीज में भी मनु ने 10.2 से ऊपर 4 शॉट लगाए। इससे वह चौथे से दूसरे स्थान पर पहुंच गईं। छठी सीरीज के बाद भी वे दूसरे स्थान पर थीं। उधर, एक-एक करके 4 शूटर एलिमिनेट हो गईं। अब मनु भाकर समेत चार शूटर मेडल की रेस में बचीं। मनु का एक शॉट यहीं थोड़ा कमजोर पड़ गया। इसके चलते उनके और हंगरी की वेरोनिका मेजर के बीच तीसरे स्थान पर आने के लिए शूटऑफ हुआ। शूट ऑफ में मनु भाकर का एक कमजोर शॉट उन्हें मेडल राउंड से दूर कर गया। वेरोनिका आगे बढ़ गईं और मनु भाकर चौथे स्थान पर रह गईं।

India

Aug 03 2024, 13:13

अयोध्या में बच्ची से हैवानियत के आरोपी सपा नेता की बेकरी पर चला योगी का बुलडोजर, इंचार्ज-थानाध्यक्ष भी सस्पेंड

#cm_yogi_bulldozer_action_on_ayodhya_rape_case_action_on_accused_sp_leader

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के भदरसा में नाबालिग लड़की के साथ रेप के मामले में मुख्य आरोपी समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान के घर पर बुलडोजर चल गया है। राजस्व विभाग ने आरोपी की संपत्ति की पैमाइश की थी। जिसके बाद नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी सपा नेता मोईद खान की बेकरी ढहाने पहुंचा बुलडोजर कार्रवाई के दौरान तालाब किनारे की मिट्टी में धंस गया। ऐसे में कार्रवाई तोड़ी समय के लिए रूक गई। सिर्फ बेकरी की दीवार का एक हिस्सा ही ध्वस्त किया जा सका। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने दूसरा बुलडोजर मंगाया।

इससे पहले खाद्य सुरक्षा उपायुक्त ने बेकरी सील की और बेकरी का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।अयोध्या गैंग रेप के मुख्य आरोपी सपा नेता मोईद खान की बेकरी पर खाद्य सुरक्षा उपायुक्त का छापा पड़ा है। बेकरी में बने सामानों की जांच की जा रही है। भदरसा में एवन बेकरी के नाम से है मोईद खान की बेकरी।

वहीं, पीड़ित परिजन को धमकाने के आरोप में भी सपा के नेता पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। सपा नेता नाबालिग रेप पीड़िता से सुलह नहीं करने पर धमकी देने के लिए अस्पताल गए थे। कोतवाली में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि सपा नेता और नगर पंचायत भदरसा के चेयरमैन मोहम्मद राशिद, सपा नेता जय सिंह राणा और एक अन्य ने रात 11 बजे अस्पताल जाकर धमकी दी। मामले में सुलह कर लेने की धमकी दी। पीड़िता फिलहाल जिला महिला अस्पताल भर्ती है।

इधर, सीएम योगी ने पूराकलंदर थानाध्यक्ष रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता, दोनों सस्पेंड कर दिया गया है। इनपर आरोप है कि घटना के बाद इन लोगों ने त्वरित कार्रवाई नहीं की गई और मुकदमा दर्ज करने ने घंटों विलंब किया है। पीड़ित किशोरी की मां ने मुख्यमंत्री को घटना के बारे में बताया था। अयोध्या के भदरसा इलाके में गैंग रेप का शिकार हुई पीड़ित किशोरी की मां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक तंत्र अचानक हरकत में आ।

बता दें कि अयोध्‍या में 12 साल की बच्‍ची से गैंगरेप के आरोप में समाजवादी पार्टी के भदरसा नगर अध्‍यक्ष मोइद खान और उसकी बेकरी में काम करने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित के परिजन को मामले की जानकारी तब हुई जब बच्‍ची गर्भवती हो गई। एसएसपी राजकरन नैयर ने बताया कि सपा नेता ने पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर इसका वीडियो बनाया। अपनी घटिया करतूत का वीडियो दिखाकर और धमकी देकर आरोपी करीब ढाई महीने तक रेप करता रहा। इस काम में कर्मचारी राजू खान ने उसकी मदद की। पुलिस ने पॉक्‍सो के तहत केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

India

Aug 03 2024, 12:06

जानें कौन हैं शुभांशु शुक्ला, जिसे इंडो यूएस स्पेस मिशन के लिए चुना गया मुख्य अंतरिक्ष यात्री

