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Aug 02 2023, 18:21

दिल्ली एनसीआर: मथुरा गेट थाना क्षेत्र में आम रास्ता की जमीन को लेकर दो पक्षों में जमकर पथराव ..शांतिभंग में 8 गिरफ्तार


भरतपुर। मथुरा गेट थाना इलाके में आम रास्ता की जमीन को लेकर दो पक्षों में जमकर पथराव हो गया. इसके साथ ही फायरिंग होने की भी बात सामने आई है. घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं. दोनों पक्षों की ओर से घटना को लेकर पुलिस में एक दूसरे के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए हैं.

पुलिस ने मामले में 8 लोगों को शांति भंग में गिरफ्तार किया है.

महिला से छेड़छाड़ का आरोप : मथुरा गेट थाना एसएचओ रामनाथ सिंह ने बताया कि एक पक्ष की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि मंगलवार सुबह 6 बजे उसकी कॉलोनी के 18 से 20 लोग एक राय होकर लाठी डंडा लेकर आए और घर के सामने रोड पर बाउंड्री करने लगे. जब उन्होंने बाउंड्री बनाने से रोका तो आरोपियों ने हमला कर दिया.

 साथ ही उसकी पत्नी के साथ भी छेड़छाड़ की और उसके गले से सोने की चेन तोड़ ली. आरोप है कि घर में रखी आलमारी से 2 हजार रुपए भी चोरी कर लिए. इसके बाद सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए.

महिला का हाथ तोड़ा :वहीं, दूसरे पक्ष की ओर से दी गई रिपोर्ट में महिला ने बताया कि मंगलवार सुबह 5.30 बजे उसके कॉलोनी के कुछ लोग अपने मकान से उनके घर की तरफ जबरदस्ती रास्ता निकाल रहे थे. आरोप है कि मना करने पर आरोपियों ने हमला किया और हाथ तोड़ दिया. महिला ने भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. रिपोर्ट में लिखा है कि इन लोगों ने अदालत में झूठा दावा पेश किया था, जिसमें इन्हें स्टे नहीं मिली. सभी लोग जबरदस्ती दीवार से रास्ता बना रहे थे.

आधा दर्जन बदमाशों ने की फायरिंग :महिला के पति का आरोप है कि जब उसकी पत्नी घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस के पास गई थी, तब पीछे से नकाबपोश 6 लोग घर आए और उसपर फायरिंग कर दी. घटना में गाेली पैर में लगी है. परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

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Aug 02 2023, 17:59

हरियाणा के नूह में घटी सांप्रदायिक घटना के बाद प्रभावित क्षेत्र पुलिस छावनी में बदला,बुधबार के रात तक इंटरनेट भी बंद,

इंटरनेट बंद होने से बैंकिंग के साथ हीं स्वास्थ्य सेवा भी प्रभावित,

फरीदाबाद। नूंह के नल्हड़ मंदिर में जलाभिषेक के बाद हुए बवाल के बाद से शहर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। भड़काऊ पोस्ट और अफवाहों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बुधवार रात तक के लिए बंद कर दी हैं, जिसका शहर वासियों पर व्यापक असर देखने को मिला। इंटरनेट बंद होने करीब 30 करोड़ रुपये का ऑनलाइन लेनदेन प्रभावित रहा। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दवा वितरण प्रक्रिया भी प्रभावित रही। इसके साथ ही तहसीलों में रजिस्ट्री के काम पर असर पड़ा, जिससे दिनभर लोग परेशान रहे। मंगलवार को पूरा शहर छावनी में तब्दील हो गया।

जिला मजिस्ट्रेट विक्रम सिंह ने जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए तुरंत प्रभाव से धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए। 

उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिले नूंह में सोमवार को हुई सांप्रदायिक घटना के बाद शहर में किसी भी तरह की कानून व्यवस्था बिगड़ने के अंदेशे को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं। सोमवार रात को प्रशासन की ओर से इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई, जिससे लोगों को काफी दिक्कतें हुईं।

