फ्रांस ने सीरियाई राष्ट्रपति के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट, जानें क्या है पूरा मामला?

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फ्रांस ने युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है।उनके भाई माहेर असद और सेना के दो जनरल घासन अब्बास और बासम अल-हसन के खिलाफ भी इंटरनेशनल अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। फ्रांसीसी न्यायिक अधिकारियों ने बुधवार को सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद, उनके भाई और सेना के दो जनरलों के लिए दमिश्क के उपनगरों पर 2013 में रासायनिक हमले सहित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों में शामिल होने के आरोप में अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी किए।

सीरियन सेंटर फॉर मीडिया एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन (SCM) के संस्थापक और महानिदेशक वकील माज़ेन दरविश ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ये फैसला एक ऐतिहासिक न्यायिक मिसाल है। ये पीड़ितों के परिवारों और बचे लोगों के लिए एक नई जीत है। ये सीरिया में स्थायी शांति की राह पर एक कदम है। सीरियन आर्काइव के संस्थापक हादी अल खतीब ने कहा कि इन गिरफ्तारी वारंटों के साथ फ्रांस एक दृढ़ रुख अपना रहा है। दस साल पहले हुए भयानक अपराधों को बेहिसाब नहीं छोड़ा जा सकता है और न ही छोड़ा जाएगा।

माना जा रहा है कि बशर असद को गिरफ्तार करने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा सकती है। इंटरपोल अगर असद, उनके भाई और सेना के दो जनरलों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करता है तो असद को इंटरपोल के किसी भी सिग्नेटरी देश में गिरफ्तार किया जा सकता है।गौर करने वाली बात है कि सीरिया खुद 1953 से इंटरपोल में सिग्नेटरी है।

सीरियाई मीडिया सेंटर, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, ओपन सोसाइटी जस्टिस इनिशियेटिव और सीरिया आर्काइव ने मार्च 2021 में असद समेत सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप था कि अगस्त 2013 में डौमा और पूर्वी घोउटा पर हुए हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हो गए। सीरियाई सरकार पर दमिश्क के उपनगर घोउटा में जहरीली गैस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। उस वक्त घोउटा विद्रोहियों का गढ़ माना जाता था। सीरियाई सरकार विद्रोहियों से घोउटा को खाली कराने के लिए जोरदार कोशिश कर रहा था। उन्होंने घोउटा में जहरीली गैस का इस्तेमाल किया था। वकीलों के बयान में कहा गया कि अगस्त 2013 के हमलों में जीवित बचे लोगों की गवाही के आधार पर एक आपराधिक शिकायत के जवाब में जांच शुरू की गई थी।

कोरोना में लोग मर रहे थे और मोदी कह रहे थे बर्तन बजाओ..', राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बरसे राहुल गांधी

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 कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज गुरुवार को कोविड-10 महामारी के दौरान प्रतिक्रिया को लेकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान के चुरू में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब लोग बीमारी से मर रहे थे, तो पीएम ने लोगों से बर्तन बजाने के लिए कहा।

राहुल गांधी बोले कि, "नरेंद्र मोदी ने कहा था - अगर काला धन नहीं मिटा, तो मुझे फांसी दे दो... कोरोना के दौरान, नरेंद्र मोदी ने कहा था - अपने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाओ, बर्तन बजाओ। देश भर में लोग मर रहे थे, कोई ऑक्सीजन या दवा नहीं थी। नरेंद्र मोदी आए और कहा कि कोरोना ​​यहां है, लोग मर रहे हैं, अब अपने बर्तन बजाओ।" राहुल बोले कि, "दूसरी ओर, यहां भीलवाड़ा मॉडल था। यहां बर्तन बज रहे थे और राजस्थान में घरों में खाने के पैकेट बांटे जा रहे थे; दवाएं बांटी जा रही थीं और मरीजों को बचाया जा रहा था। क्यों? क्योंकि हम गरीबों, किसानों और गरीबों की सरकार चलाते हैं।" 

