सड़क हादसे में बुजुर्ग की मौत:तेज रफ्तार बाइक ने मारी टक्कर, अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

बेगूसराय में सड़क हादसे में एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। घटना बछवाड़ा थाना क्षेत्र के फतेह चौक के पास की है। मृतक योगेंद्र राम(60) फतेह वार्ड नंबर 10 स्थित सलेमपुर गांव का रहने वाला था।

परिजनों ने बताया है कि योगेंद्र राम घर से चाय पीने के लिए फतेह चौक पर जा रहे थे। इस दौरान तेज रफ्तार बाइक सवार युवक ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर हालत में परिजनों ने नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए सदर अस्पताल बेगूसराय रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।

मामले की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। थाना अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपी बाइक चालक की तलाश की जा रही है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

एनटीपीसी नबीनगर में धूम धाम से मना 75वां गणतंत्र दिवस, भारत के विकास में एनटीपीसी का अहम् योगदान : मुख्य महाप्रबंधक, एनटीपीसी नबीनगर

एनटीपीसी नबीनगर (नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन) ने 75वां गणतंत्र दिवस आवासीय परिसर स्थित स्टेडियम में धूमधाम से मनाया।

 

समारोह के मुख्य अतिथि, मुख्य महाप्रबंधक श्री चन्दन कुमार सामंता 

ने राष्ट्र ध्वज फहराकर परेड की सलामी को स्वीकार किया। आयोजित परेड में CISF के साथ साथ बाल भारती पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बाल भवन के छात्र- छात्रों ने भी भाग लिया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री चन्दन कुमार सामंता ने परियोजना परिवार के समस्त सदस्यों को हार्दिक शुभकामनायें देते हुए कहा की भारत के विकास में एनटीपीसी का अहम् योगदान है।

परेड के बाद बाल भारती पब्लिक स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं बाल भवन के छात्र छात्राओं तथा स्वरा महिला संघ के सदस्यों द्वारा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें राष्ट्रीय एकता तथा देश भक्ति पर आधारित गीत एवं नृत्य के कई आकर्षक कार्यक्रम शामिल थे।

इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक ने प्लांट के कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मेरिटोरियस पुरस्कार के सम्मानित किया। 

साथ ही केन्द्रीय केंद्रीयऔद्योगिक सुरक्षा बल के जवानो एवं DGR Guards को भी उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। मुख्य महाप्रबंधक श्री चन्दन कुमार सामंता के अलावा DG CISF श्री राघवेन्द्र सिंह भी कार्यकर्म में उपस्थित रहे। समारोह के अन्त में अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री रॉय थॉमस ने सभी को कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद दिया।

बिहार में सियासी हलचल के बीच तेजस्वी ने नीतीश को दी चुनौती, बोले-'आसानी से नहीं होने देंगे तख्तापलट'

#tejashwi_yadav_challenge_to_nitish_kumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक बार फिर से एनडीए के पाले में जाने की सुगबुगाहट जारी है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है।दिल्ली से लेकर पटना तक की राजनीति जोरों पर हैं।इस बीच तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दे दी है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि नीतीश कुमार के लिए तख्तापलट इस बार आसान नहीं होने वाला है।

नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के बीच शुक्रवार को दिन भर तेजस्वी ने अपने कोर कमेटी के सदस्यों से इस पर चर्चा की है। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने अपने सदस्यों के बीच कहा कि इतनी आसानी से दोबारा नहीं ताजपोशी नहीं होने देंगे। वहीं, आरजेडी के मुखिया लालू यादव ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। अगर नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ते हैं तब वह अपने पत्ते खोलेंगे। आज आरजेडी विधायक दल की बैठक में फैसला लिया जाएगा। बिहार में सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है।

बिहार में राजनीतिक उथल पुथल के बीच राजद खेमा पूरे तौर पर सक्रिय हो चुका है और सूत्रों से बताया जा रहा है कि गठबंधन टूटने की सूरत में राजद की ओर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज दिन में एक बजे सरकार बनाने का दावा किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राजद, कांग्रेस, वाम दल के 114 विधायकों के साथ जीतन राम मांझी के चार विधायकों को भी अपने पाले में करने कवायद की जा रही है।

बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है। दूसरी ओर एआईएमआईएम के एक और एक निर्दलीय विधायक के दम पर बहुमत के आंकड़े 122 से दो सीटें कम, यानी 120 सीटों पर राजद पहुंच जाएगा। वहीं, जदयू के भी कुछ विधायकों के टूटने का दावा राजद की ओर से किया जा रहा है।

सड़क हादसे में घायल शिक्षक की मौत: इलाज के दौरान अस्पताल में तोड़ा दम, तेज रफ्तार बाइक ने मारी थी टक्कर