जिला लीड बैंक के प्रबंधक हरिओम शर्मा ने बताया कि यूपीआई व अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से रोज लगभग 30 करोड़ रुपये का लेनदेन होता है। मंगलवार को इंटरनेट नहीं चलने से ऑनलाइन भुगतान में लोगों को काफी परेशानी हुई। ऐसे में छोटी-बड़ी चीजें लोगों को नकद भुगतान कर खरीदनी पड़ी। इसी तरह ईएसआईसी मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में पंजीकरण से लेकर दवा वितरण तक सभी कार्य ऑनलाइन माध्यम से होते हैं। इंटरनेट बंद होने से सबसे अधिक परेशानी दवा वितरण केंद्रों पर उठानी पड़ी।

 मरीज की जांच के बाद डॉक्टरों की तरफ से दवा ऑनलाइन कर दी गई लेकिन इसका एसएमएस मरीज के फोन व दवा वितरण केंद्र पर नहीं पहुंचने से दवा लेने में काफी परेशानी उठानी पड़ी। जिले में मंगलवार से तहसीलों में रजिस्ट्री का कार्य भी शुरू कर दिया गया लेकिन इंटरनेट बंद होने से यहां भी लोगों को समस्या से जूझना पड़ा।

पुलिस आयुक्त खुद सड़कों पर उतरे और फ्लैग मार्च निकाला

पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा मंगलवार को खुद सड़कों पर उतरे और फ्लैग मार्च निकाला। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चार हजार पुलिस कर्मी शहर में तैनात किए गए हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस विभाग किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार है।

किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। सार्वजनिक स्थलों पर किसी तरह का जमावड़ा करने वालों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर रखी है। उल्लंघन करने वालों को तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि मंगलवार को टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने सभी डीसीपी एसीपी, क्राइम ब्रांच और थाना प्रबंधक चौकी प्रभारियों को आवश्यक निर्देश दिए कहीं पर भी किसी भी तरह की गड़बड़ी करने या धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। पांच से अधिक व्यक्ति किसी उद्देश्यपूर्ण मंशा से या किसी संगठन, जाति, धर्म ,समुदाय के खिलाफ इकट्ठा होकर कोई मीटिंग नारेबाजी धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं।

 सोशल मीडिया के सभी प्लेटफाॅर्म पर पुलिस की मॉनिटरिंग जारी है। किसी भी तरह की अफवाह फैलाने ,धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने संबंधित भड़काऊ और मैसेज फॉरवर्ड न करें। साइबर थाना पुलिस इस पर निगरानी रख रही है।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अपने मोबाइल की बजाय किसी दूसरे मोबाइल से कुछ मैसेज इधर-उधर फॉरवर्ड कर रहे थे। पुलिस ने ऐसे कई असामाजिक तत्वों को धर दबोचा। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा सेक्टर 21 स्थित कार्यालय से फ्लैग मार्च निकालते हुए निकले। 

उनके साथ सभी डीसीपी, एसीपी व पुलिस की टीमें थीं। फ्लैग मार्च अनकीर चौकी से होते हुए बढ़खल गांव, सैनिक कॉलोनी मोड़, भाखरी गांव होते हुए पाली गांव से धौज, समयपुर, गौंछी के बाद सेक्टर 58 होते हुए मथुरा रोड पहुंचकर बल्लभगढ़ मेट्रो रेलवे स्टेशन, सेक्टर 3, सेक्टर 7 से सेक्टर 12 होता हुआ वापस पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचा।

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शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी एसीपी 24 घंटे ड्यूटी पर रहकर पेट्रोलिंग करते रहेंगे। इसके लिए 8- 8 घंटे की शिफ्ट लगाई गई है। क्राइम ब्रांच की टीम संदिग्ध लोगों की निगरानी रख रही है। थाना चौकी की पुलिस ज्यादा से ज्यादा फोर्स के साथ अपने अपने एरिया में अलर्ट है। जिला प्रशासन ने सभी इलाकों के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आकर शांति बनाए रखें।

