भीषण गर्मी के कारण फसल काटने के लिए नही मिल रहे मज़दूर,किसान परेशान

सरायकेला :चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौका थाना अंतर्गत पालना डैम जलाशय से 1000 बीघा खेती में सिंचाई करके गरीब  किसान द्वारा रवी फसल एवं धान की खेती कर लिया ।


खेत में लहराते हुए धान की खड़ी फसल इन गांव खुंटी,मुसरीबेड़ा,कुरली,पालना,दिरलोंग,झाबरी,गुंजाडीह के किसान  के चेहरे में  देख गया परेशान खड़ी धान की फसल की काटनी के लिए किसान भाई को देहाती मजदूर नही मिलने के कारण आज धान की  फसल काट नही पा रहा है।

एक तरफ भीषण गर्मी और उमस भरी होने के कारण रवि धान की फसल पक गया और कुछ दिनों के आनंद किसान धान की काटनी नही कर पाते तो पके खड़ी धान की शीस टूट कर जमीन में गिरने लगेगा ।

राज्य में प्रखंड कड़ी धुप और भीषण गर्मी से धान काटने के लिए नहीं मिल रहा मजदूर।

वारिश होने से धान की फसल हो जाएगा वर्वाद। दूसरी ओर दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी गज परियोजना से भटकते हुए गजराज की झुंड ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में पहुंच चुके ,ओर हाथी झुंड द्वारा किसान का रवि फसल को नष्ट कर देते है।

दोनो तरफ से किसान परेशान है।बरसात और गजराज तथा मजदूर नही मिलने से समय पर धान की काटनी नही हो पाना अब तो ईश्वर पर भरोसे रहा हे। अच्छी फसल दिए हे, मर्जी उसकी चलेगी ।
राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र, सरायकेला के सफल संचालन को लेकर उपायुक्त नें की बैठक

*आपसी सामंजस्य स्थापित कर सांस्कृतिक धरोहर "छऊ"  के विकास की ओर कार्य करने के दिए गए निर्देश*

सरायकेला:-समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त -सह-अध्यक्ष,  राजकीय छऊ कला केंद्र,  सरायकेला श्री रविशंकर शुक्ला के अध्यक्षता में राजकीय छउ नृत्य कला केंद्र, सरायकेला के सफल संचालन को लेकर बैठक आहूत की गई। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी -सह- सचिव राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र, सरायकेला श्री सुनील कुमार प्रजापति, प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निदेशक छऊ कला केंद्र, सरायकेला श्रीमती यस्मिता सिंह तथा समिति सदस्य एवं स्थानीय कलाकार उपस्थित रहें।

बैठक के दौरान उपायुक्त नें राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र,सरायकेला के सफल संचालन को लेकर बिंदुवार चर्चा कर सभी समिति सदस्य एवं कलाकारों को एकमत होकर आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए सांस्कृतिक  धरोहर "छऊ" के विकास की ओर कार्य करने की बात कही, उपायुक्त नें "छऊ" के विभिन्न क्षेत्र जैसे विभिन्न नृत्य, वाद्य , मुखौटा निर्माण आदि के क्षेत्र में इच्छुक नई पीढ़ियों को प्रशिक्षण प्रदान करने तथा विभिन्न क्षेत्र में गुरुजन का डॉक्यूमेंट्री तैयार करनें की बात कही।

बैठक के क्रम में समिति सदस्यों तथा कलाकारों के साथ बिंदुवार चर्चा करते हुए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से "छऊ" कला से जुड़े कलाकारों का सूची तैयार करने, सभी चिन्हित छऊ कलाकारों को पहचान पत्र बनाने, छऊ मास्क को जी.आई. टैग उपलद्ध कराने, छऊ कला प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा , सर्व सहमति से पुनः समिति चयन पर चर्चा किया गया। बैठक के अंत में उपायुक्त द्वारा कलाकारों से "छऊ" कला के प्रबंधित तथा विकास को लेकर मांगे गए सुझाव पर विभिन्न सदस्यों द्वारा छऊ कला क्षेत्र में संगीत एवं संगीतकार को स्थान उपलब्ध करने, सिलेब्स तैयार करने, जिले में बंद पड़े तीन कला केंद्र को पुनः प्रारम्भ करने, राजकीय पर्व में सभी कलाकारों को समान रुप से सम्मानित करने तथा समिति गठन में सभी की सहमति सुनिश्चित करने की बात रखी गई।

