बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में योगदर्शन से संबंधित विशिष्ट व्याख्यान का हुआ आयोजन
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में शुक्रवार को संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग द्वारा ' पातंजल योगदर्शन में यम - नियम की साधना ' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो कौशल किशोर श्रीवास्तव मौजूद रहे।
इसके अतिरिक्त मंच पर मुख्यतः संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो रिपुसूदन सिंह एवं संकायाध्यक्ष प्रो संजय कुमार मौजूद रहें। मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी ।
मंच संचालन का कार्य डॉ रमेश चन्द्र नैलवाल ने किया । अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ विपिन कुमार झा द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो कौशल किशोर श्रीवास्तव ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि चितवृत्तियों का निरोध ही योग है। तप, स्वाध्याय एवं ईश्वरीय प्रणिधान के माध्यम से स्वयं को आसक्त विहीन किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति सत्य का पालन करता है, उसकी वाणी में अर्थ संहित रहता है।
प्रो रिपुसूदन सिंह ने चर्चा के दौरान कहा कि योग के माध्यम से मानसिक विचारों एवं इच्छाओं को नियन्त्रित किया जा सकता है। इससे शरीर , मन की अशुद्धियाँ दूर होती हैं और क्रमशः अभ्यास से आध्यात्मिक उपलब्धियों की प्राप्ति होने लगती है।
प्रो संजय कुमार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अष्टांग योग जीवन जीने की पद्धति के समान है। अष्टांग योग के द्वारा मन पूर्ण शांत हो जाता है। व्यक्ति को विवेक और ज्ञान हो जाता है। उचित ,अनुचित का भान हो जाता है ।
कार्यक्रम के दौरान प्रो हरिशंकर सिंह, डॉ० प्रीति चौधरी, डॉ नवीन जी हलप्पा , डॉ नरेंद्र सिंह एवं विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी मौजूद रहें।
Oct 27 2023, 19:53