कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर संसद में मचा महासंग्राम, कहा- इन्होंने मेरी मां की हत्या की...भारत माता की हत्या की
नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को भी चर्चा जारी है. कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ सदन में अपना बयान दिया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सभापति ओम बिरला से माफी मांगकर की.
उन्होंने कहा, "पिछली बार सदन में अडाणी पर फोकस करने की वजह से आपके सीनियर नेता को कष्ट हुआ और उससे आप को भी कष्ट हुआ. इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं." उन्होंने कहा कि आज में अडाणी पर चर्चा नहीं करूंगा.
आज में दिमाग से नहीं बल्कि दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आज आप लोगों पर हमलावर नहीं रहूंगा...रिलैक्स कर सकते हैं."
उन्होंने खुद को भेड़िया बताते हुए कहा, "अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझे जो शारीरिक कष्ट होने लगा, उससे मेरा अहंकार खत्म हो गया. एक भेड़िया अचानक चिंटी बन गया. मैने जिस अहंकार के साथ भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, वो खत्म होने लगा था. तभी एक छोटी बच्ची आकर अपनी चिट्ठी मुझे दी, जिसमें लिखा था कि तुम चलो मैं तुम्हारे साथ हूं. उस बच्ची ने अपनी शक्ति मुझे दे दी.
इसके बाद मैं सभी से मिलता था और जो मेरे पास आता था, वो अपनी और मैं अपनी परेशानी एक-दूसरे को बताता था. मैं जनता की आवाज सुनने लगा था."
राहुल ने कहा, "एक दिन मेरे पास किसान आया, हाथ में रूई थी. किसान ने मुझे रूई का बंडल मेरे हाथ में दिया और कहा कि यही मेरे हाथ में बचा है. मैने जब उससे बीमा का हाथ पूछा तो, उसने कहा कि नहीं राहुल जी, मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला. भारत के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छीन लिया. किसान के दिल का दर्द, मेरे दिल में आया." राहुल ने कहा कि भारत एक आवाज है और अगर हम उस आवाज को सुनना चाहते हैं तो हमें अहंकरा खत्म करना होगा.
राहुल ने कहा, "मैं मणिपुर गया, लेकिन आजतक पीएम नरेंद्र मोदी नहीं गए...क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मैने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आजकी सच्चाई ये है कि मणिपुर नहीं बचा है. मणिपुर को आपने दो भाग में बांट दिया है. वहां की राहत शिविरों में जाकर महिलाओं से बात की.
महिला से पूछा कि क्या हुआ तुम्हारे साथ. उसने कहा, मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बेटा था. मेरे आंखों के सामने उसको गोली मारी गई. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही. फिर मुझे डर लगा, मैंने अपना घर छोड़ दिया. मैंने पूछा कि कुछ तो लाई होगी. उसने कहा कि मेरे पास सिर्फ मेरे कपड़े हैं और एक फोटो निकालती है, कहती है कि यही बस मेरे पास बची है. उन्होंने कहा कि इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है."
राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू हो गया. राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हमला बोला. उन्हों कहा, "मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. राहुल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए." राहुल ने विपक्ष कहा, "आपने मणिपुर के लोगों को मार भारत माता की हत्या की...देश की हत्या की...आप लोग देशभक्त नहीं हैं. इसलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते है. मणिपुर में देश की हत्या की है...मणिपुर की हत्या की है...आप भारत के रखवाले नहीं बल्कि हत्यारे हो.
उन्होंने कहा, "रावण दो लोगों की सुनता था. मेघनाथ और कुंभकर्ण, वैसे ही नरेंद्र मोदी दो लोगों की सुनते हैं- अमित शाह और अडाणी. लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, उसके अहंकार ने लंका को जलाया था. राम ने रावण को नहीं मारा था, रावण के अहंकार ने उसे मारा था. आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो. आपने मणिपुर में केरोसिन फेंकी और चिंगारी लगा दी. अब पूरे हरियाणा को जला रहे हो. आप पूरे देश को जलाने में लगे हो."
वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे. कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी ने की. दोपहर 12 बजे राहुल गांधी ने की तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है.
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा.अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।
Aug 09 2023, 17:39