*निजी भूमि पर औद्योगिक स्थापना के लिए उद्यमियों को मिलेगी छूट*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में निजी औद्योगिक पार्कों को विकसित करने के इच्छुक भूमि स्वामियों को सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। शासन की ओर से इसके लिए औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना (PLEDGE) लागू किया है। योजना के तहत एमएसएमई पार्क विकसित करने के उत्सुक उद्यमियों को औद्योगिक स्थापना के लिए भूमि के मूल्य का 90 फीसदी या फिर औद्योगिक पार्क के आवश्यक धनराशि में कम हो रही धनराशि का एक फीसदी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शेष पूंजी की व्यवस्था उद्यमी को स्वयं करनी होगी। वह बैंक से ऋण भी प्राप्त कर सकता है।जिले में उद्योग स्थापना के लिए तरह-तरह से प्रयास हो रहे हैं।
इन्वेटर्स समिट में लगभग 92 उद्यमियों ने विभिन्न मदों में 1200 करोड़ के आसपास निवेश करते हुए एमओयू पर साइन किया था। जिले में भूमि की अनुपब्धता के कारण अब तक कई योजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से लगातार उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है। अब जिले में औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित करने के लिए निजी औद्योगिक पार्कों के विकास की योजना (PLEDGE) लागू की गई है। योजना के तहत निजी भूस्वामियों द्वारा 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि में निजी औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। एमएसएमई पार्क विकसित करने का इच्छुक उद्यमी राज्य सरकार के पास बंधक रखेगा।
योजना के तहत उद्योग को विकसित किए जाने की सारी जिम्मेदारी उद्यमी की होगी। जिले में 10 से 50 एकड़ की भूमि पर उद्यम विकसित करने वाले उद्यमियों को औद्योगिक स्थापना के लिए जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के मूल्य का 90 फीसदी या फिर औद्योगिक पार्क के आवश्यक धनराशि जो धनराशि कम हो रही है, दी जाएगी। उसमें एक फीसदी धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। शेष पूंजी उद्यमी को खुद के स्रोत्रो से या फिर बैंक से ऋण लेकर लगाना होगा।योजना के तहत औद्योगिक पार्क के आंतरिक विकास की लागत की गणना 50 लाख प्रति एकड़ से होगी। खास बात है कि विकासकर्ताओं को भूमि खरीद पर लगने वाले शुल्क की 100 फीसदी छूट प्राप्त होगी। योजना के तहत जिला उद्योग प्रोत्साहन व उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा उद्यमी को दो किस्तों में धनराशि उपलब्ध कराएगी।
पहली कि 75 फीसदी उपयोग होने के बाद दूसरी किस्त की धनराशि जारी होगी। इसमें तीन साल तक उद्यमी से दी गई धनराशि का एक फीसदी ब्याज लिया जाएगा। अगर इन तीन सालों में ऋण चुकता नहीं होता है तो चौथे वर्ष से ब्याज छह फीसदी किया जाएगा। सरकार की ओर से दी गई पूंजी को वापस करने की अवधि छह साल तक होगी।योजना के तहत निजी भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने वाले उद्यमी पर ही विकसित किए गए उद्योग सुविधाओं के रखरखाव की जिम्मेदारी होगी। इसमें कारखाने की बाउंड्री वाल, आंतरिक मार्ग, नाली, विद्युत व्यवस्था, पेजयल व सीवेज की सारी जिम्मेदारी उद्यमी पर ही होगी।
Aug 26 2023, 18:43