बेगूसराय में सड़क हादसे में घायल हुए शिक्षक की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया है। मृतक की पहचान खगड़िया के मानसी थाना क्षेत्र के बलहा गांव निवासी उपेंद्र महतो (67 वर्ष) के रूप में की गई है।

घटना के संबंध में परिजन सुशील कुमार ने बताया कि उपेंद्र महतो पेशे से प्राइवेट शिक्षक थे। गुरुवार को गांव से ही कोचिंग पढ़ाकर अपने घर वापस लौट रहे थे। इस दौरान तेज रफ्तार बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां से बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने बेगूसराय रेफर कर दिया था।

वहीं, बाइक सवार युवक की पहचान सैदपुर निवासी दयानंद यादव के पुत्र वीरेंद्र कुमार के तौर पर की गई है। जो घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

10वीं पास बेरोजगारों के लिए सुनहरा मौका: 100 लोगों को मिलेगा रोजगार, 24 हजार तक मिलेगी सैलरी

बेरोजगारी दूर करने के लिए बिहार सरकार द्वारा बेगूसराय जिला मुख्यालय में लगातार रोजगार मेला का आयोजन कर विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों में नौकरी दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए श्रम संसाधन विभाग द्वारा लगातार नियोजन मेला आयोजित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में एक बार फिर बेगूसराय के युवाओं के लिए 2 फरवरी को नौकरी रोजगार मेला का आयोजन जिला नियोजन कार्यालय में किया जाएगा। इस जॉब कैंप के माध्यम से चयनित बेरोजगारों को बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में एल एंड टी जैसे चर्चित कंपनी काम करने का मौका मिलेगा।

बेगूसराय नियोजन अधिकारी राणा अमितेश ने बताया श्रम संसाधन विभाग के निर्देश पर बेगूसराय श्रम कार्यालय में निजी क्षेत्र की कंपनी क्विज कॉर्प लिमिटेड के द्वारा बार बेंदर स्टील फिक्सिंग के 50 सीट और फॉर्म वर्क कार्पेंट्री के 50 सीटों पर बेरोजगार युवाओं को 2 फरवरी को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

चयनित लोगों को बिहार में 3 महीने की ट्रेनिंग दो क्षेत्रों का दिया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद पैन इंडिया जॉब लोकेशन देगा। जिसमें एलएनटी जैसे कंपनी में काम करने का मौका मिलेगा। स्किल के अनुसार 24 हजार तक सैलरी मिलेगा। इसके साथ ही अटेंडेंस, अवार्ड, ओवरटाइम, बस सर्विस की सुविधा दी जाएगी। न्यूनतम 10वीं पास 18 से 35 साल के युवा इसमें शामिल हो सकते हैं।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

बरौनी रिफाइनरी में खुल रहा है बिहार का पहला पेट्रोकेमिकल:रिफाइनरी प्रमुख बोले- नए युग की होगी शुरुआत,उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा

इंडियन ऑयल के बरौनी रिफाइनरी में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सीआईएसफ सहित आठ प्लाटून परेड में शामिल हुए। राम मंदिर और इंडियन ऑयल के हरित संकल्प की झांकी भी निकली गई। सीआईएसएफ के बम स्क्वायड ने आतंक की गतिविधि से संबंधित भारत सुरक्षा प्रणाली का प्रदर्शन किया।

समारोह को संबोधित करते हुए कार्यपालक निदेशक और रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए अपने राष्ट्र और अपनी संप्रभुता का जश्न मनाने तथा सम्मान करने का दिन है। आज का दिन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के महान प्रयासों और बलिदानों को याद करने का दिन है। जिन्होंने खून-पसीने से हमें आजादी दिलाई।

उन्होंने कहा कि बरौनी रिफाइनरी की बीआर-9 विस्तार परियोजना ने पॉलिप्रोपिलीन यूनिट (पेट्रोकेमिकल) में पर साइलो के सफल इंस्टॉलेशन के माध्यम से 16 जनवरी को एक मील का पत्थर हासिल किया है। पॉलिप्रोपिलीन यूनिट बरौनी रिफाइनरी ही नहीं, बिहार की पहली पेट्रोकेमिकल यूनिट है। इसके तहत पॉलिप्रोपिलीन के उत्पादन के लिए 220 केटीपीए क्षमता की इकाई स्थापित की जा रही है।

