सरायकेला : रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बीज डालने का कार्य हो गया शुरू
सरायकेला : आज सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गये है , जिससे खेतों में धान का बीज डालने के लिए किसान भाई आपने खेत में तैयार करने का कार्य शुरू हो गया।
रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बीज डालना शुभ माना गया है।
किसानों का मानना है कि इस नक्षत्र में बीज डालने से खेती अगताह होती है। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में किसान धान की खेती के लिए खेतो में धान की बीज डाला जा रहा है, चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के किसान हर बर्ष चांडिल डेम कई पानी से लगाकर धान की अच्छी फसल तैयार करते हैं।
हालांकि, इस क्षेत्र में रोहिणी नक्षत्र के बाद ही अधिकांश किसानो द्वारा अपनी खेतो में बीज डाला जाता है। फिर भी इस नक्षत्र में बीज डालने वालों की संख्या कम नहीं है। रोहिणी नक्षत्र में बीज डालने वाले किसानो के खेत में नवंबर माह में यह फसल तैयार हो जाती है।
राेहिणी में बीज डालने से पौधे होते हैं पुष्ट :किसान
रोहिणी नक्षत्र में धान का बीज डालने से धान का पौधा ज्यादा तेजी से विकास करता है। रोहिणी नक्षत्र में लगाए गए धान के बीज से अधिक उत्पादन की भी संभावना रहती है।चांडिल प्रखंड के चाकूलिया गांव निवासी किसान मधुसूदन महतो ने बताया की रोहिणी में धरती तपेगी, अच्छी पैदावार की उम्मीद होती है इस साल रोहिणी नक्षत्र में धरती खूब तपेगी। क्योंकि, इस दौरान सूर्य पृथ्वी के काफी निकट रहेगा। यह मानसून के दृष्टिकोण से शुभ संकेत है। इस बार अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। मिट्टी में नमी आने के बाद खेतों की जोताई होगी। इसके बाद फिर खेतों में पानी भरा जाएगा। खरपतरवार नाशक दवा के छिड़काव के बाद में किसान खेतों में धान का बीज डालेंगे।मान्यता है कि रोहिणी के दिन धान का बीज डाला जाता है। इससे पूर्व किसानों द्वारा खेत की जुताई की जाती है।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कई गांव में रोहिणी के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है । सोमवार को चांडिल अनुमंडल के नीमडीह समानपुर में शिव पूजा कमेटी द्वारा छऊ नृत्य और मंगलवार को शिव पूजा का आयोजन किया गया।
May 27 2024, 20:34