*भुड़की के रास्ते पर पानी लगने से बढ़ी परेशानी*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पटेल स्थित भुड़की मार्ग पर जमा दूषित पानी से क्षेत्रीय लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गंदा पानी में आए दिन बाइक व साइकिल सवार गिरकर घायल हो जा रहे हैं।

पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से राहगीरों को दिक्कत झेलना पड़ रहा है। भुड़की मार्ग पर आधे घंटे बारिश हुआ नहीं कि जलजमाव हो जाता है। गंदा पानी आठ से दस तक जमा रहता है। दिन में तो किसी तरह लोग आवामन कर लेते हैं। लेकिन रात्रि में इधर से गुजरना मुश्किल भरा हो जाता है।

भुड़की गांव में क‌ई स्थानों पर जलजमाव की समस्या बनी हुई है। पानी निकासी की उचित व्यवस्था कराने की मांग बार - बार की जा रही है लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

*26 अतिकुपोषित बच्चे एक माह में मिले, 6 भर्ती*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कुपोषण की त्रासदी से जूझ रही छह बच्चों का इलाज पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय मिले वार्ड के ऊपर चल रहे केंद्र में आधा दर्जन बच्चे मां संग इलाज को भर्ती हैं।

अतिकुपोषित बच्चों का नियमित वजन चेक दूध व पौष्टिक आहार व दवाइंया दी जा रही है। कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। केंद्र के चिकित्सक डॉ रोहित ने बताया कि एक माह के अंदर 26 अतिकुपोषित बच्चे मिले थे। इसमें दो बच्चे मंडल अस्पताल मिर्जापुर रेफर हो ग‌ए। जबकि 18 बच्चों का इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं आधा दर्जन अतिकुपोषित नौनिहालों का उपचार हो रहा है। जो बच्चे स्वस्थ हुए हैं।

उनका भी केंद्र पर नियमित बुलाकर वजन किया जा रहा है। बताया कि आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की पहचान कर केंद्र पर लाने का काम कर रही है। जो बच्चे पलते हो, पेट निकला हो,चेहरे पर सुस्ती व उम्र के हिसाब से ज्यादा कमजोर दिखें तो कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। पोषण न मिलने से बच्चे कमजोर हो रहें हैं।

*भदोही में छेड़खानी के मामले में 5 वर्ष की सजा:एक अभियुक्त को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने 10 हजार का लगाया अर्थदण्ड*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही में कोर्ट ने एक नाबालिक लड़की से छेड़खानी के मामले में एक दोषी अभियुक्त को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है और कोर्ट ने 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। 2020 में औराई थाने में नाबालिक बालिका के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था जिस मामले में यह कोर्ट ने सजा सुनाई है।

आपको बता दे की औराई कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक नाबालिग बालिका घर के सामने खेल रही थी उस वक्त अभियुक्त के द्वारा उसके साथ छेड़खानी की गई थी। उक्त प्रकरण में 17 अक्टूबर 2020 को औराई थाने में नाबालिक लड़की के पिता की तहरीर पर पुलिस ने पास्को एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले में विवेचनात्मक करवाई व साक्ष्य संकलन के बाद आरोपी के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था।

अभियुक्त के विरुद्ध अधिकतम दंडात्मक कार्रवाई हेतु स्थानीय पुलिस ,मॉनिटरिंग सेल व विशेष लोग अभियोजन कौलेश्वर नाथ पांडे की प्रभावी पैरवी के बाद अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिक बालिका के साथ छेड़खानी करने के दोषी अभियुक्त रामकुमार गुप्ता को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

*चंद्रयान-3 मिशन में भदोही के युवा वैज्ञानिक की भी सहभागिता, टीवी पर प्रसारण देख परिवार वालों को हुई जानकारी*

भदोही। चंद्रयान-3 की सफलता ने देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। असंभव को संभव कर दिखाने वाली इसरो की टीम में जनपद का एक युवा वैज्ञानिक भी शामिल हैं। ज्ञानपुर के चकवा गांव निवासी युवा वैज्ञानिक अनुराग सिंह चंद्रयान-3 मिशन की टीम का हिस्सा है। ज्ञानपुर के चकवा निवासी अमिताभ कुमार सिंह के दो बेटों में छोटा बेटा अनुराग शुरू से ही काफी मेधावी थे‌। इनकी प्राथमिक शिक्षा - दीक्षा विभूति नारायण राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने जंगीगंज स्थित रामदेव पीजी कॉलेज से बीएस किया। आगे की पढ़ाई के लिए वे बैंगलूरू चले गए।

