संसद सुरक्षा में चूक का मामला: आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की तैयारी में दिल्ली पुलिस, कोर्ट में दी अर्जी

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दिल्ली पुलिस संसद में घुसपैठ के आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की तैयारी में है। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पटियाला कोर्ट में अर्जी दी है। पुलिस की अर्जी पर 2 जनवरी को कोर्ट सुनवाई करेगा। अभी सभी आरोपी 5 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में हैं।

13 दिसंबर को संसद में हुई सुरक्षा के चूक के मामले में जांच लगातार जारी है। दिल्ली पुलिस ने पांचों आरोपियों सागर शर्मा, नीलम आजाद और अमोल शिंदे, ललित झा, मुकेश कुमावत, और मनोरंजन डी को पटियाला हाउस में पेश किया है, साथ ही आरोपियों के पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की अर्जी दाखिल की है। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की पटियाला कोर्ट से इजाजत मांगी है। पटियाला हाउस कोर्ट में 2 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होनी है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि सभी आरोपियों से पूछा जाए कि क्या वह पॉलीग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हैं। लीगल रिमांड काउंसिल ने कहा वह अभी दिल्ली में उपलब्ध नहीं है। कोर्ट ने कहा कि लीगल रिमांड काउंसिल से आरोपियों की बात करना जरूरी है, वह अभी कोर्ट में उपलब्ध नहीं है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमारी जांच में देरी होगी, इसलिए किसी दूसरे लीगल रिमांड काउंसिल को बुला लिया जाए। इस बीच, आरोपियों के लिए वकील लीगल रिमांड काउंसिल ने अर्ज़ी की कॉपी की मांग की। कोर्ट ने कहा जब आप अदालत में आएंगे तो आपको अर्ज़ी की कॉपी दे दी जाएगी। कोर्ट ने कहा अगर आरोपी अपने परिवार के किसी सदस्य से बात करना चाहते हैं, तो उसके लिए उचित अर्जी दाखिल करें।

दरअसल, 13 फरवरी को संसद पर हमले की 22वीं बरसी थी। लोकसभा की कार्यवाही दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे। ये युवक नारेबाजी कर रहे थे, तभी एक युवक ने अपने जूते से स्प्रे निकालकर पीले रंग की गैस का छिड़काव किया था। इस दौरान सदन में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी। हालांकि, कुछ सांसदों ने इन दोनों युवकों को पकड़ लिया था और इन्हें सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया था। इन दोनों युवकों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के तौर पर हुई थी। जब सदन में ये दो युवक घुसे थे, तभी सदन के बाहर पुलिस ने नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए एक महिला नीलम देवी और एक युवक अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया था। दोनों पीले रंग की गैस स्प्रे कर रहे थे। इन चार आरोपियों के अलावा पुलिस ने दो और युवकों ललित झा और महेश कुमावत को गिरफ्तार किया था। ललित झा संसद में सेंधमारी के वक्त सदन के बाहर ही था। उसने सदन के बाहर प्रदर्शन करने वाले आरोपियों का वीडियो बनाया था और इसे व्हाट्सऐप के जरिए अपने एक साथी को भेजा था। इतना ही नहीं ललित के पास सभी आरोपियों के मोबाइल भी थे, उसने इन्हें राजस्थान ले जाकर जला दिया था। पुलिस ने ललित की मदद के आरोप में महेश को गिरफ्तार किया था।

जम्मू कश्मीर में गोला-बारूद के साथ लश्कर-ए-तैयबा का OGW इमरान अहमद गनी श्रकवारा क्षेत्र से गिरफ्तार

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े एक ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ़्तारी श्रकवारा क्षेत्र में हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रेरी के नौपोरा वागुरा के निवासी इमरान अहमद गनी को 27 दिसंबर को एक बस स्टैंड के पास, श्राकवाड़ा में 52 राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा स्थापित मोबाइल वाहन चेक पोस्ट (एमवीसीपी) पर एक नियमित जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था। सुरक्षा बल सतर्क हैं और सक्रिय होकर, नियमित जांच कर रहे थे जब उन्होंने OGW को दबोचा।

