*रंगीन राखियों से सजी दुकानें*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही।भाई - बहन के स्नेह प्रेम का पर्व रक्षाबंधन की तैयारी तेज हो गई है। बाजार में रंग - बिरंगी राखियां सजने लगी है। जिन बहन के भाई परदेश रहते हैं। वह रक्षा सूत्र खरीदकर डाक व कोरियर से भेज रहीं हैं। बहने भाई की कलाई में बांधने को आकर्षक राखियों की खरीदारी कर रहीं हैं। इस वर्ष बच्चों को के कार्टून व चांदी के राखी की जमकर खरीदारी हो रही है।

आभूषण व्यापारियों की माने तो पिछले वर्ष के अपेक्षा इस साल चांदी के राखी का आर्डर मिल रहा है। नगर समेत ग्रामीण अंचलों के बाजार ग्राहकों से गुलजार आ रहे हैं। त्यौहार को लेकर बाजार में खूब रौनक बढ़ गई है। सर्राफा की दुकानें पर बहनें चांदी की राखियां खरीदने को पहुंचती रही। चांदी की राखी चार सौ से 15 सौ से बीच लोग क्रय करते रहे।

आभूषण वीरेंद्र सेठ ने बताया कि राखी पर्व पर चांदी की राखियों की मांग बढ़ी है। बहनें भाईयों के लिएखरीदारी कर रहीं हैं। उधर ,रक्षा बंधन त्यौहार के मद्देनजर मिठाई विक्रेता भी तैयार भी तैयारी में जुट गए हैं। कारोबारी थोक में खोआ, पनीर व छेना की मिठाई कैसे तैयार करें यह योजना बनाने में लगे हैं।

*हृदय और किडनी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल ज्ञानपुर में लीवर, किडनी, हृदय रोग समेत अन्य विशेषज्ञ रोगों के चिकित्सकों की कमी है। गंभीर मरीजों को वाराणसी अथवा दूसरे जनपद को रेफर कर दिया जाता है। इसके कारण कालीन नगरी में सरकार की मंशा फलीभूत नहीं हो पा रही है। आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा केंद्र व प्रदेश सरकारों की ओर से किया जाता है, लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं है लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं है।

जनपद के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ रोगों के चिकित्सकों की कमी है। भारी भरकम बजट के बाद भी दवाओं के नाम पर केवल झुनझुना थमा दिया जाता है। मारपीट गंभीर रोगों के मरीजों को अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सक अन्यत्र रेफर कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं। करें भी तो क्या,न सुविधाएं और न ही संबंधित बीमारी के एक्सपर्ट डॉक्टर सीएम‌एस डॉ राजेंद्र कुमार ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन न‌ए व पुराने मरीजों को मिलाकर करीब एक हजार को लोग उपचार को आते हैं।

32 चिकित्सकों की जरूरत है, लेकिन 18 ही चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर शासन को क‌ई बार पत्र लिखा जा चुका है। अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक जबाव नहीं मिला है। दावा किया है कि मौजूदा संसाधनों से बेहतर उपचार मरीजों को दिया जाता है।

*सौ शैय्या अस्पताल का कार्य पूर्ण होने की उम्मीद*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिला मुख्यालय पर बने सौ शैय्या अस्पताल का अधूरा कार्य अब पूर्ण होने की उम्मीद जगने लगी है। शासन से अधूरा कार्य पूर्ण करने की दिशा में करीब तीन करोड़ 23 लाख का बजट स्वीकृत हुआ है।

सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि अधूरा काम पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्था नामित हो गई है। अस्पताल में शीघ्र ही काम शुरू हो जाएगा। अस्पताल पूर्ण होने पर आम जनता को सभी सुविधाएं मुहैया होने लगेंगी। वर्ष 2008 में 14 करोड़ की लागत से सरपतहां में 100 शैय्या अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी।

करीब डेढ़ दशक में लागत चार करोड़ बढ़कर 18 करोड़ पहुंच गई, लेकिन अस्पताल का काम पूरा नहीं हो सका। 2015 में निर्माणाधीन अस्पताल की जांच कराई थी।

*भुड़की के रास्ते पर पानी लगने से बढ़ी परेशानी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पटेल स्थित भुड़की मार्ग पर जमा दूषित पानी से क्षेत्रीय लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गंदा पानी में आए दिन बाइक व साइकिल सवार गिरकर घायल हो जा रहे हैं।

पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से राहगीरों को दिक्कत झेलना पड़ रहा है। भुड़की मार्ग पर आधे घंटे बारिश हुआ नहीं कि जलजमाव हो जाता है। गंदा पानी आठ से दस तक जमा रहता है। दिन में तो किसी तरह लोग आवामन कर लेते हैं। लेकिन रात्रि में इधर से गुजरना मुश्किल भरा हो जाता है।

भुड़की गांव में क‌ई स्थानों पर जलजमाव की समस्या बनी हुई है। पानी निकासी की उचित व्यवस्था कराने की मांग बार - बार की जा रही है लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

*26 अतिकुपोषित बच्चे एक माह में मिले, 6 भर्ती*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कुपोषण की त्रासदी से जूझ रही छह बच्चों का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय मिले वार्ड के ऊपर चल रहे केंद्र में आधा दर्जन बच्चे मां संग इलाज को भर्ती हैं।

अतिकुपोषित बच्चों का नियमित वजन चेक दूध व पौष्टिक आहार व दवाइंया दी जा रही है। कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। केंद्र के चिकित्सक डॉ रोहित ने बताया कि एक माह के अंदर 26 अतिकुपोषित बच्चे मिले थे। इसमें दो बच्चे मंडल अस्पताल मिर्जापुर रेफर हो ग‌ए। जबकि 18 बच्चों का इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं आधा दर्जन अतिकुपोषित नौनिहालों का उपचार हो रहा है। जो बच्चे स्वस्थ हुए हैं।

उनका भी केंद्र पर नियमित बुलाकर वजन किया जा रहा है। बताया कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की पहचान कर केंद्र पर लाने का काम कर रही है। जो बच्चे पलते हो, पेट निकला हो,चेहरे पर सुस्ती व उम्र के हिसाब से ज्यादा कमजोर दिखें तो कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। पोषण न मिलने से बच्चे कमजोर हो रहें हैं।

*भदोही में छेड़खानी के मामले में 5 वर्ष की सजा:एक अभियुक्त को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने 10 हजार का लगाया अर्थदण्ड*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही में कोर्ट ने एक नाबालिक लड़की से छेड़खानी के मामले में एक दोषी अभियुक्त को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है और कोर्ट ने 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। 2020 में औराई थाने में नाबालिक बालिका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था जिस मामले में यह कोर्ट ने सजा सुनाई है।

आपको बता दे की औराई कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक नाबालिग बालिका घर के सामने खेल रही थी उस वक्त अभियुक्त के द्वारा उसके साथ छेड़खानी की गई थी। उक्त प्रकरण में 17 अक्टूबर 2020 को औराई थाने में नाबालिक लड़की के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पास्को एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले में विवेचनात्मक करवाई व साक्ष्य संकलन के बाद आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था।

अभियुक्त के विरुद्ध अधिकतम दंडात्मक कार्रवाई हेतु स्थानीय पुलिस ,मॉनिटरिंग सेल व विशेष लोग अभियोजन कौलेश्वर नाथ पांडे की प्रभावी पैरवी के बाद अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिक बालिका के साथ छेड़खानी करने के दोषी अभियुक्त रामकुमार गुप्ता को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

*चंद्रयान-3 मिशन में भदोही के युवा वैज्ञानिक की भी सहभागिता, टीवी पर प्रसारण देख परिवार वालों को हुई जानकारी*

भदोही। चंद्रयान-3 की सफलता ने देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। असंभव को संभव कर दिखाने वाली इसरो की टीम में जनपद का एक युवा वैज्ञानिक भी शामिल हैं। ज्ञानपुर के चकवा गांव निवासी युवा वैज्ञानिक अनुराग सिंह चंद्रयान-3 मिशन की टीम का हिस्सा है। ज्ञानपुर के चकवा निवासी अमिताभ कुमार सिंह के दो बेटों में छोटा बेटा अनुराग शुरू से ही काफी मेधावी थे‌। इनकी प्राथमिक शिक्षा - दीक्षा विभूति नारायण राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने जंगीगंज स्थित रामदेव पीजी कॉलेज से बीएस किया। आगे की पढ़ाई के लिए वे बैंगलूरू चले गए।

