रामनवमी पर अयोध्या में तड़के से ही सरयू में अस्था की डुबकी लगाकर राम लला के दर्शन को सुबह से ही लगी लंबी कतार, दाेपहर 12 बजे होगा सूर्य तिलक
लखनऊ । रामनवमी के अवसर पर यूपी के अयोध्या में भक्ति की बयार बह रही है। श्रद्धालु तड़के से ही सरयू में आस्था की डुबकी लगाकर रामलला के दर्शन कर रहे हैं। मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतार है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुछ ही दिन पहले दर्शन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया था। रामलला के दर्शन तड़के 3:30 से शुरू हुए हैं और रात 11 बजे तक यह क्रम जारी रहेगा। ट्रस्ट पहले ही कह चुका है कि रामनवमी के दिन किसी भी तरह के विशेष दर्शन नहीं कराए जाएंगे। पहले के बने पास भी निरस्त कर दिए हैं। दर्शन के समय के बारे में ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया रामनवमी महोत्सव के दौरान मंगला आरती के बाद ब्रह्म मुहूर्त में अति प्रातः 3:30 बजे से अभिषेक, श्रृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे। श्रृंगार आरती प्रातः पांच बजे होगी। भगवान को भोग लगाने के समय पर अल्प काल के लिए पर्दा डाला जाएगा। रात 11 बजे तक दर्शन का क्रम चलता रहेगा। इसके बाद परिस्थिति अनुसार भोग एवं शयन आरती होगी।
रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर निकास मार्ग पर प्रसाद मिलेगा। दर्शनार्थी अपना मोबाइल, जूता, चप्पल, बड़े बैग एवं प्रतिबंधित सामग्री मंदिर से दूर सुरक्षित रखकर आएं तो दर्शन में सहूलियत मिलेगी। वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है। अब 19 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। सुगम दर्शन पास, वीआईपी दर्शन पास, मंगला आरती पास, श्रृंगार आरती पास एवं शयन आरती पास नहीं बनेंगे। सुग्रीव किला के नीचे, बिड़ला धर्मशाला के सामने, श्री रामजन्मभूमि प्रवेश द्वार पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से यात्री सेवा केंद्र बनाया गया है, जिसमें जन-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने से लेकर इलाज तक के इंतजाम हैं। मंदिर में संपन्न होने वाले सभी कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण नगर निगम क्षेत्र में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाकर किया जाएगा।
रामनवमी पर अयोध्या में बुधवार को हेलीकॉप्टर से फूलों की बरसात की जाएगी। राम की पैड़ी, रामकोट, सरयू तट, धर्मपथ, रामपथ समेत रामजन्मभूमि परिसर में फूलों की बरसात कर रामलला का जन्मदिवस मनाया जाएगा। 500 वर्ष बाद बुधवार को शुभ योग में रामलला एक हजार करोड़ रुपये से निर्मित भव्य महल में अपना जन्मदिन मनाएंगे। सूर्यवंशी भगवान राम के मस्तक पर दोपहर 12:16 बजे स्वयं भगवान सूर्य की किरणें उनका तिलक करेंगी। यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के अदभुत प्रयोग से सफल होगा। इस बार का रामजन्मोत्सव अलौकिक व अविस्मरणीय हो, कुछ ऐसी तैयारी करने में शासन, प्रशासन और राममंदिर ट्रस्ट जुटा रहा। रामजन्मोत्सव के दिन बुधवार को रामलला स्वर्णमुकुट व रत्नजड़ित पीले रंग की पोशाक धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे।सोने का मुकुट, पन्ना की अंगूठी, माणिक व पन्ना का कमरबंद, हीरे का कंगन, हीरा, माणिक व पन्ना जड़ित हजार, पंचलड़ा, दो किलो वजन की विजय माला
Apr 17 2024, 09:21