समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होगी युवा पीढ़ी के जीवन की नींव: गरिमा

बेतिया: आन्नदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में रविवार को "क्या विषयों का ज्ञान ही सम्पूर्ण शिक्षा है?" विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।लाल बाजार के हजारीमल धर्मशाला के सभागार में संपन्न समारोह में मुख्य अतिथि रहीं नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने आन्नदमार्ग के उक्त सिंपोजियम का दीप प्रज्वलित कर के उद्घाटन किया।इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के जीवन की नींव समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होती है। 

इस अवधारण को व्यवहारिक रूप में स्वीकार करने के साथ हम सबको यह भी स्वीकार करना होगा कि आज के विद्यार्थी ही हमारे समाज के भावी निर्माता हैं। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के इस चिंतन शिविर में विषय के रूप में उठाए गए उपरोक्त सवाल का समर्थन करने के साथ महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को समुचित शिक्षा के साथ रचनात्मक स्वरूप में उनका मानसिक विकास भी अनिवार्य है। 

क्योंकि इसके बिना उनके सकारात्मक व्यक्तित्व विकास संभव नहीं है। जबकि आज की व्यवस्था में हमारी युवा पीढ़ी को मिलने वाली विषयगत शिक्षा केवल इनके विषयगत ज्ञान का विस्तार करती है। ऐसा ज्ञान इनके आगे के व्यवहारिक जीवन की जटिलताओं से उबरने की क्षमता को विकसित नहीं कर पा रहा है.जिसके कारण कुंठा,हताशा और अवसाद अर्थात डिप्रेशन का प्रकोप हमारी युवा पीढ़ी में बढ़ रहा है। इससे पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से महापौर पुष्पगुच्छ,फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस चिंतन शिविर में जिला के विभिन्न महाविद्यालयों से आमंत्रित विद्यार्थी और अनेक विद्वत जन ने भी अपने अपने विचार रखे।उनके द्वारा - क्या वर्त्तमान शिक्षा जीवन के मूल लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक है?,

जीवन में सही निर्णय लेने में क्या वर्त्तमान शिक्षा सहायक है?, व्यवहारिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन में कोई सम्बन्ध है। जैसे विषयों पर विस्तार से विचारण किया गया।

भोपाल गैस त्रासदी की 39 वीं बरसी पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन

बेतिया: विश्व की औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना भोपाल गैस त्रासदी की 39 वीं बरसी पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन। 

स्वच्छ वातावरण, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम का छात्र छात्राओं ने लिया संकल्प। आज दिनाँक 3 दिसंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन मे एक श्रध्दांजलि सभा का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ  पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन आज से 39 वर्ष पूर्व 3 दिसंबर 1984 को भारत के भोपाल में हुए गैसकांड ने पूरी दुनिया को हिला दिया।

 विश्व औधोगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना थी। 3 दिसंबर 1984 की आधी रात थी जब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हजारों लोग सोए तो थे अगली सुबह जागने के लिए लेकिन वो सुबह कभी नहीं हुई। अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के संयत्र में गैस रिसाव से लोगों का दम घुटने लगा ,यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। 

इस गैस कांड में करीब 150,000 लोग विकलांग हुए वहीं 22000 लोग दुर्घटना के कारण मारे गए। इसकी वजह से भोपाल त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है। चारों ओर सिर्फ धुंध ही धुंध थी, धुंध के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और लोगों को कुछ नहीं सूझ रहा था कि किस रास्ते जान बचानी है ।चारों ओर दम घुटने से लोग मर रहे थे। उस सुबह अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के प्लांट नंबर 'सी' में हुए रिसाव से बने गैस के बादल को हवा के झोंके अपने साथ बहाकर ले जा रहे थे, और लोग मौत की नींद सोते जा रहे थे। 

