गया की बेटी अंजलि प्रभा ने किया कमाल, बीपीएससी 68वीं की परीक्षा में सातवां रैंक लाकर जिले और परिवार का नाम किया रौशन
गया :- बिहार लोक सेवा आयोग ने बीते सोमवार की रात 68वीं संयुक्त परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया। इसबार लड़कियों ने बाजी मारी है। टॉप टेन में ज्यादा संख्या लड़कियों की है। जिसमें गया निवासी अंजलि प्रभा का नाम भी शामिल है।
गया की रहने वाली छात्रा अंजलि प्रभा ने बीपीएससी 68वीं की परीक्षा में सातवां रैंक लाई है। सातवां रैंक लाकर अंजलि प्रभा ने अपने जिले का जहां नाम रोशन किया है। वही बेटी की सफलता से परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। इस परिवार ने काफी लंबा संघर्ष देखा और अब अंजलि प्रभा सफलता के मुकाम पर पहुंची है। हालांकि, अंजली का लक्ष्य यूपीएससी का भी है। वही, सफल छात्रा अंजलि प्रभा का जुनून था, कि वह पढ़ाई करती थी, तो महीनों तक अपने घर से बाहर नहीं निकलती थी। बाजार का मुंह तक नहीं देखती थी। इसी लगन ने अंजली को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया।
गया के शास्त्री नगर की निवासी अंजलि प्रभा को फोन पर मिली सातवां रैंक मिलने की जानकारी
गया के शास्त्री नगर की रहने वाली छात्रा अंजली प्रभा को इस बात की जानकारी फोन से परिवार के ही किसी सदस्य ने उसके सफल होने और सातवां रैंक आने की जानकारी दी। हालांकि, अंजली को इस बार अपेक्षा नहीं थी, कि वह रैंक में आ सकेगी, लेकिन मेहनत से टॉप टेन में वह रही और सातवां रैंक मिला।
पिता सरकारी टीचर, मां ने M.Ed कर नहीं की नौकरी
अंजली प्रभा के पिता डॉ. ब्रह्मचारी अजय सरकारी शिक्षक हैं। मां नीलम कुमारी के पास एमएड की डिग्री हैं। ये मूल रूप से अरवल जिले के दरियापुर के रहने वाले हैं। मां ने अपनी तीन बेटियों और अपने एक बेटे के करियर के लिए नौकरी नहीं की, जबकि वह आसानी से प्लस टू हाई स्कूल में सरकारी शिक्षिका बन सकती थी। किंतु बेटियों को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए नौकरी नहीं की। वही, पिता ने अपनी तीनों बेटियों को बेटों के समान समझा। उन्होंने शुरू से ही लक्ष्य रखा कि तीनों बेटियों को और एक बेटा सभी को स्वावलंबी बनाना है। उनकी यह सकारात्मक सोच रंग लाई और तीन बेटियों में से एक अंजली प्रभा ने बीएससी 68वीं की परीक्षा में बिहार में टॉप 10 रैंक में सातवां स्थान लाया है।
12 घंटा की प्रतिदिन की मेहनत, महीनों तक घर से नहीं निकलती थी*
बीपीएससी 68 वीं की परीक्षा में टॉप टेन रैंक में सातवां स्थान हासिल करने वाली गया की अंजली प्रभा के संघर्ष की कहानी प्रेरणा देने वाली है। अंजली अपने लक्ष्य को पाने के लिए 12 घंटे की पढ़ाई करती थी। वही वह एक महीने तक घर से बाहर नहीं निकलती थी। बाजार का मुंह तक नहीं देखती थी। वह बताती है कि उसने अपनी शुरुआती प्लस टू तक पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय में पूरी की। इसके बाद अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हुई और आज बीपीएससी की परीक्षा में बिहार में सातवां रैंक हासिल किया है। इसका श्रेय भगवान को देती है। अंजलि कहती है कि उसे जब भी मुश्किल होती थी, वह भगवान को याद कर लेती थी। उसे किसी न किसी तरह से मुश्किल में मदद मिल जाती थी।
गया से मनीष कुमार
Jan 17 2024, 17:12