नीतीश कुमार की मांगें, जो पूरी नहीं हुई, जानें
लोकसभा चुनाव 2024 के जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए अपने गठबंधन के साथियों नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी पर निर्भर रहना पड़ा बिहार में भी एनडीए की सरकार है. बीजेपी के समर्थन से ही नीतीश कुमार फ़िलहाल सीएम की कुर्सी पर हैं.
लेकिन नीतीश कुमार एनडीए से दो बार दूरी बना चुके हैं नीतीश कुमार साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले साल 2013 में एनडीए से अलग हुए थे. बाद में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर फिर से एनडीए में शामिल हुए.
बाद में 2022 में नीतीश एनडीए से नाता तोड़कर फिर महागठबंधन में आए इसी साल जनवरी में लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए थे.
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से आरजेडी के पास 77 , बीजेपी के पास 78 और जेडीयू के पास 44 विधायक हैं नीतीश कुमार एनडीए और महागठबंधन में आते-जाते रहे हैं हालाँकि इसबार नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि वे अब हमेशा के लिए एनडीए में आ गए हैं.
संसद के मॉनसून सत्र से पहले 21 जुलाई को जब सर्वदलीय बैठक हुई थी, तब भी जेडीयू की ओर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया गया था जून महीने में जेडीयू ने अपनी पार्टी की बैठक में भी इस संबंध में प्रस्ताव पास किया था.
सात जून को जब संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक हुई थी, तब भी नीतीश कुमार ने कहा था, ''10 साल तक पीएम मोदी ने देश की सेवा की. पूरा भरोसा है कि जो कुछ भी बचा है, अगली बार ये सब पूरा कर देंगे जो भी हर राज्य का है. हम लोग पूरे तौर पर सब दिन इनके साथ रहेंगे.''
नीतीश ने कहा था, ''बिहार और देश बहुत आगे बढ़ेगा. अब बिहार का भी सब काम हो ही जाएगा. जो कुछ भी बचा हुआ है, उसको भी कर देंगे. इसलिए हम पूरी तरह से, जो आप चाहिएगा हम लगे रहेंगे. बहुत अच्छा होगा. ''नीतीश के इस बयान को बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग से ही जोड़कर देखा गया था.
पटना यूनिवर्सिटी से जुड़ी नीतीश की मांग
नीतीश कुमार ने इससे पहले सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी से पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग की थी अक्तूबर 2017 में पीएम मोदी पटना यूनिवर्सिटी पहुंचे थे.
तब पीएम मोदी की मौजूदगी में ही नीतीश कुमार ने मंच से कहा था, ''आज कम से कम आपकी मदद से फिर ऊंचाइयों पर चढ़ जाएं. केंद्रीय विश्वविद्यालय का रुतबा इसको मिल जाए तो बहुत बड़ी बात होगी.''
इसी मंच से पीएम मोदी ने इशारों में नीतीश कुमार की मांग को तभी नज़रअंदाज़ कर दिया था.
पीएम मोदी ने कहा था, ''आने वाले पांच साल में बिहार की यूनिवर्सिटी को 10 हज़ार करोड़ रुपया दिया जाएगा, पटना यूनिवर्सिटी इसमें पीछे नहीं रहनी चाहिए. ये निमंत्रण देने मैं आपके पास आया हूं.''
इस वाक़ये को सात साल हो चुके हैं. लेकिन पटना यूनिवर्सिटी को अब तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिला है.
जिस यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलता है, उसकी वित्तीय ज़िम्मेदारी केंद्र की होती है.
Jul 23 2024, 13:29