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दुर्घटना के कुछ ही घंटों के अंदर 3000 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन अगर प्रत्यक्षदर्शियों का और गैस त्रासदी पर काम कर रहे एनजीओ की मानें तो उस त्रासदी में मरने वालों की संख्या कई गुना थी जिसे मौजूदा सरकार ने दबा दिया था। वो तो महज एक रात थी लेकिन मरने वालों का और उस गैस से पीड़ित लोगों के मौतों का सिलसिला बरसों तक चलता रहा। इस दुर्घटना के शिकार लोगों की संख्या 20 हजार तक बताई जाती है।

उस रात यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था। वहीं इस रिसाव के बारे में बताया जाता है कि टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का पानी से मिल जाना, इससे हुई रासायनिक प्रक्रिया की वजह से टैंक में दबाव पैदा हो गया और टैंक खुल गया और उससे रिसी गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली। इस रिसाव से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए कारखाने के पास स्थित झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग, ये वो लोग थे जो रोजीरोटी की तलाश में दूर-दूर के गांवों से आ कर वहां रह रहे थे।

इस रिसाव ने महज तीन मिनट में हजारों लोग न केवल मौत की नींद सो गए बल्कि लाखों लोग हमेशा-हमेशा के लिए विकलांग हो गए, जो आज भी इंसाफ के इंतजार में है। उस रात के कई किस्से आज भी लोग याद करके सिहर जाते हैं। 

हांफते और आंखों में जलन लिए जब प्रभावित लोग अस्पताल पहुंचे तो ऐसी स्थिति में उनका क्या इलाज किया जाना चाहिए, ये डॉक्टरों को मालूम ही नहीं था। डॉक्टरों की मुश्किलें शहर के दो अस्पतालों में इलाज के लिए आए लोगों के लिए जगह नहीं थी। वहां आए लोगों में कुछ अस्थाई अंधेपन का शिकार थे, कुछ का सिर चकरा रहा था और सांस की तकलीफ तो सब को थी।

एक अनुमान के अनुसार पहले दो दिनों में करीब 50 हजार लोगों का इलाज किया गया। शुरू में डॉक्टरों को ठीक से पता नहीं था कि क्या किया जाए क्योंकि उन्हें मिथाइल आइसोसाइनेट गैस से पीड़ित लोगों के इलाज का कोई अनुभव जो नहीं था। हालांकि गैस रिसाव के आठ घंटे बाद भोपाल को जहरीली गैसों के असर से मुक्त मान लिया गया था।

 लेकिन 1984 में हुए इस हादसे से अब भी यह शहर उबर नहीं पाया है। रिपोर्ट्स में ये भी पता चला है कि गैस रिसाव के बाद कंटामिनेशन धीरे-धीरे और खराब होता जा रहा है। रिसर्च बताती हैं कि गैस का साइड इफेक्ट इतना अधिक था कि आज भी जन्म लेने वाले बच्चों पीड़ित होते हैं।

बेतिया: बिहार सरकार द्वारा हिन्दू त्योहारों के दिन छुट्टी रदद् करने के विरोध में एवं हर निर्णय के उपरांत अगले ही दिन बदलने को लेकर अभाविप द्वारा

बेतिया: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पश्चिमी चंपारण बेतिया द्वारा बिहार सरकार द्वारा हिन्दू त्योहारों के दिन छुट्टी रदद् करने के विरोध में एवं हर निर्णय के उपरांत अगले ही दिन बदलने जैसी अनेको घटना को लेकर अभाविप द्वारा प्रेस वार्ता किया गया।

विभाग संयोजक सुजीत मिश्रा ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले विद्यालय की छुट्टियों में तुष्टिकरण किया गया है। विद्यालय में रक्षाबन्धन, जिउतिया, तीज, अनंत चतुर्दशी, अंतिम श्रावणी सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा, दुर्गा पूजा, छठ पूजा जैसे महापर्वों में वर्षों से घोषित होते आ रही छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया है, जोकि हिन्दू धर्म की आस्था से जुड़ा हुआ है। 

