पूर्वी सिंहभूम में महामारी की तरह फैल रहे डेंगू बुखार से स्वास्थ्य विभाग की खुली पोल
जमशेदपुर, कोरोना काल में जिस तरह स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई थी, उसी तरह अभी पूर्वी सिंहभूम में महामारी की तरह डेंगू बुखार से स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई है।
यह बात कहना है झारखंड के पूर्व मंत्री एवं जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय का।
श्री सरयू राय ने कहा कि जिस क्षेत्र से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री नेतृत्व करते हैं ,पूरे झारखंड में इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा डेंगू की महामारी फैली हुई है और सबसे अधिक मौतें पूर्वी सिंहभूम जिले में ही हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि एक पेज का विज्ञापन देकर आम जनता को यह बताएं कि डेंगू बीमारी के लक्षण क्या है? उससे बचने के उपाय क्या है? कौन-कौन सी सावधानियां आम लोगों को बरतनी चाहिए, डेंगू के लक्षण आने पर कौन-कौन सी दवाइयां ली जा सकती है ।
उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में जगह नहीं मिलने से लोग ज्यादा फीस देकर प्राइवेट डॉक्टर से दिखा रहे हैं। डेंगू में जो दवा दी जाती है, वह झारखंड सरकार ने कितनी दवाइयां सरकारी अस्पताल में सिविल सर्जन और अन्य पदाधिकारी तक खरीद कर भिजवाई है, उन्हें बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि टाटा मुख्य अस्पताल में डेंगू से मौत के मामले पर सिविल सर्जन को इसकी जांच करने का आदेश दिया गया है। यह टाटा स्टील और टाटा मुख्य अस्पताल पर दबाव बनाने का एक तरीका है। झारखंड सरकार यह बताना चाहती है कि हमें आपकी एक कमजोरी मिल गई है।
श्री सरयू राय ने कहा कि झारखंड सरकार डेंगू को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसी कारण सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम जिले में मौत हुई है। काफी लोग डेंगू से प्रभावित हुए हैं। इसकी रोकथाम के लिए उपाय नहीं किए गए हैं। यहां पर आदेश दिया गया है कि जहां से डेंगू का लारवा मिले, वहां उसे जुर्माना वसूला जाए। पूर्व में विजया गार्डन में डेंगू का लारवा मिला, तो उससे जुर्माना वसूला गया और डीसी ऑफिस के छत पर जब डेंगू का लारवा मिला, तो वहां किससे जुर्माना वसूला जाएगा।
श्री सरयू राय ने कहा कि सरकार की यह दो नीति समझ से परे है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भगवान भरोसे चल रहा है। अगर स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में कुछ कार्य कर रहा है, तो स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य सचिव को खुलकर बताना चाहिए कि वह डेंगू के क्षेत्र में क्या कर रहा है?
Oct 13 2023, 17:17