ऑनलाइन ठगी करने वाले ने खुद को उद्योग विभाग का अधिकारी बताकर औरंगाबाद की एक युवती से 63 हजार की ठगी की, सायबर अपराधी गिरफ्तार
पीड़िता ने जब मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई तो सायबर थाना की पुलिस ने ठग को पकड़ने के लिए काफी मशक्कत की लेकिन वह हाथ नही लगा।
आखिरकार पुलिस ने 9 माह बाद ठग को नालंदा से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार ठग रंजन भारती नालंदा जिले के चंडी का निवासी है। औरंगाबाद सायबर थाना की थानाध्यक्ष सह पुलिस उपाधीक्षक डॉ. अनु कुमारी ने बताया कि औरंगाबाद शहर की निवासी ज्योति कुमारी ने 14 जून 2023 को साइबर थाना में ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
प्राथमिकी संख्या-01/23 में पीड़िता ज्योति कुमारी, ने कहा था कि खुद को उद्योग विभाग का अधिकारी बताकर फर्जी कॉल के माध्यम से ठग ने उससे 63 हजार 50 रुपयें की ठगी की थी। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद से सायबर थाना की पुलिस ठग की सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
पुलिस तकनीकी तरीके से मामले का लगातार अनुसंधान कर रही थी। इसी दौरान घटना के 9 माह बाद पुलिस को अहम सुराग हाथ लगा। सुराग हाथ लगते ही पुलिस अधीक्षक स्वपना गौतम मेश्राम के नेतृत्व में उन्होंने डीआईयू यूनिट के साथ एक स्पेशल टीम गठित की।
टीम ने सटीक जानकारी इकट्ठा कर नालंदा में वहां की स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर सायबर ठग को धर दबोंचा। गिरफ्तारी के बाद ठग को मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया है। अप्राथमिकी अभियुक्त बनाने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार ठग को जेल भेज दिया है।
गिरफ्तार ठग की पहचान नालंदा जिले के चंडी निवासी पहचान राहुल रंजन भारती के रूप में की गई है। ठग के पास से पुलिस ने एक विवो कंपनी का एक मोबाईल, दो सिम कार्ड, पीएनबी एवं एसबीआई का डेबिट कार्ड बरामद किया हैं।
पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार ठग ने औरंगाबाद के अलावा गया, एवं दरभंगा जिले के लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की है। उसे कई अन्य तरह की भी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। पुलिस गिरफ्तार ठग की क्राइम हिस्ट्री खंगाल रही है। मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
पुलिस की छापेमारी टीम में साइबर थाना एवं डीआइयू सेल की टीम शामिल रही।
Apr 05 2024, 15:27