वही दूसरी तरफ ईद-मुहर्रम की छुटियाँ पहले से ज्यादा कर दी गई हैं। बिहार प्रान्त सदैव परंपरा के साथ चलने वाला प्रान्त है। बिहार सरकार के इस तरह के तुगलकी फरमान सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। समाज मे एकता, समरसता एवं सौहार्द को खत्म करने के लिए ऐसा निर्णय लेना या सोचना ही मूर्खता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बिहार ने इस कलेण्डर एवं फैसले का पुरजोर विरोध किया है। जिला संयोजक अभिजीत ने कहा है कि बिहार में कार्यरत शिक्षकों में लगभग आधी संख्या महिलाओं की है। महिलाएं इन त्यौहारों में उपवास पर रहती हैं। ऐसे फैसले समाज के हित में हो नहीं सकती। इस प्रकार के निर्णय से सम्पूर्ण बिहार के शिक्षकों एवं समाज में काफी रोष है। 

बिहार सरकार के अंदर बैठे प्राधिकार के सदस्य ऐसे अमानवीय निर्णय ले रहे हैं जिसको आए दिन निरस्त करना पड़ता है। समाज में एकता एवं भाईचारे को खत्म करने के लिए ऐसे निर्णय बिहार सरकार ले रही है। इस तरह के निर्णय सीधे हिंदू विरोधी सरकार होने का परिचायक है। आगामी चुनाव को देखते हुए ऐसे निर्णय वोट बैंक के लिए की जा रही है। 

 अविलंब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को यह अमानवीय फैसला समाजहित में वापस लेना चाहिए। जिस प्रकार से लगातार बिहार में फल-फूल रहे अपराध ओर अपराधी, बालू तस्कर, लूटकांड-हत्या, बलात्कार, बढ़ते नशाखोरी को रोकने में सरकार विफल साबित हो रही है वैसे ही अब शिक्षा क्षेत्र में अमानवीय फैसले लेना ओर फिर बदलना यह दिवालियापन को दर्शाता है।

 सरकार को अपने विफलता को स्वीकार करते हुए नैतिकता के तौर पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

मौके पर इस प्रेस वार्ता में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य विशाल झा ,रिचा वर्मा बेतिया के नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ नगर सह मंत्री अभिषेक गुप्ता रहे।

बिहार एक्टिविटी जोन के अरशद ने राज्य स्तरीय विद्यालय बुशू में जीता स्वर्ण तो बसंत ने पाया कांस्य : वर्मा प्रसाद

बेतिया : कला,संस्कृति एवम युवा विभाग और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना के संयुक्त तत्वावधान में जिला प्रशासन मुजफ्फरपुर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय विद्यालय वुशु प्रतियोगिता 2023 -24 के अंतर्गत हुए अंडर -17वर्ग में बिहार एक्टिविटी जोन के 12वर्षीय अरसद खान ने स्वर्ण पदक तो 16वर्षीय बसंत कुमार ने कांस्य पदक जीत कर इस नगर का मान बढ़ाया है।इसकी जानकारी संस्था के अध्यक्ष नगर के समाजसेवी वर्मा प्रसाद ने दी।

     

संस्था के सचिव-प्रशिक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि दिनांक 29नवंबर से 01दिसंबर तक खेल भवन मुजफ्फरपुर में हुए तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में बिहार के सभी जिले से 252 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।

     

संस्था के उपाध्यक्ष खेल प्रशिक्षक सुनील कुमार ने सूत्रों को बताया कि इस नगर का यह एक मात्र संस्था है जहां के छात्र-छात्राओं ने जूडो कराटे, बुशू,थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक स्वर्ण,रजत और कांस्य पदक जीत कर देश और विदेश में अपनी योग्यता का परचम लहराया है।

      

अरसद खान और बसंत कुमार की इस उपलब्धि पर संस्था के उपसचिव दिनेश जायसवाल, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रोo अतुल कुमार,बबलू तिवारी चंदन कुमार,सुमित कुमार गुप्ता, विश्वजीत कुमार,सुदिष्ट कुमार,दीपशिखा राय, आदि हर्ष व्यक्त किया।

कोलकाता के डॉ. अग्रवाल फिलीपींस के राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय में लाइफस्टाइल मेडिसिन पर मुख्य वक्ता के रूप मे रखी बात।

 इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन, कोलकाता के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल ने 22 नवंबर 2023 को फिलीपींस की राजधानी मनीला में अपने मुख्यालय में फिलीपींस राष्ट्रीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए लाइफस्टाइल मेडिसिन पर मुख्य वक्ता के रूप मे अपनी बात रखी, जिसे फिलीपींस के विभिन्न हिस्सों में मीडिया के माध्यम से प्रसारित भी किया गया।  वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों और अन्य सभी लोगों ने काफी सराहना की. उन्हें मान्यता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। डॉ. अग्रवाल को शांति एवं सुरक्षा पर विश्व कांग्रेस में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने के लिए मनीला में आमंत्रित किया गया था।

 डॉ. दिवाकर सरकार, चांसलर, नेशनल एकेडमी ऑफ सिक्योरिटी एंड डिफेंस प्लानिंग रोमानिया, डॉ. नरेश विजय कृष्णा, कंसोल जनरल और एम्बेसडर फॉर आर्ट्स एंड कल्चर इंडिया एंड मलेशिया, डॉ. क्रिज़ चैंटजिरापोर्न, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ब्लू जोन लर्निंग कैंपस, थाईलैंड भी इस अवसर पर बात रखी

. इस अवसर पर डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता इंटरनेशनल एडवाइजर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि ऐसे आयोजनों से मानव जीवन को सरल एवं सुलभ बनाने में मिल का पत्थर साबित होगा। आने वाले दिनों में हम मानव जीवन को और भी सुरक्षित कर सकेंगे।

दिवंगत दिलीप कुमार की याद में रोट्रेक्ट क्लब ने कराया यात्रियों को भोजन

कई बार एक छोटी सी घटना भी हमारी जिंदगी पर बड़ी छाप छोड़ती है और हमारे जीवन की दिशा बदल जाती है. 

दो साल पहले नरकटियागंज रेलवे स्टेशन के बाहर एक बूढ़ी भूखी महिला से मुलाकात रोट्रेक्ट क्लब के सदस्यों की सोच बदल दी.और अपने मुख्य कार्यक्रम में रेलवे स्टेशन के भूखे यात्रियों को भोजन कराने का संकल्प लिया .

क्लब के अध्यक्ष सुमीत कुमार गुप्ता ने बताया कि पूर्व में अपने सदस्यों के बीच आपसी सहयोग से अपने अपने घरों से  रोटी सब्जी का तीस पैकेट से दो वर्ष पूर्व प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को भोजन वितरित करना शुरू किया.बाद में रोटरी क्लब के सदस्यों द्वारा विभिन्न अवसरों पर सहयोग के साथ इसका वितरण करने लगे.

   क्लब के सचिव आयुष कुमार ने सूत्रों को बताया कि इसी क्रम में लोग इस कार्यक्रम से जुड़ते गए.और आज इसी से प्रेरित होकर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश संयुक्त सचिव दिवंगत दिलीप कुमार के याद में उनके सुपुत्र अविनाश कुमार अमित द्वारा पचास भोजन का पैकेट रोट्रेक्ट क्लब को अनुदानित किया.जिसे इस क्लब के चन्दन कुमार,आदित्य प्रकाश,विश्वजीत कुमार,सत्या पांडेय,शुभम खंडेवाल ने आज रात्री में रेलवे स्टेशन पर भूखे यात्रियों के बीच भोजन वितरित किया.