बैठक के अंत में उपायुक्त ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य कलाकार को संगठित कर छऊ का विकास करना है, अतः "छऊ" कला से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी कलाकार छऊ के विकास की ओर चर्चा करें ताकि आने वाले समय में बेहतर समन्वय स्थापित कर त्यौहार पूर्ण वातावरण में स्थानीय रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना सम्पन्न कराया जा सकें।
सरायकेला : नीमडीह थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव की गलियां अवैध महुआ शराब से महकने लगा।

गरीबों को धीमा जहर परोस कर करोड़पति बन रहा है भट्ठी संचालक 

सरायकेला : जिला नीमडीह थाना क्षेत्र के पुरियारा, जुगिलोंग, मुरु, तिलाईटांड़, हेंसालोंग, लाकड़ी, हुंडरू, बनडीह आदि गांव के गलियां इन दिनों अवैध महुआ शराब की दुर्गंध से महकने लगा है। इन गांवों में एक दर्जनों अवैध महुआ शराब की भट्ठियां संचालित हो रहा है। 

इन गांवों में अवैध महुआ शराब चुलाई कुटीर उद्योग का रूप धारण किया है। इन गांवों से प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ शराब नीमडीह थाना, चांडिल थाना व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पहुंचाया जाता है। साथ ही शराब माफिया द्वारा जमशेदपुर शहर में बड़े पैमाने से देशी महुआ दारू की सप्लाई किया जाता है। 

देशी दारू की कम कीमत (राशि) रेट पर मिलने के कारण मजदुर एवं युवा वर्ग महुआ से बनने वाले देशी दारू (शराब) के लत से जकड़ कर मौत को करीब बुला रहे हैं। अनेक लोग अकाल मृत्यु के शिकार भी होते हैं और परिवार को दुःख की दरिया में डाल देते हैं। अवैध रूप देशी शराब की चुलाईं के कारण आए दिन गांव में अशांति भी फैलती है। सूत्र के अनुसार देशी शराब कि कई कारोबारियों ने अवैध शराब के कमाई से माफिया द्वारा हाईवा खरीद लिया और खरीद रहा है।

इधर ग्रामीणों को धीमा जहर परोस कर शराब कारोबारी करोड़पति बन रहा है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि महुआ शराब से सबसे ज्यादा विपरीत असर युवा पीढ़ी पर पढ़ रहा है। शराब के लत से युवा वर्ग नशा के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं और अपने साथ परिवार के सपनों को चकनाचूर कर रहे हैं। शराब के लत लगने वाले लोगों के परिवार में रोजाना कलह होना आम बात है। 

पुलिस से बेखौफ है शराब व्यापारी 

अवैध महुआ शराब कारोबारियों का पुलिस का खौफ नहीं है। अहले सुबह चार बजे से पूरे दिन नीमडीह, चांडिल वा तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मोटरसाईकिल से शराब पहुंचाया जाता है। बताया गया कि गांव के बाहर टेंट लगाकर शराब चुलाई को फैक्ट्री का रूप दिया गया है। जहां दिन रात शराब चुलाई का काम किया जाता है।

महुआ खाने आ धमकते है हाथी, जान माल की करता है क्षति 

शराब की चुलाई के बाद अवशेष महुआ को भठ्ठी संचालक आसपास फेंक देता है। महुआ के गंध से हाथियों के झुंड गांव में आ धमकते है। महुआ खाकर हाथी मदमस्त होकर किसानों के फसल को नष्ट कर देता है, मकान तोड़ डालता है और कभी लोगों पर भी हमला बोलते हैं। जिससे लोगों का जान जाता है या गंभीर रूप से घायल होता है।

सरायकेला /सड़क दुर्घटना : अज्ञात बाहन के चपेट में आने से बाइक सवार घायल

 सरायकेला : जिला के कपाली ओपी अंतर्गत पुड़िशीली चौक के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मोटसाईकिल साबार 38 वर्ष का एक ब्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गये। घायल ब्यक्ति कहां का है पता नहीं चल पाया है।उनके जेब से एक कम्पनी की कार्ड मिला है जिसमे सुशील सिंह नाम अंकित है।

कार्ड के हिसाब से आदित्यपुर के किसी प्रदीप इंटरप्राइज में काम करता है। घटना को लेकर मिली जानकारी अनुसार सुशील सरदार  बाइक से आदित्यपुर ड्यूटी के लिए जा रहा था। इस बीच पुड़िसीली चौक के समीप अज्ञात वाहन ने जोरदार ठोकर मार दिया। जिससे बाइक सावार सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गये।

तड़के धुप में सड़क पर घंटो पड़ा रहा। देर सेही सही लेकिन कपाली पुलिस आके स्थानीय लोगों की मदम से घायल को इलाज के लिए जमशेदपुर अस्पताल ले गया । घायल सुशील की स्थिति बहुत ही नाजुक बतया जा रहा है।