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Aug 02 2023, 12:54

दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लिव-इन पार्टनरों की हत्या का सिलसिला जारी, 38 वर्षीय महिला की उसके पार्टनर ने कर दी हत्या


पूर्वी दिल्ली,  दिल्ली में एक बार फिर एक लिव इन में रह रही महिला को उसके ब्वॉयफ्रेंड ने मौत के घाट उतारा है। यह घटना पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके में घटी है। मृतका की पहचान पूजा (38) के रूप में हुई है।

आरोप है लिव इन पार्टनर ने भारी वस्तु से सिर पर वार कर हत्या को अंजाम दिया है। इस वारदात के बाद से ही पार्टनर फरार है। पुलिस आरोपित की सही पहचान पता करने का प्रयास कर रही है।

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Aug 02 2023, 12:53

दिल्ली: एम्स में बिजली की किल्लत दूर करने के लिए, लगाया गया सोलर प्लांट

नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए सोलर एनर्जी प्लांट की शुरुआत की है। मंगलवार को एम्स परिसर में नौ किलोवाट का प्लांट लगाया गया। इसे निजी भागीदारी की मदद से लगाया गया है।

इससे हर वर्ष 13140 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। आपातकालीन स्थतियों से निपटने में यह प्रयास कारगर साबित होगा। एम्स के निदेशक के आवास की छत पर इस प्लांट को स्थापित किया गया है। इस मौके पर एम्स और इंडियन रिनेवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आइआरईडीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षर हुए।

प्लांट का उद्घाटन एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास व भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड के चेयरमैन पीके दास ने किया। जैक्सन ग्रुप के सहयोग से इसकी स्थापना की गई है।

पर्यावरण से जुड़े हमारे उद्देश्यों को हासिल करने की दिशा में छत पर लगाया गया सोलर प्लांट एक महत्वपूर्ण कदम है। हम न केवल अपने परिचालन को बेहतर बनाने में, बल्कि बड़े पैमाने पर पर्यावरण के हित में योगदान देने के लिए भी ग्रीन एनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान रहे हैं। इसकी शुरुआत से संस्थान को काफी लाभ होगा।

-एम श्रीनिवास, एम्स निदेशक

गौरतलब है कि बीते दिनों बिजली कट जाने के कारण एम्स में सर्जरी पर प्रभाव पड़ा था। ओपीडी में मरीजों को परेशान होना पड़ा था। रेडिएशन थेरेपी तक बंद करनी पड़ गई थी।

इसलिए ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में और भी सोलर प्लांट लगाए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस मौके पर आइआरईडीए के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पीके दास मुख्य तौर पर मौजूद रहे।

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Aug 02 2023, 12:49

दिल्ली: आज दिल्ली में किये जायेंगे ड्रोन से मच्छर मारने की दवा का छिड़काव,बाढ़ के बाद बढ़ रहे बीमारियों को लेकर उठाया गया यह कदम


नई दिल्ली: बाढ़ के बाद बदली स्थिति में मच्छरजनित बीमारियों के मरीजों की संख्या ज्यादा सामने आ रही है। वहीं, निगम के कर्मचारी ऐसे स्थानों पर अब भी नहीं जा पा रहे हैं।

इसको देखते हुए दिल्ली नगर निगम बुधवार से मच्छररोधी दवा का छिड़काव के लिए ड्रोन से अभियान चलाने जा रहा है। महापौर डा. शैली ओबेराय पूर्वी दिल्ली में यमुना किनारे इलाको में ड्रोन से मच्छररोधी दवा का छिड़काव के अभियान की शुरुआत करेगी।

यह पहली बार होगा कि ड्रोन का उपयोग डेंगू-मलेरिया की दवाओं की छिड़काव के लिए किया जा रहा हो। कोरोना में सैनिटाइज करने के लिए मध्य दिल्ली के कुछ इलाकों में इसका ट्रायल हुआ था।

महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने बताया कि हमने उस्मानपुर में मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव के लिए ट्रायल किया था। यह ट्रायल सफल रहा है। इसको देखते हुए हमने इस अभियान को शुरू करने का निर्णय लिया है।

