*बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों का मोह हो रहा भंग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। फसलों का बीमा किसानों को अब रास नहीं आ रहा। इसमें कसूर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का नहीं है, कसूरवार तो वो कंपनियां हैं जो नुकसान के आकलन में मनमानी और क्षतिपूर्ति देने में अनावश्यक देरी करती हैं। यही कारण है कि योजना पर किसानों का भरोस साल-दर-साल कम हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में लाखों प्रीमियम लेने के बाद कुछ किसानों को लाभ देकर बीमा कंपनियां गायब हो गई।जिले में रबी और खरीफ की प्रमुख खेती है।

रबी सीजन में करीब 50 हजार हेक्टेयर में गेंहूं, चना, मटर और खरीफ सीजन में 30 से 32 हजार हेक्टेयर में धान, मक्का जैसे फसलों की खेती होती है। 2014 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की। इससे किसानों को बारिश, ओलावृष्टि सहित अन्य आपदाओं में होने वाले नुकसान की भरपाई मिल सके। शुरुआती तीन से चार वर्षों तक योजना ने किसानों को लाभ पहुंचाया, लेकिन बाद में बीमा कंपनियों के तमाम कागजी नियम और शर्तों के कारण किसानों को क्षतिपूर्ति मिलना मुश्किल हो गया। कृषि विभाग के आंकड़ो पर गौर करें तो पिछले तीन वर्षों में पहले बजाज अलियांस, आईसीआईसीआई और अब एचडीएफसी बीमा के लिए कंपनी नामित है।

सत्र 2021-22 में 10 हजार 339 किसानों ने करीब पांच करोड़ प्रीमियम भरा। इसमें 527 को ही योजना का लाभ मिल सका। वर्ष 2022-23 में 7 हजार 225 ने तीन करोड़ के करीब प्रीमियम भरा और 850 को लाभ मिला। वर्ष 2023 में अब तक मात्र 4871 किसानों ने एक करोड़ से अधिक का प्रीमियम जमा किया है। तीन सालों में किसानों की घटती संख्या से यह स्पष्ट हो गया है कि योजना को लेकर किसानों की दिलचस्पी भी कम होने लगी है।

*सामुदायिक शौचालय: धरातल पर पूरे, प्रयोग में अधूरे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम रास्ते से भटक चुकी है। करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय समूहों और ग्राम पंचायतों की मनमानी से शोपीस बनकर रह गई हैं। 661 शौचालयों में 50 तकनीकी कारणों व पानी की कमी से शुरू नहीं हो सके। जो पूर्ण हैं वहां समूहों की लापरवाही से ताला लटका रहता है।

वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता की मुहिम शुरू की। इसके बाद जिले में युद्ध स्तर पर दो लाख 35 हजार एकल शौचालय बनाए गए। जिन पर करोड़ों की धनराशि खर्च की गई। मानक का पालन न होने से 50 फीसदी से अधिक एकल शौचालय ध्वस्त हो गए। उसके बाद छह से 12 लाख की लागत से हर ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू हुआ।

आबादी के हिसाब से 546 ग्राम पंचायतों में 661 सामुदायिक शौचालय बनने शुरू हुए। जमीनी विवाद के कारण कुछ को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर कागजों में पूर्ण हो चुके हैं। धरातल पर उसके ढांचे भी दिख रहे हैं। बाहर से चमक-धमक वाले कई सामुदायिक शौचालय अंदर से अभी तक अधूरे हैं। पानी संग अन्य सुविधाएं न होने से लोगाें को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक दो नहीं कई ऐसे शौचालय हैं जहां आसपास झाड़ियां तक उग गई हैं।

*बारिश से 4 फीट धंसी सड़क*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गत दिनों हुई हल्की बारिश ने ही लोक निर्माण विभाग के सारे दावों की कल‌ई को खोल दी है। गोपीगंज - ज्ञानपुर मार्ग नथ‌ईपुर गांव के पास करीब चार फीट धंस गया है। इसके कारण न सिर्फ आवागमन दुरुह हो गया है बल्कि हादसे भी हो रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि उक्त मार्ग ज्ञानपुर व गोपीगंज के साथ ही आसपास के दर्जनों गांवों को जोड़ने काम करता है। गत दिनों हुई बारिश के बाद नथ‌ईपुर गांव में सड़क धंस गई।

करीब चार फीट गहरा गड्ढा हो जाने के कारण रात के समय में आवागमन के समय हादसे का डर रहता है। गत दिनों एक बोलेरो चालक गढ्ढे से बचने के प्रयास में बाइक सवार टकरा गया था। गंभीर रुप से घायल बाइक सवार महिला व युवक का इलाज वाराणसी चल रहा है। जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने सड़क पर बने गड्ढे को अविलंब ढकने की मांग की है।