यही से इंजीनियरिंग करने के बाद साल 2013 में इनका चयन इसरो में असिस्टेंट साइंटिस्ट के पद पर हुआ। इसके पहले ये मिशन मंगलयान टीम के भी हिस्सा रहे। इनके चाचा राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मिशन मंगलयान में इन्होंने उद्घोषक की भूमिका निभाई थी। इनके चाचा राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन शुरू होने के बाद से बहुत ही कम बार घर आए।

मिशन की शूचिता को ध्यान में रखकर परिवार के किसी भी सदस्य ने इनसे मिशन के बारे में कुछ नहीं पूछा। टीवी पर लाइव प्रसारण के दौरान उन्हें देखकर मिशन में इनके भी शामिल होने की जानकारी मिली। परिवार में इनके पिता अमिताभ कुमार सिंह, भाई पंकज कुमार सिंह व उनका परिवार हैं।

*मौसम बदलने से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मौसम में बदलाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। सर्दी - जुकाम और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बृहस्पतिवार को 1123 मरीजों की ओपीडी रही, जो अन्य दिनों की अपेक्षा डेढ़ गुना से अधिक रही। गंभीर बीमारी की जानकारी के लिए ढाई हजार मरीजों ने लैब की जांच कराई। उसम और गर्मी के बीच बारिश होने से मौसम बदल गया है। जिससे मौसमी बीमारियों ने पांव पसार लिया है।

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में अमूमन 800 से 900 मरीजों की ओपीडी होती है। लेकिन बृहस्पतिवार को 1123 मरीजों की रिकार्ड ओपीडी हुई। चिकित्सों ने जांच पड़ताल कर मरीजों का दवा उपहिमालयी कराई। साथ ही मरीजों को सतर्क रहने की सलाह दी थी। जरा सी लापरवाही बरतने पर लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मौसमी बीमारी के साथ ही चिकित्सालय में दाद ,खाज के मरीज में पहुंच रहें हैं। लेकिन त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों का परेशानी होती है।

डॉ आशुतोष सिंह ने बताया कि मौसम में अचानक से बदालव हुआ है। बारिश के दिनों में सर्दी जुखाम सहित वायरल बुखार की समस्या आम हो जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि चिकित्सकीय परामर्श पर दवाएं लें।

*जर्जर भवन होने से हो रही दिक्कत*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। तीन दशक बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को एक स्थाई दफ्तर नहीं मिल सका है। तब से अब तक उक्त विभाग गांधी आश्रम गली ज्ञानपुर में एक किराये के भवन में संचालित होता आ रहा है। भवन की स्थिति यह है कि कर्मचारियों के साथ ही छात्र, अभिभावक शिक्षक संस्थान संचालन भी पहुंचने से कतराते हैं।

कारण भी है किराये वाले भवन को देखते ही इस बात का अंदाजा जन- जन को लगता रहता है कि किसी दिन या तो भवन गिरेगा या फिर कोई उपकरण किसी के ऊपर आकार जख्म देने में नहीं कर सकता। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेशचंद्र ने कहा कि स्थाई दफ्तर की मांग क‌ई बार हो चुकी है।

*सब्जी का गिरा भाव दलहन ने बढ़ाईं चिंता*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में सब्जी दाम में गिरावट ने जहां राहत दी वहीं दलहन के दामों में तेजी आई है। दलहन के दामों में 20 रुपए से लेकर 50 रुपए तक की तेजी आई है। वहीं सब्जी के दामों में प्रति किलो दस रुपए गिरावट है। 800 रुपए किलो बिकने वाला मसाला के दाम 1300 रुपए किलो बिक रहा है। दलहन में सबसे महंगा काबूल चना हैं,जो पहले 100 रुपए से बढ़कर 160 रुपए किलो बिक रहा है।

दलहन व्यापारी गोविंद मौर्य प्रदीप गुप्ता ने बताया कि बड़े व्यापारी ही दाल महंगी दे रहे हैं। मसूर की दाल पहले 80 रुपए किलो थी, अब 95 रुपए किलो बिक रही हैं। मटर की दाल 60 रुपए से 80 रुपए बिक रही हैं। चना की दाल में दस रुपए महंगा हुआ है। जो 80 रुपए में बिक रहा है।

*डेढ़ करोड़ से बनेगा आईपीएचसी लैब*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सबकुछ ठीक रहा तो सरपतहां के 100 शैय्या अस्पताल में डेढ़ करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब (आईपीएचसी) की स्थापना होगी। ढाई हजार वर्ग मीटर में लैब भवन अस्पताल के मुख्य गेट के बगल में बनाया जाएगा। इसके बन जाने से एक ही छत के नीचे सारी जांचे हो सकंगी। कार्यदायी संस्था ने भवन निर्माण के लिए मंगलवार को मिट्टी नमूने जांच के लिए बीएचयू भेजा है।