सरायकेला /सड़क दुर्घटना : अज्ञात वाहन के चपेट में आने से बाइक सावार मामला

 सरायकेला : जिला के कपाली ओपी अंतर्गत पुड़िशीली चौक के समीप अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मोटसाईकिल साबार 38 वर्ष का एक ब्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गये। घायल ब्यक्ति कहां का है पता नहीं चल पाया है।उनके जेब से एक कम्पनी की कार्ड मिला है जिसमे सुशील सिंह नाम अंकित है।

कार्ड के हिसाब से आदित्यपुर के किसी प्रदीप इंटरप्राइज में काम करता है। घटना को लेकर मिली जानकारी अनुसार सुशील सरदार  बाइक से आदित्यपुर ड्यूटी के लिए जा रहा था। इस बीच पुड़िसीली चौक के समीप अज्ञात वाहन ने जोरदार ठोकर मार दिया। जिससे बाइक सावार सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गये।

तड़के धुप में सड़क पर घंटो पड़ा रहा। देर सेही सही लेकिन कपाली पुलिस आके स्थानीय लोगों की मदम से घायल को इलाज के लिए जमशेदपुर अस्पताल ले गया । घायल सुशील की स्थिति बहुत ही नाजुक बतया जा रहा है।

टाटा रांची मुख्य राजमार्ग 33 पर चांडिल थाना स्थित रामगढ़ के समीप एक ट्रेलर पलटा,चालक घायल


सरायकेला : टाटा रांची मुख्य राजमार्ग 33 पर चांडिल थाना स्थित रामगढ़ के समीप एक तेज रफ्तार ट्रेलर अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गई जिससे एक घंटा तक उक्त मार्ग पर गाड़ियों का परिचालन ठप हो गया। 

स्थानीय लोगों के अनुसार दोपहर लगभग 2:30 बजे एक तेज रफ्तार ट्रेलर जमशेदपुर से रांची की ओर जा रही थी। इसी क्रम में ट्रेलर चालक् के नियंत्रण से बाहर हो गया और सीधे पलटी मार दिया। 

ट्रेलर पलटने के बाद चालक ट्रेलर के नीचे दबे रहा। स्थानीय लोगों ने किसी तरह चालक को बाहर निकाला। उक्त घटना में कोई जान माल की क्षति नहीं हुई है, केवल चालक को हल्की चोटे आई है।

धड़ल्ले से चल रहे रात को चोरी छिपे अबैध बालू की गाडी से होती हो दुर्घटना,बीती रात भी एक हाइवा पलटी