*वार्ड पांच में पाइप लाइन खराब पेजयल संकट से लोग परेशान*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत की उदासीनता से वार्ड पांच की क‌ई बस्तियों में पखवाड़े भर से पेयजल आपूर्ति बहाल बाधित है। इससे एक हजार से अधिक लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सुबह और शाम लोग पानी के लिए हैंडपंपों पर लंबी कतार लगा लेते हैं।

शिकायत के बाद भी सुधार न होने नागरिकों में नाराजगी है। ज्ञानपुर नगर के 11 वार्ड में करीब 20 हजार आबादी है। नगर पंचायत की तरफ से इनके लिए पेजयल टंकी से पानी की आपूर्ति की जाती है। नागरिकों का आरोप है कि वार्ड संख्या पांच के नथ‌ईपुर ज्ञानपुर देहाती,नथ‌ईपुर , मिल्की मार्ग, दुर्गागंज त्रिमुहानी के पश्चिमी छोर के कुछ क्षेत्रों में एक सितंबर से पानी सप्लाई नहीं हो रही है। सप्लाई पाइप बंद है। हैंडपंप से स्थानीय रहवासियों की रोजमर्रा की जरुरतें पूरी हो रही है। पानी की किल्लत होने के कारण क‌ई किरायेदार गांव चले गए।

नागरिकों ने आरोप लगाया कि इसकी शिकायत नगर पंचायत के अधिकारियों से की गई, लेकिन सुधार नहीं हो सका। नागरिकों ने जहां 17 दिनों से आपूर्ति न होने का आरोप लगाया। वहीं नगर पंचायत का कहना है कि ये समस्या दो से तीन दिनों से टैंकर भेजकर पानी की आपूर्ति की जा रही है। मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी।

पाइप लाइन चोक‌अप होने के कारण तीन- चार दिनों से वार्ड संख्या पांच की कुछ बस्तियों में पानी सप्लाई बाधित हुई है। लोगों की जरुरत के लिए सुबह शाम टैंकर का पानी भेजा जाता है। चोक‌अप पाइप को बदल दिया गया है। जल्द ही पानी की आपूर्ति बहाल हो जाएगी।

राजेन्द्र कुमार दूबे ईओ ज्ञानपुर

*चिह्नित स्थानों पर लगेगा वाटर कूलर, एक करोड़ 31 लाख स्वीकृत*


चिह्नित स्थानों पर लगेगा वाटर कूलर, एक करोड़ 31 लाख स्वीकृत

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भदोही।नगर में चल रहे सोलर वाटर कूलर के काम अब जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। शासन की ओर से वाटर कूलर के लिए नगर पंचायत प्रशासन को एक करोड़ 31 लाख रुपये की दूसरी किस्त भेज दी गई है। नगर में कुल पौने दो करोड़ रुपये की लागत से 21 वाटर कूलर लगाए जाने हैं।

इसमें प्रथम चरण में 44 लाख की लागत से छह वाटर कूलर लग चुके हैं।ज्ञानपुर नगर पंचायत में मुख्यालय होने के कारण हर दिन बड़ी संख्या में दूसरी जगहों से लोग आते हैं। नगर में पेजयल की समुचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। इसे देखते हुए नगर पंचायत प्रशासन की ओर से नगर में कुल 21 वाटर कूलर लगाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसपर शासन की ओर से पौने दो करोड़ की स्वीकृति मिल गई है।

प्रथम चरण में नगर के मुखर्जी पार्क, कोतवाली परिसर, केएनपीजी समेत कुल छह जगहों पर वाटर कूलर मशीन लगाए जा चुके हैं। दूसरे चरण में अन्य वाटर कूलर लगाए जाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन शासन से धनराशि आवंटित होने का इंतजार कर रहा था। अब दूसरे चरण के लिए भी एक करोड़ 31 लाख रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इससे अन्य चिह्नित स्थानों पर वाटर कूलर मशीन लगाए जाएंगे। योजना के तहत जहां वाटर कूलर मशीन लगेगा, वहां एक बोरिंग कराई जाएगी।

इसके बाद सबमर्सिबल लगाकार टंकी तक पानी पहुंचाया जाएगा। वाटर कूलर मशीन को जाली से घेरा जाना भी जरूरी है, जिससे कि मशीन को कोई नुकसान न पहुंचा सके। वाटर कूलर मशीन के लिए भीड़भाड़ व आम लोगों की पहुंच की जगह को वरीयता दी जाएगी। एक वाटर कूलर लगाने की लागत करीब 15 लाख 83 हजार रुपये तय है। सभी 21 वार्डों में एक करोड़ 74 लाख 20 हजार 480 रुपये की लागत से वाटर कूलर मशीन लगाए जाने हैं। वाटर कूलर लगने के बाद नगर की लगभग 20 हजार आबादी के अलावा प्रतिदिन बाहर से आने वाले लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे।

