सौर्य उर्जा से समृद्ध बनेगा देश: संजय मिश्रा

खजनी गोरखपुर।सौर्य उर्जा और आनुवंशिक विज्ञान के प्रति ग्रामवासियों को जागरूक करने के लिए बांसगांव ब्लॉक क्षेत्र के कुंडा भरत गांव में एक दिवसीय साक्षरता गोष्ठी का आयोजन किया गया।

सौर्य उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए, विषय विशेषज्ञ संजय मिश्रा ने ग्रामवासियों को बताया कि उर्जा के सभी वैकल्पिक स्त्रोतों से बेहतर और स्वच्छ ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में सौर्य उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने विस्तार सहित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सौर्य उर्जा से ही देश की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा और भारत दुनियां की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करेगा। साथ ही वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार होगा।

वहीं आनुवंशिक विज्ञान स्वस्थ जीवन की सरल कुंजी विषय पर लोगों को जागरूक करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता यादव तथा अभिनव त्रिपाठी ने कहा कि अनुवंशिक रोगों से बचाव के लिए उसकी जानकारी होना जरूरी है। इस दौरान सभी आनुवंशिक रोगों की जानकारी देते हुए उनकी समय रहते पहचान करने और उनसे बचाव के उपाय बताए गए।

कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने सौर्य उर्जा तथा आनुवंशिक विज्ञान पर आधारित गोष्ठी के महत्व को बेहतरीन तरीके से रेखांकित करते हुए आयोजन के उद्देश्य बताए।साक्षरता गोष्ठी का संचालन अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता और आभार ज्ञापन ग्रामप्रधान रमेश पासवान ने किया।

इस अवसर पर संतोष तिवारी, राहुल, नवनाथ, कमलाकांत त्रिपाठी, राजनारायण त्रिपाठी,

बाबूलाल यादव, रामजीत शर्मा, टिकोरी, रणजीत पासवान, रामकृपाल, बालमुकुंद, मनोज कुमार, रामप्रीत यादव, राजेश तिवारी, लक्ष्मी शंकर, दयानंद, कुसुम, ललिता,पूनम, छविलाल यादव, इंद्रावती,अजोरा,धर्मावती,सरिता,कौशिल्या,मोनी,बिंदु,पुष्पा, उर्मिला, सपना सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।

सौर्य उर्जा से समृद्ध बनेगा देश-संजय मिश्रा

खजनी गोरखपुर।सौर्य उर्जा और आनुवंशिक विज्ञान के प्रति ग्रामवासियों को जागरूक करने के लिए बांसगांव ब्लॉक क्षेत्र के कुंडा भरत गांव में एक दिवसीय साक्षरता गोष्ठी का आयोजन किया गया।सौर्य उर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए, विषय विशेषज्ञ संजय मिश्रा ने ग्रामवासियों को बताया कि उर्जा के सभी वैकल्पिक स्त्रोतों से बेहतर और स्वच्छ ऊर्जा के स्त्रोत के रूप में सौर्य उर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

उन्होंने विस्तार सहित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सौर्य उर्जा से ही देश की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा और भारत दुनियां की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करेगा। साथ ही वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साकार होगा।

वहीं आनुवंशिक विज्ञान स्वस्थ जीवन की सरल कुंजी विषय पर लोगों को जागरूक करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता यादव तथा अभिनव त्रिपाठी ने कहा कि अनुवंशिक रोगों से बचाव के लिए उसकी जानकारी होना जरूरी है। इस दौरान सभी आनुवंशिक रोगों की जानकारी देते हुए उनकी समय रहते पहचान करने और उनसे बचाव के उपाय बताए गए।

कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने सौर्य उर्जा तथा आनुवंशिक विज्ञान पर आधारित गोष्ठी के महत्व को बेहतरीन तरीके से रेखांकित करते हुए आयोजन के उद्देश्य बताए।साक्षरता गोष्ठी का संचालन अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी ने किया तथा अध्यक्षता और आभार ज्ञापन ग्रामप्रधान रमेश पासवान ने किया।