सरायकेला : नीमडीह थाना क्षेत्र में अवैध रूप से बालू की काला बाजारी धड़ल्ले भी चल रही है।जिसके करण जल्दी भागने के चककर में आये दिन दुर्घटना भी हो रही है। इसी क्रम में बालू लोडेट अनियंत्रित होकर मुख्य राजमार्ग झिमड़ी से रघुनाथपुर जाने वाले सड़क किनारे पाल्टी मारी और सड़क किनारे ड्रेन में जा घुसा,रात्रि एक बजे की आसपास यह घटना घटी और आज दोपहर के समय गाड़ी मालिक ने हाइड्रा द्वारा उठाया जा रहा है। इस संबंध में नीमडीह थाना प्रभारी से पूछे जाने पर बताया हमे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। तिरुलडीह थाना क्षेत्र के सुवर्ण रेखा नदी के विभिन्न घाट से अवैध रूप से रात के अधेरे में बालू की धुलाई जोरो से चल रहा है। तिरुलडीह,कुकडु, सिरूम होते हुए नीमडीह थाना रास्ता होते हुए बालू माफिया द्वारा हाइवा ट्रेक्टर आदि गाड़ी से परिचालन करते हैं।इस कारण क्षेत्र में बड़ी दुर्घटनाये होती है बाल बाल बचे ।कई बार इस क्षेत्र में हाइवा गाड़ी घर को टक्कर मारी , रात्रि में घर पर सोए हुए परिवार के ऊपर गाड़ी चढ़ जाने का खतरा बना रहता है। जिसके कारण आज पुड़ियारा के साथ दर्जनों गांव के ग्रामीण रात्रि में चोरी छुपे चलाये जा रहे इस हाइवे के मालिक के प्रति आक्रोशित है। इस संबंध उच्च स्तरीय लिखित ज्ञापन दिया जायेगा ।
आपका पिछले जन्म के कर्मफलों को दर्शाती है दशाएं, आइए जानते है कैसे?
सरायकेला : ज्योतिष में दशाओं का महत्वपूर्ण स्थान है और व्यक्ति के जीवन के संपूर्ण घटनाक्रम में यह
अपना विशेष प्रभाव डालती हैं। यह दशाएं ग्रहों द्वारा गत जन्म के कर्मफलों को इस जन्म में दर्शाने का माध्यम है। महादशाओं के गणना की पद्धति में नक्षत्रों पर आधारित दशा पद्धतियाँ अधिक लोकप्रिय हैं।वेदांग ज्योतिष में चंद्रमा जिस नक्षत्र में उस दिन होते हैं वह उस दिन का नक्षत्र कहलाता है व उस नक्षत्र का जो स्वामी ग्रह कहा गया है, उसकी महादशा जन्म के समय मानी जाती है। तदोपरांत क्रम अनुसार प्रत्येक नक्षत्र या ग्रह की महादशा जीवन में आती रहती है।दशा क्रम में सबसे पहले विंशोत्तरी दशा का आगमन होता है और इसी के भितर अन्तर दशा, प्रत्यन्तर दशा, सूक्ष्म दशा, प्राण दशाएं आती हैं। प्रत्येक ग्रह महादशा के काल में सभी ग्रह अपनी-अपनी अंतर्दशा लेकर आते हैं। इसमें प्राण दशा सबसे कम अवधि की होती है और महादशा सबसे अधिक अवधि की मानी जाती है।महादशाओं का चक्र 120 वर्ष में पूरा होता है। इन दशाओं में पहली दशा तो जन्म नक्षत्र पर आधारित है। कौन सी महादशा पहले मिलेगी यह जन्म समय चंद्रमा जिस नक्षर में होता है उस नक्षत्र के स्वामी ग्रह से जतक की महादशा आरंभ होती है। दशाओं के सभी काल क्रम में आपको सभी कुछ मिलता है। जन्म में अगर कोई दशा चल रही है तो यह कतई नहीं माना जाना चाहिए कि उस ग्रह से संबंधित समस्त कर्मो का फल मिल चुका है बल्कि यह संभव है कि संपूर्ण कर्मो का केवल कुछ प्रतिशत ही उस दशा में मिला होगा।*दशाओं का प्रभाव*ज्योतिषी के अनुसार सभी ग्रह अपनी दशा-अन्तर्दशा में सभी प्रकार का फल प्रदान करते हैं। ग्रह सर्वशक्ति संपन्न हैं और अच्छा-बुरा कोई भी फल दे सकते हैं। यह सत्य है कि वे अपनी दशा में आकर ही अपने संपूर्ण अच्छे-बुरे फलों का दर्शन कराती हैं। महादशा शब्द का अर्थ है वह विशेष समय जिसमें कोई ग्रह अपनी प्रबलतम अवस्था में होता है और कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ-अशुभ फल देता है। ग्रहों की महादशा का समय निम्नानुसार है। सूर्य- 6 वर्ष, चन्द्र-10 वर्ष, मंगल- 7 वर्ष, राहु- 18 वर्ष, गुरु- 16 वर्ष, शनि- 19 वर्ष, बुध- 17वर्ष, केतु- 7 वर्ष और शुक्र- 20 वर्ष की होती है। इन वर्षों में मुख्य ग्रहों की महादशा में अन्य ग्रहों की दशाएं आती हैं, जिसे अन्तर्दशा कहा जाता है। मुख्य ग्रह के साथ अन्तर्दशा के स्वामी ग्रह का भी प्रभाव फल का अनुभव होता है। जिस ग्रह की महादशा होगी, उसमे उसी ग्रह की अन्तर्दशा पहले आएगी अधिक सूक्ष्म गणना के लिए अन्तर्दशा में उन्ही ग्रहों की प्रत्यंतर दशा भी निकली जाती है, जो इसी क्रम से चलती है। इससे अच्छी-बुरी घटनाओं का पता लगाया जा सकता है। किसी ग्रह की महादशा में उसके शत्रु ग्रह की, पाप ग्रह की और नीचस्थ ग्रह की अन्तर्दशा अशुभ होती है। शुभ ग्रह में शुभ ग्रह की अन्तर्दशा अच्छा फल देती है। स्वग्रही, मूल त्रिकोण या उच्च के ग्रह की दशा शुभ मानी जाती होती है। वैदिक ज्योतिष में अनेक दशाओं का वर्णन किया गया हैं परन्तु सरल, लोकप्रिय, सटीक एवं सर्वग्राह्य विंशोत्तरी दशा ही है। सूर्य आत्मा का, चन्द्रमा मन का, मंगल बल का, बुध बुद्धि का, गुरु जीव का, शुक्र स्त्री का और शनि आयु का कारक है। अत: इनकी महादशाओं का फलादेश देश, काल और परिस्थिति को ध्यान में रखकर करना चाहिए फलादेश में परिस्थिति का ध्यान रखना आवश्यक है। जन्म से मृत्यु तक ग्रहों के प्रभाव से विभिन्न प्रकार की सुखद एवं दु:खद घटनाओं से प्रभावित होते है। ग्रह उच्च राशि में हो तो नाम, यश प्राप्त होता है तथा ग्रहों के अशुभ होने पर कष्ट प्राप्त होता है। जन्म नक्षत्र से दशा स्वामी किस नक्षत्र में है ये देखना आवश्यक है। यदि वह अच्छी स्थिति में मित्र या अतिमित्र में है तो शुभ फल प्राप्त होते हैं।
सरायकेला:नीमडीह बीडीओ ने सीएचसी का किया निरीक्षण।





