सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन द्वारा विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का हुआ समापन

बेतिया - सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का समापन हो गया। इस मौके दुनिया भर में उर्दू भाषा के विकास एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभूतियां भावभीनी श्रद्धांजलि को दी गई ।

दो दिवसीय विश्व उर्दू दिवस समारोह के समापन अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ शहनवाज़ अली डॉ अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से दुनिया भर में उर्दू भाषा के विकास एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को विश्व उर्दू दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह उर्दू के महान शायर अल्लामा इकबाल के जन्मदिन को समर्पित है।

 

कहा कि उर्दू एक ऐसी भाषा है जो सदियों से भारतीय उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक प्रभावों से विकसित हुई है। इसकी जड़ें सल्तनत काल एवं मुगल शासक में खोजी जा सकती हैं, जहां यह फारसी और अरबी से प्रभावित होकर प्रशासन और संस्कृति की भाषा के रूप में उभरी। समय के साथ, इसने पंजाबी, संस्कृत और ब्रज भाषा सहित विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के तत्वों को अवशोषित किया, जिससे आधुनिक उर्दू भाषा का जन्म हुआ। 

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि उर्दू का वैश्विक प्रभाव दक्षिण एशिया की सीमाओं से कहीं आगे तक फैला हुआ है। यह यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मध्य पूर्व जैसे महत्वपूर्ण दक्षिण एशियाई प्रवासी देशों में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है। इस प्रवासी ने भाषा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे उर्दू दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन गई है।

इंडेन गैस एजेंसी के नया कंपोजिट सिलेंडर के प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखा महापौर ने किया रवाना, बोलीं-हल्का, पारदर्शी होने के साथ जंक और फायर

बेतिया: नगर निगम के वार्ड पांच के झिलिया मुहल्ले में स्थित नीरज इंडेन गैस एजेंसी के माध्यम से बंट रहे नया कंपोजिट सिलेंडर के प्रचार वाहन को महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बुधवार को इंडेन के एरिया मैनेजर विशाल गौरव के साथ हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

इस मौके पर श्रीमती सिकारिया ने नया कंपोजिट सिलेंडर के खूबियों को चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह आग से ब्लास्ट करने और सीलन से दस और पांच किलो ग्राम एलपीजी गैस के साथ कंपोजिट सिलिंडर का वजन 16 किलो ग्राम ही होता है। इसी प्रकार पांच केजी वाला सिलिंडर मात्र करीब 10 किलो का होता है। यह पारदर्शी और ब्लास्ट प्रूफ है। 

मतलब आग लगने पर कंपोजिट सिलिंडर ब्लास्ट नहीं करेगा, बल्कि पिघल जाएगा। ये सिलेंडर काफी हद तक पारदर्शी होता है, जिसे रोज देखा जा सकता है कि सिलिंडर में कितनी गैस बची है। इस पर हस्ताक्षर और निशान छूटने की संभावना कम हो जाती है। जो देखने में आकर्षक रचनाएं हैं और आज की आधुनिक रसोई के लिए आदर्श हैं।

विस्फोट निरोधक होने के कारण इनका उपयोग अधिक सुरक्षित है। वर्तमान में, कंपनी के सभी प्रमुख शहरों में चुनिंदा वितरकों के पास 5 किलो लीटर और 10 किलो लीटर आकार में उपलब्ध हैं। 

इस मौके कंपनी के प्रोराइटर नीरज कुमार ने बताया कि आगामी 15 दिनों तक ई रिक्शा के प्रचार वाहन के मध्य से इसका प्रचार प्रसार पूरे नगर निगम क्षेत्र का भ्रमण करेगा। 

इस मौके पर अमित कुमार अग्रवाल, नीरज इण्डेन के मैनेजर बबलू कुमार, समिया प्रवीन, सनी कुमार गोविंद कुमार मिश्रा और अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

अभाविप बेतिया ईकाइ ने मुख्यमंत्री के पुतला को चूड़ी पहना आक्रोश मार्च निकाला, सद्बुद्धि यज्ञ भी किया

बेतिया : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बेतिया इकाई द्वारा आज बिहार के मुख्यमंत्री का पुतला पर चूड़ी का माला पहना एवं कालिख पोत कर नगर के स्टेशन चौक पर आक्रोश मार्च निकाला गया। 

इस दौरान कुर्सी कुमार हाय हाय, कुर्सी कुमार इस्तीफा दो व महिलाओं का अपमान करना बंद करो आदि के गगनभेदी नारों से पूरा वातावरण गुंजीत हो गया। 

विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अभिजीत राय व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विशाल झा ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है की बिहार जैसे ऐतिहासिक राज्य को नीतीश कुमार जैसा मुख्यमंत्री मिला है। 

कहा कि जिस शख्स को महिलाओं का सम्मान करना नहीं आता तथा जो शख्स लोकतंत्र के मंदिर सदन की मर्यादा को नहीं जानता उस व्यक्ति को नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। नीतीश कुमार ने जो बयान दिया वह काफ़ी निंदनीय एवं अशोभनीय है। 

नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ व सह मंत्री प्रशांत मिश्रा व अभिषेक गुप्ता ने कहा की मुख्यमंत्री जी पर उम्र का असर हो गया है। प्रधानमंत्री बनने की तीव्र इक्षा ने उनकी मति को भ्रष्ट कर दिया है। सदन में उनका यह बयान काफ़ी हतप्रभ करने वाला था जबकि उस समय सदन में महिला सदस्य भी बैठी हुई थी। हम सभी उनके इस्तीफा तक अनवरत विरोध करते रहेंगे। 

एमजेके कॉलेज अध्यक्ष सितांशु दिब्याल, सुमंत तिवारी, सूरज कुमार व बबलू कुमार ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री को महिलाओं की इज्जत करना नहीं आता है।मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा में बिहार की दशा एवं दिशा को गर्त में ढकेल दिए हैं। 

मौके पर उत्कर्ष मिश्रा,अमित श्रीवास्तव, अंकित तिवारी, मधुरंजन नाथ, आदित्य श्रीवास्तव,नीरज कुमार, अजीत कुशवाहा, राकेश मौर्या, विक्की कुमार, राजीव कुमार आदि उपस्थित रहे।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का किया गया आयोजन

प्रथम स्वतंत्रा संग्राम 1857 के महा‌नायक महान स्वतंत्रता सेनानियों भारत के आखिरी मुग़ल शासक बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय (मिर्ज़ा अबूज़फ़र सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फ़र) की 161 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन।               आज दिनांक 7 नवंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया । 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के महानायक महान स्वतंत्रता सेनानी बहादुर शाह जफर का निधन हुआ था। 

उनका सारा जीवन भारत , हिन्दू मुस्लिम एकता, अखंडता संप्रभुता एवं भारत की स्वाधीनता के लिए समर्पित रहा है । 7 नवंबर 1862 की सुबह 5 बजे उनका देहांत हो गया था।सैयद मेहदी हसन अपनी किताब 'बहादुर शाह ज़फ़र ऐंड द वॉर ऑफ़ 1857 इन डेली' में लिखते हैं कि बहादुर शाह के कर्मचारी अहमद बेग के अनुसार 26 अक्तूबर 1862से ही उनकी तबीयत नासाज़ थी और वो मुश्किल से खाना खा पा रहे थे।

"दिन पर दिन उनकी तबीयत बिगड़ती गई और 2 नवंबर को हालत काफी बुरी हो गई थी. 3 नवंबर को उन्हें देखने आए डॉक्टर ने बताया कि उनके गले की हालत बेहद ख़राब है और थूक तक निगल पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है."।

सैयद मेहदी हसन लिखते हैं कि 6 नवंबर को डॉक्टर ने बताया कि वो लगातार कमज़ोर होते जा रहे हैं। 7नवंबर 1862 को उनकी मौत हो गई. जब उनकी मौत हुई वो अंग्रेज़ों की कैद में भारत से दूर रंगून में थे।

 "रंगून में जिस घर में बहादुर शाह ज़फ़र को क़ैद कर के रखा गया था उसी घर के पीछे उनकी कब्र बनाई गई और उन्हें दफनाने के बाद कब्र की ज़मीन समतल कर दी गई. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि बहादुर शाह जफर की यह अंतिम इच्छा थी कि उनका कब्र भारत की राजधानी दिल्ली में हो ।

उसके लिए उन्होंने जगह भी निर्धारित कर रखी थी। महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने अपने रंगून यात्रा में बहादुर शाह जफर के कब्र पर यह संकल्प लिया था कि भारत की स्वाधीनता के बाद बहादुर शाह जफर को पुनः दिल्ली में दफनाया जाएगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि बहादुर शाह जफर को पुनः रंगून से दिल्ली में दफनाया जाए । ताकि ताकि भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी बहादुर शाह जफर एवं महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के सपनों को साकार किया जा सके।

आधुनिक सभ्य समाज में युद्ध एवं सशस्त्र संघर्षों से पर्यावरण एवं मानव जीवन पर व्यापक शोध जरूरी।