इस अवसर पर संतोष तिवारी, राहुल, नवनाथ, कमलाकांत त्रिपाठी, राजनारायण त्रिपाठी,

बाबूलाल यादव, रामजीत शर्मा, टिकोरी, रणजीत पासवान, रामकृपाल, बालमुकुंद, मनोज कुमार, रामप्रीत यादव, राजेश तिवारी, लक्ष्मी शंकर, दयानंद, कुसुम, ललिता,पूनम, छविलाल यादव, इंद्रावती,अजोरा,धर्मावती,सरिता,कौशिल्या,मोनी,बिंदु,पुष्पा, उर्मिला, सपना सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।

नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। स्वदेशी RHC महिला जागरूकता अभियान के सहयोग से जूनियर हाई स्कूल, सिकरीगंज के प्रांगण में मंगलवार को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जहां कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी एवं डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने शिविर में दिखाने एवं परामर्श लेने आए 114 लोगों को देखा।

अधिकतर लोगों को फेफड़ा, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ, ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय, पित्त आदि में परेशानी थी। सभी को समस्या का उचित निदान किया गया तथा निशुल्क दवाई दी गई। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य शिविर आज लोगों कोर कैंसर से बचाव, लक्षण एवं इलाज के बारे में समझाया गया कि यदि कैंसर का समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। हम खुद अपने आपको कैंसर से बचाव की पहली पंक्ति हैं क्योंकि हम अपने शरीर में ही खतरे के संकेत को पहचान सकते हैं।

नियमित रूप से संपूर्ण शारीरिक जांच कैंसर के खिलाफ हमारा सबसे अच्छा बचाव है, साथ ही सात खतरे के संकेतों या चेतावनी में से एक दिखाई देने पर तुरंत कैंसर डॉक्टर को दिखाएं। कैंसर का बाद में पता चला तो यह बहुत खरतनाक साबित हो सकता है। भरपूर पानी से मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि पानी कैंसर का कारण बनने वाले एजेंटों की एकाग्रता को कम कर सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है। स्वस्थ आहार खाने में कोई संदेह नहीं है।

विभिन्न फलों, सब्जियों, अनाज और दालों से भरे एक स्वस्थ आहार एक स्वस्थ जीवन शैली की कुंजी है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को कम रखती है। हरी सब्जियां खाने का सुझाव इसलिए है क्योंकि ये मैग्नीशियम में समृद्ध होती हैं जो कैंसर का खतरा कम करती हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात है पानी का अधिशेष सेवन। कई रिपोर्टों से पता चला है कि कम से कम 90% लोग कभी बीमार नहीं पड़ते अगर उन्होंने अपने पानी के सेवन पर ध्यान दिया होता। पानी के कम सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और कब्ज और एसिडिटी बढ़ जाती है। इनके अलावा, कम पानी का सेवन भी होता है मस्तिष्क पर हमारा नियंत्रण कम हो जाता है, जिसका अर्थ है संज्ञानात्मक विचारों, भावनाओं का नुकसान, और दिन-प्रतिदिन के तनाव को संभालने के लिए शक्तिहीन हो जाना।

बताया गया है कि उल्लिखित सभी समानताएं पानी के कम सेवन से जुड़ी हैं और बाद में कैंसर की शुरुआत से जुड़ी हैं। इसलिए उचित मात्रा में पानी का सेवन न केवल हमें कैंसर से जुड़ी सामान्यताओं से बचाता है बल्कि हमें कैंसर से भी बचाता है।

