विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पारस एचएमआरआई में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
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पटना। विश्व तंबाकू निषेध दिवस (वर्ल्ड नो टोबैको डे) के मौके पर 31 मई को पारस एचएमआरआई, पटना में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। नो टोबैको डे की इस वर्ष की थीम थी 'प्रोटेक्टिंग चिल्ड्रेन फ्रॉम टोबैको इंडस्ट्री इंटरफेरेंस' यानी ताम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों का संरक्षण। यह जागरूकता कार्यक्रम इसी विषय पर आधारित था।
इसमें गर्वमेंट मीडिल स्कूल रामजीचक बाटागंज के 5वाँ से 7वाँ कक्षा तक के बच्चों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में बच्चों को विशेष रूप तम्बाकू के सेवन से बचने के लिए जागरूक किया गया। उन्हें तम्बाकू से कैसे दूर रहना है, इससे बचाव के लिए क्या-क्या संसाधन और तकनीकें उपलब्ध हैं, इसके क्या दुष्प्रभाव हैं आदि के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जानकारी दी। बच्चों ने इस थीम पर निबंध लिखकर जागरूकता का संदेश दिया। अच्छा निबंध लिखने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम में एनसीसी के अधिकारी समेत 50 से अधिक कैडेट्स एंव अलय फातिमा हई कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्र एंव छात्राओं ने भी हिस्सा लिया।
इस मौके पर पारस एचएमआरआई, पटना के डाइरेक्टर जेनेरल सर्जरी और कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. एए हई ने कहा कि अगर बच्चों में तम्बाकू से दूर रहने को लेकर जागरूकता आ जाय तो बहुत फायदा होगा। आमतौर पर यह देखा जाता है कि किशोर और युवा वर्ग अज्ञानतावश या गलत संगत के प्रभाव में आकर तम्बाकू का सेवन करने लग जाते हैं। सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों के सेवन की लत भी इस आयु वर्ग में पकड़ती है।
डॉ. एए हई ने बच्चों से कहा कि आपके फेफड़े और हड्डियां समेत कई अंग अभी विकसित हो रहे हैं। उनमें ताम्बकू को सहन की क्षमता नहीं है। हार्मोनल प्रोडक्शन और रिप्रोडक्टिव हेल्थ भी इससे प्रभावित होते हैं। डॉ. एए हई ने कहा कि ताम्बाकू में लगभग 69 ऐसे पदार्थ होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर पनपने के कारण बन सकते हैं।
कार्यक्रम में कैंसर अवेयरनेस सोसाइटी के महासचिव डॉ. शेखर केसरी ने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में 370 लाख बच्चे किसी न किसी रूप में ताम्बाकू का सेवन करते पाए गए। ये बच्चे 13 से 15 साल के थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें लड़कियां का अनुपात कमतर नहीं है। यह बहुत ही चिंताजनक बात है और इसपर बच्चों और उनके परिजनों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों में ई-सिगरेट को लेकर एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि इसका नुकसान नहीं है और इसके कारण इसका उपयोग इनदिनों बढ़ता जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि ई-सिगरेट भी स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
May 31 2024, 16:26