फिलिस्तीन इजरायल एवं यूक्रेन रूस युद्ध से पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं मानव जीवन के लिए है घातक। पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए विश्व समुदाय आगे आए। युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने विश्व समुदाय से अपील की।

6 नवंबर 2023 को युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण के शोषण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार, सत्याग्रह भवन में किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी और छात्र उपस्थित थे। का आयोजन किया। भाग लिया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति राजदूत सह महासचिव रिसर्च फाउंडेशन डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ. शाहनवाज अली, डॉ. अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक , सामाजिक कार्यकर्ता नवीदुन चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच. शाहीन परवीन के संयोजक डॉ. मेहबोबुर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि हर साल 6 नवंबर को पूरी दुनिया में युद्ध और सशस्त्र संघर्ष में पर्यावरण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि फिलिस्तीन इजरायल एवं यूक्रेन रूस युद्ध में प्रतिबंध घातक हथियारों के इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम एवं मानक जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है। राष्ट्र निर्माण के लिए एक राष्ट्र को कई युद्धों, झगड़ों और संघर्षों से गुजरना पड़ता है। मानवता ने हमेशा युद्ध में हताहतों की संख्या, मृत और घायल सैनिकों, नागरिकों, बर्बाद शहरों और नागरिकों, युद्धों और सशस्त्र संघर्षों के कारण होने वाली पर्यावरणीय क्षति के संदर्भ में सोचा है। जिसे हमने जापानी शहरों हिरोशिमा और नागासाकी के हमलों ,खाड़ी युद्ध , यूक्रेन एवं गाज़ा में देखा। यह मानव विनाश तक ही सीमित नहीं है, दुनिया में बादल छाए हुए हैं, चाहे इसका असर यहां की मिट्टी, पानी, जानवर, पेड़-पौधे, जंगल और पर्यावरण पर पड़ रहा हो। इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक 5 नवंबर 2001 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान कोफ़ी अन्नान (तत्कालीन महासचिव) की देखरेख में आयोजित की गई थी। सभा ने माना कि सशस्त्र संघर्ष के बाद भी पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

दुनिया में बहुत से लोग इंटरनेट, तकनीक, रेडियो आदि के माध्यम से जुड़ते हैं और युद्ध के बाद के प्रभावों और समाधानों पर चर्चा करते हैं। कई विशेषज्ञ, शिक्षक, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, पत्रकार, शिक्षक आदि सशस्त्र संघर्ष और युद्ध के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को सीमित करने के तरीके खोजने के लिए सामूहिक रूप से काम करते हैं। इस दिशा में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के लिए सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं दुनिया के कई संगठन मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी के जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके।

इस विषय पर विश्व समुदाय का ध्यान केंद्रित करने के लिए सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन और विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विश्वविद्यालयों, स्कूलों में सेमिनार, भाषण, व्याख्यान, समाचार लेख, वेबिनार और कक्षा गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। इस छोटे से प्रयास में युद्ध में नई प्रौद्योगिकियों के खतरों के बारे में जानें और ज्ञान साझा करें। जैसे कि यूरेनियम गोला-बारूद, जो पर्यावरण के लिए अज्ञात ख़तरा पैदा करता है। इन स्थितियों से पर्यावरण की रक्षा का ज्ञान दुनिया को होना चाहिए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि युद्ध और सशस्त्र संघर्षों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर व्यापक शोध होना चाहिए, ताकि दुनिया को पता चल सके कि युद्ध और सशस्त्र संघर्षों से पर्यावरण पर कितना गहरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

जन सुराज संगठन की सोच को गांव-गांव पहुंचाए कार्यकर्ता: एके द्विवेदी

 

बेतिया: पश्चिम चंपारण स्थित बेतिया प्रखंड के जन सुराज कार्यालय में जन सुराज संगठन को गांव -गांव तक विस्तारित करने के मकसद से जिला उपाध्यक्षों और सचिवों को प्रखण्डों का प्रभारी बनाया गया है ताकि संगठन को मजबूत और धारदार बनाया जा सके।

उक्त बातें आज यहां जिला के संगठन पदाधिकारियों की बैठक के बाद जिला संगठन प्रभारी पूर्व आईएएस अधिकारी ए के द्विवेदी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायतों में अगले एक महीने के भीतर वार्ड कमिटी और पंचायत कमिटी गठित करनी है। इसमें जन सुराज की महिला कमिटी , युवा कमिटी तथा अभियान समिति की पंचायत कमिटी अलग से तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के सभी उपाध्यक्षों और सचिवों को संगठन का प्रखण्ड प्रभारी बनाया गया है उन्हें प्रखण्ड कमिटी के साथ मिलकर संगठन की मजबूती के लिए काम करना है तथा प्रत्येक पंचायतों / वार्डों की कमिटी गठित करने में सहयोग करना है।