उन्होंने कहा कि, "कांग्रेस पार्टी का काम गरीबों की जेब में पैसा ट्रांसफर करना है। वे अडानी की जेब में पैसा ट्रांसफर करते हैं।" कांग्रेस नेता ने जीएसटी लागू करने और नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, "यहां हम गरीबों की सरकार चलाते हैं, हम आपकी रक्षा करते हैं। नरेंद्र मोदी ने जीएसटी लागू किया। भारत में पहली बार किसानों को टैक्स देना पड़ा। उन्होंने नोटबंदी की और सभी छोटे व्यापारियों को खत्म कर दिया।"

राहुल गांधी बोले कि जहां भी आप देखें, अडानी कोई न कोई व्यवसाय कर रहा है - हवाई अड्डे, बंदरगाह, सीमेंट संयंत्र, सड़कें सब उसके हैं। इसलिए, वह अमीरों के लिए काम करता है। वह अडानी की मदद करता है, अडानी पैसा कमाता है और उस पैसे का उपयोग विदेशों में किया जाता है। विदेशी कंपनियां खरीदे जाते हैं।'' 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा के लिए एकल चरण का चुनाव 25 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

वर्ल्ड कप में भारत का शानदार सफर पाकिस्तान को नहीं आ रहा रास, अब टॉस में धांधली का लगाया आरोप

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भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में पहुंच चुकी है। टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने सभी 10 मैच अपने नाम किए। जबकि पाकिस्तान नौ मैचों में चार जीत के साथ टूर्नामेंट में पांचवें स्थान पर रहा था। वहीं पाकिस्तान लगातार तीसरी बार सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाया। ऐसे में टीम इंडिया की सफलता पाकिस्तान हजम नहीं कर पा रहा है और नए-नए आरोप लगा रहा। अब पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज सिकंदर बख्त ने टीम इंडिया और रोहित शर्मा पर टॉस में धांधली करने का आरोप लगाया है।

भारत के फाइनल में पहुंचने के बाद पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी आकिब जावेद और सिकंदर बख्त ने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पर टॉस गलत तरीके से फेंकने के बेहूदा आरोप लगाए हैं। सिकंदर बख्त ने कहा कि रोहित शर्मा जानबूझकर टॉस के वक़्त सिक्का दूर फेंकते हैं, जिससे दूसरी टीम का कप्तान उसे न देख पाए और फैसला रोहित के पक्ष में जाए। वहीं आकिब जावेद ने कहा कि रोहित शर्मा टॉस का सिक्का ठीक तरह से नहीं फेंकते और उन्होंने बीसीसीआई पर आरोप लगाया कि भारतीय बोर्ड क्रिकेट को कंट्रोल कर रहा है।

पूर्व पाक तेज़ गेंदबाज़ सिकंदर बख्त ने पाकिस्तान के एक स्थानीय चैनल पर बात करते हुए कहा, रोहित शर्मा जब टॉस करते हैं, तो वो सिक्का दूर फेंकते हैं और दूसरा कैप्टन कभी जाकर नहीं देखता कि उसने सही कॉल की है। इस तरह से फैसला उनके (रोहित) पक्ष में चला जाता है।

पाकिस्तान की हालत 'खिसायानी बिल्ला खंभा नोचे' जैसी हो रखी है। टॉस के वक्त वहां न सिर्फ मैच रेफरी बल्कि क्वाइन रिप्रेजेंटेटिव भी मौजूद रहता है। साथ ही कमेंटेटर भी होता है। यह जरूरी नहीं कि उस वक्त कमेंटेटर भारत का हो। सबसे बड़ी बात बात है कि कप्तान जब सिक्का उछालता हैं तो वह कभी खुद देखने नहीं जाता। टॉस के समय दोनों कप्तानों के साथ आईसीसी के मैच रेफरी वहां होते हैं। नजीता हमेशा मैच रेफरी ही बताते हैं। इसके बाद ही जीतने वाले कप्तान बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला करते हैं। ऐसे में इस तरह के आरोप पाकिस्तान की बौखलाहट को दर्शाते हैं।

