*शिक्षक के अंदर होने चाहिए विश्वसनीयता के गुण: कुलपति*
लखनऊ । उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के मानविकी विद्याशाखा के तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने कहा कि समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक बनना आसान काम नहीं है। शिक्षक को एक वक्ता के साथ-साथ सक्रिय श्रोता होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समाज में सभी व्यक्ति शिक्षक हैं। हम सभी से कुछ न कुछ सीखते हैं। शिक्षक के अन्दर विश्वसनीयता के गुण होने चाहिए। उसके द्वारा कही गयी बातों पर शिष्य अटूट विश्वास करें। शिक्षक की भूमिका प्रेरक की होनी चाहिए ताकि शिष्य को अग्रसर होने की प्रेरणा मिले एवं समाज का मार्ग दर्शन कर सके। साझी पुस्तक समारोह का उद्देश्य समाज में पुस्तकों के पढ़ने की प्रेरणा के लिए आयोजित किया गया था। विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रयास है कि शिक्षा जगत में समाज के सभी वर्ग जुड़ सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह द्वारा सभी शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मानविकी विद्याशाखा के निदेशक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने कहा कि शिक्षक समाज का निर्माण करता है। उसमें ईमानदारी, निष्ठा, कर्तव्यपराणयता होनी चाहिए। उन्होंने चाणक्य, रवीन्द्र नाथ टैगोर, दादू दयाल, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द से लेकर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी समाज और संस्कृति को बनाये रखने में महत्वूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अतुल कुमार मिश्र ने कहा कि भारतीय परम्परा में गुरू को ईश्वर से अधिक महत्व दिया गया है। इस कारण ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने प्राचीन काल से ही अत्यधिक तरक्की की है। राधाकृष्णन जी ने भारतीय ज्ञान की परम्परा को आज भी जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर सरस्वती प्रतिमा एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर माल्यार्पण करके किया गया। वाचिक स्वागत प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने किया। संचालन डॉ. अब्दुल रहमान ने एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।
Sep 05 2023, 18:50