बगहा थाना क्षेत्र के खैरपोखरा में खुला पुलिस चेक पोस्ट, डीआईजी ने किया उद्घाटन

बगहा - पुलिस जिला बगहा में सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने पुलिस प्रशासन लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बुधवार को बगहा थाना क्षेत्र का बोझ कम करने के लिए एक और पुलिस चौकी की स्थापना खैरपोखरा में किया गया। इस नई पुलिस चौकी का लोकार्पण चंपारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक जयंत कांत ने विधि विधान से उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि चौकी बनने से अपराधों की रोकथाम में मदद मिलेगी तथा आस-पास की आमजनता को काफी सुविधा होगी,वे अपनी शिकायतें स्थानीय चौकी में आकर कर सकेंगे,जिससे उनकी शिकायत का त्वरित निष्पादन हो सकेगा। 

बगहा पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने कहा कि खैरपोखरा चौकी स्थापित होने से आस-पास में होने वाली घटनाओं में त्वरित सहायता प्राप्त हो सकेगी खैरपोखरा क्षेत्र में होने वाली घटनाओं व लाभप्रद सूचनाओं को पुलिस को देने हेतु अपील की।खैरपोखरा के नई चौकी के प्रभारी रामप्रीत गुप्ता बनाये गए हैं। 

इस मौके पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार देवेंद्र , इंस्पेक्टर आनंद सिंह,थाना प्रभारी मुन्ना कुमार सहित तमात पुलिस बल की मौजूदगी रहें।

गन्ना लदे गाड़ियों के कारण सड़कों पर लगातार धूल उड़ाने से राहगीरों, महिला थाना, कॉलेज हो रहे प्रभावित

बगहा तिरुपति शुगर मिल द्वारा गन्ने की पेराई हो रही। बगहा और आसपास के कई इलाकों से ट्रैक्टर, ट्रक , बैलगाड़ी के जरिए चीनी मिल में गन्ना पहुंचता है। चीनी मिल प्रशासन द्वारा पर्यावरण को तक पर रखकर गन्ने की पेराई कर रहे हैं। चीनी मिल के पास से गुजरने वाली सड़कों पर धूल का गुबार का अभी का मंजर ऐसा है कि लोगों को आँख, मुंह, नाक, ढक कर गुजरना पड़ता, क्योंकि गन्ना के गाड़ियों के कारण सड़कों पर 3 किलोमीटर लंबा जाम बरवल सेमरा , स्टेशन जाने वाली सड़क पर लगा रहता है। साथ ही सिंगल सड़क होने के कारण आम राहगीरों को अपनी गाड़ियों से सड़क छोड़कर चलना पड़ा है। जिसके कारण धूल का गुबार लगातार उड़ रहा है। 

   चीनी मिल प्रशासन के जनरल मैनेजर बीएनम त्रिपाठी ने बताया कि चीनी मिल द्वारा पानी का छिड़काव सुबह शाम किया जाता है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। सभी राहगीरों और चीनी मिल के आसपास के घरो, पोस्ट ऑफिस, महिला थाना ,यातायात थाना, जीएमएचपी कॉलेज आदि सभी चीनी मिल के कारण और धूल वायु प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। 

   महिला थाना के थानाअध्यक्ष धर्मवीर भारती

से पूछने पर बताया कि चीनी मिल जाने वाले वाहनों के कारण चीनी मिल जाने वाले रास्ते में लगातार धूल उड़ाता है। जिससे महिला थाना में आने वाले लोगों और कार्यालय में भी काम करने वाले पुलिसकर्मियों को भी दिक्कत हो रही है।  

  आने जाने वाले राहगीर सूरज चौधरी ने बताया कि चीनी मिल जाने वाले वाहनों के कारण धूल उड़ रहा है। हम सभी को आंख, नाक, मुंह , शरीर, पूरा धूल से भर जाता है। चीनी मिल द्वारा पानी भी नहीं पटाया जा रहा है। जिसके कारण धूल उड़ रहा है। दूसरा राहगीर भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि धूल का गुब्बर इतना है कि सड़क भी नहीं दिख रहा है। कहीं आने-जाने में ठोकर न लग जाए , शरीर तो भर ही जा रहा है। प्रशासन को इस पर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। वहीं चीनी मिल प्रशासन द्वारा सिर्फ गन्ने की पेराई की जाती है। पर्यावरण का कोई भी ख्याल नहीं किया गया है। आसपास में ईट सोलिंग नहीं किया गया, नाही पानी पूरी तरीके से पटाया जाता है। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना चीनी मिल के कारण उठाना पड़ रहा है। अगर धूल के गुबारे को नहीं रोका गया तो कई लोग धूल से प्रभावित होने के बाद गंभीर बीमारी से भी ग्रसित हो सकते है। लोगों की मांग है कि प्रशासन इस पर ठोस कार्रवाई करें।