विश्व कप शुरू होने के बाद से पाकिस्तान के क्रिकेट दिग्गजों द्वारा कई ऐसे दावे किए गए जो कि बेतुके और बेबुनियाद थे। भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर यहां तक आरोप लगाया गया था कि उसने अंतिम समय में वानखेड़े की पिच को बदलकर खेल को भारत के पक्ष में झुका दिया। हालांकि, बाद में आईसीसी ने इसपर स्पष्टता जाहिर की थी कि सेमीफाइनल में पिच नई होनी चाहिए थे और इसी वजह से पिच पर से घास को हटाया गया था ताकि दोनों पारी को बराबर मदद मिले। ऐसा ही हुआ भी दोनों पारियों में बल्लेबाजों को बराबर मदद मिली और 700 से ज्यादा रन बने। बाद में माइकल वॉन समेत कई पूर्व क्रिकेटर्स ने इस फैसले को सही करार दिया था।

राइफल की गोलियां भी झेल जाएगा ये हेलमेट, भारतीय जवानों के लिए कानपुर में बना Kavro Doma 360

वैश्विक रक्षा उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी MKU लिमिटेड ने मिलिपोल पेरिस में एक अभूतपूर्व नवाचार- कावरो डोमा 360 का अनावरण किया है। सुरक्षात्मक हेडगियर में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हुए, यह राइफल-रेटेड बैलिस्टिक हेलमेट दुनिया भर में कानून प्रवर्तन अधिकारी और सुरक्षा बल तथा सैन्य कर्मियों के लिए सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए तैयार है। बता दें कि, MKU लिमिटेड उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित है, और यहीं फैक्ट्री में इसे तैयार किया गया है। 

कावरो डोमा 360 की मुख्य विशेषता

दुनिया का पहला यूनिफॉर्म राइफल प्रोटेक्शन हेलमेट

कावरो डोमा 360, Ak-47 एमएससी, M80 नाटो बॉल और ,193 राइफल गोलियों जैसे खतरों के खिलाफ समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है। इसका कठोर परीक्षण किया गया है, जिससे अतिरिक्त कवच की आवश्यकता के बिना सिर के 5 क्षेत्रों में 5 राउंड गोलियों के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता साबित हुई है।

पहला बोल्टलेस राइफल सुरक्षा हेलमेट

बता दें कि, बोल्ट या धातु भागों के बिना पहले एंटी-राइफल हेलमेट के रूप में प्रतिष्ठित, कावरो डोमा 360 प्रभाव के दौरान प्रवेश के जोखिम को कम करता है। मानक हेलमेट की तुलना में बोल्टलेस शेल डिज़ाइन एके-47 असॉल्ट राइफलों के खिलाफ 40% अधिक सुरक्षा क्षेत्र प्रदान करता है।

<20 मिमी बैक फेस सिग्नेचर (ब्लंट इम्पैक्ट ट्रॉमा)

एक वैश्विक मिसाल कायम करते हुए, यह राइफल-रेटेड हेलमेट एके-47 गोलियों से प्रभावित होने पर 20 मिमी से कम का बैक फेस सिग्नेचर बनाए रखता है। यह नवीन सुविधा आघात के कारण चोट के जोखिम को काफी कम कर देती है।

गतिशील प्रभाव प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत हार्नेस सिस्टम

सटीकता के साथ इंजीनियर किया गया, हेलमेट न केवल सीधे प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि घूर्णी/कोणीय प्रभावों से भी सुरक्षा प्रदान करता है जो चोट या मस्तिष्क की चोटों का कारण बन सकते हैं। टॉप-टू-चिन और साइड-टू-साइड हार्नेस समायोजन उच्चतम स्थिरता और एक आरामदायक फिट सुनिश्चित करता है।

वजन और अधिकतम अनुकूलता

एचसीएच स्मॉल के लिए 1.45 किलोग्राम के शुरुआती वजन के साथ, कावरो डोमा 360 को आराम के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन्नत हेड-माउंटेड उपकरणों और लड़ाकू उपकरणों के साथ सहजता से एकीकृत होता है, जिसमें नाइट विजन डिवाइस, संचार उपकरण, मास्क, मेडीबल्स, टॉर्च और अन्य हेड-माउंटेड गियर शामिल हैं।