पीपी की उपलब्धता से बिहार राज्य में एक नए युग की शुरुआत होगी। पॉलिमर से संबंधित डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र में उद्यमियों और विक्रेताओं के लिए एक नए अवसर खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी हमेशा से राष्ट्र प्रथम, संरक्षण, नव परिवर्तन, लगाव और विश्वास के अपने नीतिपरक मूल्य के अनुरूप काम करते हुए 59 वर्षों से राष्ट्र को ईंधन और ऊर्जा प्रदान करके निर्बाध सेवा दे रहा है।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च: केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध, 16 फरवरी को भारत बंद की चेतावनी

बेगूसराय में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाला। जो पॉलिटेक्निक कॉलेज शुरू होकर हर-हर महादेव चौक, पावर हाउस, स्टेशन चौक, थाना, नगर पालिका और नवाब चौक होते हुए समाहरणालय के पास पहुंचा। किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद करने की चेतावनी भी दी।

इस मौके पर बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि किसानों से मोदी सरकार ने जो वादा किया था, आज तक उसे पूरा नहीं किया गया। कॉर्पोरेट लूट से खेत, खेती और किसान को बचाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के 600 किसान संगठन 5 साल से लड़ाई लड़ रही है। जिसमें हजारों किसानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। कई पर मुकदमे हुए। किसान जेल गए, लाठियां खाई।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के साथ किए गए वादे को आजतक पूरा नहीं किया। उल्टे मांगों को दबाने के लिए किसानों को हिंदू बनाने का खेल जारी है। ताकि किसान अपनी समस्या भूलकर सिर्फ मोदी नाम केवलम का पाठ करें।

वहीं, तेघड़ा विधायक राम रतन सिंह ने कहा कि आज देशभर में लाखों किसान ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर परेड करने उतरे हैं। किसानों की कर्ज मुक्ति, पांच हजार मासिक पेंशन, फसलों का बीमा, बाढ़-सूखा का स्थाई निदान, आवारा पशुओं की आवारागर्दी पर रोक एवं बर्बाद फसलों का मुआवजा, 600 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना का दाम सहित 23 सूत्री मांगों को लेकर आज किसान सड़कों पर निकले हैं।

हम किसान और मजदूर मिलकर जन एकजुटता के बल पर 16 फरवरी को फिर सड़कों पर उतरेंगे। शहरी एवं ग्रामीण भारत को बंदकर हम किसान मजदूर अपनी चट्टानी एकता के बल पर अपने गुस्से का इजहार करेंगे। सभा की अध्यक्षता टुनटुन दास ने की। सभा को किसान नेता दिनेश सिंह, अरविंद सिंह, मजदूर नेता प्रहलाद सिंह, ललन कुमार, अनिल अंजान, भोला सिंह, मो नूर आलम एवं गणेश चौधरी ने भी संबोधित किया।

बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट

राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में नहीं पहुंचे तेजस्वी यादव, नीतीश के बगल की खाली कुर्सी कह गई सियासी कहानी

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बिहार में भारी ठंड पड़ रही है, लेकिन सियासी गलियारे का पारा चढ़ा हुआ। अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साए की तरह नजर आने वाले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दूरियां बढ़ा ली है। दरअसल, आज गणतंत्रता दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजभवन में आयोजित हाई-टी पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर आए, लकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे।नीतीश कुमार के बगल रखी उनकी कुर्सी खाली नजर आई।

शुक्रवार दोपहर को गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार राज्यपाल की तरफ से राजभवन में हाई-टी पार्टी आयोजित की गई थी। गणतंत्र दिवस समारोह के बाद हर साल राज्यपाल द्वारा भोज का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी सियासी दल के प्रमुख नेताओं को राज्यपाल टी पार्टी पर आमंत्रित करते हैं। राजभवन की ओर से टी पार्टी पर सभी दलों को आमंत्रण दिया गया था। भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और जदयू की ओर से मंत्री अशोक चौधरी शामिल हुए। वहीं राजद सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव राजभवन की ओर आ रहे थे। उनके गार्ड भी तैयार हो गए थे लेकिन अचानक उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आलोक मेहता राजभवन पहुंचे।

इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राजभवन से बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि तेजस्वी यादव राज भवन क्यों नहीं आए तो मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो नहीं आए हैं उनसे ही पूछिए। गठबंधन में सब ठीक है? इस सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने जवाब नहीं दिया। मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी गाड़ी में बैठ गए और राज भवन से मुख्यमंत्री आवास की ओर चले गए। 

राजभवन में हाई-टी पार्टी से पहले शुक्रवार सुबह गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी पटना में आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में दूरियां दिखाई दीं। दरअसल, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की कुर्सी लगाई गई थी, लेकिन तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बगल लगी कुर्सी पर न बैठकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के बगल खाली कुर्सी पर बैठ गए।