एक बार में किया जा सकेगा 30 लीटर दवा का छिड़काव

उन्होंने बताया कि ट्रायल में 30 लीटर मच्छर रोधी दवा का छिड़काव एक बार में किया जा सकेगा। ड्रोन का इस्तेमाल ऐसे स्थानों के लिए किया जाएगा जहां पर निगम के कर्मचारी नहीं पहुंच सकते हैं। इसमें झील, तालाब और निर्माण स्थलों पर मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव किया जाएगा। ऐसी जगह पर ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जहां पर आबादी रहती है।

महापौर ने हड़ताल कर रहे डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) से अपील की है कि यह मुश्किल समय है। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वह हड़ताल न करें दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के हित में काम कर रही है।

डीबीसी कर्मचारियों का मुद्दा बहुत पुराना मुद्दा है जिसके समाधान के लिए हम लगे हुए हैं। डीबीसी की हड़ताल को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि डीबीसी कर्मचारियों के पदनाम को ठीक करने के लिए 2019 में भाजपा शासित निगम ने प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा था लेकिन सरकार ने अभी तक उसे मंजूरी नहीं दी।

अगर, दिल्ली सरकार मंजूरी दे दें तो डीबीसी कर्मचारी चंट मिनटों में पक्के हो सकते हैं और उनकी समस्या का समाधान हो सकता है वहीं, डीबीसी ने निगम मुख्यालय के बाद दूसरे दिन भी हड़ताल की और धरना प्रदर्शन किया।

दिल्ली मे डेंगू के 243 मरीजों की हो चुकी है अब तक पुष्टि

एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवानंद शर्मा ने बताया कि महापौर के साथ बैठक हुई थी लेकिन वह बेनतीजा रही। महापौर समाधान निकालने का आश्वासन दे रही थी, लेकिन हमारा आश्वासन से काम नहीं चलेगा।

 इस बार हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जब तक रहेंगे तब तक की लिखित आदेश नहीं मिल जाता। उल्लेखनीय है कि राजधानी में डेंगू के 243 मरीजों की अब तक पुष्टि हो चुकी है। जो कि बीते वर्षों कई वर्षों की तुलना में सर्वाधिक हैं।

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Aug 02 2023, 12:13

हेल्थ टिप्स:मानसून में होने वाले बीमारियों से हम खुद को कैसे बचा सकते है आइए जानते है बचने के कुछ उपाय


दिल्ली:- तपती गर्मी के बाद मौसम में आए बदलाव ने जहां सबको राहत प्रदान किया है वही अपने साथ बीमारियां भी लेकर आया है।आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताते हैं जिनको अपनाकर आप बिमारी से अपने परिवार को बचा कर रख सकेगे।

आप जानते होंगे की मानसून से पहले भारत में गर्मी का मौसम होता है जिसे ‘उष्णकालीन’ मौसम कहते हैं। इस मौसम में तापमान बहुत अधिक होता है और हवा गतिशील होती है। इस मौसम में आमतौर पर बहुत ज्यादा पसीना आता है।

और मानसून से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं। बारिश के समय जलभराव होता है जो कई बार बाढ़ का कारण बन जाता है और अभी भी यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के कई निचले इलाके में बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा मानसून के दौरान बहुत सी बीमारियां भी होती हैं जैसे जुकाम, खांसी, बुखार और अन्य अल्सर।

इसलिए, मानसून में स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने आहार और व्यवहार का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

हमें अपने शरीर की देखभाल पर ध्यान देना चाहिए और खाद्य पदार्थों में हमेशा स्वच्छता बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, बारिश के दौरान हमें सतर्क रहना चाहिए और अधिक से अधिक सुरक्षा के साथ बाहर निकलना चाहिए।

मानसून में बीमारी से बचने के कुछ उपाय

1- सही आहार

बरसात के मौसम में सही आहार लेना बहुत जरूरी होता है। इस मौसम में गर्म-गर्म खाने से बचें और ज्यादा पानी पिएं। आप गर्म खाने की जगह गर्म पीने वाली चाय और गरम पानी और हल्की भूनी चीजें खा सकते हैं।