समर्थन और विज़न

MKU के प्रबंध निदेशक श्री नीरज गुप्ता, सेवारत लोगों की सुरक्षा के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। कावरो डोमा 360, पांच वर्षों के अथक अनुसंधान और विकास का परिणाम है, जो सुरक्षात्मक हेडगियर में एक परिवर्तनकारी छलांग का प्रतीक है। दुनिया भर के सैनिकों और पुलिस की प्रारंभिक प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि यह केवल अपग्रेड से कहीं अधिक है, जिससे कई मौजूदा हेलमेट अप्रचलित हो गए हैं। इस नवप्रवर्तन का प्रभाव उच्च जोखिम वाले परिदृश्यों पर भी पड़ने की उम्मीद है, जिससे रक्षा उपकरण परिदृश्य में एक असाधारण विकास के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हो जाएगी।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार के दौरान साड़ियां बांटना मिर्ची बाबा को पड़ा भारी, दर्ज हुई FIR

मध्य प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट बुधनी से सपा के प्रत्याशी वैराग्यानंद गिरी उर्फ़ मिर्ची बाबा पर FIR दर्ज हो गई है। वोटर्स को साड़ी बांटने के मामले में यह कार्रवाई हुई। इससे पहले समाजवादी पार्टी उम्मीदवार को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने बुधनी से समाजवादी पार्टी के टिकट पर मिर्ची बाबा बुधनी से प्रत्याशी हैं। पिछले दिनों वैराग्यनंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा का विगत दिनों साड़ी बांटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। समाजवादी पार्टी उम्मीदवार जनसंपर्क के चलते महिलाओं को साड़ी बांटते हुए दिखाई दिए थे।

मामले को लेकर रिटर्निंग अफसर ने नोटिस जारी किया था तथा समाजवादी पार्टी उम्मीदवार तत्काल जवाब मांगा गया था। उचित जवाब न मिलने पर अब मिर्ची बाबा पर कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज की गई है। बाबा को IPC धारा 171- B, 171-E, 188 के तहत आरोपी बनाया गया है। मामले को SDM राधेश्याम बघेल ने बताया कि साड़ियों के बांटने के वायरल वीडियो मामले में FIR की गई है। इससे पहले उनको नोटिस जारी किया गया था।

समाजवादी पार्टी उम्मीदवार वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा के साड़ी बांटने का वीडियो दो दिन पहले का बताया जा रहा है। एक वायरल वीडियो में जनसंपर्क के चलते मिर्ची बाबा एक ग्रामीण से कह रहे हैं, 'एक संत आपके द्वार पर पहली बार आया है। वहीं, एक महिला को साड़ी देते हुए समाजवादी पार्टी उम्मीदवार कह रहे- ''लीजिए माता जी....आशीर्वाद दीजिए मुझे आप. मेरी बहन हैं। वहीं, एक और महिला को साड़ी देते हुए कह रहे एक संन्यासी आपके द्वार पर आया है।

निज्जर हत्याकांड पर आरोपों को लेकर जयशंकर की कनाडा को दो टूक, बोले-सबूत दिए नहीं, जाँच कैसे करें?

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में अपनी पाँच दिवसीय यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम के दौरान कनाडा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारतीय एजेंटों पर लग रहे आरोपों पर कनाडा को फिर दो टूक जवाब दिया।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर लगाए गए आरोपों पर कनाडा से एक बार फिर सबूत की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार निज्जर की हत्या की जांच की जरूरत से इनकार नहीं कर रही है लेकिन कनाडा को अपने उन आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करना चाहिए कि मर्डर में भारतीय एजेंट्स की भूमिका है। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में कहा कि कनाडा में, हमें लगता है कि कनाडाई राजनीति ने हिंसक और अतिवादी राजनीतिक विचारों को जगह दी है जो हिंसक तरीकों सहित भारत से अलगाववाद की वकालत करते हैं। इन लोगों को कनाडा की राजनीति में शामिल किया गया है। उन्हें अपने विचार व्यक्त करने की आजादी दी गई है।एस जयशंकर ने आगे कहा कि, बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ आती है। उन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उस दुरुपयोग को बर्दाश्त करना बहुत गलत होगा। देखिए, यदि आपके पास ऐसा आरोप लगाने का कोई कारण है, तो कृपया हमारे साथ सबूत साझा करें। हम जाँच से इनकार नहीं कर रहे है। मगर उन्होंने अभी तक सबूत ही नहीं दिए।

बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो देश की संसद में बयान देकर भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर सिरे से खारिज कर दिया है।कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी।बता दें कि साल 2020 में भारत द्वारा हरदीप सिंह निज्जर को आतंकी घोषित किया गया था।

अमेरिकी उद्योगपति नेविल रॉय सिंघम को ईडी का समन, न्यूजक्लिक पर चीन से पैसे लेकर प्रोपेगंडा फैलाने का आरोप

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अमेरिकी व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। ईडी समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक के फंडिंग मामले में उनसे पूछताछ करना चाह रही है। न्यूजक्लिक पर चीन से पैसे लेकर प्रोपेगंडा फैलाने का आरोप है।ये मामला मनी लांड्रिंग का है। आरोप है कि नेविल रॉय सिंघम चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से जुड़ा हुआ है। वो चीनी प्रोपेगंडा को फैलाने के लिए दुनिया भर में फंडिंग करता है।

न्यूज़क्लिक फंडिंग मामले में ईडी ने विदेश मंत्रालय के जरिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को समन भेजा है। नेविल राय फिलहाल चीन में हैं। दिल्ली की एक अदालत ने सबसे पहले ईडी को लेटर ऑफ रोगेटरी (विदेशी अदालत से सहायता के लिए औपचारिक निवेदन) जारी किया।ताकि उसका बयान दर्ज किया जा सके। दरअसल, विदेश में किसी व्यक्ति को सीधे समन नहीं भेजा जा सकता। इसके लिए संबंधित देश की अथॉरिटी के पास समन को लेकर अनुरोध पत्र भेजा जाता है जिसे लेटर रोगेटरी कहते हैं। 

सीबीआई ने दो महीने पहले न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ एफसीआरए उल्लंघन का मामला दर्ज किया था और नेविल रॉय सिंघम को आरोपी बनाया था, अब उनको समन जारी किया गया है।नेविल रॉय सिंघम को इससे पहले भी समन भेजा जा चुका है, ताकि वो पूछताछ के लिए हाजिर हो।ईडी ने पिछले साल ही सिंघम को समन भेजा था लेकिन चीनी अथॉरिटीज ने उसे सर्व करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के जरिए फिर से समन भेजकर सिंघ को दिल्ली में आकर आरोपों पर अपना बयान दर्ज कराने को कहा है।

बता दें कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने इसी साल अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिका में चीन का अजेंडा बढ़ाने के आरोपों को लेकर वहां की एजेंसियां सिंघम और उनकी ऐक्टिविस्ट पत्नी की जांच कर रही हैं। सिंघम और उनकी पत्नी ने इन आरोपों का खंडन किया था। उन पर भारत में भी चीनी प्रॉपगैंडा फैलाने का आरोप है। इस बीच ईडी ने न्यूजक्लिक के प्रमोटर प्रबीर पुरकायस्थ से पूछताछ के लिए कस्टडी मांगने का फैसला किया है। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस ने उन्हें कथित तौर पर भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया था। पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने न्यूज पोर्टल पर चीनी प्रॉपगैंडा चलाने के लिए 3 अक्टूबर को आतंकरोधी कानून यूएपीए (अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट) के तहत गिरफ्तार किया था।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अगस्त 2023 में सिंघम और उनकी कंपनी को लेकर बड़ा खुलासा किया था। अखबार ने लिखा था कि चीन दुनिया में अगुवा बनने के लिए इस वक्त धूम्र रहित युद्द (स्मॉकलेस वार) का सहारा ले रहा है। चीन के स्मॉकलेस वार को जमीन पर उतारने का काम सिंघम की कंपनी कर रही है। सिंघम पर आरोप है कि शेल कंपनियों से फंडिंग कराकर वे इन कामों को अंजाम देते हैं।रिपोर्ट के मुताबिक चीन के स्मॉकलेस वार को प्रभावी करने के लिए दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक दल, भारत और ब्राजील में मीडिया और मैसाचुसेट्स में थिंक टैंक आउटलेट्स का सहारा ले रहा है। सिंघम पर आरोप है कि उनकी कंपनी उन कंटेंट को बढ़ावा देती है, जो चीन सरकर के प्रभुत्व को दिखाती है। यानी सिंघम उन कंपनियों को फंड करती है, जो किसी देश में वामपंथ विचारधारा के लिए वहां की सरकार और सिस्टम के खिलाफ बिगुल फूंकती है।

