*गुप्त काशी के नाम से प्रसिद्ध है बेरासनाथ धाम*
काशी व प्रयागराज के बीच अवस्थित भदोही आध्यात्म के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। गोपीगंज क्षेत्र में कौलापुर गांव स्थित बेरासनाथ धाम को गुप्त काशी के नाम से जाना जाता है। यहां सावन माह के साथ ही पूरे साल भक्तों का रेला उमड़ता है। उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित इस मंदिर की महिमा निराली है। बेरासपुर गांव में स्थित यह प्राचीन शिव बाबा बेरासनाथ धाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध है। मंदिर की स्थापना के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि इस मंदिर का शिवलिंग भी सेमराधनाथ धाम की तरह एक कुएं में था।
मान्यता है कि एक बार व्यासजी इसी स्थान से जा जा रहे थे तो उनको यहां किसी दैवी शक्ति की मौजूदगी का अहसास हुआ। वह रुक गए और कुएं में शिवलिंग की पूजा करने लगे। उसके बाद ग्रामीणों ने भी पूजा - पाठ शुरू कर दिया। व्यासजी के कई वर्ष तक यहां निवास करने के कारण इस स्थान का नाम व्यासपुर पड़ा। कालांतर में गांव का नाम बेरासपुर हो गया। व्यासजी के जाने के काफी वर्षों बाद ग्रामीणों ने कुएं में शिवलिंग को बाहर निकाल कर स्थापित करने की इच्छा जताई लेकिन ऐसा न हो सका। ग्रामीण ने कुएं को पाटकर शिवलिंग का पूजा - पाठ करना शुरू कर दिया। गंगा निवासी बाला प्रसाद पाल साहब जो रेलवे में कार्यरत थे, उन्होंने ने बाबा बेरासनाथ धाम मंदिर के जीणोद्धार का बीड़ा उठाया। उन्होंने इसे वर्ष 1938 में पूरा कराया
Aug 12 2023, 15:29