*सहकारी समितियां खाली, डीएपी का संकट*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मानसूनी बारिश के साथ धान की रोपाई भी शुरू हो गई है। एक सप्ताह में इसमें तेजी आने आएगी, लेकिन समितियों में डीएपी उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है। एक हजार एमटी के सापेक्ष इस समय मात्र 99 एमटी डीएपी मौजूद है।
ऐसे में समय रहते खाद का प्रबंध नहीं किया गया तो आने वाले समय में मारामारी तय है। खरीफ और रबी के सीजन में डीएपी की मांग बढ़ जाती है। रबी के सापेक्ष खरीफ सीजन में एक चौथाई डीएपी लगती है, लेकिन उसकी भी भरपाई नहीं हो पा रही है। जिले में 52 सहकारी समितियां संचालित हैं, जिनमें से 39 समितियों में डीएपी नहीं है। इससे धान की रोपाई में जुटे किसानों को बाजार से महंगे दामों में डीएपी खरीदनी पड़ रही है।
अगर समय रहते सहकारिता विभाग डीएपी की आपूर्ति नहीं करता तो समितियों में मारामारी की नौबत आएगी। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में खरीफ के सीजन में एक हजार एमटी डीएपी की जरूरत है, लेकिन समितियों में सिर्फ 99 एमटी का स्टाक उपलब्ध है। भिदिउरा गांव के किसान छबीले पाठक, सुरेंद्र पाठक ने कहा कि किसानों को सुविधाएं देने का दावा तो किया जाता है, लेकिन जरूरत पड़ने न तो डीएपी मिलती है और न जरूरी दवाएं।
एआर सहकारिता राघवेंद्र शुक्ला ने बताया कि 600 एमटी डीएपी की मांग की गई है। एक सप्ताह से 10 दिन में आपूर्ति हो जाएगी। उन्होंने बताया कि डीएपी आते ही समितियों पर भेज दी जाएगी।
Jun 27 2023, 17:51