इन स्वस्थ आदतों का पालन करने के अलावा तंबाकू की खपत को कम करने और शराब का सेवन कम करना महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग 70% कैंसर के ज्ञात कारण जीवनशैली से संबंधित होते हैं और इसका थोड़ा प्रयास करके बचा जा सकता है। एक स्वस्थ आहार का पालन करना और नियमित रूप से व्यायाम करना फिट रहने और इस ख़तरनाक स्थिति को रोकने के लिए आदत बनाना आवश्यक है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में अजय श्रीवास्तव, उमेश जायसवाल, प्रदीप कसोधन, सत्यवती तिवारी, राजकमल कुमार, श्रीभगवान यादव, पूनम कसोधन, सुशीला वर्मा, प्रमोद जायसवाल,अंकित पांडेय , नारद मुनि आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा ।

गोरखनाथ थाने पर एसएसपी ने किया बाल मित्र केंद्र का शुभारंभ

गोरखपुर। समाधान अभियान की पहल पर मंगलवार को गोरखनाथ थाने में बाल मित्र केंद्र का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर, विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष एवं एडीजे राम कृपाल सिंह और मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना ने फीता काटकर इस केंद्र का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर एसएसपी डॉ. ग्रोवर ने कहा कि बाल अपराधों को लेकर पुलिस संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। जरूरत समाज को जागरूक करने की है। इसके लिए संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की समाधान अभियान बाल यौन शोषण के खिलाफ समर्पित भाव से काम कर रही है।

एडीजे राम कृपाल सिंह और मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना ने भी थानों में बाल मित्र केंद्र स्थापित करने की पहल को सराहनीय बताया।

समाधान अभियान की निदेशक शीलम वाजपेयी ने बताया बाल यौन शोषण की रोकथाम के लिए संस्था इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के सहयोग से निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बाल मित्र केंद्र में बाल यौन शोषण से प्रभावित बच्चों एवम उनके परिवार को आवश्यक जानकारी एवम मदद, शांत वातावरण में उपलब्ध कराई जाएगी। कार्यक्रम में उपस्थित इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के सीएसआर हेड रामाकृष्णन सुब्रमण्यम ने कहा कि बाल मित्र केंद्र की स्थापना के अच्छे परिणाम आ रहे हैं।

कार्यक्रम में आगतों का स्वागत अर्चना अग्निहोत्री व आभार ज्ञापन सौम्या द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष दुबे, एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई, जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह, क्षेत्राधिकारी अंशिका वर्मा, योगेंद्र सिंह, बाल कल्याण अधिकारी वंदना सिंह की सहभागिता रही। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने बाल मित्र केंद्र के निर्माण में सहयोग देने वालों का सम्मान किया एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया।

सिर्फ मोबाइल नंबर और पहचान पत्र से हो जाएगा नियमित टीकाकरण

गोरखपुर। टीकाकरण सत्र पर गर्भवती और बच्चे का नियमित टीकाकरण भारत सरकार के यूविन एप के जरिये सिर्फ मोबाइल नंबर और पहचान पत्र (आईडी) की मदद से हो जाएगा । गोरखपुर में इसकी शुरूआत भी हो चुकी है । जिला महिला अस्पताल में गर्भवती को यूविन एप जरिये टीका लगा कर प्रमाण पत्र जारी करने के बाद गोरखपुर प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां सत्र को एप के जरिये शुरू किया गया । इस एप की एक विशेषता यह भी है कि एक बार पंजीकरण के बाद टीका लग गया तो अगले टीके के लिए लाभार्थी के मोबाइल पर कई बार संदेश जाएगा ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय, यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि पवन सिंह और सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह की टीम इस एप पर जिले के सभी टीकाकरण सत्र को शुरू करने के लिए जुटी हुई है । छह मार्च को प्रत्येक ब्लॉक के पांच पांच सत्रों को एप के जरिये संचालित किया जाएगा । शहर में भी नौ स्थानों पर एप के जरिये सत्र चलेंगे । जिले में इस समय 594 सत्र स्थलों पर बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण होता है। इनके अलावा सभी 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर सोमवार को छोड़ कर बाकी कार्यदिवसों में नियमित टीकाकरण किया जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में पहले से ही यूविन एप के जरिये टीकाकरण सत्र का संचालन किया जा रहा था । केंद्र सरकार के निर्देश पर वहां चले पॉयलट प्रोग्राम के तहत 2000 से अधिक लाभार्थियों का सफल टीकाकरण किया जा चुका है।