इस अवसर पर मौजूद जन सुराज के नव मनोनीत प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर को मौजूद सभी जन सुराजियों ने चादर व माला पहनाकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज का निरंतर विस्तार जारी है और समाज के सभी वर्गों के नेता, कार्यकर्ता, समाजसेवी बड़ी संख्या में जन सुराज में शामिल हो रहे हैं।‌ उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा दस जिलों में पूरी हो गई है

और ग्यारहवें जिला मधुबनी में जारी है। श्री ठाकुर ने बताया कि प्रशांत किशोर जी अभी तक पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, छपरा, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर तथा सीतामढ़ी जिले के 29 अनुमणडलों, 172 प्रखण्डों तथा 83 विधानसभा क्षेत्रों के चार हजार से अधिक गांवों की पदयात्रा पूरी कर ली है जहां बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, , हिन्दू, मुसलमान समेत सभी वर्गों के लोगों की भीड़ पदयात्रा में उमड़ रही है और फूल मालाओं से स्वागत कर प्रशांत किशोर जी के प्रति अपना विश्वास जता रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है

कि जनता राजद जदयू और भाजपा के कुशासन से मुक्ति चाहती है और जन सुराज को अपना राजनीतिक विकल्प स्वीकार कर रही है।बैठक की अध्यक्षता जन सुराज के जिला अध्यक्ष बिकई महतो ने की जबकि संचालन महासचिव राघवेन्द्र पाठक ने किया। बैठक में अभिभावक मण्डल बद्रीनारायण पाण्डेय ,‌ जिला मुख्य प्रवक्ता मोहम्मद गयासुद्दीन,महिला अध्यक्ष रेशमी राव, युवा अध्यक्ष‌ सोनू यादव, अनुमंडल अध्यक्ष सुनील कुशवाहा, अब्दुल सत्तार, मंदेश पाण्डेय, अनिल कुमार सिंह समेत अनेक नेताओं ने संबोधित किया।

जन सुराज ने पश्चिम चंपारण जिले में जन संवाद अभियान की शुरुआत की, विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने का लिया संकल्प

बेतिया: जन सुराज के तीन महत्वपूर्ण आधार स्तंभ सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास की विचारधारा को घर-घर तक पहुंचाने हेतु जन सुराज ने पश्चिम चंपारण जिले में जन संवाद अभियान की शुरुआत की। जिले की हर पंचायत, हर गांव में अगले दो महीने में जन संवाद सभा का आयोजन किया जायेगा और सबको जन सुराज एवं इसके सूत्रधार प्रशांत किशोर की विचारधारा से जोड़कर बिहार में बदलाव का बिगुल फूंका जायेगा।

 बिहार के लोगों को जाति, धर्म, मुफ्त अनाज आदि मुद्दों को दर किनार कर अपने और अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर राजनीति को नई दिशा देने की जन सुराज की पहल को यह अभियान और गति देगा।

अभियान का नेतृत्व जिला अभियान समिति संयोजक कृष्ण बिंद करेंगे और उनका साथ जिला अभियान समिति के सदस्य ई. अशरफ अली, ओम प्रकाश प्रसाद, शंभू प्रसाद, खालिद सैफुल्लाह, रत्नेश कुमार, जोखु बैठा, अवधेश प्रसाद, अनिल कुमार सिंह, जवाहिर साह, सुरेंद्र चौधरी, डॉ कन्हैया ठाकुर, महातम मुखिया, राजनारायण साह, कमरूल होदा, उमेश सहनी, राजेश राम और निपू कुशवाहा देंगे।

भारत एवं नेपाल में आए भीषण भूकंप एवं पश्चिमी यूरोपीय देशों में बाढ़ मे (शहीद) मारे गए लोगों के सम्मान मे सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन

              

बेतिया: आज दिनांक 4 नवंबर 2023 को भारत के विभिन्न राज्यों विशेष कर बिहार एवं नेपाल में आए भीषण भूकंप एवं पश्चिमी यूरोपीय देशों में बाढ़ से मारे गए लोगों के सम्मान में सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ शाहनवाज अली, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ अमानुल हक एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले भारत एवं नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप आया। जिसका केंद्र बिंदु नेपाल था। इस भूकंप पर नेपाल में जान माल की काफी हानि हुई है।

