कचरे से निपटने के लिए गोरखपुर नगर निगम लगाएगा ट्रामल बायो कल्चर प्लांट
गोरखपुर।शहर से रोज निकलने वाले 500 टन कचरे का अब रोजाना होगा निस्तारण,निगम ने ईओआई जारी किया है। गोरखपुर शहर से निकलने वाले कचरे के ढेर को निस्तारित करने के लिए अब नगर निगम ट्रामल बायो कल्चर प्लांट लगाएगा। इसके लिए निगम ने एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट ईओआई जारी कर दिया है। निर्माण के लिए इच्छुक फर्में 1 मार्च तक आवेदन कर सकती हैं। वहीं,ऑनलाइन प्री विड मीटिंग 26 फरवरी को होगी। इस प्लांट से रोजाना 500 टन कूड़े का निस्तारण किया जा सकेगा।
मिली जानकारी के अनुसार एकला बंधे पर राप्ती रिवर फ्रंट का निर्माण होना है। वहां मौजूद कूड़े का ढेर मार्च तक हट जाएगा। इसके बाद वहां कूड़ा डंप नहीं होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में सेवन स्टार रेटिंग के लिए प्रयासरत नगर निगम तात्काल प्रभाव से कचरा निस्तारण के लिए वैकल्पिक इंतजाम में जुट गया है। शहर से निकलने वाले ताजा कचरे के प्रबंधन के लिए ‘फ्रेश वेस्ट ट्रामल बायो क्लचर प्लांट’ लगाया जाएगा। इसके लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया गया है।
प्लांट के लिए इच्छुक फर्में एक मार्च तक आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन प्री विड मीटिंग 26 फरवरी को होगी। निगम की ओर से जारी ईओआई के मुताबिक 500 टन प्रतिदिन निस्तारण की क्षमता का फ्रेश वेस्ट ट्रामल बायो कल्चर प्लांट लगाया जाएगा।इच्छुक फर्म को इस प्लांट को महानगर के 10 किलोमीटर के दायरे में लगाना होगा। इसके लिए फर्म को चार से पांच एकड़ जमीन लीज पर लेनी होगी। यहां पर शहर से प्रतिदिन निकलने वाला गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करके लाया जाएगा। जहां ट्रामल मशीन से कचरे को प्राॅसेस कर उनमें से इस्तेमाल योग्य कचरा अलग होगा। गीले कचरे को बायो कल्चर विधि से प्राॅसेस कर बायो कंपोस्ट में बदला जाएगा।
नगर निगम सुथनी में साॅलिड वेस्ट प्लांट एवं गीला कचरा से चारकोल प्लांट की स्थापना कर रहा है। लेकिन इनके पूरा होने में दो से ढाई साल का वक्त लगेगा। मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि एकला बांध पर जमा लिगेसी वेस्ट, मार्च के पहले सप्ताह तक निस्तारित कर लिए जाने की उम्मीद है।सुथनी में प्लांट शुरू होने तक रोजाना एकत्रित होने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है। साथ ही निजी क्षेत्र में संभावनाएं तलाश की जा रही है जिसके लिए ईओआई जारी किया गया है।
Feb 25 2024, 08:17