डॉ दूबे ने बताया कि नयी व्यवस्था के तहत लाभार्थी को सिर्फ एक मोबाइल और कोई एक पहचान पत्र देकर पंजीकरण करवाना है । कोविड टीकाकरण के समय जितने पहचान पत्र मान्य थे, वह सभी यूविन एप पर भी मान्य होंगे । जिले के सभी ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक और डेटा एंट्री ऑपरेटर्स को इस संबंध में एम्स गोरखपुर में प्रशिक्षित किया जा चुका है और एएनएन को सत्र स्थलों पर ही प्रशिक्षण देकर सत्र का संचालन किया जा रहा है । इस वर्ष जिले में एक लाख से अधिक बच्चे सम्पूर्ण प्रतिरक्षित हो चुके हैं । जिन बच्चों को टीके की कुछ डोज लगी हैं उन्हें बाकी डोज भी एप की मदद से ही लगाए जाएंगे । नयी व्यवस्था से लाभार्थी परिवार बच्चे के टीकाकरण संबंधी प्रमाण पत्र को खुद डाउनलोड कर प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकेगा ।

देश के किसी भी कोने में लग जाएगा टीका

एप पर पंजीकरण करवाने वाले लाभार्थी अगर किसी अन्य प्रदेश में चले जाते हैं तो वहां भी आईडी और मोबाइल नंबर के जरिये उनके टीकाकरण का विवरण पता चल जाएगा और शेष टीके वह दूसरे प्रदेशों में भी लगवा सकते हैं । सीएमओ ने बताया कि गर्भवती को दो बार टीडी का टीका लगाया जाता है, जबकि बच्चों के लिए जन्म से पांच वर्ष के भीतर सात बार टीकाकरण आवश्यक है । इससे तेरह प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव होता है ।

गर्भवती को दिया गया प्रमाण पत्र

जिला महिला अस्पताल में 21 वर्षीय गर्भवती अन्नू राज को टीडी का पहला टीका लगाया गया । एएनएम अनुष्का द्वारा टीका लगाने के बाद यूविन एप से उन्हें प्रमाण पत्र भी जारी किया गया । अन्नू राज ने बताया कि चार हफ्ते बाद दूसरा टीका लगवाने के लिए कहा गया है । उन्हें बताया गया है कि दूसरे टीके के लिए भी उनके पास संदेश जाएगा । उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।

कोविन पर पंजीकरण है तो होगी आसानी

जिन लोगों ने कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कर कोविड टीकाकरण करवाया था उन्हें सिर्फ मोबाइल नंबर या आईडी दिखाना पड़ेगा और उनका पूरा विवरण यूविन एप पर आ जाएगा । इस विवरण में गर्भावस्था या फिर बच्चे के जन्म आदि को अपडेट कराना होगा और फिर नियमित टीकाकरण की सुविधा इस एप के जरिये प्राप्त कर सकेंगे । टीके के लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा भी इसके जरिये प्राप्त हो सकेगी ।

संदेशखाली की घटना के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ममता बनर्जी और टीएमसी सरकार का फुंका पुतला

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले दर्जनों की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पश्चिम बंगाल के संदेश खाली में राज्य सरकार के संरक्षित अपराधियों द्वारा महिलाओं के साथ किया जा रहे जघन्य अपराधों के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया।

हाथों में पश्चिम बंगाल सरकार व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ लिखी हुई तख्तियों को लेकर केन्द्र सरकार के केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों से जांच करा दोषियों पर कठोर कारवाई की मांग किया।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेश खाली क्षेत्र की महिलाओं के साथ यौन शोषण उनकी सामूहिक अस्मिता का हनन एवं उनके परिवार पर सुनियोजित अत्याचार राज्य सरकार द्वारा संरक्षित अपराधियों द्वारा किया जा रहा है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मानवता को शर्मसार करने वाली संदेश खाली घटना से आहत है। बता दे कि विगत फरवरी माह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के बाद इस विभत्स शोषण की सच्चाई वृद्ध जनमानस के समक्ष आ पाई।

पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल टीएमसी के नेताओं द्वारा हिंदू घरों से जबरन नाबालिक कन्याओं व महिलाओं को चिन्हित कर उनका भयपूर्वक अपरह्न कर राज्य के सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालय में लाकर अत्याचार, दुराचार करने के कई मामले सामने आए हैं। पीड़िताओं में अधिकांश महिलाएं अत्यंत पिछड़े एवं अनुसूचित वर्ग की है और उनके ऊपर हो रहे अत्याचार की अति से तंग आकर कई परिवार संदेशखाली से पलायन करने को भी मजबूर हुए है।

एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में महिला मुख्यमंत्री के संरक्षण में वर्षों से शारीरिक एवं मानसिक शोषण से तंग आकर संदेशखाली की हजारों महिलाएं आज राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन रत है। महिलाओं की रक्षा व उनकी अस्मिता को बचाने में ममता बनर्जी सरकार लगातार विफल रही है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री मयंक राय ने बताया कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का विषय महिलाओं बालिकाओं छात्राओं के साथ दुराचार का कार्य संदेश खाली में चल रहा है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इसको दुर्भाग्यपूर्ण मानता है पश्चिम बंगाल में एक महिला मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनके संरक्षण में जिस प्रकार से महिलाओं के ऊपर हिंसा हो रही है उनके ऊपर अत्याचार हो रहा है।

टीएमसी के कार्यकर्ता और नेता उनका उठाकर के अपने कार्यालय में ले जाकर महीने भर बंद करके बलात्कार करते हैं इस तरह की घटनाएं देश को शर्मसार करने वाली है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज पूरे देश में इस घटना के विरोध में आंदोलन छेड़ा है।

इसी क्रम में गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से महामहीम राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन प्रेषित करते हुए यह मांग किया है कि पश्चिम बंगाल में जो घटना चल रही है सत्ता के संरक्षण में जो अत्याचार और बलात्कार चल रहा है उसे पर तत्काल प्रभाव से अभिलंब रोक लगाई जाए और जो भी दोषी हैं उनको कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के बाद संदेशखाली की पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य किया जाए।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ममता बनर्जी और टीएमसी सरकार का प्रतीकात्मक पुतला फुकने का कार्य किया है ममता बनर्जी द्वारा जो भी शासन प्रशासन वर्तमान समय में चलाया जा रहा है वह महिलाओं की सुरक्षा के लिए कतई नहीं है बल्कि अपराधियों और गुंडो को संरक्षण देने का कार्य किया जा रहा है।

यह बांग्लादेशी घुसपैठियों को अंदर लेकर के देश का माहौल खराब करने का कार्य ममता बनर्जी सरकार कर रही है। इसलिए यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी विषय है इसलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यह मांग किया है कि इसकी जांच केंद्रीय एजेंटीयों के माध्यम से कराया जाए।

रासेयो के स्वयं सेवकों ने चलाया स्वच्छता अभियान

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के वीर बहादुर सिंह स्मारक महाविद्यालय हरिहरपुर सैरों में राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयं सेवक/सेविकाओं ने परिसर की सफाई करते हुए क्यारियां बना कर उनमें सुंदर फूल पौधे लगाए। साथ ही जागरूकता रैली निकाल कर ग्रामीणों को गांव को स्वच्छ रखने का संदेश दिया।

बौद्धिक कार्यक्रम में कन्दर्प पांडेय ने स्वयंसेवक विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि "सेवा भावना को वास्तविक जीवन में उतारना ही असली गुरु दक्षिणा है।" सांस्कृतिक कार्यक्रम में सन्ध्या, शशिकला,प्रीती,अंजली ने अपने गीतों से सभी को मुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में संजय सिंह,गीता दुबे, सत्येंद्र,वीरेंद्र सिंह,राजेश सिंह और स्वयंसेवक विद्यार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय कुमार चौरसिया ने किया।