सरायकेला : नीमडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार एस० अभिनव ने समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और अतिरिक्त पीएसी हुंडरू पाथरडीह का निरिक्षण किया गया। नीमडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के ओपीडी में महिला, पुरुष का वार्ड, कुपोषण केन्द्र, लेब का निरीक्षण किया, मेडिकल कर्मी की उपस्थिति पंजी का भी निरीक्षण किया गया।

महिला वार्ड में तीन ,पुरुष वार्ड में एक मरीज ऐडमिट था, जिसका उपचार ड्रा० द्वारा चलाया जा रहा हे, आदरदीह के हुंडरू पाथरडीह का ओपीडी, वार्ड, आदि का निरिक्षण हुआ, निरीक्षण में प्रतिवेदन अपने वरिष्ठ पदाधिकारी को भेजा गया।
ओपीडी में 32 पुरुष ,49 महिला का उपचार किया गया।ओपीडी महिला चिकित्सक निमान राशि ,नेत्र युनिट में नेत्र सहायक कर्मी ललित मोहन सिंह,लेब जांच कर्ता भी उपस्थित पाया गया।
सरायकेला : रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बीज डालने का कार्य हो गया शुरू


सरायकेला : आज सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गये है , जिससे खेतों में धान का बीज डालने के लिए किसान भाई आपने खेत में तैयार करने का कार्य शुरू हो गया। 

रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बीज डालना शुभ माना गया है।

किसानों का मानना है कि इस नक्षत्र में बीज डालने से खेती अगताह होती है। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में किसान धान की खेती के लिए खेतो में धान की बीज डाला जा रहा है, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के किसान हर बर्ष चांडिल डेम कई पानी से लगाकर धान की अच्छी फसल तैयार करते हैं। 

हालांकि, इस क्षेत्र में रोहिणी नक्षत्र के बाद ही अधिकांश किसानो द्वारा अपनी खेतो में बीज डाला जाता है। फिर भी इस नक्षत्र में बीज डालने वालों की संख्या कम नहीं है। रोहिणी नक्षत्र में बीज डालने वाले किसानो के खेत में नवंबर माह में यह फसल तैयार हो जाती है।

राेहिणी में बीज डालने से पौधे होते हैं पुष्ट :किसान 

रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज डालने से धान का पौधा ज्यादा तेजी से विकास करता है। रोहिणी नक्षत्र में लगाए गए धान के बीज से अधिक उत्पादन की भी संभावना रहती है।चांडिल प्रखंड के चाकूलिया गांव निवासी किसान मधुसूदन महतो ने बताया की रोहिणी में धरती तपेगी, अच्छी पैदावार की उम्मीद होती है इस साल रोहिणी नक्षत्र में धरती खूब तपेगी। क्योंकि, इस दौरान सूर्य पृथ्वी के काफी निकट रहेगा। यह मानसून के दृष्टिकोण से शुभ संकेत है। इस बार अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। मिट्टी में नमी आने के बाद खेतों की जोताई होगी। इसके बाद फिर खेतों में पानी भरा जाएगा। खरपतरवार नाशक दवा के छिड़काव के बाद में किसान खेतों में धान का बीज डालेंगे।मान्यता है कि रोहिणी के दिन धान का बीज डाला जाता है। इससे पूर्व किसानों द्वारा खेत की जुताई की जाती है।

 चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कई गांव में रोहिणी के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । सोमवार को चांडिल अनुमंडल के नीमडीह समानपुर में शिव पूजा कमेटी द्वारा छऊ नृत्य और मंगलवार को शिव पूजा का आयोजन किया गया।