संविधान लेकर घुमते हो, कितने पन्ने हैं इसमें..', लोकसभा में जमकर गरजे अनुराग ठाकुर, वॉकआउट कर गया विपक्ष
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में विपक्षी सांसदों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए पुछा कि, 'संविधान में कितने पन्ने हैं? कितने? इसे 'इतना' मोटा मत कहो। बताओ इसमें कितने पन्ने हैं? आप हर दिन अपने साथ घूमते रहते हैं। क्या आपने इसे एक बार भी पढ़ने की जहमत नहीं उठाई? आप पढ़ते नहीं, बल्कि इसे इधर-उधर लहराते हैं। इसे अपनी जेब से निकालो और देखो। ठाकुर ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बोल रहे थे।
ठाकुर ने कहा कि, संविधान को धर्मनिरपेक्षता शब्द की तरह इधर-उधर फेंका जा रहा है, इसका अवमूल्यन और अपमान किया जा रहा है, वह भी एक ऐसी पार्टी द्वारा जो हमेशा से दोनों शब्दों के मूल्यों के खिलाफ काम करती रही है। भाजपा सांसद ने कहा कि, अगर आप संविधान को बचाने के लिए इतने ही प्रतिबद्ध हैं, तो आपको संसद में यह कहना चाहिए कि कांग्रेस फिर कभी आपातकाल लगाने की गलती नहीं करेगी। आपको देश से माफ़ी भी मांगनी चाहिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि, कांग्रेस ने संविधान (बाबा साहेब अंबेडकर) देने वाले व्यक्ति का अपमान किया है और उन्हें राजनीति से बाहर रखा है। ठाकुर ने याद दिलाया कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अनुच्छेद 356 का कई बार दुरुपयोग किया है। उन्होंने 93 बार विपक्ष शासित राज्य सरकारों को गिराया है। वे कहते थे कि इंदिरा ही इंडिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, संविधान लागू होने के महज 15 महीने बाद नेहरू ने अनुच्छेद 19 पर शर्तें लगाने की कोशिश की थी। बता दें कि, भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की आज़ादी देता है, लेकिन नेहरू कार्यकाल में संविधान बदलकर इसमें शर्तें लागू जोड़ दिया गया था।
कांग्रेस द्वारा अपने बेहतर प्रदर्शन को विपक्ष के लिए बड़ी बढ़त और भाजपा की हार के रूप में पेश करने की आलोचना करते हुए ठाकुर ने कहा कि, एक तरफ हमने चंद्रयान, आदित्य एल 1 की सफलता देखी, वहीं दूसरी तरफ क्या राहुलयान एक बार फिर विफल हो गया? 4 जून से वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि 99, 240 से बड़ा नंबर होता है। कांग्रेस को इस बार 99 सीटें मिलीं, उनमें से एक सीट छूट गई और उनके पास 98 रह गए। उन्होंने तीसरी बार विपक्ष में रहने का रिकॉर्ड बनाया। लेकिन उनका अहंकार और तानाशाही सोच अभी भी वही है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को यह भी याद दिलाया कि वह 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा जितनी सीटें कभी नहीं जीत पाई। उन्होंने कहा कि, जब राष्ट्रपति ने कहा कि स्थिर बहुमत प्राप्त हो गया है, तो उन्होंने (कांग्रेस ने) बहुत अशांति पैदा की। जब आपने 2004 और 2009 में सरकार बनाई, तो क्या आपको 240 सीटें मिलीं थी? आप इतने भी करीब नहीं थे। आपको केवल 145 सीटें मिलीं थी। ठाकुर ने कहा, देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी ने केवल 60 प्रतिशत सीटों, यानी 328 सीटों पर चुनाव लड़ा था। और उनमें से भी वे 70 प्रतिशत सीटों पर हार गए। जब कोई पार्टी अपने मानक इतने कम रखती है और औसत से नीचे प्रदर्शन करती है, तो उन्हें लगता है कि यह भारी है।
अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक पर आगे हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऐसे सहयोगियों के साथ गठबंधन किया है जो या तो जेल में हैं या जमानत पर हैं। ठाकुर ने कहा, जब वे पहले दो बार भाजपा को नहीं हरा पाए तो उन्होंने जेल में बंद और जमानत पर बंद लोगों का गठबंधन बना लिया। यहां भी कुछ (सांसद) जमानत पर हैं। उनकी पिछली सरकारें कई घोटालों में लिप्त थीं, चाहे वह 2जी घोटाला हो, कॉमनवेल्थ घोटाला हो, पनडुब्बी घोटाला हो। उन्होंने कोई घोटाला नहीं छोड़ा। जब उन्होंने अपने सहयोगी चुने, तो उन्होंने उन लोगों को चुना जो शराब घोटाले, जमीन घोटाले, रिवरफ्रंट घोटाले में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि अब एक अनोखी स्थिति देखने को मिल रही हैं, "जेल से काम"। उन्होंने कहा कि, उनमें से एक (भारत) ने दावा किया कि वह इतना नेक है कि अब वह जेल में है। हमने वर्क फ्रॉम होम के बारे में सुना था, लेकिन अब हमें वर्क फ्रॉम जेल का मौका मिल रहा है। सैम पित्रोदा को फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हमला करते हुए ठाकुर ने सवाल किया कि क्या विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनके बयान का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा जो किसी के चाचा, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक हैं। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या सैम पित्रोदा का बयान और कांग्रेस की विचारधारा एक जैसी है। अगर नहीं तो अंकल सैम को पार्टी में वापस लेना क्यों जरूरी था? राहुल गांधी को जिम्मेदारी लेनी होगी। क्या वह सैम पित्रोदा के बयान का समर्थन करते हैं? हम ऐसी नक्सली टिप्पणियों को स्वीकार नहीं करेंगे। यह भारत के लोगों का अपमान है।
बता दें कि, इस साल चुनाव से ठीक पहले सैम पित्रोदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वह भारतीयों की शक्ल-सूरत को लेकर दिए गए अपने बयान से विवादों में घिरे थे। उस समय कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया था, लेकिन चुनाव ख़त्म होते ही कांग्रेस ने उन्हें वापस वही पद सौंप दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान जय फिलिस्तीन के नारे लगाने पर आपत्ति जताते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि, हम 'जय फिलिस्तीन' के नारे को भी स्वीकार नहीं करते। क्या हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं कि जो लोग 'जय भारत' कहने से इंकार करते हैं, वे 'जय पाकिस्तान' और 'जय चीन' के नारे लगाने लगें। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।' इस दौरान नरेंद्र मोदी 2.0 कैबिनेट में पहले भी मंत्री रह चुके भाजपा नेता ने पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं, लेकिन पूरा विपक्ष इस दौरान सदन से वॉकआउट कर गया था।