चेकिंग प्रक्रिया के दौरान, गनी, जो नौपोरा से श्रकवारा की ओर यात्रा कर रहा था, ने घटनास्थल से भागने का प्रयास किया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने चतुराई से और सफलतापूर्वक उसे पकड़ लिया। बाद की जांच में लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसके जुड़ाव के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। गिरफ्तारी के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण वस्तुओं की बरामदगी हुई। जब्त की गई वस्तुओं में एक 9 मिमी चीनी पिस्तौल, एक मैगजीन और पिस्तौल के लिए नौ राउंड गोला बारूद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ओजीडब्ल्यू के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया। ये निष्कर्ष संभावित नापाक गतिविधियों के बारे में चिंता पैदा करते हैं जो बरामद हथियारों और गोला-बारूद के साथ संचालित हो सकती थीं।

गिरफ्तारी और हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी के जवाब में कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। क्रेरी पुलिस स्टेशन में शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की संबंधित धाराओं के तहत एक मामला, FIR संख्या 127/2023 दर्ज किया गया है। आरोपों में अवैध हथियार और गोला-बारूद रखने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में संभावित संलिप्तता भी शामिल है।

लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में होंगे धड़ाधड़ ट्रांसफर ! पढ़िए, ECI की 'नई स्थानांतरण नीति' के दायरे में कौन कौन से प्रावधान किए गए शामिल

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के हालिया निर्देश के मुताबिक, जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे, चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को एक घोषणा पत्र जमा करना होगा। यह घोषणा पत्र लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि से दो दिन पहले संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करना होगा। अधिकारी चुनाव में भाग लेने वाले किसी भी उम्मीदवार के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों की कमी की घोषणा करेंगे और राज्य या जिला स्तर पर प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ कोई संबंध नहीं होने की पुष्टि करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।

चुनाव ड्यूटी अधिकारियों के लिए नई स्थानांतरण और पोस्टिंग नीति

केंद्रीय चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव और चार राज्यों में विधानसभा चुनाव सहित चुनाव कर्तव्यों में शामिल अधिकारियों के लिए लागू एक नई स्थानांतरण और पोस्टिंग नीति पेश की है। इस नीति के अनुसार, जो अधिकारी 30 जून 2024 तक एक ही जिले में तीन साल की सेवा पूरी कर चुके हैं या चार साल से तैनात हैं, उन्हें उनके वर्तमान जिलों से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस नीति में जिला चुनाव अधिकारियों से लेकर पुलिस विभाग, नगर निगम और विकास प्राधिकरणों तक चुनाव प्रक्रिया में लगे अधिकारियों को शामिल किया गया है।

चुनाव आयोग के निर्देशों का दायरा

चुनाव आयोग के निर्देशों में सीधे तौर पर चुनाव कार्य से जुड़े अधिकारी शामिल हैं, जैसे जिला चुनाव अधिकारी, उप जिला चुनाव अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी और नोडल अधिकारी। इसका विस्तार जिला प्रशासन के अधिकारियों तक भी है, जिनमें एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, बीडीओ और समान रैंक के अधिकारी शामिल हैं। कम्प्यूटरीकरण, विशेष शाखा और प्रशिक्षण जैसी विशिष्ट भूमिकाओं में लगे लोगों को छोड़कर, एडीजी और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारियों से लेकर सब इंस्पेक्टर तक को इस दायरे में शामिल किया गया है। विशेष रूप से, पुलिस उप निरीक्षकों और उच्च पदस्थ अधिकारियों को उनके गृह जिलों में तैनात नहीं किया जाएगा।

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का समावेश

इस नई नीति के दायरे में पहली बार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को लाया गया है. राज्य मुख्यालय के विभागों में तैनात अधिकारी, सरकारी डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और प्राचार्य जो सीधे चुनाव ड्यूटी में नहीं लगे हैं, उन्हें इन निर्देशों से छूट दी गई है। हालाँकि, राजनीतिक पक्षपात के आरोपों का सामना करने वाले अधिकारियों को चुनाव आयोग की मंजूरी से हटाया जा सकता है, और पिछले चुनावों में लापरवाही या जानबूझकर त्रुटि के लिए दंडित किए गए अधिकारियों को आगामी चुनावों में ड्यूटी नहीं सौंपी जाएगी। इन व्यापक निर्देशों का उद्देश्य हितों के संभावित टकराव को कम करके और चुनाव कर्तव्यों के कुशल कामकाज को बढ़ावा देकर निष्पक्ष और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।