चंद्रयान-3 के लॉन्‍चर व्हीकल का एक हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के वातावरण में वापस लौटा, पैसिफिक ओशन में हो सकता है क्रैश

#chandrayaan_3_launch_rocket_lvm3_m4_part_enters_earth_atmosphere

इस साल 23 अगस्त की तारीख को भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवा कर इतिहास रच दिया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई चीजों पर रिसर्च किया था।इस बीच खबर आ रही है कि चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल एलवीएम3एम4 के ऊपरी क्रायोजनिक हिस्से ने बुधवार को धरती के वातावरण में अनियंत्रित वापसी की है। इसकी जानकारी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने दी।

प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया है। इसरो की ओर से जानकारी दी गई है कि रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है रॉकेट का यह हिस्सा धरती के वायुमंडल में 15 नवंबर की दोपहर करीब 2.42 बजे दाखिल हुआ। बता दें कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुई है।

धरती पर कहां होगा रॉकेट के हिस्से का इम्‍पैक्‍ट

इसरो के मुताबिक, इसका इम्पैक्ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। फाइनल ग्राउंड ट्रैक भारत के ऊपर से नहीं गुजरा। इसरो ने कहा कि उसने दुर्घटनावश होने वाले किसी भी संभावित विस्फोट के जोखिम को कम करने के लिए सभी अवशिष्ट प्रणोदक और ऊर्जा स्रोतों को हटाने की प्रक्रिया के तहत यान के इस ऊपरी चरण को निष्क्रिय कर दिया था। ऐसा अंतरिक्ष मलबा निस्तारण के लिए तय संयुक्त राष्ट्र और आईएडीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। इसरो ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रॉकेट बॉडी को निष्क्रिय करना और मिशन के बाद उसका निपटान फिर बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता को संरक्षित करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बता दें कि लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई रिसर्च की थी। काम समाप्त होने और चंद्रमा में अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।

42 सीटर बस में भर लिए 55 यात्री, मची आगे निकलने की होड़ तभी 300 फ़ीट गहरी खाई में जा गिरी बस 36 की मौत

 जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को बड़ी सड़क दुर्घटना हुई। भीषण दुर्घटना में अब तक 38 यात्रियों की जान चली गई। बता दें कि दुर्घटना में 17 यात्री जख्मी बताए जा रहे है। इनमें से कई यात्रियों की हालत अब भी नाजुक है। चार जख्मियों को जीएमसी जम्मू के लिए एयरलिफ्ट भी किया गया। घटनास्थल पर कोहराम मच गया। मृतकों के आंकड़े में वृद्धि हो सकती है। 

ताज़ा जानकारी के अनुसार डोडा जिले के बग्गर इलाके के त्रांगल में बुधवार दोपहर 12 बजे के पास यह दर्दनाक दुर्घटना हुई। यहां एक बस अनियंत्रित होकर तकरीबन 300 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे का शिकार हुई बस किश्तवाड़ से जम्मू की तरफ ही जा रही थी।

दुर्घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग घटनस्थल पर पहुंचे। साथ ही पुलिस को भी जानकारी दी। जख्मियों को उपचार के लिए जीएमसी डोडा ले जाया गया है। जिनमे से भी कुछ की हालत गंभीर है। ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा और भी अधिक होने का अनुमान भी जताया जा रहा है। 

बता दें कि पंजीकरण संख्या JK-02 CN-6555 बस में 55 लोग सवारी कर रहे थे। बस किश्तवाड़ से जम्मू जा रही थी। बटोत-किश्तवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर त्रुंगल-अस्सार के पास बस अनियंत्रित होकर 300 फीट खाई में जा गिरी। 

