*9 व 10 फरवरी को महोबा में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमां का होगा आयोजन-जयवीर सिंह*
लखनऊ। वीरों की धरती बुन्देलखण्ड के अंतर्गत आने वाले सात जिलों के गौरवशाली अतीत एवं विशेषताओं की जानकारी जनमानस तथा युवाओं को देने के लिए शुरू की गयी बुन्देलखण्ड महोत्सव की यात्रा आज आल्हा ऊदल की धरती महोबा पहुंच चुकी है। जनपद महोबा में 09-10 फरवरी के दौरान विभिन्न रंगारंग गतिविधियॉ आयोजित की जायेगी। आगन्तुकों को महोबा के गौरवशाली इतिहास एवं आल्हा ऊदल की वीरगाथा के संस्मरणों से अवगत कराया जायेगा। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अलावा आल्हा ऊदल के शौर्य एवं पराक्रम की वीरगाथा यहां के जन-जन में रची बसी है। आल्हा ऊदल की जीवनी तथा उनके द्वारा लड़ी गयी विभिन्न लड़ाईयों का वर्णन लोक कलाकारों द्वारा उप्र तथा मध्य प्रदेश में आज भी प्रस्तुत किया जाता है। नई पीढ़ी इससे रोमांच का अनुभव करती है। आल्हा ऊदल की विरासत आज भी लोक आस्था एवं लोकजीवन में जीवित है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि महोबा में 9 व 10 फरवरी को हॉट एयर बलूनिंग, योग, हेरिटेज वॉक के अलावा विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं, वॉटर स्पोर्टस् तथा प्रभातफेरी के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आगन्तुकों को योग, ध्यान तथा ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन के विभिन्न विकल्प दिए जा रहे हैं। महोबा में महोत्सव के पहले दिन मोदी मैदान में सुबह हॉट एयर बलून, कीरत सागर तट में योग और रहेलिया सूर्य मंदिर से खाकरमठ तक हेरिटेज वॉक, दिन में कीरत सागर बोट क्लब में साहसिक खेलों और वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधिओं का आयोजन किया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि वहीं शाम को आगंतुकों के मनोरंजन के लिए डाक बंग्ला ग्राउंड में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ महोबा के स्थानीय कलाकार नवल किशोर के द्वारा बधाई लोकनृत्य व मनीषा यादव द्वारा राई लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। वहीं आल्हा सम्राट रामरथ पांडे अपने आल्हा गायन से लोगों में जोश भरेंगे और बॉलीवुड गायिका ऐश्वर्या पंडित अपने गीतों से समा बांधेंगी। इस महोत्सव में आगन्तुकों के लिए अपने अतीत से जुड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियों का भी आयोजन किया जायेगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाली झांसी की रानी के पराक्रम तथा आल्हा-ऊदल की वीरता के किस्सों से बुन्देलखण्ड ही नहीं बल्कि पूरा भारत और विश्व परिचित है। इस उत्सव द्वारा हम बुन्देलखण्ड के सातों जनपदों के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, लोक कला और खान-पान से लोगों को परिचित करा रहे है। बुंदेलखंड में पर्यटन की असीम संभवनाएं हैं और इस महोत्सव से पर्यटन के साथ रोजगार भी बढ़ेगा।







Feb 09 2024, 08:12
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