प्रदूषित जल को रोकने और नदी के जल में सुधार को लेकर मंडलायुक्त लखनऊ ने की महत्वपूर्ण बैठक
लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में
गोमती नदी और कुकरैल नदी में गिरने वाले शहर के गंदे नालों द्वारा प्रदूषित जल को रोकना व नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार लाने के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में आहूत की गई।
इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, मुख्य अभियंता नगर निगम महेश वर्मा सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने कहा कि जल प्रदूषण से व्यक्ति ही नहीं अपितु पशु-पक्षी एवं अन्य जीव भी प्रभावित होते हैं ।प्रदूषित जल पीने, पुनःसृजन कृषि तथा उद्योगों आदि के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं। यह झीलों एवं नदियों की सुन्दरता को कम करता है।
प्रदूषित जल जलीय जीवन को समाप्त करता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ब्योरेडिमेशन कितने नालों का कराना है उसका सर्वे कर लिया जाए।
नगर निगम के मुख्य अभियंता द्वारा मंडलायुक्त का अवगत कराया गया कि 33 ड्रेन के नाले/नालो का पानी गोमती नदी में जाकर वर्तमान समय में गिर रहा है। सम्बंधित द्वारा बताया गया कि 50 (mld) के सीवेज ट्रीटमेंट प्लान का कार्य टेंडर में लगा हुआ है जो कि फैजुल्लागंज में बनना है 18 महीने में कार्य पूर्ण करने की समय सीमा निर्धारित है साथ ही 39 (mld) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांन दौलतगंज का कार्य निर्माणधीन है।उन्होंने कहा कि टेन्डर कार्य में तेजी लाते हुए कार्य ससमय पूर्ण कराया जाए।
इसके बाद मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि (mld) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की संख्या में बढ़ोतरी करें। जिससे नाले/नालो में आ रहे प्रदूषण जल को सीवेज ट्रीटमेंट प्लान के माध्यम से स्वच्छ बनाया जा सके।
गोमती नदी के जल प्रदूषण को कम करने व जल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उन्होंने कहा कि गोमती नदी के प्रदूषण को रोकना व जल की गुणवत्ता में सुधार लाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी कमियों की वजह से गोमती नदी में प्रदूषण हो रहा है जिनको सुधार कर काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा आवश्यकतानुसार नये एसटीपी निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार किया जायें, उसके साथ ही कम समय में ऐसे क्या उपाय कर हम शीघ्र ही प्रदूषण नियत्रंण कर सके इस पर भी अध्यन किया जायें।
उन्होंने कहा कि जिन नालों में सीवरेज का प्रवाह कम है। उन नालों पर तत्काल नगर निगम और जल निगम द्वारा साफ-सफाई कर ब्लाकेज की समस्या का समाधान किया जायें, जिससे पानी ओवर फ्लों न हो और जल की गुणवत्ता में सुधार सम्भव हो सके। फ्लोटिंग मटेरियल को उठाकर निस्तारण स्थल तक भेजा जायें।
Oct 27 2023, 19:17