शुरुआती जानकारी में ये भी कहा गया है कि यह बस 42 सीटर थी, लेकिन जिसमे 55 यात्रियों को बैठाया गया था। बस रास्ते पर दौड़ते हुए 2 अन्य बसों को ओवरटेक कर रही थी। तीनों बसों में आगे निकलने की जल्दबाजी मची हुई थी। इसी दौरान यह बस बेकाबू होकर खाई में गिर गई और बड़ा हादसा हो गया। दुर्घटना के उपरांत बचाव अभियान का एक वीडियो इस समय तेजी से वायरल हो रहा है ।

खाई से नीचे गिरी बस दिखाई दे रही है। ऊंचाई से गिरने के कारण से बस के परखच्चे उड़ गए। जिस स्थान पर यह भीषण हादसा हुआ, वहां से एक सड़क गुजरी है, जिसके मोड़ पर गहरी खाई है। ऐसे में अनुमान है कि मोड़ पर ड्राइवर से बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। 

पीएम मोदी-उपराज्यपाल ने हादसे पर जताया दुख

 दर्दनाक स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त किया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हादसे दुख प्रकट भी किया।

मृतकों के परिवार को दो लाख और घायलों को पचास हजार की घोषण

 पीएम मोदी ने एक्स पर बोला है कि "जम्मू-कश्मीर के डोडा में बस दुर्घटना दुखद है। उन परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। उन्होंने घोषणा करते हुए कि प्रत्येक मृतक के परिजन को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और प्रत्येक घायल को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

गृहमंत्री शाह ने जताया दुख

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने बोला कि, "जम्मू-कश्मीर के डोडा में एक दुखद बस दुर्घटना के कारण बहुमूल्य जिंदगियों के नुकसान के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। स्थानीय प्रशासन बचाव अभियान चला रहा है। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।" मृतक और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं।'' 

उपराज्यपाल सिन्हा बोले- बहुत दुखी हूं

जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा,"डोडा में एक दुखद बस दुर्घटना में लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं और दुर्घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावितों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डिव कॉम और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है।"

21 मृतकों की हुई पहचान

डोडा बस दुर्घटना में मारे गए 36 लोगों में से अभी तक 21 लोगों की पहचान हो चुकी है। डोडा जिला प्रशासन ने भी दुर्घटना पर गहरा दुख जताया है। अफवाहों से बचने और सटीक जानकारी और सहायता के लिए नंबर जारी किए हैं। 

 इन नंबरों पर करें संपर्क

01996233337 (डीसी कार्यालय डोडा)

01996233465 (एएच जीएमसी डोडा)

18001807122 (टोल फ्री नंबर)

9906320997, 9596776203 (नियंत्रण कक्ष)

गाजा में अब बुलडोजर चलाने की तैयारी में इजरायल, अल शिफा अस्पताल की तलाशी में मिले भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार

इजारयल-हमास युद्ध में अब इजरायली सेना गाजा में घुसकर आतंकियों का खात्मा करने में जुटी है। उत्तरी गाजा को लगभग तबाह कर चुका इजरायल अब उसपर कब्जा जमा चुका है। अब इजरायली सेना वहां के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल की तलाशी ले रही है।

बुलडोजर चलाने की तैयारी

अल शिफा अस्पताल की तलाशी पर इजरायली सेना को वहां कई गोला बारूद मिले हैं। अब बड़ी मात्रा में हथियार मिलने के बाद इजरायली सेना अस्पताल पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। सेना का कहना है कि इस अस्पताल के नीचे हमास ने सुरंग बना रखी है।

अस्पताल के नीचे कमांड सेंटर का आरोप

इजरायल का आरोप है कि हमास ने अल शिफा अस्पताल के नीचे ही अपना कमांड सेंटर बना रखा है। इस दावे का अमेरिका ने भी समर्थन किया है और कहा है कि उसकी खुफिया एजेंसी ने भी यही अपडेट दिया है। हालांकि, हमास इसको खारिज करता रहा है।

दूसरी ओर फलस्तीन का आरोप है कि इजरायली सेना ने अस्पताल के चारों ओर बुलडोजर तैनात कर दिया है, जो कि काफी खतरनाक है। बता दें कि यूएन का मानना है कि अस्पताल के अंदर अभी भी कम से कम 2300 से ज्यादा मरीज, कर्मचारी और विस्थापित नागरिक हैं, जिनमें कई नवजात शिशु भी शामिल हैं।