शिक्षकों ने बीईओ को पत्रक सौंप कर विरोध जताया

खजनी गोरखपुर।उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षकों की भावनाओं और समस्याओं से लगातार शासन और बेसिक शिक्षा विभाग को ज्ञापन, धरना और प्रदर्शन आदि के माध्यम से अवगत कराता रहता है। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर आज खजनी के परिषदीय स्कूल के शिक्षकों ने बीईओ को पत्रक सौंप कर विरोध जताया।

शिक्षकों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा शिक्षक समस्याओं के समाधान में गंभीरता नहीं दिखाई जाती।

वर्तमान में टैबलेट से अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव और कार्यवाही की धमकी के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तर के बीआरसी कार्यालय पर बीईओ को पत्रक सौंप कर महानिदेशक बेसिक शिक्षा विभाग के प्रति रोष जताया।

शिक्षकों ने कहा कि विभाग द्वारा दिये गए टैबलेट को सक्रिय करने हेतु सरकारी सिम कार्ड उपलब्ध कराया जाए। तथा शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भाँति एक कैलेंडर वर्ष में 31 दिन का उपार्जित अवकाश, और शनिवार का अवकाश तथा अर्ध आकस्मिक अवकाश को मान्य किया जाए।

इस दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय, मंत्री संतोष तिवारी,संजय कुमार मिश्र, नीरज राय, सुरेन्द्र सिंह मोहम्मद इरशाद, अभिषेक मिश्र अजीत यादव, राममूरत मौर्य, आभा पाण्डेय, सुषमा शुक्ला, अंजना कश्यप, गरिमा, राकेश, अंजनी आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

अनुवंशिक विज्ञान की जानकारी से स्वास्थ होगा जीवन-अभिनव

खजनी गोरखपुर।अनुवंशिक विज्ञान की बेहतर समझ और जानकारी होने पर हमें वंशानुगत (पीढ़ी दर पीढ़ी) होने वाली कई असाध्य रोगों से बचाव में मदद मिल सकती है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस दिशा में विशेष जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

खजनी क्षेत्र के खुटहना गांव के सरकारी स्कूल परिसर में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सौजन्य से अनुवंशिक विज्ञान स्वस्थ जीवन की सरल कुंजी तथा उर्जा साक्षरता विषय पर जागरूकता गोष्ठी को संबोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता अभिनव त्रिपाठी ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने विस्तार सहित जानकारी देते हुए कहा कि समय रहते यदि अनुवंशिक रोगों की पहचान कर ली जाए तो माता- पिता,दादा-दादी,नाना-नानी के द्वारा बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।

सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर देव बख्श सिंह ने कैंसर, हीमोफीलिया,डाउन सिंड्रोम, मधुमेह आदि अनुवंशिक रोगों की जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने सौर्य उर्जा के रूप में स्वच्छ ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए उपस्थित जनसमूह को बताया कि अपना देश स्वच्छ प्रदूषणरहित उर्जा के रूप में सौर्य उर्जा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है।

आगामी वर्ष 2030 तक भारत दुनियां का सबसे बड़ा सौर्य उर्जा उत्पादक देश बन जाएगा। इस दौरान उन्होंने सौर्य उर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी एवं ग्रामप्रधान रूद्र प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया तथा संचालन संजय मिश्रा ने किया। इस दौरान ग्रामप्रधान संगम त्रिपाठी,दिनेश, राम सागर,साधू,मेवाती,बासमती, शारदा,जियना,अनिता,समिना,मैना देवी,उषा,गीता देवी सहित गांव के दर्जनों लोग मौजूद रहे।

माह-ए-रमज़ान 12 या 13 मार्च से होगा शुरू, कैलेंडर जारी ,11 मार्च को देखा जाएगा रमज़ान का चांद