 नेपाल मे कम से कम 140 लोग( शहीद )मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, 2015 के बाद से सबसे विनाशकारी भूकंप में हिमालयी देश के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में सैकड़ों घर नष्ट हो गए। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी के अनुसार और रिसर्च सेंटर के अनुसार, भूकंप रात 11:32 बजे दर्ज किया गया, जिसका केंद्र काठमांडू से लगभग 500 किमी पश्चिम जाजरकोट जिले में था।

 इस अवसर पर प्रवक्ताओं ने कहा कि पश्चिमी यूरोपीय देशों विशेष रूप से इटली एवं पुर्तगाल में अनेक लोग भीषण बाढ़ में मारे गए हैं। इस मंच के माध्यम से शहीद हुए लोगों को हम सभी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 

इस पर प्रवक्ताओं ने कहा कि भारत समेत विश्व के सभी देशों के जिला स्तर पर स्थापित हो 10000 क्षमता का आपदा क्लिनिक। 

सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुनः भारत सरकार ,संयुक्त राष्ट्र संघ एवं विश्व बिरादरी मांग करते हुए कहा कि ऐसा करना अति आवश्यक है ताकि आपदा के समय हम अपनों को बचा सके।

नगर निगम के वार्ड पांच में 15.19 लाख से नव निर्मित दो आरसीसी नाले का महापौर ने किया उद्घाटन

बेतिया। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड पांच में क्रमश रामरूप गोस्वामी मठ से संजय जायसवाल का घर होते एन एच 727 तक 6.56 लाख और इसी वार्ड के समीर कुमार के घर से गोवर्धन महतो का घर होते एन एच 727 तक 8.83 लाख से भी अधिक से निर्मित दो आर सी सी नाले उद्घाटन शुक्रवार को नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया द्वारा किया गया। 

कुल 15.19 लाख से नव निर्मित दो आरसीसी नाले का उद्घाटन के मौके पर महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र की विभिन्न विकास योजनाओं को पूरा करने में मानक गुणवत्ता का पालन पूरी सख्ती के साथ पालन अनिवार्य है। 

मौके पर जमा लोगों से उन्होंने न कि योजनाओं में गुणवत्ता का अनुपालन करना आप जनता जनार्दन की भी जिम्मेदारी है। इसका सख्ती से पालन कराने और अनदेखी होने पर उनसे शिकायत करने की उन्होंने अपील की।इस मौके पर पार्षद गुड़िया देवी, संजय शर्मा,अभियंता सुजय सुमन आदि मौजूद रहे।

संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का ढांचागत विकास कराना मेरी पहली प्राथमिकता: महापौर

बेतिया:नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 6 और 16 में नव निर्मित आरसीसी नालों और पीसीसी सड़क का गुरुवार को महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने समारोह पूर्वक उद्घाटन किया। इस मौके पर जुटे आम और खास लोगों को महापौर ने संबोधित किया। 

समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमती सिकारिया ने कहा कि संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का ढांचागत विकास कराना मेरी पहली प्राथमिकता है। इसको लेकर करीब 25 करोड़ की लागत वाली सवा दो सौ योजनाओं को कार्य रूप देने की कार्रवाई विभिन्न स्तरों पर जारी है। 

उन्होंने बताया कि वार्ड छह में मनीष राय के घर से नारायण मिश्र के घर तक स्टांप ड्यूटी मद से बने आर सी सी नाले के निर्माण पर तीन लाख 94 हजार खर्च हुए हैं। वही वार्ड 16 के कमलनाथ नगर में बैद्यनाथ पाठक के घर से मुरारी प्रसाद के घर तक पीसीसी सड़क और आरसीसी नाले का निर्माण बिहार राज्य चतुर्थ वित्त आयोग मद से किया गया है। जिस पर कुल 6 लाख 33 हजार की लागत आई है। 

महापौर ने बताया कि आज गुरुवार को उद्घाटित दोनों योजनाओं पर कुल करीब 11 लाख की लागत आई है। 

श्रीमती सिकारिया ने बताया कि नगर पार्षद जीनत प्रवीण और ममता मिश्रा पार्षद के सहयोग से तैयार हुई सड़क और पक्का नालों के उपयोग से जन सामान्य की सुविधाएं बढ़ जाएंगी। 

इस मौके पर कनीय अभियंता सुजय सुमन, अभिषेक पांडेय, सरफराज, सत्य प्रकाश, मणि वर्मा एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।