#india_shubhanshu_shukla_prime_astronaut_for_indo_us_mission

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही देश के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन सकते हैं। कैप्टन शुक्ला को इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया है।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन पर उड़ान भरने के लिए अपने अंतरिक्ष यात्री-नियुक्तों में सबसे कम उम्र के व्यक्ति को मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना है।राष्ट्रीय मिशन असाइनमेंट बोर्ड ने इस मिशन के लिए दो ‘गगनयात्रियों’ की सिफारिश की है, जिसमें से एक को मुख्य पायलट और दूसरे को बैकअप के रूप में नामित किया गया है।इस साल अक्टूबर के बाद वो कभी भी इस मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा सकते हैं।

इसरो ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) भेजेगा। इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (एचएसएफसी) ने आईएसएस के लिए अपने आगामी एक्सिओम-4 मिशन के लिए अमेरिका स्थित एक्सिओम स्पेस के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौता (एसएफए) किया है। इसमें दो भारतीय मुख्य और बैकअप मिशन पायलट होंगे। बयान के अनुसार, ग्रुप कैप्टन शुक्ला प्राइमरी मिशन पायलट होंगे, जबकि भारतीय वायु सेना के एक अन्य अधिकारी, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, बैकअप मिशन पायलट होंगे।

इसरो ने कहा, “यह सहयोग जून 2023 में पीएम मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान दिए गए संयुक्त बयान के बाद हुआ है, जिसमें आईएसएस पर इसरो-नासा के संयुक्त प्रयास की कल्पना की गई थी।” 

इसरो ने कहा, “चयनित अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण अगस्त 2024 के पहले सप्ताह में शुरू होगा। आईएसएस पर अपने समय के दौरान, वे वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करेंगे और अंतरिक्ष आउटरीच गतिविधियों में शामिल होंगे। इस मिशन से भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मूल्यवान अनुभव मिलने और इसरो और नासा के बीच अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है।”

शुक्ला और नायर इंसानों को अंतरिक्ष में ले जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन गगनयान में भी शामिल हैं। इसके तहत भारतीय वायुसेना के चार अफ़सरों का चयन किया गया है। हालांकि ये मिशन अगले साल अंतरिक्ष में जाएगा।अगर कैप्टन शुक्ला इस मिशन के तहत अंतरिक्ष जाते हैं तो पिछले 40 साल में वो ऐसा करने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे। इससे पहले राकेश शर्मा 1984 में सोवियत मिशन के साथ अंतरिक्ष में गए थे।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जिस एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं वो एक निजी स्पेस कंपनी एक्सिओम स्पेस का चौथा मिशन है। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर शुरू होगा. ये अंतरिक्ष यान स्पेसएक्स रॉकेट के ज़रिये लॉन्च होगा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले इस अंतरिक्ष यान में ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साथ पौलेंड, हंगरी और अमेरिका के भी अंतरिक्ष यात्री होंगे।

पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच इस मिशन पर सहमति बनी थी। नासा ने एक्सिओम-4 मिशन के लिए कोई तारीख निर्धारित नहीं की है लेकिन उसकी वेबसाइट ने कहा है ये मिशन अक्टूबर 2024 से पहले लॉन्च नहीं हो पाएगा।

India

Aug 03 2024, 11:28

मिडिल ईस्ट में जंग की आहट! इजरायल की मदद के लिए फिर आगे आया यूएस, पश्चिम एशिया में भेजे युद्धपोत और लड़ाकू विमान

#usa_sending_more_warships_fighter_jets_to_west_asia

ईरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है। ईरान ने हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। इस कारण अब यह आशंका जताई जा रही है कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष हो सकता है। इन सबके बीच अमेरिका हाई अलर्ट मोड पर है।पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने भी क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है। अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और युद्धक जहाज और लड़ाकू विमान तैनात करने का फैसला किया है।

पेंटागन ने शुक्रवार शाम एक बयान में कहा कि रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने यूरोपीय और मिडिल ईस्ट क्षेत्रों में अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस क्रूजर और विध्वंसक विमानों की तैनाती का भी आदेश दिया है। पेंटागन ने कहा है कि ईरान और उसके सहयोगियों के हमले से इजराइल की रक्षा के लिए अमेरिका मध्य पूर्व में अतिरिक्त जंगी बेड़े और लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा। पेंटागन ने कहा है कि मिसाइल डिफ़ेंस फोर्सेस को तैयार रखा गया है। पेंटागन ने कहा है कि इजराइल की रक्षा करने की उसकी प्रतिबद्धता दृढ़ है। पेंटागन ने बयान जारी कर कहा है कि यह नई तैनाती अमेरिकी फ़ोर्स की सुरक्षा को बढ़ाएगी, इजराइल की रक्षा में सहयोग को बढ़ाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि अमेरिका जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है। 