2- व्यायाम

 बरसात के मौसम में व्यायाम करना बहुत जरूरी होता है। योगा, वॉकिंग, स्क्वॉश, बास्केटबॉल, बैडमिंटन जैसे व्यायाम आपके शरीर को फिट और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

3- नींद

बरसात के मौसम में अधिक नींद लेना बहुत जरूरी होता है। अपने बिस्तर को बेहतर बनाए रखें और अपनी सोने की अवधि को बढ़ाएं।

4- वातावरण

बरसात के मौसम में आपको वातावरण को अपने लिए सही बनाने की जरूरत होती है। अपने घर की सफाई को बढ़ाएं और अपने घर को ठंडा और सुखमय बनाएं।

5- बारिश से बचाव

 बारिश के दौरान आपको खुद को सुरक्षित रखना बहुत जरूरी होता है। अपने इंटरियर की तरह अपनी बाहरी जगहों को भी सुरक्षित रखें। बारिश में बच्चों को घर से निकलने से रोक सकती है।

6- शरीर को गर्म रखें

बरसात के मौसम में अपने शरीर को गर्म रखना बहुत जरूरी होता है। गर्म कपड़े पहनें और घर के अंदर ही रहें।

7- हाइजीन

बरसात के मौसम में हाइजीन बहुत जरूरी होता है। अपने हाथों को तथा अन्य जगहों को साफ रखना बहुत जरूरी होता है।

8- कपड़ों का ध्यान रखें

बरसात के मौसम में आपको अपने कपड़ों का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गीले कपड़ों से बचें और उन्हें सुखा दें।

9- दवाओं का सेवन

बरसात के मौसम में अपनी दवाओं का सेवन जरूर करें। अगर आपको किसी तरह की बीमारी होती है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

10- विशेषज्ञ से सलाह

अगर आपकी स्थिति खराब होती है तो आपको अपने डॉक्टर से भी परामर्श करना चाहिए।

इन सभी उपायों को अपनाकर आप बरसात के मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपने शरीर को गर्म रखने के लिए अपनी उपयोगिता के अनुसार गर्म पानी का सेवन भी कर सकते हैं। इस मौसम में स्वस्थ रहना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन आप उपरोक्त उपायों को अपनाकर इस मौसम में फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

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Aug 01 2023, 19:52

शरद पवार की 'पॉलिटिक्स', सहयोगी बोले- पीएम मोदी के साथ इस मुलाकात की जरूरत नहीं थी


नई दिल्ली : कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला मंगलवार को पुणे में, जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह शुरू होने से पहले, दोनों नेताओं को हंसी-मजाक करते हुए देखा गया, साथ ही पवार ने मोदी की पीठ भी थपथपाई।

एनसीपी प्रमुख के भतीजे और डिप्टी सीएम अजित पवार सहित अन्य लोग भी इसे देख रहे थे. सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने शरद पवार से हाथ मिलाया.

ये नजारा भतीजे अजित पवार के साथ छोड़ने के एक महीने के अंदर सामने आया है. पिछले महीने ही भाजपा और शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार शामिल हुए हैं. शरद पवार की पार्टी के विभाजन के बाद मोदी और पवार की ये पहली मुलाकात थी.

शालीनता से मिले पर कटाक्ष करने से नहीं चूके : 

पवार पीएम मोदी से शालीनता से मिले लेकिन कटाक्ष करने से भी नहीं चूके. पवार ने कहा कि 'शिवाजी महाराज ने कभी किसी की जमीन नहीं छीनी.' इस कमेंट को भाजपा द्वारा कथित तौर पर शिवसेना और राकांपा में विभाजन कराने पर पवार के कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.

पवार ने कहा, 'मैं पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मोदी को बधाई देता हूं.' अपने संबोधन में पवार ने पुणे के इतिहास और महत्व तथा छत्रपति शिवाजी महाराज और तिलक के योगदान पर प्रकाश डाला. पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी महाराज के काल में हुई थी.

