भारत में लोकतंत्र पर सवाल उठाने वालों को अमेरिका ने दिया करारा जवाब, कहा-दिल्ली जाइए और खुद देख लीजिए

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भारत में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंताओं को अमेरिका ने सिरे से खारिज किया है। वाहट हाउस ने सोमवार को कहा है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र है और वहां जाने वाला कोई भी व्यक्ति इसे खुद महसूस कर सकता है।अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस ने सोमवार को एक बयान जारी कर ये बात कही।बता दें कि राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं और वहां वह अपने बयानों में भारत में लोकतंत्र को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। इसी को लेकर कुछ पत्रकारों ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के लोकतंत्र से जुड़े सवाल किए। जिसपर उन्हें करारा जवाब मिला।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। कोई भी, जिसे आप जानते हैं, जो नई दिल्ली जाता है, वह इसे खुद देख सकता है। और निश्चित रूप से, मैं उम्मीद करता हूं कि लोकतांत्रिक संस्थानों की ताकत और इसकी हालत चर्चा का हिस्सा होगी। 

भारत-अमेरिका संबंध पर कही ये बात

किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘देखिए, हम कभी संकोच नहीं करते और आप दोस्तों के साथ ही ऐसा कर सकते हैं। आपको दोस्तों के साथ ऐसा करना चाहिए। आप कभी भी उन चिंताओं को जाहिर करने से नहीं कतराते हैं जो हम दुनिया भर में किसी के साथ हो सकते हैं। लेकिन यह (राजकीय) यात्रा है, वास्तव में अब जो है उसे आगे बढ़ाने के बारे में और हम जो उम्मीद करते हैं वह एक गहरी, मजबूत साझेदारी और दोस्ती होगी।

राहुल गांधी के दौर के बाद अमेरिका का बयान

अमेरिकी विदेश विभाग का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दौर के बाद आया है। बयान में न तो कहीं राहुल का जिक्र था और न ही उनसे जुड़ा कोई सवाल पूछा गया था। लेकिन माना जा रहा है कि अप्रत्‍यक्ष तौर पर राहुल की टिप्‍पणी का ही जवाब दिया गया है।ऐसा माना जा रहा है कि अपने इस बयान के जरिए अमेरिका ने उन सभी आलोचनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए गए हैं।

क्‍या कहा था राहुल ने

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों अमेरिका में एक कार्यक्राम में कहा था कि भारत के लोकतंत्र से ‘‘पूरी दुनिया का लोकहित’’ जुड़ा है। अगर इसमें ‘‘बिखराव’’ होता है तो इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर गए गांधी ने साथ ही कहा कि लोकतंत्र देश का आंतरिक मामला है। उन्होंने ‘नेशनल प्रेस क्लब’ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘भारत में लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ना हमारा काम है और यह एक ऐसी चीज है, जिसे हम समझते हैं, जिसे हम स्वीकार करते हैं और जो हम करते हैं।’’

सीबीआई ने शुरू की बालासोर ट्रेन हादसे की जांच, अफसरों की टीम ने घटनास्थल का लिया जायजा

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सीबीआई ने ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है। सोमवार शाम सीबीआई की टीम बालासोर रेल हादसे की जांच के लिए एक्सीडेंट साइट पर पहुंची और मौके का मुआयना किया। सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का दौरा कर दुर्घटना की जांच शुरू की। सीबीआई की टीम अब हादसे की वजहों की तलाश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने एक्सीडेंट वाली जगह से अहम सबूत जुटाए हैं। रेलवे बोर्ड ने रविवार को इस दर्दनाक ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। 

अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज

घटना के बाद 3 जून को रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। बालासोर रेलवे पुलिस की इस एफआईआर में अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने के साथ-साथ रेलवे एक्ट और आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई इस मामले की जांच करेगी। बालासोर ट्रेन दुर्घटना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत कटक में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। बालासोर जीआरपीएस के एसआई पापु कुमार नाइक की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।

200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी

इधर, हादसे में घायल हुए करीब 1100 यात्रियों में से 900 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। करीब 200 लोगों का ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। वहीं, घटना में जान गंवाने वाले 278 लोगों में से 177 शवों की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान करनी बाकी है. इन शवों को भुवनेश्वर समेत अलग-अलग के मोर्चरी में रखा गया।