पेंटागन ने पश्चिम एशिया में मौजूद अपने युद्धपोत यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट की जगह लेने के लिए अपने युद्धपोत यूएसएस अब्राहम लिंकन को भेजा है। यह युद्धपोत के साथ ही लड़ाकू विमानों से युक्त स्ट्राइक ग्रुप भी पश्चिम एशिया भेजा गया है। साथ ही अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बैलिस्टिक मिसाइल से लैस क्रूजर और विध्वंसक जहाज भी यूरोपीय कमांड के अंतर्गत पश्चिम एशिया भेजने का आदेश दिया है। साथ ही लड़ाकू विमानों की एक स्कवॉड्रन भी भेजी जा रही है। 

हमास और हिजबुल्लाह के नेताओं पर हुए हमलों को देखते हुए अमेरिका को मिडिल ईस्ट में हिंसा बढ़ने की चिंता है। इजरायल को जवाबी कार्रवाई की धमकियां मिल रही हैं। बुधवार को इस्माइल हानिया की मौत के बाद ईरान ने भी जवाब देने की धमकी दी है। वहीं इससे एक दिन पहले बेरूत में वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर फउद शुकर की हत्या कर दी गई थी। इजरायल ने शुकर की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लेकिन हानिया को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि हमास और ईरान इसके लिए इजराइल को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और बदला लेने की कसम खाई है। वहीं हिजबुल्ला भी बदला लेने की फिराक में है। यही वजह है कि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा हुआ है और इस्राइल हमास युद्ध के अब पूरे क्षेत्र में फैलने का खतरा पैदा हो गया है। 

बता दें कि अप्रैल में ईरान के इजराइल पर ड्रोन से हमला किए जाने के बाद भी अमेरिका ने तैनाती को बढ़ाया था। अप्रैल में ईरान की ओर से दर्जनों मिसाइल और ड्रोन इजरायल पर दागे गए थे, उनमें से लगभग सभी को मार गिराने में अमेरिका ने मदद की थी।

India

Aug 03 2024, 10:46

मनु भाकर से पदक की हैट्रिक लगाने की उम्मीद, आज गोल्ड पर लगेगा निशाना*
#paris_olympics_manu_bhaker_in_final_of_25_meter_pistol_event
भारत को पेरिस ओलंपिक के आठवें दिन शनिवार को एक बार फिर महिला निशानेबाज मनु भाकर से पदक की उम्मीद होगी। मनु 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में चुनौती पेश करेंगी और पेरिस खेलों में पदक की हैट्रिक लगाने की उम्मीद लेकर निशाना लगाएंगी। मनु ने भारत के लिए अब तक दो कांस्य पदक जीते हैं और आशा रहेगी कि वह ना सिर्फ तीसरा ओलंपिक पदक जीतें, बल्कि इस बार इसका रंग भी बदलें। दोपहर एक बजे मनु भाकर महिला शूटिंग 25 मीटर पिस्टल इवेंट के फाइनल में हिस्सा लेने वाली हैं। इस ओलंपिक में वो पहले ही दो मेडल जीत चुकी हैं। ऐसे में उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ा होगा। इसलिए उनसे तीसरे मेडल की भी उम्मीद की जा रही है। इससे पहले मनु ने शुक्रवार को निशानेबाजी की 25 मीटर महिला पिस्टल स्पर्धा के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था।मनु ने प्रिसिजन में 294 और रेपिड में 296 अंक के साथ कुल 590 अंक जुटाकर क्वालीफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया। मनु ने प्रिसिजन दौर में 10-10 निशानों की तीन सीरीज में क्रमश: 97, 98 और 99 अंक जुटाए। रेपिड दौर में उन्होंने तीन सीरीज में 100, 98 और 98 अंक हासिल किए। हंगरी की मेजर वेरोनिका ने 592 अंक के साथ ओलंपिक के क्वालीफिकेशन रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए क्वालीफिकेशन में शीर्ष स्थान हासिल किया।

India

Aug 03 2024, 10:21

वायनाड लैंडस्लाइड के 3 दिन बाद मरने वालों की संख्या 300 के पार, चौथे दिन भी राहत बचाव कार्य जारी