ये लोकसभा चुनाव से पहले साजिश..', ED चार्जशीट में प्रियंका गांधी का नाम आने पर आगबबूला हुई कांग्रेस, जानिए पूरा मामला

केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित आरोपपत्र में पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को नामित करने के बाद कांग्रेस नेताओं ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा, ऐसी और साजिशें रची जाएंगी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि, "देखिए चुनाव से पहले वे क्या करेंगे, यह तो बस शुरुआत है।"

वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस से डरती है। उन्होंने कहा कि, "अंग्रेज तब गांधी से डरते थे और आज भी केंद्र सरकार गांधी परिवार से डरती है। भाजपा लोगों को असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है।" हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कई नेताओं के नाम ED के साथ जुड़े हैं। बता दें कि, ED के आरोप पत्र में 2006 में दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में लगभग 5 एकड़ कृषि भूमि खरीदने और फरवरी 2010 में उसी जमीन को ऊँची कीमतों में उसी को बेचने (जिससे ख़रीदा था) में प्रियंका गांधी वाड्रा की भूमिका का उल्लेख किया गया है। ED के मुताबिक, फरीदाबाद के अमीपुर गांव में जमीन पाहवा से खरीदी गई थी, उसी एजेंट से प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी 2005-05 के बीच अमीपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे थे और वही जमीन दिसंबर 2010 में उसे ही ऊँचे दामों पर बेच दी थी। प्रवर्तन एजेंसी द्वारा दायर पहले के आरोपपत्र में मामले के संबंध में प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का भी नाम था।

स्पष्ट शब्दों में कहें तो- प्रियंका वाड्रा ने साल 2006 में एचएल पाहवा नामक एक प्रॉर्पटी डीलर से पहले कम दाम में जमीन खरीदी और फिर कुछ समय बाद उसी जमीन को 5 गुना अधिक दाम पर उसी प्रॉपर्टी डीलर को वो बेच दी। प्रियंका ने 2006 में 15 लाख रुपए देकर वो जमीन खरीदी थी, जिसे उन्होंने 84 लाख में वापस उसी डीलर को बेच दिया। ऐसे में कुछ सवाल उठे थे कि कोई भी प्रॉपर्टी डीलर, अपनी ही जमीन को वापस 5 गुना कीमतों में क्यों खरीदेगा ? वो भी तब जब उसके पास देने को पैसे नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पाहवा ने प्रियंका गाँधी को 22 मई 2009 से 11 सितंबर 2009 के बीच में 5 किश्तों में रकम चुकाई थी। इसके पीछे का कारण पैसों की कमी को बताया गया था। इस बीच एक सीसी थम्पी का भी नाम सामने आता है, जिसने पाहवा को जमीन में निवेश करने के लिए 54 रुपए दिए थे। वहीं, प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा भी जमीनों की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं। इनके बीच क्या लिंक है, क्या ये सौदे काले धन को सफ़ेद करने के लिए किए गए ? इन सभी चीज़ों की जांच अब ED के हाथ में है, जिसने पहली बार प्रियंका वाड्रा का नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान से चढ़ा सियासी पारा, क्या 2024 में लड़ेंगे आखिरी लोकसभा चुनाव

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पूरा देश सर्दी से कांप रहा है, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह तिरुवनंतपुरम सीट से इस भावना से चुनाव लड़ेंगे जैसे यह उनका आखिरी चुनाव हो। थरूर ने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीति में एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। थरूर के इस बयान के बाद तरह-तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि साल 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा।थरूर का कहना है ति मेरा मानना है कि एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। राजनीति में एक कहावत है ‘नेवल से नेवर’।थरूर ने आगे कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ता हूं तो मैं अपने आखिरी चुनाव की तरह पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ूंगा।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तिरुअनंतपुरम से पीएम मोदी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा, अगर पीएम मोदी भी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो मैं ही जीतूंगा। उन्होंने कहा कि जनता को अगर उचित लगता हो तो उन्हें चुनाव में बदल देने का पूरा अधिकार है। लेकिन यह इस वजह से नहीं होगा कि मैं किसके खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।

भारत ने पाकिस्तान से की हाफिज सईद को सौंपने की मांग, मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है पाक की जेल में बंद आतंकी

