Mirzapur : कुशियरा फाल में डूबने से जौनपुर के दो युवकों की हुई मौत
प्रभाशंकर दुबे ,मीरजापुर। बरसात शुरू होने के बाद जिले के पिकनिक स्पॉटों पर सुरक्षा को लेकर जताई जाने वाली चिंताएं सच साबित होने लगी हैं। पिकनिक स्पॉट फाल, झरनों के समीप यहां आने वाले सैलानियों के लिए कोई भी सुरक्षा का मापदंड तय न होने से सैलानियों के लिए जिले के पिकनिक स्पॉट जोखिम भरा साबित हो रहे हैं।
21 जुलाई 2024 को जनपद जौनपुर के थाना लाइन बाजार से 8 युवा पिकनिक मनाने के लिए आर्टिका वाहन से जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के कुशियरा फाल पहुंचे थे। जहां पहुंचनें के बाद कुछ भोजन बनाने में जुट गए थे तो कुछ फाल में स्नान करने लगे थे। इसी बीच विशाल सोनकर पुत्र हवलदार सोनकर 23 वर्ष तथा छोटू मौर्य पुत्र राजेंद्र मौर्य 22 वर्ष निवासी लाइन बाजार जौनपुर पैर फिसल जाने से गहरे पानी में डूब गए।
जानकारी होते ही साथियों में हड़कंप मच गया। कुछ ने ढ़ूढ़ने का प्रयास किया लेकिन गहरे पानी की वजह से उनका साहस टूट गया। हो हल्ला मचने पर कुछ अन्य लोग भी एकत्र हो गए थे। आनन-फानन में फौरन इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर लालगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंच पुलिस जवानों व क्षेत्रीय गोताखोरों के माध्यम से खोजबीन दोनों युवकों की तलाश में जुटी रही है, लेकिन रविवार की रात्रि तक कोई शव बरामद नहीं हो पाया था। दूसरे दिन सोमवार को सुबह छोटू मौर्य पुत्र राजेंद्र का शव बरामद किया गया है।
जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर आवश्यकता कार्रवाई के पश्चात पोस्टमार्टम की कार्यवाही की है। घटना की जानकारी होने पर मौके पर युवकों के परिजन भी पहुंच गए हैं। सोमवार को दूसरे दिन दूसरे युवक के शव की तलाश गोताखोरों की मदद से होती रही है। जहां आसपास के ग्रामीणों की भी भीड़ उमड़ पड़ी थी।
भगवान भरोसे होती है सैलानियों की सुरक्षा
मिर्जापुर के लालगंज तहसील क्षेत्र में कई पिकनिक स्पॉट हैं। जंगलों और वनों से घिरा हुआ यह भू-भाग बरसात के दिनों में अपनी अद्भुत छटा बिखेरा है जिसे देख बरबस ही लोग खींचे चले आते हैं। कुछ स्थानों पर मनमाने ढंग से सैलानियों की भीड़ बढ़ने पर वाहन स्टैंड इत्यादि के नाम पर मनमानी वसूली भी शुरू कर दी जाती है। वही बात जब उनकी सुरक्षा की होती है तो दूर-दूर तक इसका कोई अता-पता नहीं होता है। पिकनिक स्पॉटों पर सैलानियों की सुरक्षा पूरी तरह से राम भरोसे होने से अक्सर ऐसे हादसे भी होते आए हैं। बावजूद इसके उनके रोकथाम की दिशा में अभी तक कोई ठोस मुकम्मल व्यवस्था नहीं की जा सकी है।
बड़ी दुर्घटनाओं के बाद सैलानियों की सुरक्षा की कवायत की जाती है यों कहे कि 'सांप जाने के बाद लकीर पीटने' की कहावत को प्रशासन चरितार्थ करता हुआ नजर आता है।
जौनपुर के दो युवाओं के कुशियरा फाल में डूब कर हुई मौत कोई पहली घटना नहीं है याद करें तो पूर्व में भी कई ऐसे हादसे यहां घटित हो चुके हैं।
Jul 23 2024, 18:09