*बैठक में शिक्षा गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, समाज परिवर्तन आदि विषयों पर हुई चर्चा*
गोरखपुर। विद्या भारती की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक सरस्वती शिशु मंदिर, (10+2) पक्कीबाग, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में प्रारम्भ हुई। 22 से 24 सितंबर तक चलने वाली इस बैठक में देशभर से 160 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में मा. डॉ. कृष्ण गोपाल जी सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विशेष सान्निध्य प्राप्त होगा। बैठक में विद्या भारती की कार्य स्थिति, कार्य का सशक्तिकरण, शिक्षा गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, समाज परिवर्तन आदि विषयों पर चर्चा होगी।
इस अवसर पर उपस्थित कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री यतींद्र शर्मा ने अखिल भारतीय कार्यकारिणी की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि माननीय नाना जी देशमुख, कृष्ण चंद गांधी के सम्मिलित प्रयासों से शिक्षा की जो ज्ञान धारा बाबा गोरखनाथ की पावन धरा पर सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग के रूप में प्रवाहित की गई उसे नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की यह पावन भूमि सरस्वती शिशु मंदिर योजना के 70 वर्षों की साक्षी है। 1952 में 50 बच्चों और पांच आचार्य से यह विद्यालय प्रारंभ हुआ। शिक्षा के द्वारा समाज में वैचारिक परिवर्तन हो इस उद्देश्य से विद्या भारती के विद्यालयों का श्रीगणेश हुआ देश में संस्कारक्षम वातावरण का निर्माण हो, संस्कृति आधारित शिक्षा का प्रसार हो इस उद्देश्य को लेकर कार्य प्रारंभ हुआ।
आज शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन का प्रारंभ हो चुका है पुरातन संस्कार एवं नवीन ज्ञान से परिपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। देश के कोने-कोने में इसका प्रचार प्रसार हो। उन्होंने बताया देश में अनेक चुनौतियों का सामना करने के लिए कुछ क्षेत्रों का चयन किया गया है जैसे जम्मू कश्मीर, लेह, लद्दाख पूर्वोत्तर का क्षेत्र, इन क्षेत्रों में कार्य विस्तार की योजना है। उन्होंने कहा कि आज हमारी विचारधारा को मूर्त रूप देने के लिए अनुकूल अवसर प्राप्त हुआ है। भौगोलिक सामाजिक एवं वैचारिक दृष्टि से कार्य क्षेत्र चिह्नित कर कार्य विस्तार की योजना का निर्माण करना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूर्णत: क्रियान्वयन का दायित्व विद्या भारती के कार्यकतार्ओं को दिया गया है। शिक्षा समाज तथा देश की दशा एवं दिशा निर्धारित करती है देश में शिक्षा के द्वारा ही सुधार संभव है। शिक्षा द्वारा ही समग्र विकास की कल्पना को साकार किया जा सकता है। एक स्वस्थ एवं सर्वांगीण विकास युक्त बालक का निर्माण, विद्यालय की स्थिति, संख्या, गुणवत्ता का विकास कर समर्थ भारत का निर्माण शिक्षा का उद्देश्य है। ई.सी.सी.ई. द्वारा खेल-खेल में दी जाने वाली शिक्षा एन.सी.ई.आर.टी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परीक्षा प्रणाली आदि की रूपरेखा एवं उसके क्रियान्वयन की समीक्षा भी बैठक में की जाएगी।
संस्कार केंद्र, बालक विद्यालय सेवा क्षेत्र के कार्य विस्तार द्वारा छुआछूत जैसी विसंगतियों से भारत को मुक्त कराकर समरस समाज का निर्माण किया जाएगा। हम आधारभूत विषयों, पंचकोशात्मक विकास के सुव्यवस्थित कार्य की योजना का निर्माण करेंगे। हमारे पूर्व छात्र एक बहुत बड़ी शक्ति है वह समाज परिवर्तन में हमारे सहयोगी बने एक सकारात्मक समाज की भूमिका निर्माण में पूर्व छात्र सहयोग करें।
आज विद्या भारती के विद्यालयों का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। दशम एवं द्वादश की बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेशों की प्रवीण श्रेष्ठता सूची में हमारे छात्र अपनी मेधा का परचम लहरा रहे हैं, उन्हें समय-समय पर प्रस्तुत किया जा रहा है। विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से महत्वपूर्ण वैचारिक विमर्श तैयार करने का भी प्रयास कर रही है।
हिंदुत्व का विचार केवल भारत का विचार नहीं वरन् यह समस्त विश्व को शांति के निर्माण का मूल मंत्र प्रदान करता है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात समाज तथा राष्ट्र जीवन में अपना अमूल्य योगदान देने वाले दिवंगतजनों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसमें श्री मदनदास जी देवी, माननीय जयंत जी उमाकांत वीरेश्वर जी, वी. पी. मुकुन्दन , मदन मोहन व्यास जी, श्री रामलाल शर्मा, प्रेमलाल शर्मा , डॉक्टर देवेंद्र भटनागर तथा सेना के अनेक जवान व रेल दुर्घटना में दिवंगत ज्ञात- अज्ञात बंधु भगनी सम्मिलित हैं। बैठक का प्रारंभ गत वर्ष की कार्यकारिणी में लिए गए निर्णय पत्रक के वाचन से शुरू हुआ। इसके पश्चात संस्कृति ज्ञान परियोजना विभाग द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों हिंदुत्व के सूर्य छत्रपति शिवाजी, सत्य के प्रकाशक स्वामी दयानंद सरस्वती जी, तीर्थंकर महावीर का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर माननीय अतिथियों द्वारा शिशु वाटिका की 12 व्यस्थाओं का भी अवलोकन किया गया।
मंचासीन अतिथियों में अखिल भारतीय अध्यक्ष विद्या भारती डी. रामकृष्ण राव, अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर , अखिल भारतीय मंत्री डॉक्टर मधुश्री उपस्थित रहे। इस अवसर पर अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविन्द चन्द्र महन्त , अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार जी प्रांत संघचालक गोरक्ष डॉक्टर पृथ्वीराज सिंह, प्रांत प्रचारक सुभाष आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
Sep 22 2023, 19:06