केवल भुवनेश्वर में 80 शवों की पहचान

केवल भुवनेश्वर की बात करें तो यहां पर कुल 193 शवों को रखा गया था। इसमें से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा है कि 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं। शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है।

बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू

वहीं, बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। हालांकि, अभी ट्रेनों की स्पीड कम है। हादसे के बाद करीब 51 घंटे के भीतर रविवार रात से ही रूट पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है। अप और डाउन दोनों लाइन को ठीक कर लिया गया है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और राहत व बचाव कार्य पर बारीकी से नजर रख रहे थे।

राजनाथ सिंह ने अमेरिका को किया अलर्ट, कहा-भरोसे लायक नहीं पाकिस्तान, हथियार देने की गलती न करें

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अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत के दौरे पर हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और समर्थन बढ़ाने पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में फैसला हुआ कि रक्षा औद्योगिक सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत के अपने समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ लंबी चर्चा के बाद सोमवार को इसकी पुष्टी की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा तैयार करने का फैसला किया है। वहीं, इस दौरान भारतीय रक्षा मंत्री ने अमेरिका को आगाह कर दिया है कि वह हथियारों के मामले में पाकिस्तान पर विश्वास ना करे।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के बीच सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात हुई। इस दौरान राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को आगाह करते हुए कहा कि अमेरिका हथियार के मामले में पाकिस्तान पर भरोसा करने की गलती न करें। उन्होंने कहा, "हथियारों के मामले में पाकिस्तान कतई भरोसेमंद नहीं है, क्योंकि वह हथियारों और तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकता है जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता आ सकती है।

राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार किया। दोनों देशों ने नेविगेशन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग लेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

बता दें कि ऑस्टिन रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए। खास बात यह है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा से दो सप्ताह पहले हुई है। ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।

आंदोलन खत्म करने की अफवाह पर भड़के पहलवान, फोगाट और बजरंग पुनिया ने बोला जोरदार हमला

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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन अभी भी जारी है। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन खत्म होने की खबरों का खंडन किया।साथ ही इस तरह की अफवाह फैलाने वालों पर हमला बोला है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने धरना वापस ले लिया है। वे रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। इसके बाद साक्षी और बजरंग ने ट्वीट कर इन खबरों का खंडन किया और इसे अफवाह बताया। 

फर्जी खबर फैलाने वालों में एहसास नहीं- विनेश फोगाट

पहलवानों के प्रदर्शन के खत्म होने की झूठी खबरों पर रेसलर विनेश फोगाट ने हमला किया है। उन्होंने कहा है कि महिलाएं किन परेशानियों से गुजर रही हैं इस चीज का एहसास फर्जी खबर फैलाने वालों को नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुज़र रही हैं इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमज़ोर मीडिया की टांगें हैं जो किसी गुंडे के हंटर के आगे काँपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं। इसके अलावा उन्होंने इसी ट्वीट में एक शेर लिखते हुए कहा, "जहां पहुंच के कदम डगमगाए हैं सब के, उसी मक़ाम से अब अपना रास्ता होगा- आबिद अदीब

बजरंग का वार

वहीं, बजरंग ने लिखा, ''हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए। बजरंग के इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी है।

सत्याग्रह के साथ अपनी जिम्मेदारी निबा रही हूं-साक्षी

इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने ट्विट करते हुए कहा, “ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठाए कई सवाल,कहा- जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार

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ओडिशा में हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। अब इस हादसे को राजनीति भी शुरू हो गई है और विपक्षी नेता इसे लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में खरगे ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 

सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर बालासोर रेल हादसे को लेकर जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने एवं ध्यान भटकाने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि इस दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच कर सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इस हादसे की सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर भी सवाल खड़े किए और दावा किया कि यह एजेंसी अपराधिक मामलों की छानबीन के लिए बनी है तथा यह ऐसे मामले में तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलता की जवाबदेही तय नहीं कर सकती। 

गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित हो रहा- खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है।खरगे ने आरोप लगाया कि रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। खरगे ने दावा किया कि कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं। खरगे ने पत्र में लिखा कि रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स पर काम का दबाव ज्यादा है क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। खरगे ने कहा कि लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं? खरगे ने सवाल किया कि बीते नौ सालों में इन रिक्तियों को क्यों नहीं भरा गया?

