हज़ारो पिंडदानीयों ने किया पवित्र पुनपुन नदी में अपने पूर्वज़ो को प्रथम पिंड तर्पण।
किंजर पुनपुन नदी घाट पर उमड़डा पिंडदानीयो का हुजूम।
किंजर आज सुबह सात बजे से ही अरवल ज़िले के किंजर स्थित पवित्र पुनपुन नदी घाट पर अपने पूर्वज़ो के मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रथम पिंडदान हेतु पिंडदानियों का आना प्रारंभ हो गया ।
नौ बजते बजते छोटी बड़ी गाड़ियों से किंजर पूनपुन नदी घाट, सूर्य मंदिर परिसर, सरकारी अस्पताल परिसर,एनएच 110 मुख्य पथ के दोनों तरफ़ मिर्ज़ापुर तक पट-सा गया ,, कहीं वाहन लगाने का जगह नहीं ।
सैकड़ो/ हज़ारो की संख्या में एक से एक लक्जरी वाहनों पर सवार होकर न केवल हिंदुस्तान के कोने-कोने से बल्कि पड़ोसी देश नेपाल,भूटान से भी हिंदू धर्मालंबी अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर प्रथम पिंडदान करने सपरिवार पहुंचे ।
इस मौके पर पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित भाजपा विधायक विजय खेमका भी सपरिवार किंजर पहुंचकर प्रथम पिंडदान की प्रक्रिया पूरी की ।तत्पश्चात् श्रद्धा पूर्वक गयाजी/ गयाधाम के लिए प्रस्थान कर किये। वहीं राजस्थान के नागौर जिले से आए सुनील अग्रवाल,राजेंद्र अग्रवाल अपने परिवार वालों के साथ पिंडदान किया।
नेपाल के नरहरि थापा, भूटान से रवि भूषण महाराज, नई दिल्ली से स्वरूप मोहन जोशी, राधेश्याम पमाड़, आशा पमाड़ आदि ने भी पूर्वज़ो को पिंडदान कर उनके मोक्ष प्राप्ति हेतु पूजा की । इनके अतिरिक्त एक से बढ़कर एक अति महत्वपूर्ण व्यक्तियो ने भी पिंडदान करने देश के कोने-कोने से यहाँ पहुंचे। यह सिलसिला सुबह से जो प्रारंभ हुआ वह देर शाम तक चलता रहा। यहां आने वाले दूसरे राज्यों के धर्मालाम्बियो/सैलानियों का कहना था कि बिहार सरकार के द्वारा इस स्थान पर कोई विशेष व्यवस्था हम लोगो (पर्यटकों) के लिए नहीं किया गया है ,जो काफी खेद का विषय है ।मगध का ये “पितृपक्ष मेला 15 दिनों का होता है “ जो आगे भी जारी रहेगा,,
मगध चेतना मंच के अध्यक्ष सह किंजर निवासी अनिल कुमार सिंह,
बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के मन्त्री/ प्रधान सचिव सहित अधिकारीगण से माँग करते है कि एक बार आप लोग स्वयं किंजर आकर यहाँ की महता को समझें और पंद्रह दिनों के लिए “पुनपुन और गया धाम” पितृपक्ष मेला की तरह ही इसे भी (किंजर को) सरकारी सुविधा उपलब्ध कराये/ सरकारी मेला घोषित करे,, ताकि यहाँ आने वाले पिंडदानीयो को भी वही सुविधा मिले जो गयाजी में मिलता है।
जहानाबाद से बरुण कुमार

						
 


 
 
 
 
 
 
Sep 29 2023, 15:43
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