						
 



 
 
 
 
  
 कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी की ही तरह अखिलेश ने भी पेपर लीक, अग्निवीर और ईवीएम जैसे मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। पेपर लीक को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार इसलिए पेपर लीक करवा रही है ताकि किसी को नौकरी न देना पड़े। साथ ही ईवीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम इसके समर्थन में कभी नहीं थे और इसके खिलाफ हम संघर्ष करते रहेंगे। अखिलेश ने अग्निवीर योजना को खत्म किए जाने की बात कही। *400 पार पर समझदार जनता को धन्यवाद-अखिलेश* लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।' *अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी-अखिलेश* अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी। *10 साल में शिक्षा माफिया का जन्म- अखिलेश* पेपर लीक मामले में सरकार पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौजवान जब तैयारी करके परीक्षा देने जाता था और बाद में उसके पता चलता था कि पेपर लीक हो गया है। उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सब लीक हुई हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं देश के कई अन्य प्रदेश भी हैं जहां पर पेपर लीक हुई है। 4 जून को परिणाम आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ये पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि ये सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धि यही रही है कि एक शिक्षा माफिया का जन्म हुआ। ऐसा लगता है कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है। *अर्शव्यवस्था पर सरकार आंकड़े क्यों छिपा-अखिलेश* सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार आंकड़े क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी। *अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज* सपा सांसद ने अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है। देश में एक जीत और हुई है। हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं, होइहीं सोई जो राम रची राखा। अयोध्या की जीत देश के परिपक्व मतदाताओं की जीत है। अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है। ये उसका फैसला है जिसकी लाठी में आवाज नहीं होती. जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार। *आरक्षण के साथ खिलवाड़-अखिलेश* अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, क्योंकि इसके बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ अग्निवीर योजना लागू कर समझौता किया गया है। हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा, तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।
 
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दे सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहली बार आज पहली बार एनडीए सांसदों के साथ बैठक की और उन्हें संबोधित किया। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी ने पहली बार सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर स्थित पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग के जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में एनडीए सांसदों की बैठक हुई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सांसदों को संबोधित करते हुए खास मंत्र दिया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए सांसदों से संसदीय नियमों का पालन करने और अपने मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाने को कहा है। पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से गैरजरूरी बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद देशसेवा के लिए आए हैं और सभी सांसदों को देश सेवा को सर्वोपरि रखना है। पीएम मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा कि सांसदों का व्यवहार और आचरण ठीक रखना चाहिए। अपने अपने क्षेत्र के विषयों को ठीक से रखना चाहिए। सांसदों को संसद के नियम के अनुसार आचरण करना चाहिए। सांसदों को जिन विषयों में विशेष रुचि है, उसको शेयर करना चाहिए। हर एमपी को अपने जड़ से जुड़ा रहना चाहिए, इधर उधर भाषण की बजाए बेहतर ढ़ंग से अपनी बात उचित फोरम पर रखना चाहिए। पीएम ने संसदीय दल बैठक में नए सांसदों को हिदायत दी कि उनसे कई लोग चिपकने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों को वेरिफिकेशन के बाद ही अपने साथ लाएं या संपर्क रखें। मीडिया में अनावश्यक बयानबाजी से बचें. उन्होंने सांसदों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों को पूरा समय दें और तैयारी के साथ ही संसद में आएं। बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा नेहरू के बाद कई पीएम रहे, कुछ प्रत्यक्ष तो कुछ रिमोट से। गांधी परिवार ये सहन नहीं कर पा रहा है कि उनके परिवार के बाहर कोई प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है। उनको ये बेचैनी है कि नेहरू के बाद तीन बार लगातार जीतने का काम जो वो नहीं कर पाए, वो एक चायवाले ने कैसे कर दिया और उनकी ये छटपटाहट दिख भी रही है।
 
Jul 02 2024, 15:17
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