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मुंबई हमले के आरोपी आतंकी हाफिज सई को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान से हाफिज सईद प्रत्यर्पण की आधिकारिक मांग रखी है। इस्लामबाद पोस्ट में कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान से हाफिज सईद को सौंपने को लेकर कानूनी प्रकिया शुरू करने को कहा है। जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से इस मामले में संपर्क किया है।

इस्लामाबाद पोस्ट ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को भारत सरकार से आधिकारिक अनुरोध मिला है। इसमें सईद के प्रत्यर्पण के लिए कानूनी प्रक्रिया को शुरू करने के लिए कहा गया है।

भारत की ओर से हापिज के प्रत्यार्पण के दावे उस वक्त किए जा रहे हैं, जब मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सईद द्वारा बनाई गई एक नई राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान में आगामी आम चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। सईद द्वारा स्थापित पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) पार्टी ने चुनाव चिन्ह 'कुर्सी' के साथ अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। एक वीडियो में पीएमएमएल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने कहा कि उनकी पार्टी ज्यादातर सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद भी चुनाव लड़ने जा रहा है। तल्हा सईद ने लाहौर के नेशनल असेंबली निर्वाचन क्षेत्र एनए-127 से नामांकन दाखिल किया है।

बता दें कि हाफिज सईद एक पाकिस्तानी आतंकी और आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा का संस्थापक है और जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं में हाफिज सईद शामिल रहा है। भारत में वह मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही है। कुछ साल पहले तक हाफिज सईद पाकिस्तान में खुला घूम रहा था और अपने संगठन के लिए चंदा जुटा रहा था लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद साल 2019 में हाफिज सईद को पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया और आतंक के वित्त पोषण के आरोप में उसे 15 साल जेल की सजा सुनाई गई। बीते साल भी पाकिस्तान की अदालत ने हाफिज सईद को आतंकी घटनाओं के लिए पैसे जुटाने के आरोप में 31 साल जेल की सजा सुनाई थी।

'दुकानों पर कन्नड़ भाषा में नेमप्लेट लगाने की मांग..', विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को बैंगलोर पुलिस ने हिरासत में लिया


कर्नाटक में कन्नड़ सनर्थक समूहों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच बेंगलुरु पुलिस ने बुधवार को कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ता समूह कर्नाटक रक्षणा वेदिके (KRV) के सदस्यों को हिरासत में ले लिया, जो कर्नाटक के बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और मांग कर रहे थे कि कर्नाटक में सभी व्यवसायों और उद्यमों को अपनी दुकानों में कन्नड़ में नेमप्लेट लगानी चाहिए। उनका कहना है कि, राज्य सरकार का दायित्व है कि 60 प्रतिशत नेमप्लेट कन्नड़ में होनी चाहिए।

जन जागरूकता विरोध प्रदर्शन कर्नाटक रक्षणा वेदिके के प्रदेश अध्यक्ष टी ए नारायण गौड़ा के नेतृत्व में किया गया। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि KRV कार्यकर्ताओं ने दुकानों के कुछ अंग्रेजी नेमप्लेट वाले बोर्ड को तोड़ दिया। कर्नाटक रक्षणा वेदिके के सदस्यों ने बेंगलुरु में मॉल ऑफ एशिया के बाहर फूलों के गमले भी तोड़ दिए, अंग्रेजी साइनबोर्ड तोड़ दिए और काली स्याही छिड़क दी। KRV के प्रदेश अध्यक्ष टी एन नारायण गौड़ा ने कहा कि, ''विभिन्न राज्यों के लोग बेंगलुरु में कारोबार कर रहे हैं। लेकिन वे अपनी दुकानों पर कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाते। वे अपनी दुकानों की नेमप्लेट केवल अंग्रेजी में लगा रहे हैं। अगर वे बेंगलुरु में ही रहना चाहते हैं तो उन्हें अपनी दुकानों पर कन्नड़ में नेमप्लेट लगानी होगी या फिर उन्हें कर्नाटक से दूसरे राज्यों में जाना होगा।'

