सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन द्वारा विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का हुआ समापन
बेतिया - सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का समापन हो गया। इस मौके दुनिया भर में उर्दू भाषा के विकास एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभूतियां भावभीनी श्रद्धांजलि को दी गई ।
दो दिवसीय विश्व उर्दू दिवस समारोह के समापन अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शहनवाज़ अली डॉ अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से दुनिया भर में उर्दू भाषा के विकास एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को विश्व उर्दू दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उर्दू के महान शायर अल्लामा इकबाल के जन्मदिन को समर्पित है।
कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है जो सदियों से भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रभावों से विकसित हुई है। इसकी जड़ें सल्तनत काल एवं मुगल शासक में खोजी जा सकती हैं, जहां यह फारसी और अरबी से प्रभावित होकर प्रशासन और संस्कृति की भाषा के रूप में उभरी। समय के साथ, इसने पंजाबी, संस्कृत और ब्रज भाषा सहित विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के तत्वों को अवशोषित किया, जिससे आधुनिक उर्दू भाषा का जन्म हुआ।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उर्दू का वैश्विक प्रभाव दक्षिण एशिया की सीमाओं से कहीं आगे तक फैला हुआ है। यह यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मध्य पूर्व जैसे महत्वपूर्ण दक्षिण एशियाई प्रवासी देशों में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है। इस प्रवासी ने भाषा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे उर्दू दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गई है।
Nov 10 2023, 21:54