#kerala_wayanad_landslide

केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन से हुई त्रासदी थमने का नाम नहीं ले रही है। आज राहत बचाव कार्य का चौथा दिन है। सेना द्वारा ब्रिज तैयार करने के बाद राहत और बचाव कार्यों में तेजी आई है और सेना के जवान अभी भी मोर्चे पर डटे हुए हैं। इस बीच तीन दिन में अब तक 300 से ज्यादा लाशें मलबे से निकाली जा चुकी हैं। वहीं, अब भी 200 से ज्यादा लोग लापता हैं।

केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन के अब तक मृतकों का आंकड़ा 308 हो चुका है। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी। टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे। सेना के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। 

घटना के तीन दिन बाद बचाव कर्मियों ने शुक्रवार को एक ही परिवार के चार लोगों को पदवेट्टी कुन्नू के पास एक इलाके में सुरक्षित पाया। मुंडक्कई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाश और बचाव अभियान जारी है। यह इलाका मंगलवार की तड़के को बड़े पैमाने पर भूस्खलन से प्रभावित हुआ था। बचाव कर्मियों ने शुक्रवार को पाया कि परिवार भूस्खलन के बाद अलग-थलग पड़ गया था क्योंकि उनका घर क्षेत्र के बाकी हिस्सों से कट गया था। इस परिवार में दो पुरुष और दो महिलाएं हैं। सेना के एक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि परिवार को हवाई मार्ग से निकाला जाएगा। सूत्रों ने कहा कि फंसे हुए इस परिवार के रिश्तेदारों की सूचना पर बचाव दल इलाके में पहुंचा था।

वहीं, राज्य के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 1,374 बचाव कर्मी तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं। ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। बेली ब्रिज के निर्माण के बाद अभियान को गति मिली, जिससे बचाव दलों को सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला बस्तियों में भारी मशीनरी ले जाने में मदद मिली। लगभग 40 बचाव दल और प्रशिक्षित कुत्ते छह क्षेत्रों में तलाशी अभियान चला रहे हैं।

India

Aug 02 2024, 19:59

तुर्की सरकार ने इंस्टाग्राम पर लगाया बैन, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

#turkey_blocked_instagram 

तुर्की ने अचानक ही पूरे देश में इंस्टाग्राम पर रोक लगा दी है। देश के सूचना प्रौद्योगिकी नियामक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के वजह को लेकर तुर्की की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही यह भी नहीं बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा यह प्रतिबंध कब तक लागू रहेगा। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इंस्टाग्राम पर यह प्रतिबंध हमास के बड़े नेता इस्माइल हनीया की मौत की वजह से लगाया गया है।

माना जा रहा है कि इंस्टाग्राम ने इस्माइल हनीया की मौत वाले शोक संदेश को ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद तुर्की की सरकार ने ये कदम उठाया है। दरअसल, तुर्की के संचार अधिकारी फहरेटिन अल्तुन की बुधवार को इंस्टाग्राम की आलोचना करते हुए कहा कि प्लेटफॉर्म ने हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या पर शोक संदेशों को ब्लॉक कर दिया है।

अल्तुन ने एक्स पर कहा,यह सेंसरशिप है, पूरी तरह से।उन्होंने कहा कि इंस्टाग्राम ने अपने इस कदम के लिए कोई नीतिगत उल्लंघन का हवाला नहीं दिया है। हम इन प्लेटफॉर्म के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना जारी रखेंगे, जिन्होंने बार-बार दिखाया है कि वे शोषण और अन्याय की वैश्विक व्यवस्था की सेवा करते हैं। हम हर अवसर पर और हर मंच पर अपने फलस्तीनी भाइयों के साथ खड़े रहेंगे। फलस्तीन जल्द या बाद में आजाद होगा। इजरायल और उसके समर्थक इसे रोक नहीं पाएंगे।

मीडिया रिपोर्सट्स के मुताबिक इंस्टाग्राम पर लगाए गए बैन की वजह से 5 करोड़ यूजर्स प्रभावित हुए है। तुर्की की कुल आबादी लगभग 8.5 करोड़ है। ऐसे में तुर्की की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करता है।

हालांकि तुर्किये में ऐसा में पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी सोशल मीडिया ऐप या बेवसाइट को बैन किया गया है। इससे पहले भी तुर्किये विकीपीडिया को बैन कर चुका है। उसने साल 2017 से 2020 के बीच विकीपीडिया को उग्रवाद और राष्ट्रपति से जुड़े आर्टिकल के चलते बैन कर दिया था।