गठबंधन का अनुरोध ठुकराया :

हालांकि कार्यक्रम से पहले, शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा न करने के विपक्षी गठबंधन के सदस्यों के अनुरोध पर विचार नहीं किया. पवार ने मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. 'इंडिया' गठबंधन के सदस्यों को लगा था कि ऐसे समय में जब भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाया जा रहा है, पवार का मोदी के साथ मंच साझा करना अच्छा नहीं होगा.

राउत ने साधा निशाना :

मोदी-पवार के मंच साझा करने पर राजनीति भी तेज है. एक दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि यह स्पष्ट करना भाजपा पर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी नेता शरद पवार के साथ मंच साझा करने के लिए क्यों तैयार हैं. राउत ने कहा कि 'पीएम ने एक महीने पहले एनसीपी पर हमला किया था. वहीं, भ्रष्टाचार के हमले के बाद एनसीपी नेता (अजित पवार गुट) बीजेपी के साथ चले गए. और आज वो नेता वहां होंगे. इसलिए, या तो आप उन्हें धमकाएं या कहें कि एनसीपी/शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ आपके भ्रष्टाचार के आरोप झूठे हैं और इसलिए हम मंच साझा कर रहे हैं. यह स्पष्टता बीजेपी की ओर से आनी चाहिए.'

सामना में लिखा, ये विवाद की जड़ :शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में लिखा कि खुद शरद पवार द्वारा प्रधानमंत्री को सम्मानित किया जाना और उन्हें पुरस्कार दिया जाना 'विवाद की जड़' है. सामना ने लिखा, 'एक तरफ देश में आजादी की दूसरी लड़ाई चल रही है और इसीलिए लोग शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं से अलग व्यवहार की उम्मीद करते हैं.सामना ने इसे 'जटिल स्थिति' बताया

उसने लिखा कि 'पवार का कहना है कि वह मराठा चेहरा और उम्मीद का चेहरा हैं.' इसलिए उनसे एक अलग व्यवहार की उम्मीद की जा रही थी. देश मोदी के फासीवाद के खिलाफ लड़ रहा है और एक गठबंधन बना है, जिसमें पवार एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं.

संपादकीय में भाजपा पर राकांपा को विभाजित करने का आरोप लगाया गया और कहा गया कि यदि पवार कार्यक्रम में शामिल नहीं होते, तो उनके नेतृत्व और साहस को पार्टी भर में स्वीकार और सराहा जाता.

सियासी अटकलें तेज :सहयोगी पार्टियाें के एतराज के बावजूद मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं. एक तरफ जहां इसे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में 'दरार' के रूप में देखा जा रहा है, वहीं, राजनीति के जानकारों का इशारा आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी है.

दरअसल 82 वर्षीय पवार को इन दिनों अपने राजनीतिक करियर की सबसे कठिन लड़ाइयों में से एक का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी पार्टी के अधिकांश विधायक और वरिष्ठ नेता अजित के पक्ष में हैं जो शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किया है. ऐसे में पवार के मोदी के साथ मंच साझा करने के घटनाक्रम ने सियासी अटकलबाजी को और हवा दे दी है.

वहीं, पुणे के कार्यक्रम में मोदी के साथ पवार की मौजूदगी ने भाजपा और उसके सहयोगियों से मुकाबला करने के लिए बनाई गई राष्ट्रव्यापी विपक्षी एकता को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं.

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Aug 01 2023, 19:08

सीबीएसई ने जारी किया 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षा का परिणाम

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 12वीं कक्षा के कंपार्टमेंट परिणाम 2023 की घोषणा कर दी है. वे छात्र, जिन्होंने इस वर्ष पूरक या सुधार परीक्षा दी थी, वह अपना परिणाम सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइटों पर देख सकते हैं. छात्र अपना रिजल्ट cbseresults.nic.in, cbse.gov.in और results.nic.in पर चेक कर सकते हैं.

