पीएम पोषण के तहत स्कूलों में दिए जा रहे हैं भोजन में निकली छिपकली,अन्नामृत संस्थान के कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
चाईबासा :पश्चिमी सिंहभूम जिला अति कुपोषित क्षेत्र है । इस कुपोसित क्षेत्र को देखते हुए जिले के विभिन्न विद्यालयों में अध्यनरत्त नोनिहालों को पोष्टिक आहार देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री के ड्रीम पोषाहार योजना में गुणवक्ता पर उठ रहे सवाल।
शनिवार को ताँतनगर प्रखण्ड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मिरूडीह में प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत मिड डे मील में छिपकली मिलने की बात सामने आई है मझगांव विधानसभा के विधायक नीरल पूर्ति के विधायक प्रतिनिधि सुनील सिरका ने इस आशय की जानकारी दी है।
सुनील सिरका ने कहा है कि पहले भी मैंने अन्नामृत संस्था द्वारा स्कूल में जाने वाले मिड डे मील की मात्रा और गुणवत्ता की उपायुक्त से शिकायत की जा चुकी है। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
श्री सिरका ने कहा कि पहले भी भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई बातें अधिकारियों को बताई गई मगर इसमें अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई नतीजा यह है कि आज बच्चों के भजन में छिपकली निकल रही है। जिस वजह से पूरा भोजन विषयुक्त हो गया।
यदि इस भोजन को आज बच्चे ग्रहण कर लेते तो न जाने कितने बच्चों की जान जोखिम में चली जाती।
सेंट्रलाइज्ड किचन से चारो प्रखंडों में अन्नामृत संस्था द्वारा संचालित मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच की मांग को लेकर झामुमो जिला सचिव सह मझगांव विधायक निरल पूरती नें उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम को शिकायत पत्र लिखा है।श्री सिरका का इस संबंध में कहना है कि कई विद्यालयों के अभिभावकों द्वारा मिड डे मील की शिकायत मिलने पर विगत 18 जुलाई (मंगलवार) को हमने टाटा कॉलेज कॉलोनी मध्य विद्यालय पहुंचकर मिड डे मील का जांच पड़ताल किया।
विद्यालय के छात्र-छात्राओं सहित सरस्वती वाहिनी के सदस्यों से जानकारी लिया एवं भोजन के गुणवत्ता की जा ँच करने पर काफी अनियमितता पाई गई।
भोजन से काफी महक आ रहा था जो खाने लायक नहीं था। बच्चों ने बताया कि इसी तरह का गंध युक्त भोजन प्रतिदिन दिया जाता है, किसी तरह थोड़ी बहुत खाकर बाकी भोजन को फेंक देते हैं। जांच के दरमियान ये बातें भी सामने आई कि भोजन बनाने के लिए काफी निम्न स्तर का चावल इस्तेमाल किया जाता है।
सप्लाई करने वाले कर्मियों से पता चला की एक ड्रम चावल में सौ बच्चों को भोजन खिलाना है। लेकिन इसकी भी मात्रा घटाकर दी जाती है। अभी वर्तमान में जिला के केवल चार प्रखंडों में मिड डे मील (भोजन) की सप्लाई की जा रही है, अगर जिले के सभी प्रखंडों में सेंट्रल किचन से भोजन सप्लाई किया जाए तो इसकी क्या स्थिति होगी इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। क्योंकि हमारा जिला का क्षेत्रफल काफी बड़ा है एवं मुख्यालय से किसी किसी विद्यालय की दूरी एक सौ किलोमीटर से भी ऊपर है, ऐसी परिस्थिति में सेंट्रल किचन से भोजन सप्लाई करना संभव नहीं है।इसलिए सेंट्रल किचन से सप्लाई होने वाले मिड डे मील की भोजन के गुणवत्ता की जांच कर अभिलंब दोषियों पर कार्रवाई की जाए एवं पूर्व की भांति जिले के सभी विद्यालयों में सरस्वती वाहिनी के माध्यम से भोजन तैयार करवा कर विद्यालय के छात्र छात्राओं के भोजन की व्यवस्था की जाए।
Aug 20 2023, 12:01