नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन
गोरखपुर। स्वदेशी RHC महिला जागरूकता अभियान के सहयोग से जूनियर हाई स्कूल, सिकरीगंज के प्रांगण में मंगलवार को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जहां कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी एवं डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने शिविर में दिखाने एवं परामर्श लेने आए 114 लोगों को देखा।
अधिकतर लोगों को फेफड़ा, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ, ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय, पित्त आदि में परेशानी थी। सभी को समस्या का उचित निदान किया गया तथा निशुल्क दवाई दी गई। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य शिविर आज लोगों कोर कैंसर से बचाव, लक्षण एवं इलाज के बारे में समझाया गया कि यदि कैंसर का समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। हम खुद अपने आपको कैंसर से बचाव की पहली पंक्ति हैं क्योंकि हम अपने शरीर में ही खतरे के संकेत को पहचान सकते हैं।
नियमित रूप से संपूर्ण शारीरिक जांच कैंसर के खिलाफ हमारा सबसे अच्छा बचाव है, साथ ही सात खतरे के संकेतों या चेतावनी में से एक दिखाई देने पर तुरंत कैंसर डॉक्टर को दिखाएं। कैंसर का बाद में पता चला तो यह बहुत खरतनाक साबित हो सकता है। भरपूर पानी से मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि पानी कैंसर का कारण बनने वाले एजेंटों की एकाग्रता को कम कर सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है। स्वस्थ आहार खाने में कोई संदेह नहीं है।
विभिन्न फलों, सब्जियों, अनाज और दालों से भरे एक स्वस्थ आहार एक स्वस्थ जीवन शैली की कुंजी है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को कम रखती है। हरी सब्जियां खाने का सुझाव इसलिए है क्योंकि ये मैग्नीशियम में समृद्ध होती हैं जो कैंसर का खतरा कम करती हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात है पानी का अधिशेष सेवन। कई रिपोर्टों से पता चला है कि कम से कम 90% लोग कभी बीमार नहीं पड़ते अगर उन्होंने अपने पानी के सेवन पर ध्यान दिया होता। पानी के कम सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और कब्ज और एसिडिटी बढ़ जाती है। इनके अलावा, कम पानी का सेवन भी होता है मस्तिष्क पर हमारा नियंत्रण कम हो जाता है, जिसका अर्थ है संज्ञानात्मक विचारों, भावनाओं का नुकसान, और दिन-प्रतिदिन के तनाव को संभालने के लिए शक्तिहीन हो जाना।
बताया गया है कि उल्लिखित सभी समानताएं पानी के कम सेवन से जुड़ी हैं और बाद में कैंसर की शुरुआत से जुड़ी हैं। इसलिए उचित मात्रा में पानी का सेवन न केवल हमें कैंसर से जुड़ी सामान्यताओं से बचाता है बल्कि हमें कैंसर से भी बचाता है।
इन स्वस्थ आदतों का पालन करने के अलावा तंबाकू की खपत को कम करने और शराब का सेवन कम करना महत्वपूर्ण है। शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग 70% कैंसर के ज्ञात कारण जीवनशैली से संबंधित होते हैं और इसका थोड़ा प्रयास करके बचा जा सकता है। एक स्वस्थ आहार का पालन करना और नियमित रूप से व्यायाम करना फिट रहने और इस ख़तरनाक स्थिति को रोकने के लिए आदत बनाना आवश्यक है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में अजय श्रीवास्तव, उमेश जायसवाल, प्रदीप कसोधन, सत्यवती तिवारी, राजकमल कुमार, श्रीभगवान यादव, पूनम कसोधन, सुशीला वर्मा, प्रमोद जायसवाल,अंकित पांडेय , नारद मुनि आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा ।
Mar 05 2024, 19:12