गोरखपुर। चांद के दीदार के साथ 12 या 13 मार्च से माह-ए-रमजाऩ शुरू होगा। मदरसा रज़ा-ए-मुस्तफा, मकतब इस्लामियात, मदरसा जामिया कादरिया तजवीदुल क़ुरआन लिल बनात अलहदादपुर आदि ने रमज़ान कैलेंडर जारी कर दिया है। रमजाऩ कैलेंडर व रमज़ान कार्ड बांटा जाने लगा है। सोशल मीडिया पर भी शेयर किया जा रहा है।

रमज़ान में सहरी व इफ्तार का समय बहुत अहम होता है। समय से सहरी करने व रोज़ा इफ्तार करने के लिए मदरसा, मकतब व आमजन द्वारा रमज़ान कार्ड व कैलेंडर छपवा कर बांटा जाता है। मुस्लिम घरों व मस्जिदों में रमज़ान की तैयारियां शुरु हो गई हैं। रमजाऩ की रातों में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज़ पढ़ाने वाले हाफ़िज़-ए-क़ुरआन मुकद्दस क़ुरआन दोहरा रहे हैं। रमज़ान में रोज़ेदार दिन में रोज़ा रखेंगे और रात में तरावीह की नमाज़ पढ़ेंगे।

इस बार माह-ए-रमज़ान का पहला रोज़ा करीब 13 घंटा 18 मिनट का होगा। जो माह-ए-रमज़ान का सबसे छोटा रोज़ा होगा। वहीं माह-ए-रमज़ान का अंतिम रोज़ा सबसे बड़ा होगा। जो करीब 14 घंटा 07 मिनट का होगा।

हाफिज रहमत अली निज़ामी ने बताया कि सोमवार 11 मार्च को माह-ए-शाबान की 29 तारीख़ है, इसी दिन माह-ए-रमज़ान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद नज़र आ गया तो मंगलवार 12 मार्च से रमज़ान शुरु हो जाएगा। अगर चांद नज़र नहीं आया तो बुधवार 13 मार्च से रमज़ान शुरु होगा।

हाफ़िज़ अशरफ रज़ा व हाफ़िज़ सैफ अली बताया कि मुक़द्दस रमज़ान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मग़फिरत, तीसरा जहन्नम से आज़ादी का है। रमज़ान रहमत, ख़ैर व बरकत का महीना है। इसमें रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतान जंजीर में जकड़ दिए जाते हैं। नफ़्ल का सवाब फ़र्ज़ के बराबर और फ़र्ज़ का सवाब सत्तर फ़र्ज़ों के बराबर दिया जाता है।

गोरखपुर के लिए सहरी व इफ्तार का समय

रमज़ान : मार्च /अप्रैल 2024 : दिन : सहरी का अंतिम समय : इफ्तार का समय : इतने घंटे का रोज़ा

1. 12 मार्च : मंगलवार : सहरी सुबह 4:49 बजे : इफ्तार शाम 6:07 बजे : 13 घंटा 18 मिनट

2. 13 मार्च : बुधवार : सहरी सुबह 4:47 बजे : इफ्तार शाम 6:08 बजे : 13 घंटा 21 मिनट

3. 14 मार्च : गुरुवार : सहरी सुबह 4:46 बजे : इफ्तार शाम 6:08 बजे : 13 घंटा 22 मिनट

4. 15 मार्च : शुक्रवार : सहरी सुबह 4:45 बजे : इफ्तार शाम 6:09 बजे : 13 घंटा 24 मिनट

5. 16 मार्च : शनिवार : सहरी सुबह 4:44 बजे : इफ्तार शाम 6:10 बजे : 13 घंटा 26 मिनट

6. 17 मार्च : रविवार : सहरी सुबह 4:43 बजे : इफ्तार शाम 6:10 बजे : 13 घंटा 27 मिनट

7. 18 मार्च : सोमवार : सहरी सुबह 4:42 बजे : इफ्तार शाम 6:10 बजे : 13 घंटा 28 मिनट