जिले की संभावित 20 लाख की आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए हर साल नई-नई योजनाएं धरातल पर उतारी जा रही हैं। दो राजकीय, छह सीएचसी और 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को उपचार किया जाता है। करीब डेढ़ दशक पूर्व 18 करोड़ की लागत से सरपतहां में 100 शय्या अस्पताल का निर्माण शुरू किया गया। 70 से 80 फीसदी अस्पताल पूर्ण हो चुका है। ओपीडी सहित अन्य सुविधाएं शुरू हो चुकी हैं। अब 100 शय्या अस्पताल में लैब स्थापित करने का प्रयास शुरू हो गया है। यूपी प्रोजेक्ट कार्पोंरेशन लिमिटिड संस्था के कर्मचारियों ने मंगलवार को सौ शय्या अस्पताल परिसर के मुख्य गेट के बगल से लैब भवन के निर्माण कार्य के लिए मिट्टी लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा है।

लैब तैयार होने के बाद मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी जांच की सुविधाएं मिलेगी।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 2024 से पहले भवन तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है। बताते चलें कि पिछले दिनों राज्य स्तरीय टीम लैब बनाने के लिए महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय ज्ञानपुर और महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय भदोही का निरीक्षण कर सर्वे किया। लेकिन वहां पर जमीन उपलब्ध न होने के कारण सर्वे टीम वापस जा रही थी। उसके बाद सीएमओ ने तत्काल सर्वे टीम को सौ शय्या अस्पताल में जगह दिखाई। जिस पर सर्वे टीम ने मुहर लगा दी।

इसके बाद कार्यदायी संस्था को भवन निर्माण को लेकर प्रपोजल मांगा गया है। संस्था ने सौ शय्या अस्पताल से मिट्टी लेकर जांच के लिए बीएचयू भेजा है। यहां एक भी लैब नहीं है। खून, एक्सरे आदि की जांच जिला अस्पताल ज्ञानपुर में होती है, लेकिन अन्य जांच के लिए निजी लैब पर मरीजों को जाना पड़ता है। जिससे उनको अधिक धन खर्च करना पड़ता है।कैैंसर से लेकर गंभीर बीमारियों की होगी जांच

सीएमओ डाॅ. एसके चक ने बताया कि इंटीग्रटेड पब्लिक हेल्थ लैब में गंभीर बीमारियों का जांच होगी। इसके लिए मरीजों को अन्य जनपदों का रुख करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस लैब में संक्रमित बीमारी सहित टीबी, डेंगू, एड्स, चिकनगुलिया, मलेरिया, कालाजार, डायरिया, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद आदि सहित तीन दर्जन से अधिक जांचे होंगी।

इंटीग्रटेड पब्लिक हेल्थ लैब में सभी प्रकार की जांचे एक ही छत के नीचे होगी। लैब बनवाने के लिए सौ शय्या अस्पताल में ढाई हजार वर्ग मीटर में जमीन उपलब्ध करा दी गई है।

*11 करोड़ के अतिरिक्त बजट से बदले जाएंगे बिजली के जर्जर उपकरण *

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में दो वितरण खंड सहित 29 उपकेंद्रों से तीन लाख उपभोक्ता जुड़े हैं। एक से दो दशक पूर्व के लगे उपकरण एवं तार जर्जर हो चुके हैं। चार महीने पूर्व रिवैंप योजना के तहत तारों और जर्जर उपकरण को बदलने के लिए जिले को 100 करोड़ स्वीकृत हुआ। अलग-अलग उपकेंद्रो से जुड़े तारों को बदला जा रहा है। बिजली विभाग की मांग पर शासन से 11 करोड़ और सात दिन पूर्व स्वीकृत हुआ।

अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि सौ करोड़ आरडीएसएस-रिवैंप योजना से प्रथम चरण में जर्जर तार-खंभों को बदलने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अतिरिक्त 11 करोड़ का बजट स्वीकृत होने पर एचटी-एलटी जर्जर तार समेत लघु मध्यम वर्गीय ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि हो जाएगी और कार्य करने में अक्षम एबीसी कंडक्टर नए लग जाएंगे।