अपनी परीक्षा के नतीजे चेक करने के लिए उम्मीदवारों को अपने रोल नंबर और जन्मतिथि की जरूरत पड़ेगी. वैकल्पिक रूप से, वे परिणामों तक पहुंचने के लिए अपने सीबीएसई खातों में लॉग इन कर सकते हैं. वर्ष 2023 के लिए सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा 17 से 22 जुलाई तक आयोजित की गई थी. बता दें कि सीबीएसई भारत में एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय स्तर का शिक्षा बोर्ड है, जो कक्षा 10 और 12 के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है.

यह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) भी आयोजित करता है, जो देश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा है. 

सीबीएसई द्वारा आयोजित कंपार्टमेंट परीक्षा, छात्रों को उन विषयों में अपने ग्रेड में सुधार करने का अवसर प्रदान करती है, जिन्हें वे नियमित बोर्ड परीक्षा के दौरान उत्तीर्ण करने में सफल नहीं रहते हैं.

यह उन्हें उन विषयों को उत्तीर्ण करने का मौका देता है, जिन्हें वे पहले उत्तीर्ण नहीं कर पाए थे और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाता है. आपको बता दें कि 2023 के लिए सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा 17 से 22 जुलाई, 2023 तक आयोजित की गई थी.

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Aug 01 2023, 19:05

राजस्थान के CM अशोक गहलोत को झटका, सेशन कोर्ट ने समन रद्द करने से किया इनकार


नईदिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में झटका लगा है. दरअसल, मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को मंगलवार को सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने रद्द करने से मना कर दिया. गहलोत समन के खिलाफ सोमवार को सेशन कोर्ट गए थे. 

जिस पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में जज एमके नागपाल ने सुनवाई की.

गहलोत की ओर से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने दलीलें पेश की. जबकि, शेखावत की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा पेश हुए. दोपहर ढाई बजे शुरू हुई सुनवाई तीन बजे तक चली. 

इसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट ने पांच बजे फैसला सुनाते हुए गहलोत के खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार करते हुए उन्हें सात अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति दे दी.

कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का दिया था आदेशः छह जुलाई को राउज एवेन्यू स्थित एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने गहलोत को समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था.

 शेखावत ने कथित मानहानि के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. साथ ही कथित संजीवनी घोटाले से संबंधित टिप्पणियों पर शेखावत की शिकायत के बाद गहलोत को तलब किया था. यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है.

तीन बिंदुओं पर जांच करने का आदेशः

 कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत को आरोपी कहकर संबोधित किया था? क्या अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में आरोप साबित हुआ? 

संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है या फिर ये लोग मामले में आरोपी के तौर पर शामिल हैं. बता दें, संजीवनी घोटाले को लेकर एक मामला राजस्थान हाईकोर्ट में भी लंबित है, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल हैं. इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में कई दौर की सुनवाई हो चुकी है.

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Aug 01 2023, 19:02

शरद पवार की 'पॉलिटिक्स', सहयोगी बोले- पीएम मोदी के साथ इस मुलाकात की जरूरत नहीं थी

नई दिल्ली : कहते हैं कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है. ऐसा ही कुछ देखने को मिला मंगलवार को पुणे में, जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह शुरू होने से पहले, दोनों नेताओं को हंसी-मजाक करते हुए देखा गया, साथ ही पवार ने मोदी की पीठ भी थपथपाई।

एनसीपी प्रमुख के भतीजे और डिप्टी सीएम अजित पवार सहित अन्य लोग भी इसे देख रहे थे. सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने शरद पवार से हाथ मिलाया.

ये नजारा भतीजे अजित पवार के साथ छोड़ने के एक महीने के अंदर सामने आया है. पिछले महीने ही भाजपा और शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार शामिल हुए हैं. शरद पवार की पार्टी के विभाजन के बाद मोदी और पवार की ये पहली मुलाकात थी.