कहा कि कर्नाटक सरकार का कानून है कि 60 फीसदी नेमप्लेट कन्नड़ में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, “कोई भी इसका ठीक से पालन नहीं कर रहा है, इसलिए आज हम एक विशाल जागरूकता विरोध रैली कर रहे हैं। अगर आज पुलिस हमें रोकेगी तो हमारा संघर्ष नहीं रुकेगा. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम हर दिन रैली जारी रखेंगे।'' उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मॉल ऑफ एशिया (बेंगलुरु) ने कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाई है।

गौड़ा ने कहा कि, 'हमने उनसे कन्नड़ नेमप्लेट लगाने के लिए कहा था, लेकिन मॉल ऑफ एशिया (बैंगलोर) ने इसकी परवाह नहीं की और कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाई, इसलिए हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। आज पुलिस मॉल ऑफ एशिया (बेंगलुरु) को पूरी सुरक्षा दे रही है, लेकिन कल कौन सुरक्षा देगा? कल फिर हमारे कार्यकर्ता तब तक विरोध प्रदर्शन करेंगे, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती।''  रैली नाडा प्रभु केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा टोल (सदरहल्ली गेट) से कब्बन पार्क तक आयोजित की गई थी।

इससे पहले, बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरि नाथ ने कहा था कि 28 फरवरी तक, प्रशासनिक निकाय के तहत वाणिज्यिक दुकानों को 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा के नेमप्लेट लगाने होंगे, अगर ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। निगम के तहत सभी प्रकार की व्यावसायिक दुकानों के नेमप्लेट में कन्नड़ भाषा के अनिवार्य उपयोग के संबंध में कर्नाटक रक्षण वेदिके के साथ मल्लेश्वरम IPP हॉल में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनिवार्य उपयोग के संबंध में सभी जोनल आयुक्तों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी और नेमप्लेट पर कन्नड़ भाषा में लिखने तथा अन्य उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।

तुषार गिरि नाथ ने कहा कि, 'शहर में 1400 किमी मुख्य और उप-धमनी सड़कें हैं, और इन सड़कों पर सभी वाणिज्यिक दुकानों का क्षेत्र-वार सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वे के बाद 60 फीसदी कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल नहीं करने वाली दुकानों को नोटिस दिया जाएगा. नोटिस जारी करने के बाद, उन्हें कन्नड़ भाषा नेमप्लेट लागू करने और संबंधित जोन आयुक्तों को अनुपालन प्रस्तुत करने के लिए 28 फरवरी तक का समय दिया जाएगा।'

श्री राम की नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का सूक्ष्म मुहूर्त, काशी के विद्वान पंडितों ने किया है तय

राम जन्मभूमि अयोध्या में बना भव्य राम मंदिर की देश-दुनिया में चर्चा हो रही है। फिलहाल मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों जोरों पर है। जिसके लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख निर्धारित कर दी गई है। लेकिन खास बात यह है कि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा केवल 84 सेकंड के सूक्ष्म मुहूर्त में ही की जाने वाली है। कहा जा रहा है कि, 84 सेकंड का यह मुहूर्त बहुत ही शुभ है जोकि इंडिया के लिए संजीवनी का काम करने वाला है। काशी के पंडितों द्वारा यह मुहूर्त तय किया गया है।

84 सेकंड का मुहूर्त सबसे शुभ

 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से मूल मुहूर्त होगा, जो 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक चलने वाला है। यानी 1 मिनट 24 सेकंड में ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जीने वाली है। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा से पहले 1 घंटे तक यज्ञ, हवन, चार वेदों का परायण और कर्मकांडों का वाचन भी होने वाला है। खबरों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के इस मुहूर्त को विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों द्वारा बहुत ही शुभ कहा गया है। कहा जा रहा है कि इस मुहूर्त के 16 में से 10 गुण अच्छे हैं। 1 मिनट 24 सेकंड के इस मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त रहने वाला है, इसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने से राज्यवृद्धि होने वाली है। इसलिए इस सूक्ष्म मुहूर्त को सर्वाधिक शुभ माना जा रहा है।

प्राण प्रतिष्ठा से पहले तीन दिन बंद रहेंगे दर्शन

बता दें कि अयोध्या नगरी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के लिए पूरी तरह से तैयार है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भारत का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान होने वाला है। ऐसे में मंदिर और आंगतुकों की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर में 3 तक दर्शन बंद रहने वाले है। यानी 20 जनवरी से 22 जनवरी तक आम लोग मंदिर के दर्शन नहीं कर सकते है। लेकिन 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से मंदिर में सभी लोगों को दर्शन की अनुमति होने वाली है।