अभाविप ने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्राचार्या को विभिन्न विषयो के लेकर सौंपा मांग पत्र

बेतिया : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पश्चिम चम्पारण के एक प्रतिनधिमंडल ने जिला संयोजक अभिजीत राय के नेतृत्व में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल की प्राचार्या से मिलकर विभिन्न विषयों के उपर ज्ञापन सौंपा। 

जिला संयोजक अभिजीत राय व जिला मेडिवीजन प्रमुख अनमोल तिवारी ने कहा की आज हम देख रहे हैं की यह हॉस्पिटल अपनी इतनी समृद्ध विरासत होने के बावजूद भी कई परेशानियों से जूझ रहा है। इस हॉस्पिटल से जहाँ लाखों मरीज रोज लाभान्वित हो रहे हैं वहीं उस अनुरूप यहाँ संसाधनों की काफ़ी कमी है। 

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल झा व नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ ने कहा की हॉस्पिटल प्रशासन भी पूर्ण रूप से लापरवाही का रवैया दिखा रहा है। आज हॉस्पिटल में बहुत सारी कमियां हैं लेकिन उनको दूर करने का कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। 

वहीं शैलेश कुशवाहा व मनकेश्वर कुशवाहा ने भी अपने विचार रखे। मौके पर विशाल दीक्षित, सुमंत तिवारी, किशन कुमार आदि भी उपस्थित थे।

संविधान दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन।

संविधान दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नई पीढ़ी के युवाओं, न्यायपालिका, कार्यपालिका ,विधायिका एवं मीडियाकर्मियों से की अपील। संविधान दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन। 

आज दिनांक 26 नवंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में संविधान दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया ।इस अवसर पर सर्वप्रथम महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ,भारतीय संविधान सभा के निर्माता सदस्यों ,अमर शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों एवं अपने पुरखों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिनके त्याग एवं बलिदान से भारत स्वतंत्र हुआ। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली,ड अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि आज 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर को अपनाए जाने की याद में हर साल संविधान दिवस मानाया जाता है।भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था।

भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद से हर साल संविधान दिवस को इस दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि 395 अनुच्छेदों वाले भारतीय संविधान में अब 470 अनुच्छेद है।

भारतीय संविधान को बनाए जाने में संविधान सभा को 167 दिन लगे जिसके लिए 11 सत्र आयोजित किए गए। अपने मूल रूप में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 खण्ड और 8 अनुसूचियां हैं। हमारे संविधान में कुल 1,45,000 शब्द हैं, जो कि पूरे विश्व में सबसे लंबा अपनाया गया संविधान है। इस समय हमारे संविधान में 470 अनुच्छेद, 25 खण्ड और 12 अनुसूचियों के साथ-साथ 5 परिशिष्ट भी हैं।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों और शिक्षा संस्थानों में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

 स्कूलों , कॉलेजों विश्वविद्यालयों एवं अनेक संस्थाओं में संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न भाषणों, संवाद, वाद-विवाद प्रतियोगिता, क्विज, आदि का आयोजन किया जा रहा है, ताकि छात्र-छात्राओं में हमारे संविधान के प्रति जागरूकता एवं समझ को बढ़ावा मिले।

 इस अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के युवाओं , पत्रकारों, मीडिया कर्मियों, न्यायपालिका, विधायिका ,कार्यपालिका एवं आम जन मानस से संविधान एवं लोकतंत्र की मजबूती के लिए आगे आने की अपील की।भारतीय संविधान की उद्देशिका लोकतंत्र की मजबूती है।

नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबरको 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को अधिसूचित किया।” इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान लोकतंत्र की मजबूती का आधार है । 

भारत को लोकतांत्रिक कल्याणकारी देश बनाने में भारतीय संविधान की अहम भूमिका है।