शालीनता से मिले पर कटाक्ष करने से नहीं चूके : 

पवार पीएम मोदी से शालीनता से मिले लेकिन कटाक्ष करने से भी नहीं चूके. पवार ने कहा कि 'शिवाजी महाराज ने कभी किसी की जमीन नहीं छीनी.' इस कमेंट को भाजपा द्वारा कथित तौर पर शिवसेना और राकांपा में विभाजन कराने पर पवार के कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.

पवार ने कहा, 'मैं पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मोदी को बधाई देता हूं.' अपने संबोधन में पवार ने पुणे के इतिहास और महत्व तथा छत्रपति शिवाजी महाराज और तिलक के योगदान पर प्रकाश डाला. पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी महाराज के काल में हुई थी.

गठबंधन का अनुरोध ठुकराया :

हालांकि कार्यक्रम से पहले, शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा न करने के विपक्षी गठबंधन के सदस्यों के अनुरोध पर विचार नहीं किया. पवार ने मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. 'इंडिया' गठबंधन के सदस्यों को लगा था कि ऐसे समय में जब भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाया जा रहा है, पवार का मोदी के साथ मंच साझा करना अच्छा नहीं होगा.

राउत ने साधा निशाना :

मोदी-पवार के मंच साझा करने पर राजनीति भी तेज है. एक दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि यह स्पष्ट करना भाजपा पर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी नेता शरद पवार के साथ मंच साझा करने के लिए क्यों तैयार हैं. राउत ने कहा कि 'पीएम ने एक महीने पहले एनसीपी पर हमला किया था. वहीं, भ्रष्टाचार के हमले के बाद एनसीपी नेता (अजित पवार गुट) बीजेपी के साथ चले गए. और आज वो नेता वहां होंगे. इसलिए, या तो आप उन्हें धमकाएं या कहें कि एनसीपी/शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ आपके भ्रष्टाचार के आरोप झूठे हैं और इसलिए हम मंच साझा कर रहे हैं. यह स्पष्टता बीजेपी की ओर से आनी चाहिए.'

सामना में लिखा, ये विवाद की जड़ :शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में लिखा कि खुद शरद पवार द्वारा प्रधानमंत्री को सम्मानित किया जाना और उन्हें पुरस्कार दिया जाना 'विवाद की जड़' है. सामना ने लिखा, 'एक तरफ देश में आजादी की दूसरी लड़ाई चल रही है और इसीलिए लोग शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं से अलग व्यवहार की उम्मीद करते हैं.सामना ने इसे 'जटिल स्थिति' बताया

उसने लिखा कि 'पवार का कहना है कि वह मराठा चेहरा और उम्मीद का चेहरा हैं.' इसलिए उनसे एक अलग व्यवहार की उम्मीद की जा रही थी. देश मोदी के फासीवाद के खिलाफ लड़ रहा है और एक गठबंधन बना है, जिसमें पवार एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं.

संपादकीय में भाजपा पर राकांपा को विभाजित करने का आरोप लगाया गया और कहा गया कि यदि पवार कार्यक्रम में शामिल नहीं होते, तो उनके नेतृत्व और साहस को पार्टी भर में स्वीकार और सराहा जाता.

सियासी अटकलें तेज :सहयोगी पार्टियाें के एतराज के बावजूद मोदी के साथ मंच साझा करने के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं. एक तरफ जहां इसे महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में 'दरार' के रूप में देखा जा रहा है, वहीं, राजनीति के जानकारों का इशारा आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी है.

दरअसल 82 वर्षीय पवार को इन दिनों अपने राजनीतिक करियर की सबसे कठिन लड़ाइयों में से एक का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी पार्टी के अधिकांश विधायक और वरिष्ठ नेता अजित के पक्ष में हैं जो शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए हैं. उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा किया है. ऐसे में पवार के मोदी के साथ मंच साझा करने के घटनाक्रम ने सियासी अटकलबाजी को और हवा दे दी है.

वहीं, पुणे के कार्यक्रम में मोदी के साथ पवार की मौजूदगी ने भाजपा और उसके सहयोगियों से मुकाबला करने के लिए बनाई गई राष्ट्रव्यापी विपक्षी एकता को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं.