*सांप, बंदर का दिखाया खेल तो जाना पड़ सकता है जेल*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। ग्रामीण इलाकों में अक्सर सांप और बंदरों के खेलों को दिखाकर लोगों का मनोरंजन किया जाता है। सपेरे और मदारी इससे अपनी आजीविका चलाते हैं, लेकिन अब वे अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। वन विभाग ऐसे व्यक्तियों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए जेल भी भेज सकता है। इसके अलावा उनपर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
वन विभाग वन संपदा की रक्षा किए जाने के साथ ही वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी कार्य करता है। इसके लिए समय-समय पर अभियान भी चलाया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में अक्सर सपेरे और मदारी लोगों को बंदर-बंदरिया सहित अन्य खेल दिखाते हैं। गांव के लोग इन खेलों को खुब पसंद करते हैं। इस दौरान मदारी और सपेरे खुब तालियां बटोरने के साथ-साथ लोगों से पैसे भी वसूलते हैं।
इससे उनकी आजीविका चलती है। हालांकि अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। वन्य जीवों को पकड़कर लोगों का मनोरंजन करना अब सपेरों और मदारियों को भारी पड़ सकता है। वन विभाग की माने तो इसके लिए उनके पास कोई लाइसेंस नहीं होता। ऐसे में वे वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करते हैं। इसलिए अगर अब जिले में कहीं भी इस तरह की गतिविधियां होती पायी जाती हैं तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में उन्हें जेल भेजने के साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। डीएफओ नीरज आर्या ने बताया कि अपने स्वार्थ के लिए वन्य जीव बंदर, भालू, सर्प को पकड़कर लोगों का मनोरंजन करना पूरी तरह से गलत है। अगर इस तरह कोई भी व्यक्ति कुछ करता पाया जाता है तो उसको जेल भेजने के साथ ही जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा वन्य जीवों को सारनाथ स्थित चिड़िया घर में सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
Aug 14 2023, 15:26