पीएम उतारेंगे रामलला की पहली आरती

प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होने वाली है। लेकिन इसकी शुरुआत 16 जनवरी को सरयू की जलयात्रा के साथ होगी। वहीं 17 जनवरी को गणेश पूजा के साथ प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत होने वाली है। 22 जनवरी को भगवान की मूर्ति स्थापित होगी और रामलला की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतारने वाली है।

अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में नहीं मिलेगी शराब, बिक्री पर होगा पूर्ण प्रतिबंध

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अयोध्या में होने वाली 84 कोसी परिक्रमा को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पूरे परिक्रमा क्षेत्र में शराब की बिक्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। यूपी के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने इसका ऐलान किया है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि यह घोषणा पूरे अयोध्या महानगर क्षेत्र पर लागू नहीं है। केवल 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र में लागू होगी। वहां पहले से मौजूद सभी दुकानों को हटाकर दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा।

अयोध्या दौरे पर पहुंचे आबकारी विभाग के मंत्री नितिन अग्रवाल ने श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने तमाम विषयों पर चर्चा की। मंत्री नितिन अग्रवाल ने चंपत राय से मुलाकात के दौरान अयोध्या में होने वाली 84 कोसी परिक्रमा के पूरे परिक्रमा क्षेत्र में शराब की बिक्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की बात कही।नितिन अग्रवाल ने बताया कि वह इसको लेकर अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने राम मंदिर को शराब मुक्त करने करने के लिए 84 कोस तक शराब की दुकानों को हटाने की बात कही है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। 84 कोसी परिक्रमा क्षेत्र को शराब निषेध घोषित किया जा चुका है।

बता दें कि श्रीराम मंदिर क्षेत्र को पहले से ही मदिरा मुक्त किया जा चुका है।अब 84 कोस तक शराब की दुकानों को हटाने की घोषणा की गई है। 84 कोस क्षेत्र में शराब की लगभग 600 दुकानें है। शराबबंदी के ऐलान के बाद से ये सारी दुकानें बंद कर दी गई हैं। इसका आदेश अधिकारियों को जारी कर दिया गया है। अब 84 कोस मार्ग में आने वाली सभी शराब की दुकानें हटा दी जाएंगी।

बढ़ती दिख रही प्रियंका गांधी की मुश्किलें, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी की चार्जशीट में आया नाम

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कांग्रेस पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट' (पीएमएलए) से जुड़े एक केस की चार्जशीट में दर्ज किया गया है। जमीन घोटाला मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में पहली बार कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम सामने आया है। सूत्रों ने दावा किया कि ईडी की चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा के साथ ही प्रियंका गांधी का जिक्र किया गया है। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

जांच एजेंसी ने प्रियंका गांधी के खिलाफ हरियाणा के फरीदाबाद में एक जमीन की खरीद से जुड़े मामले की चार्जशीट में नाम शामिल किया है।ईडी ने बताया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीनी खरीदीं। इस एजेंट ने एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थम्पी को भी जमीनें बेचीं।

ईडी का कहना है कि वाड्रा और थम्पी के रिश्ते काफी लंबे हैं और दोनों एक जैसा व्यापार करने के अलावा भी कई काम मिलकर करते हैं। ये एक बड़ा मामला है, जो भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से संबंधित है। भंडारी की मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और काले धन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कई एजेंसियां जांच कर रही है। वह 2016 में ही जांच एजेंसियों के डर की वजह से भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था।

क्या है मामला

फरीदाबाद में जमीनी खरीद से यह जुड़ा मामला है। साल 2005-2006 के बीच फरीदाबाद के अमीपुर गांव में एचएल पाहवा (थंपी के करीबी) प्रोपर्टी डीलर के जरिये रोबर्ट वाड्रा ने करीब 40.8 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे दिसंबर साल 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया था। इसी तरह प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर भी इसी अमीपुर गांव में अप्रैल 2006 में खरीदी गई थी, जिसे फरवरी 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, पाहवा थंपी का बेहद करीबी है, इसी अमीपुर गांव में थंपी को भी जमीन पाहवा ने ही खरीदवाई थी।