इन फीडरों पर हो रही मात्र चार घंटे आपूर्ति

चौरी/सुरियावां। चौरी क्षेत्र के मानिकपुर, चौरी, मई, चौरी बाजार फीडर पर मात्र चार घंटे बिजली मिल रही है। उपभोक्ता प्रेमचंद गुप्ता, राजू सिंह, पवन कुमार, राजबीर सिंह, ओमप्रकाश यादव ने बताया कि उक्त फीडरों का संचालन चौरी उपकेंद्र से होता है। रोस्टर 24 घंटे के लिए निर्धारित है, लेकिन आपूर्ति कब होगी या नहीं कोई समय तय नहीं है। पर्याप्त आपूर्ति न मिलने से उपभोक्ता हवा, पानी, किसान सिंचाई, व्यापारी अपने व्यापार के लिए परेशान रहते हैं। इसी तरह वहिदानगर उपकेंद्र के अरता फीडर उपभोक्ता कमलेश, सुरेश, राहुल, नीला देवी ने बताया कि रात 11 बजे के बाद होने वाली कटौती सबसे अधिक परेशानी बढ़ा रही है।

इसी तरह सुरियावां नगर में बाईपास रोड, पेट्रोल पंप के पास खुले में रखे मध्यम वर्गीय ट्रांसफार्मर किसी समय अनहोनी को बढ़ावा दे सकते हैं। नगर निवासी मिथिलेश, सुरेंद्र, रामलोलारख, हरिओम ने बताया कि इस तरह से कई स्थानों पर भी ट्रांसफार्मर लगे हैं। बार-बार शिकायत होती है कि ऊंचा फाउंडेशन बनवाकर जर्जर हाईटेंशन बदलने से खतरा टलेगा, लेकिन कोई असर विभाग पर नहीं होता। अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि गर्मी के कारण आपूर्ति खपत अधिक है। मेन आपूर्ति ही रोस्टर ट्रिपिंग होकर सवाल उठा रही है। दो-तीन दिन में समस्या दूर हो जाएगी।

जंगली लतर, हरे पेड़ों की टहनियां बढ़ा रहीं दुश्वारियां

ज्ञानपुर। ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान को मुख्य कारण जंगली लतर और हरे पेड़ों की टहनियाें को मान रहे हैं। उपभोक्ताओं ने स्पष्ट भी किया कि पुरानी लाइनें आबादी बढ़ने से पूर्व बनी हैं, लेकिन नई लाइनों का निर्माण करते समय विभागीय अधिकारियों की निगरानी को धता बताकर ठेकेदार मनमानी करते हैं। इससे तार और खंभे गलत स्थानों पर लग जाते हैं। अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। कुछ स्थानों पर गिरी टहनियों की छटाई कराकर बाधित आपूर्ति को चालू कराया गया है। जंगली लतर से प्रभावित उपकरणों को चिन्हित कर सफाई कराई जाएगी।

*धान में लगे सूड़ी कीट तो किसान न हों परेशान, इसका है बहुत बढ़िया समाधान, जानिए क्या*

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। मानसूनी बारिश न होने से धान की फसल में अब तमाम प्रकार के कीट और रोग लगने भी शुरू हो गए हैं। वर्तमान में फसलों को सूड़ी नामक कीट नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे बचाव के लिए विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है।कृषि विशेषज्ञ रामेश्वर सिंह ने बताया कि जड़ की सूड़ी (रूट बीबिल) कीट फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है। यह चावल के आकार की होती है, जो पौधों के जड़ों में पाई जाती है। 

ये कीट जड़ों के तथा मुख्य तने के रसों को चूसकर पौधों को सूखा देती है, जिसके कारण पौधे मृतप्राय हो जाते हैं। उन्होंने उपचार के लिए कहा कि किसान कार्वोफ्यूरॉन-3जी को 18-20 किग्रा प्रति हेक्टेयर अथवा क्लोरोपायरीफॉस 2.500-3.000 लीटर प्रति हेक्टेयर एवं कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति0 दानेदार रसायन 17-18 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। 

उन्होंने तना भेदक कीट के संबंध में बताया है कि इस कीट की सूड़ियां ही हानिकारक होती हैं। पूर्ण विकसित सूड़ी हल्के पीले शरीर वाली तथा नारंगी पीले सिर वाली होती है। इसके आक्रमण के फलस्वरूप फसल की वानस्पतिक अवस्था में मृत गोभ तथा बाद में प्रकोप होने पर सफेद बाली बनती है। बताया कि पांच प्रतिशत मृत गोभ अथवा एक अंडे का झुंड वानस्पतिक अवस्था में तथा एक पतंगा/वर्ग मीटर बाल निकलने की व्यवस्था में दिखाई पड़ने पर कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड चार प्रति हेक्टेयर में 17-18 किलो का छिड़काव करना चाहिए।