यही से इंजीनियरिंग करने के बाद साल 2013 में इनका चयन इसरो में असिस्टेंट साइंटिस्ट के पद पर हुआ। इसके पहले ये मिशन मंगलयान टीम के भी हिस्सा रहे। इनके चाचा राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मिशन मंगलयान में इन्होंने उद्घोषक की भूमिका निभाई थी। इनके चाचा राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन शुरू होने के बाद से बहुत ही कम बार घर आए।

मिशन की शूचिता को ध्यान में रखकर परिवार के किसी भी सदस्य ने इनसे मिशन के बारे में कुछ नहीं पूछा। टीवी पर लाइव प्रसारण के दौरान उन्हें देखकर मिशन में इनके भी शामिल होने की जानकारी मिली। परिवार में इनके पिता अमिताभ कुमार सिंह, भाई पंकज कुमार सिंह व उनका परिवार हैं।

*मौसम बदलने से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम में बदलाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। सर्दी - जुकाम और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बृहस्पतिवार को 1123 मरीजों की ओपीडी रही, जो अन्य दिनों की अपेक्षा डेढ़ गुना से अधिक रही। गंभीर बीमारी की जानकारी के लिए ढाई हजार मरीजों ने लैब की जांच कराई। उसम और गर्मी के बीच बारिश होने से मौसम बदल गया है। जिससे मौसमी बीमारियों ने पांव पसार लिया है।

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में अमूमन 800 से 900 मरीजों की ओपीडी होती है। लेकिन बृहस्पतिवार को 1123 मरीजों की रिकार्ड ओपीडी हुई। चिकित्सों ने जांच पड़ताल कर मरीजों का दवा उपहिमालयी कराई। साथ ही मरीजों को सतर्क रहने की सलाह दी थी। जरा सी लापरवाही बरतने पर लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मौसमी बीमारी के साथ ही चिकित्सालय में दाद ,खाज के मरीज में पहुंच रहें हैं। लेकिन त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों का परेशानी होती है।

डॉ आशुतोष सिंह ने बताया कि मौसम में अचानक से बदालव हुआ है। बारिश के दिनों में सर्दी जुखाम सहित वायरल बुखार की समस्या आम हो जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि चिकित्सकीय परामर्श पर दवाएं लें।

*जर्जर भवन होने से हो रही दिक्कत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। तीन दशक बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को एक स्थाई दफ्तर नहीं मिल सका है। तब से अब तक उक्त विभाग गांधी आश्रम गली ज्ञानपुर में एक किराये के भवन में संचालित होता आ रहा है। भवन की स्थिति यह है कि कर्मचारियों के साथ ही छात्र, अभिभावक शिक्षक संस्थान संचालन भी पहुंचने से कतराते हैं।

कारण भी है किराये वाले भवन को देखते ही इस बात का अंदाजा जन- जन को लगता रहता है कि किसी दिन या तो भवन गिरेगा या फिर कोई उपकरण किसी के ऊपर आकार जख्म देने में नहीं कर सकता। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेशचंद्र ने कहा कि स्थाई दफ्तर की मांग क‌ई बार हो चुकी है।

*सब्जी का गिरा भाव दलहन ने बढ़ाईं चिंता*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में सब्जी दाम में गिरावट ने जहां राहत दी वहीं दलहन के दामों में तेजी आई है। दलहन के दामों में 20 रुपए से लेकर 50 रुपए तक की तेजी आई है। वहीं सब्जी के दामों में प्रति किलो दस रुपए गिरावट है। 800 रुपए किलो बिकने वाला मसाला के दाम 1300 रुपए किलो बिक रहा है। दलहन में सबसे महंगा काबूल चना हैं,जो पहले 100 रुपए से बढ़कर 160 रुपए किलो बिक रहा है।

दलहन व्यापारी गोविंद मौर्य प्रदीप गुप्ता ने बताया कि बड़े व्यापारी ही दाल महंगी दे रहे हैं। मसूर की दाल पहले 80 रुपए किलो थी, अब 95 रुपए किलो बिक रही हैं। मटर की दाल 60 रुपए से 80 रुपए बिक रही हैं। चना की दाल में दस रुपए महंगा हुआ है। जो 80 रुपए में बिक रहा है।