बता दें कि जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मूताबिक मुख्यमंत्री नीतीश 28 जनवरी को अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कल यानी गुरुवार को बिहार बीजेपी नेताओं और अमित शाह के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है। वहीं, फिर से सुशील मोदी को डिप्टी सीएम बनाने की बात कही जा रही है। जैसा दावा किया जा रहा है अगर वैसा होता है तो जदयू प्रमुख नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

मुश्किलों में शोएब मलिक, मैच फिक्सिंग के आरोप में टीम से निकाले गए, कॉन्ट्रैक्ट रद्द

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पाकिस्तान के महान खिलाड़ियों में शामिल शोएब मलिक लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। पहले सानिया मिर्जा से अलगाव और पाकिस्तानी एक्ट्रेस सना जावेद से शादी के बाद खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी। अब बांग्लादेश प्रीमियर लीग में कुछ ऐसा हो गया है, जिससे शोएब का पूरा क्रिकेट करियर ही तबाह कर सकता है।दरअसल, शोएब मलिक पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीपीएल में उनकी टीम ने उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलिक टूर्नामेंट बीच में छोड़कर दुबई लौट गए हैं। इस दौरान उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान शोएब मलिक बांग्लादेश प्रीमियर लीग में फॉर्च्यून बारिशल टीम के लिए खेल रहे थे लेकिन एक मुकाबले में मलिक ने एक ही ओवर में 3 नोबॉल डालकर सबको हैरान कर दिया था। मलिक ने बीपीएल के एक मैच के दौरान एक ही ओवर में 3 नोबॉल डाल दी थी, जिसका वीडियो काफी वायरल हो गया था और इसके बाद से ही फिक्सिंग के आरोप लगने लगे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश प्रीमियर लीग की टीम फॉर्च्यून बारिशल ने मैच फिक्सिंग के आरोप में शोएब मलिक को टीम से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि टीम से निकाले जाने के कारण ही मलिक अचानक ही टूर्नामेंट को बीच में छोड़कर ही दुबई लौट गए।

फॉर्च्यून बरिशाल के लिए खेलते हुए मलिक ने खुलना टाइगर्स के खिलाफ मैच के दौरान एक ओवर में तीन नो बॉल फेंकी। मलिक ने मैच में सिर्फ एक ओवर फेंका और 18 रन दिए। उन्हें दो चौके और एक छक्का लगाया गया। मलिक ने मैच का चौथा ओवर फेंका और उनके कप्तान तमीम इकबाल ने उन्हें फिर से आक्रमण पर नहीं लाया। यही वजह रही कि फॉर्च्यून बरिशाल खुलना टाइगर्स से 8 विकेट से मैच हार गई। 

मलिक ने एक ही ओवर मे तीन नो बॉल डाली थी. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसकी लगातार चर्चा की जा रही थी। एक स्पिनर किसी ओवर में तीन नो बॉल डाले यह अजीब बात ही है। इसी वजह से मलिक की फिक्सिंग को लेकर जांच की मांग की जा रही थी।

बांग्लादेश प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी टीम ने शोएब मलिक के साथ करार खत्म कर दिया है। इसके पीछे की वजह से उनके खिलाफ फिक्सिंग की जांच बताई जा रही है। अगर मलिक दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा भी तय की जा सकती है। इस पाकिस्तानी खिलाड़ी के बीपीएल खेलने पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

फिर पलटी मारेंगे नीतश ? जानें अब तक कितनी बार बदल चुके हैं पाला

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बिहार में एक बार फिर सियासी उठा-पटक शुरू हो गई है।पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाव-भाव ऐसे दिख रहे हैं, जिसके बाद माना जा रहा है कि वे एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। जी हां, इस तरह की सियासी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार फिर पुराने साथी बीजेपी के खेमे में जा सकते हैं। मुख्‍यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ने का मन बना लिया है। वह बीजेपी के संपर्क में हैं और तमाम समीकरणों पर मंथन कर रहे हैं।वैसे सियासत की समझ रखने वाले सभी जानते हैं कि नीतीश कुमार के लिए ये कोई नई बात नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार पहले भी पलट चुके हैं। 

पांच दशक के राजनीतिक जीवन में कई बार पलटी मार चुके हैं। नीतीश कुमार की पाला बदलने की इसी चाल के कारण राष्ट्रीय जनता दल वाले पलटूराम कहते रहे, लेकिन तब जब नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन किया। समय बदला, नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल से यारी कर ली। लेकिन फिर अटकले लग रही है कि नीतीश पलट सकते हैं। दस सालों में पांचवी बार नीतीश पलटी मारने जा रहे हैं।

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए।इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे।

इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया।

डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में है। सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर फिर से बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाएंगे और सीएम पद की शपथ लेंगे।