कैग की रिपोर्ट पर ध्यान क्यों नहीं दिया-खड़गे

खड़गे ने सवाल किया कि सीआरएस को और मज़बूत तथा स्वायत्त बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? खड़गे का कहना है, " कैग की ताज़ा ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खास उल्लेख है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच 10 में से करीब सात रेल दुर्घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की वजह से हुईं। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। " उन्होंने दावा किया कि कैग की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष में 79 प्रतिशत फंडिंग कम की गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि अभी तक भारतीय रेल के महज चार प्रतिशत रेल मार्गों को ही 'कवच' से रक्षित क्यों किया जा सका है ? उन्होंने यह भी पूछा, "क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया ? क्या इससे भारतीय रेल की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित नहीं हुई ? क्या ऐसा काम रेलवे की स्वायत्तता को दरकिनार कर निजीकरण को बढावा देने के लिए किया गया था ? 

रेलवे में मामूली बदलाव कर सौतेला व्‍यवहार किया जा रहा-खड़गे

खड़गे ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र में कहा है कि, 'परिवहन के क्षेत्र में तमाम क्रांतिकारी कदमों के बावजूद भारतीय रेल अब भी हर आम भारतीय की जीवन रेखा है। यह न केवल सबसे विश्वसनीय है, बल्कि परिवहन का सबसे किफायती तरीका भी है। रेलवे एक दिन में ऑस्‍ट्रेलिया की कुल जनसंख्‍या के बराबर यात्रियों को यात्रा कराता है, लेकिन मैं खेद के साथ कहता हूं कि रेलवे को बुनियादी स्तर पर मजबूत करने की बजाय सुर्खियों में बने रहने के लिए मामूली बदलाव कर सौतेला व्‍यवहार किया जा रहा है।

खतरों को नज़रअंदाज क्‍यों किया-खड़गे

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए पत्र में लिखा है कि, आठ फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद दक्षिण-पश्चिम जोनल रेलवे के अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को ठीक करने की आवश्‍यकता बताई थी, लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से न लेते हुए नज़रअंदाज क्‍यों किया ? उन्‍होंने कहा है कि रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग और रखरखाव प्रथाओं में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है और इसी वजह से हादसे हो रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि रेलवे की सुरक्षा में इस गिरावट को लेकर आम यात्रियों में गंभीर चिंता है, उन्होंने कहा इन सभी बातों को आम यात्रियों में काफी चिंता है इसलिए, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाए और उसे सामने लाए।

नौकरी पर वापस लौटे पहलवान, साक्षी मलिक बोलीं- लड़ाई से पीछे नहीं हटे

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रेसलर साक्षी मलिक पहलवानों के प्रदर्शन से पीछे नहीं हटी हैं। यह बात सोमवार को तब साफ करनी पड़ी, जब यह दावा सामने आया था कि वह प्रदर्शन से हट गई हैं।दरअसल, कुछ टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में फ्लैश के तौर पर बताया गया था कि पहलवान मलिक ने प्रदर्शन से अपना नाम वापस लेने के बाद रेलवे की नौकरी ज्वॉइन कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक प्रदर्शन से हट गई हैं और रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गई हैं। हालांकि, इस खबर के सामने आने के बाद साक्षी ने तुरंत ट्वीट करते हुए इन खबरों का खंडन किया। उन्होंने लिखा- ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर झूठी-पुनिया

वहीं बजरंग पुनिया ने ट्वीट किया, आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं। ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

खुद की एक महापंचायत करेंगे पहलवान

इससे पहले पूनिया ने रविवार को ऐलान किया था कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की एक महापंचायत करेंगे। हरियाणा में सोनीपत जिले के मुंडलाना में पहलवानों के समर्थन में ‘सर्व समाज समर्थन पंचायत’ को संबोधित करते हुए उन्होंने वक्ताओं से किसी भी निर्णय की घोषणा न करने का अनुरोध करते हुए बताया कि अगले तीन से चार दिनों में पहलवान ‘महापंचायत’ बुलाएंगे।

