खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या मामले में भारत का कनाडा को करारा जवाब, कहा- आतंकवादियों और चरमपंथियों को बचाने की कोशिश
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कनाडा ने सोमवार को भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को निकाल दिया। कनाडा ने अपनी धरती पर खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के बीच ही यह कदम उठाया। साथ ही उसने भारत को इसके लिए दोष दिया है। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार के एजेंट्स और खालिस्तानी आतंकी की हत्या के बीच एक लिंक होने की बात कही है। भारत ने मंगलवार को कनाडा के इन आरोपों को खारिज कर दिया। इसके जवाब में अब भारत सरकार की तरफ से बयान जारी कर कनाडा को लताड़ लगाई गई है।
निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ा था। वह गुरपतवंत सिंह पन्नून के बाद संगठन में नंबर दो था। जुलाई 2020 में भारत ने उसे 'आतंकवादी' घोषित किया था।इस साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर की हत्या के बाद कनाडा में ये बातें उठी कि उसकी हत्या भारतीय एजेंट्स ने की। लेकिन भारत अपने ऊपर लगने वाले इन आरोपों को खारिज कर चुका है।इसी क्रम में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत पर निशाना साधा है। इसके साथ ही ट्रूडो ने एक टॉप भारतीय डिप्लोमैट को भी अपने देश से निष्कासित कर दिया है।
कनाडा ने क्या आरोप लगाया?
दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने आरोप लगाया कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या के तार भारत सरकार के साथ जुड़े हुए हो सकते हैं। कनाडाई संसद को संबोधित करते हुए ट्रूडो ने कहा कि कनाडाई खुफिया एजेंसियों ने सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद आरोपों की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की जमीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना बिल्कुल भी स्वाकार्य योग्य नहीं है। ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है।
कनाडा के आरोपों पर भारत ने क्या कहा?
कनाडा की तरफ से भारत पर लगाए गए आरोपों का मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है।विदेश मंत्रालय ने मंगलवार सुबह एक बयान जारी कर कहा कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का संसद में दिए गए बयान को देखा गया है। उनके विदेश मंत्री के बयान को भी सुना गया है। हम कनाडाई पीएम और विदेश मंत्री के आरोपों को खारिज करते हैं। कनाडा में होने वाली किसी भी हिंसा में भारत सरकार पर शामिल होने का आरोप लगाना बेहद ही बेतुका और राजनीति से प्रेरित है। बयान में आगे कहा गया कि ठीक ऐसे ही आरोप हमारे प्रधानमंत्री के सामने कनाडाई प्रधानमंत्री ने लगाए। हमने उसे भी सिरे से खारिज कर दिया था। हम कानून के राज को लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहे हैं।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से ध्यान भटकाने वाले हैं। कनाडा में इन्हें आश्रय दिया जा रहा है, जबकि ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं। कनाडा सरकार इस मुद्दे पर शांत रही है, जो हमारे लिए चिंता की बात है। कनाडाई नेताओं ने भी इन चरमपंथियों के प्रति सहानुभूति दिखाई है, जो चिंता का विषय है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा में हत्या, मानव तस्करी और संगठित अपराध सहित कई अवैध गतिविधियां कोई नई बात नहीं है। हम भारत सरकार को इस तरह के मामलों से जोड़ने की किसी भी कोशिश को अस्वीकार करते हैं। हम कनाडा सरकार से उसकी जमीन पर एक्टिव सभी भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने की गुजारिश करते हैं।
Sep 19 2023, 11:28