*लापरवाही: स्कूलों में नहीं लगे हमारे शिक्षक के बोर्ड*
भदोही। करीब आठ से नौ महीने पूर्व स्कूलों के गेट पर ''''हमारे शिक्षक'''' का बोर्ड लगाने का निर्देश सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गया। इसे लेकर महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने नाराजगी जताई। बीएसए को पत्र भेजकर एक सप्ताह में बोर्ड लगाकर सूचित करने का निर्देश दिया। जिले में 892 प्राथमकि, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में करीब पौने दो लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षा देने के लिए चार हजार शिक्षकों की तैनाती भी की गई है।
शिक्षकों के फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने के लिए आठ माह पूर्व बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने स्कूलों में ''''हमारे शिक्षक'''' का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था। पिछला सत्र खत्म होने के बाद नया सत्र भी शुरू हो गया, लेकिन अब भी सैकड़ों स्कूलों में यह बोर्ड नहीं लग सका। बोर्ड स्कूल में ऐसी जगह लगाया जाए, जहां स्कूल में प्रवेश करते समय देखा जा सके। बोर्ड पर शिक्षकों का फोटो, नाम, शैक्षिक योग्यता, नियुक्ति तिथि का पूरा ब्योरा अपडेट करके लगाना था। इसके लिए स्कूल के कंपोजिट ग्रांट से धनराशि खर्च की जानी थी।
इसके बाद भी अधिकतर स्कूलों में अभी तक हमारे शिक्षक के बोर्ड नहीं नजर आ रहे हैं। जिन स्कूलों में बोर्ड लगे भी हैं, उनमें आधी-अधूरी जानकारी है। व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए महानिदेशक ने दोबारा पत्र भेजा है। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि हमारे शिक्षक बोर्ड अधिकतर विद्यालय में लग चुके हैं। अगर ऐसी लापरवाही बरती गई है तो स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके जिम्मेदार प्रधानाध्यापक होंगे।
Jun 06 2023, 13:32