8. 19 मार्च : मंगलवार : सहरी सुबह 4:41 बजे : इफ्तार शाम 6:11 बजे : 13 घंटा 30 मिनट

9. 20 मार्च : बुधवार : सहरी सुबह 4:40 बजे : इफ्तार शाम 6:11 बजे : 13 घंटा 31 मिनट

10. 21 मार्च : गुरुवार : सहरी सुबह 4:39 बजे : इफ्तार शाम 6:12 बजे : 13 घंटा 33 मिनट

11. 22 मार्च : शुक्रवार : सहरी सुबह 4:37 बजे : इफ्तार शाम 6:12 बजे : 13 घंटा 35 मिनट

12. 23 मार्च : शनिवार : सहरी सुबह 4:36 बजे : इफ्तार शाम 6:13 बजे : 13 घंटा 37 मिनट

13. 24 मार्च : रविवार : सहरी सुबह 4:35 बजे : इफ्तार शाम 6:13 बजे : 13 घंटा 38 मिनट

14. 25 मार्च : सोमवार : सहरी सुबह 4:34 बजे : इफ्तार शाम 6:14 बजे : 13 घंटा 40 मिनट

15. 26 मार्च : मंगलवार : सहरी सुबह 4:33 बजे : इफ्तार शाम 6:14 बजे : 13 घंटा 41 मिनट

16. 27 मार्च : बुधवार : सहरी सुबह 4:32 बजे : इफ्तार शाम 6:15 बजे : 13 घंटा 43 मिनट

17. 28 मार्च : गुरुवार : सहरी सुबह 4:30 बजे : इफ्तार शाम 6:15 बजे : 13 घंटा 45 मिनट

18. 29 मार्च : शुक्रवार : सहरी सुबह 4:29 बजे : इफ्तार शाम 6:16 बजे : 13 घंटा 47 मिनट

19. 30 मार्च : शनिवार : सहरी सुबह 4:28 बजे : इफ्तार शाम 6:16 बजे : 13 घंटा 48 मिनट

20. 31 मार्च : रविवार : सहरी सुबह 4:27 बजे : इफ्तार शाम 6:17 बजे : 13 घंटा 50 मिनट

21. 1 अप्रैल : सोमवार : सहरी सुबह 4:26 बजे : इफ्तार शाम 6:17 बजे : 13 घंटा 51 मिनट

22. 2 अप्रैल : मंगलवार : सहरी सुबह 4:24 बजे : इफ्तार शाम 6:18 बजे : 13 घंटा 54 मिनट

23. 3 अप्रैल : बुधवार : सहरी सुबह 4:23 बजे : इफ्तार शाम 6:18 बजे : 13 घंटा 55 मिनट

24. 4 अप्रैल : गुरुवार : सहरी सुबह 4:22 बजे : इफ्तार शाम 6:19 बजे : 13 घंटा 57 मिनट

25. 5 अप्रैल : शुक्रवार : सहरी सुबह 4:21 बजे : इफ्तार शाम 6:19 बजे : 13 घंटा 58 मिनट

26. 6 अप्रैल : शनिवार : सहरी सुबह 4:20 बजे : इफ्तार शाम 6:20 बजे : 14 घंटा 00 मिनट

27. 7 अप्रैल : रविवार : सहरी सुबह 4:18 बजे : इफ्तार शाम 6:20 बजे : 14 घंटा 02 मिनट

28. 8 अप्रैल : सोमवार : सहरी सुबह 4:17 बजे : इफ्तार शाम 6:21 बजे : 14 घंटा 04 मिनट

29. 9 अप्रैल : मंगलवार : सहरी सुबह 4:16 बजे : इफ्तार शाम 6:21 बजे : 14 घंटा 05 मिनट

30. 10 अप्रैल : बुधवार : सहरी सुबह 4:15 बजे : इफ्तार शाम 6:22 बजे : 14 घंटा 07 मिनट