*सितंबर में सब्जी के लिए माकूल समय, कमा सकेंगे मोटा मुनाफा*


सितंबर में सब्जी के लिए माकूल समय, कमा सकेंगे मोटा मुनाफा

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। यदि पेशे से किसान हैं और सब्जी की खेती करने के इच्छुक हैं तो सितंबर माह आपके लिए बेहद उपयुक्त है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे मौसम में किसान सब्जी की बोआई कर सकते हैं, क्योंकि सब्जी की खेती के लिए इस महीने में तापमान संतुलित रहता है। ऐसे मौसम में शत-प्रतिशत सब्जी की फसल तैयार होती है। जिले में इस वर्ष 120 हेक्टेयर में सब्जी की खेती होगी। किसान शलजम, बैंगन, मुली, विन्स, पालक, गोभी आदि की खेती कर सकते हैं।

कृषि केंद्र बेजवां के कृषि विशेषज्ञ डाॅ. आरपी चौधरी ने बताया कि रबी सीजन में सितंबर माह सब्जी की खेती के लिए सबसे अच्छा समय होता है। किसान अच्छी किस्म के बीज या पौधे लेकर सब्जी की खेती कर सकते हैं। इस सीजन में किसान शलजम, बैंगन, गाजर, मटर, गोभी, पत्ता गोभी, सेम की खेती कर सकते हैं। इसी तरह प्याज, ग्वार, मुली, बीन्स, पालक, भिंडी आदि की बोआई मेड़ों पर कर सकते हैं।

अभी सब्जी की बोआई करने से नवंबर दूसरे सप्ताह तक उसमें फल आने लगेंगे। किसान उसे बाजारों में क्रय कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। जनपद में तमाम ऐसे किसान हैं, जो सब्जी की अच्छी खेती कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। भिडिऊरा निवासी किसान सुबाष दूबे अपने परिवार का जीवन यापन सब्जी की खेती से करते हैं।

वे तकरीबन चार हेक्टेयर में सब्जी की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि वे इस बार एक एकड़ में बैगन की खेती किए हैं। इसमें उनका लागत 40 से 50 हजार के आसपास आया है। मुनाफा लगभग एक से सवा लाख के आसपास होने की उम्मीद है। इसी तरह एक एकड़ में मिर्ची की खेती किए हैं। इसमें लागत 25 से 30 हजार लगेगा और मुनाफा एक से सवा लाख मिलेगा। चार बिस्वा शिमला मिर्च, एक हेक्टेयर में टमाटर की खेती भी करते हैं।

कल से गणेश पूजनोत्सव शुरू*


कल से गणेश पूजनोत्सव शुरू

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भदोही।नगर व ग्रामीणों क्षेत्रों में गणेश पूजनोत्सव धूमधाम से समारोह व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा। इसकी व्यापक तैयारी पूरी कर ली गई है। साफ - सफाई पूजन पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। नगर में 19 सितंबर से गणेश पूजनोत्सव का आयोजन किया गया है।

श्री गणेशोत्सव मंडल क्लब पश्चिमी मोहाल, श्री गणेश उत्सव मंडल क्लब दुर्गाजी गली सदर मोहाल, श्री गणेश पूजा उत्सव खड़हट्टी मोहाल, श्री बाल गणेश उत्सव मंडल, खड़हट्टी मोहाल, श्री गणेश उत्सव मंडल पसियान महाल के साथ ग्रामीण क्षेत्र पूरा कानून गोयन सुजातपुर आदि स्थानों पर मनाया जाएगा।

दुर्गा मंदिर गली में दस दिवसीय अनुष्ठान दौरान प्रथम पूज्य गणेश जी का अलग-अलग स्वरुप में श्रृंगार किया जाएगा। सीमित के विजय सेठ ने बताया कि विसर्जन में महाराष्ट्रीय ढोल पताका विशेष आकर्षण का केंद्र होगा।

*बच्चों को तेज बुखार आए तो न बरतें कोई लापरवाही*


बच्चों को तेज बुखार आए तो न बरतें कोई लापरवाही

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। बदलता मौसम बच्चों की सेहत के लिए काफी घातक साबित हो रहा है। बच्चे को तेज बुखार है तो एहतियात बरतने की जरूरत है।पहला प्रयास यह होना चाहिए कि उसे तत्काल डाक्टर को दिखाएं। राहत नहीं मिलने पर उसकी जांच कराएं। इसके बाद चिकित्सक की देखरेख में ही दवा कराएं।

इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि यदि बच्चे को तेज बुखार है और बदन तप रहा है तो साफ कपड़े को पानी में भिगो कर सिर पर रखें और बदन को भी पोछना - चाहिए। थोड़ी सी चूक दिमागी बुखार का रुप धारण कर सकती हैं।

इन दिनों ऐसी ही कुछ देखने को मिल रहा है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में सबसे अधिक संख्या बुखार से पीड़ित की है। दरअसल बारिश के बाद घर के आसपास गढ्ढों आदि स्थानों पर जमा पानी में मच्छर पनपते हैं।

*कार्पेट एक्सपो से पहले दुरुस्त की जाए सड़कें*

कार्पेट एक्सपो से पहले दुरुस्त की जाए सड़कें

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। विधायक जाहिद बेग ने कहा कि आगामी महीने जिले में 65 देशों के 500 विदेशी कालीन खरीदार और देशभर से कालीन निर्यातक कार्पेट एक्सपो मार्ट में जमा होंगे। ऐसे में एक्सपो शुरू होने से पहले जिले भर की सड़कों को दुरुस्त कराया जाना चाहिए। वे यह बातें प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से किसी दुकानदार के लिए ग्राहक उसका भगवान होता है। उसी प्रकार से विदेशी आयातक संपूर्ण भारत वर्ष के खरीदार अर्थात भगवान है। उनके सम्मान में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। कहा कि विदेशी वर्ष में क‌ई बार भदोही आते हैं और हर बार भदोही आते हैं और हर बार वे भदोही की बदहाल सड़कों की शिकायत कर लोटते है।

ऐसे में इस बात का ध्यान दिया जाना चाहिए। एक्सपो मार्ट में स्वचालित सीढियां स्थापित करने की मांग पिछले वर्ष से हो रही है। बीडा ने इसके लिए प्रयास भी किया लेकिन सरकार ने ध्यान ही नहीं दिया। मार्ट में जो लिफ्ट अथवा वातानुकूलित यंत्र लगे हैं,उसे ठीक करा रहे हैं ‌ लेकिन सड़कें तो जिला प्रशासन ही ठीक करा सकती है। उन्होंने न‌ई बाजार रोड,पकरी से फत्तूपुर मार्ग सहित कंधिया फाटक जो इन दिनों क्षतिग्रस्त है, उसे ठीक कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे डीएम से मिलेंगे और 19 सितंबर को लखनऊ में सीएम व प्रमुख सचिव के सामने भी इसकी मांग रखेंगे।

विधायक ने कहा कि अहमदगंज गजिया ओवर ब्रिज के नीचे और गाजिया मोड़ का सुंदरीकरण किया जाना था, वह भी नहीं हो सका है। इससे यहां आने वाले आयातकों में गलत संदेश जाएगा।

*गणेश पूजनोत्सव के लिए बन रहे आकर्षक पंडाल*


गणेश पूजनोत्सव के लिए बन रहे आकर्षक पंडाल

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही भगवान गणेश पूजनोत्सव की तैयारी समितियों द्वारा तेज कर दी गई है। पूजा पंडाल के आसपास साफ - सफाई संग सजाने का काम शुरू हो गया है। पूजा पंडाल में स्थापित होने वाली मूर्तियों को कारीगर आकर्षक रूप दे रहे हैं। पंडालों में स्थापित होने वाले मूर्तियों की बुकिंग पूर्व में ही शुरू हो गई थी।

इन दिनों क्षेत्र के सिंहपुर नहरा के पास कारीगरों द्वारा मनमोहक मूर्तियां बनाई जा रही है। कोलकाता से आए कारीगर आदि मां शक्ति दुर्गा, भगवान गणेश प्रतिमाएं बना रहें।

पूजा पंडालों में 19 सितंबर से गणेश की मूर्तियां स्थापित होने लगेंगी। पूजनोत्सव सीमित के लोग कारखाना में आकार पंडाल के हिसाब से मूर्तियां की बुकिंग कर रहे हैं।

मूर्तिकार मिलन ने बताया हम लोग यहां छह से टिके हुए हैं। गणेश व मां दुर्गा पूजनोत्सव को लेकर प्रतिमाएं बना रहें हैं। गणेश जी की प्रतिमा बनाने का काम युद्ध स्तर से चल रहा है। जबकि माता दुर्गा की प्रतिमाएं बन गई है। अब पेंटिंग का काम होगा। तैयार मूर्तियों को तीन से पांच हजार रुपए तक के दाम पर बेचा जा रहा है।