बता दें कि भारत के स्टार पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। भारत के स्टार पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को मांग पर लेकर जंतर- मंतर पर पिछले काफी समय से धरने पर बैठे थे, मगर 28 मई को उन्हें वहां से हटा दिया गया, जिसके बाद तीनों के नौकरी पर लौट गए हैं।ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया भारतीय रेलवे में ओसीडी (खेल) के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे विरोध से पीछे नहीं हट रहे हैं।

अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा, 32 साल बाद आया फैसला

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अवधेश राय मर्डर केस में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। इस हत्याकांड में अदालत ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट से मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा हुई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मुख्तार को सजा देने वाला यह फैसला 32 साल 10 महीने के बाद आया है। 

इससे पहले 22 मई को इस केस में अंसारी की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई थी, तब जज ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस हत्याकांड को बदमाशों ने 3 अगस्त 1991 को अंजाम दिया था। तब अवधेश के भाई अजय राय ने पांच लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से एक मुख्तार भी शामिल था।अजय राय ने वाराणसी के चेतगंज थाने में भाई की हत्या को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस हत्याकांड में मुख्तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम का भी नाम सामने आया था। साथ ही भीम सिंह और राकेश को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। यह एक हाईप्रोफाइल केस था, इस वजह से तब की सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीसीआईडी को सौंप दिया था।

तीन अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। सुबह का वक्त था। एक वैन से आए बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से पूरा पूर्वांचल सहम उठा था। पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया। साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक का भी नाम रहा। इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। राकेश न्यायिक का केस प्रयागराज कोर्ट में चल रहा है। 

बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। लेकिन इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड में उसे पहली बार उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

फिर मिलेंगे बिछड़े! चंद्रबाबू नायडू-अमित शाह की मुलाकात के क्या हैं मायने*

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मिशन-2024 को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी के लिए “महा” विपक्ष बनाने की कवायद चल रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी, एनडीए के उन पुराने सहयोगियों को साथ लाने की तैयारी में है, जो किसी वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं। बीजेपी सहयोगियों को साथ लाने की कोशिश में है, ताकि 2024 में विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर सके और तीसरी बार केन्द्र की सत्ता हासिल कर सके।इसी सिलसिले में रविवार को तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की अमित शाह के साथ मुलाकात हुई। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। 

करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात में इस साल के आखिर में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, इस साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और टीडीपी एक साथ आ सकते हैं।टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बन गई है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।

संबंध सुधारने की कोशिश

पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टीडीपी के साथ आने और दो राज्यों में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। आंध्रप्रदेश में जहां टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी, वहीं तेलंगाना में टीडीपी भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में होगी। नायडू और शाह कि इस मुलाकात को लंबे समय बाद फिर से गठबंधन या कहें कि संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा।

पुराने साथी ही नायडू

बता दें कि, चंद्रबाबू नायडू पहले एनडीए के साथी रहे। मगर बाद में अपना हाथ खींच लिया। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 2014 में एनडीए का हिस्सा थी लेकिन मार्च 2018 में आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गई थी। इसके बाद वो बीजेपी के धुर विरोधी बन गए। लोकसभा चुनावों के लिए चंद्रबाबू नायडू ने थर्ड फ्रंट बनाने के लिए खूब दिल्ली दौड़े। लेकिन इसका कोई फायदा तो नहीं हुआ हां नुकसान जरूर करा बैठे. वो राष्ट्रीय राजनीति में इतना व्यस्त हो गए कि उनके हाथ आंध्र प्रदेश ही निकल गया।

हाल के महीनों में बदले नायडू के सुर

नायडू भाजपा की आलोचना करते रहे हैं लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले दिखे। अप्रैल में उन्होंने दूरदर्शी नेता कहते हुए पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। पहले से भी इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए भाजपा और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है। वैसे, माना जाता है कि 2019 के चुनाव के बाद से ही नायडू भाजपा से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लग गए थे।

नहीं रहे महाभारत के शकुनि मामा, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन

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मशहूर टीवी सीरियल महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल अब इस दुनिया में नहीं रहे।लंबी बीमारी के बाद गूफी पेंटल ने दम तोड़ दिया। एक्टर की मौत की खबर से टीवी और सिनेमा जगत में सन्नाटा पसर गया है।बीते कुछ दिनों पहले ही गूफी पेंटल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीच में खबर आई थी कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है। लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उनका निधन हो गया।

गूफी पेंटल लंबे वक्त से उम्र संबंधी कई बीमारियों जूझ रहे थे। गुफी पेंटल 31 मई को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टर्स ने उनके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी।लेकिन आज सुबह मुंबई के अस्पताल में 78 की उम्र में गूफी पेंटल ने आखिरी सांस ली और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए।जानकारी के मुताबिक, एक्टर का अंतिम संस्कार आज दोपहर अंधेरी में होगा।

बीआर चोपड़ा के मशहूर ऐतिहासिक शो 'महाभारत' को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। इस शो के हर किरदार ने फैंस के दिल में अपनी बेहद अहम जगह बनाई थी। इन कलाकारों में गूफी पेंटल का नाम भी शामिल है। गूफी पेंटल ने शो में शकुनि मामा का किरदार निभाया था। आज भी जब भी शकुनि मामा के अभिनय की बात की जाती है, उसमें गूफी पेंटल का नाम जरूर लिया जाता है।गूफी पेंटल भी अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाने जाते थे। लेकिन उन्हें महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाकर जो फेम मिला वो किसी और किरदार से नहीं मिला। उनके काम और उनकी अदाकारी को सभी ने सराहा था।

एक अभिनेता होने के अलावा, गूफी ने कुछ टीवी शो और श्री चैतन्य महाप्रभु नामक एक फिल्म का डायरेक्शन भी किया था। वह बीआर फिल्म्स के साथ उन्होंने एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब में हिमखंड टूटने से 6 लोग फंसे, 5 को सुरक्षित निकाला गया, रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी में टूटे हिमखंड में लापता सिख महिला यात्री की खोजबीन में रेस्क्यू की कमान आईटीबीपी ने संभाली है। एनडीआरएफ भी मौके के लिए तड़के गोविंदघाट से रवाना हुई है। हेमकुंड जाने का रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। हालांकि यात्रा अभी रोकी गई है।

गौरतलब हैं कि बीती शाम को अटलाकोटी में हिमखंड टूटने से अमृतसर के छः यात्री बर्फ के साथ खाई में गिर गए थे। जिनमें से पांच को तत्काल रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया था। एक महिला श्रद्धालु लापता हैं।

हिमखंड खिसक जाने के कारण जसप्रीत सिंह निवासी हकीमा गेट अमृतसर पंजाब का परिवार गलेशियर मे दब गए जिस पर मौके पर मौजूद नेपाली कंडी मजदूरों व स्थानीय दुकानदारों ने जसप्रीत सिंह और उनकी पुत्री मनसीरत कौर, पुष्पप्रीत कौर, मनप्रीत कौर पत्नी रवनीत सिंह,व रवनीत सिंह निवासी अमृतसर पंजाब को सुरक्षित रेस्क्यू कर घाघरिया लाया गया था।

घटना मे जसप्रीत सिंह की पत्नी कमलजीत कौर उम्र 37 वर्ष अभी गलेशियर मे दबने के कारण लापता है। रात्रि को अंधेरे के चलते रेस्क्यू रोक दिया था । तड़के आईटीबीपी के 15 जवानों ने रेस्क्यू की कमान संभाली हैं। आईटीबीपी के साथ एसडीआरएफ, मजदूर, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुटे हैं।

बताया गया कि एनडीआरएफ के 20 जवान भी रेस्क्यू के लिए गोविंदघाट से मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। अटलाकोटी में पैदल रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। यह रास्ता हिमखंड टूटने के साथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड का रास्ता सुचारू कर दिया गया है।

यात्रा अभी रोकी गई है। गोविन्द घाट में 1500 व घांघरिया में 3500 यात्री यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। रास्ता सुचारू किए जाने की सुचना प्रशासन को लेकर यात्रा खोलने का अनुरोध किया गया है।