आंदोलन खत्म करने की अफवाह पर भड़के पहलवान, फोगाट और बजरंग पुनिया ने बोला जोरदार हमला

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रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का आंदोलन अभी भी जारी है। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन खत्म होने की खबरों का खंडन किया।साथ ही इस तरह की अफवाह फैलाने वालों पर हमला बोला है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने धरना वापस ले लिया है। वे रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। इसके बाद साक्षी और बजरंग ने ट्वीट कर इन खबरों का खंडन किया और इसे अफवाह बताया। 

फर्जी खबर फैलाने वालों में एहसास नहीं- विनेश फोगाट

पहलवानों के प्रदर्शन के खत्म होने की झूठी खबरों पर रेसलर विनेश फोगाट ने हमला किया है। उन्होंने कहा है कि महिलाएं किन परेशानियों से गुजर रही हैं इस चीज का एहसास फर्जी खबर फैलाने वालों को नहीं है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "महिला पहलवान किस ट्रॉमा से गुज़र रही हैं इस बात का अहसास भी है फर्जी खबर फैलाने वालों को? कमज़ोर मीडिया की टांगें हैं जो किसी गुंडे के हंटर के आगे काँपने लगती हैं, महिला पहलवान नहीं। इसके अलावा उन्होंने इसी ट्वीट में एक शेर लिखते हुए कहा, "जहां पहुंच के कदम डगमगाए हैं सब के, उसी मक़ाम से अब अपना रास्ता होगा- आबिद अदीब

बजरंग का वार

वहीं, बजरंग ने लिखा, ''हमारे मेडलों को 15-15 रुपए के बताने वाले अब हमारी नौकरी के पीछे पड़ गए हैं। हमारी जिंदगी दांव पर लगी हुई है, उसके आगे नौकरी तो बहुत छोटी चीज है। अगर नौकरी इंसाफ के रास्ते में बाधा बनती दिखी तो उसको त्यागने में हम दस सेकेंड का वक्त भी नहीं लगाएंगे। नौकरी का डर मत दिखाइए। बजरंग के इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर खलबली मचा दी है।

सत्याग्रह के साथ अपनी जिम्मेदारी निबा रही हूं-साक्षी

इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक ने ट्विट करते हुए कहा, “ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठाए कई सवाल,कहा- जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार

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ओडिशा में हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। अब इस हादसे को राजनीति भी शुरू हो गई है और विपक्षी नेता इसे लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में खरगे ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। 

सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर बालासोर रेल हादसे को लेकर जवाबदेही तय करने के किसी भी प्रयास को नाकाम करने एवं ध्यान भटकाने के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि इस दुर्घटना के सभी पहलुओं की जांच कर सच्चाई सामने लाई जानी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में इस हादसे की सीबीआई जांच के फैसले के औचित्य पर भी सवाल खड़े किए और दावा किया कि यह एजेंसी अपराधिक मामलों की छानबीन के लिए बनी है तथा यह ऐसे मामले में तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलता की जवाबदेही तय नहीं कर सकती। 

गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित हो रहा- खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा कि रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। खरगे ने आरोप लगाया कि लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है।खरगे ने आरोप लगाया कि रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। खरगे ने दावा किया कि कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं। खरगे ने पत्र में लिखा कि रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स पर काम का दबाव ज्यादा है क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है। खरगे ने कहा कि लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं? खरगे ने सवाल किया कि बीते नौ सालों में इन रिक्तियों को क्यों नहीं भरा गया?

कैग की रिपोर्ट पर ध्यान क्यों नहीं दिया-खड़गे

खड़गे ने सवाल किया कि सीआरएस को और मज़बूत तथा स्वायत्त बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? खड़गे का कहना है, " कैग की ताज़ा ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खास उल्लेख है कि 2017-18 से 2020-21 के बीच 10 में से करीब सात रेल दुर्घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की वजह से हुईं। लेकिन इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया। " उन्होंने दावा किया कि कैग की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष में 79 प्रतिशत फंडिंग कम की गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि अभी तक भारतीय रेल के महज चार प्रतिशत रेल मार्गों को ही 'कवच' से रक्षित क्यों किया जा सका है ? उन्होंने यह भी पूछा, "क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया ? क्या इससे भारतीय रेल की स्वायत्तता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित नहीं हुई ? क्या ऐसा काम रेलवे की स्वायत्तता को दरकिनार कर निजीकरण को बढावा देने के लिए किया गया था ? 

रेलवे में मामूली बदलाव कर सौतेला व्‍यवहार किया जा रहा-खड़गे

खड़गे ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र में कहा है कि, 'परिवहन के क्षेत्र में तमाम क्रांतिकारी कदमों के बावजूद भारतीय रेल अब भी हर आम भारतीय की जीवन रेखा है। यह न केवल सबसे विश्वसनीय है, बल्कि परिवहन का सबसे किफायती तरीका भी है। रेलवे एक दिन में ऑस्‍ट्रेलिया की कुल जनसंख्‍या के बराबर यात्रियों को यात्रा कराता है, लेकिन मैं खेद के साथ कहता हूं कि रेलवे को बुनियादी स्तर पर मजबूत करने की बजाय सुर्खियों में बने रहने के लिए मामूली बदलाव कर सौतेला व्‍यवहार किया जा रहा है।

खतरों को नज़रअंदाज क्‍यों किया-खड़गे

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने सरकार पर सवाल उठाते हुए पत्र में लिखा है कि, आठ फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद दक्षिण-पश्चिम जोनल रेलवे के अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को ठीक करने की आवश्‍यकता बताई थी, लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने गंभीरता से न लेते हुए नज़रअंदाज क्‍यों किया ? उन्‍होंने कहा है कि रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग और रखरखाव प्रथाओं में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है और इसी वजह से हादसे हो रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि रेलवे की सुरक्षा में इस गिरावट को लेकर आम यात्रियों में गंभीर चिंता है, उन्होंने कहा इन सभी बातों को आम यात्रियों में काफी चिंता है इसलिए, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाए और उसे सामने लाए।

नौकरी पर वापस लौटे पहलवान, साक्षी मलिक बोलीं- लड़ाई से पीछे नहीं हटे

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रेसलर साक्षी मलिक पहलवानों के प्रदर्शन से पीछे नहीं हटी हैं। यह बात सोमवार को तब साफ करनी पड़ी, जब यह दावा सामने आया था कि वह प्रदर्शन से हट गई हैं।दरअसल, कुछ टीवी मीडिया रिपोर्ट्स में फ्लैश के तौर पर बताया गया था कि पहलवान मलिक ने प्रदर्शन से अपना नाम वापस लेने के बाद रेलवे की नौकरी ज्वॉइन कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली पहलवान साक्षी मलिक प्रदर्शन से हट गई हैं और रेलवे में अपनी नौकरी पर वापस लौट गई हैं। हालांकि, इस खबर के सामने आने के बाद साक्षी ने तुरंत ट्वीट करते हुए इन खबरों का खंडन किया। उन्होंने लिखा- ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।

महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर झूठी-पुनिया

वहीं बजरंग पुनिया ने ट्वीट किया, आंदोलन वापस लेने की खबरें कोरी अफवाह हैं। ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं। हम न पीछे हटे हैं और न ही हमने आंदोलन वापस लिया है। महिला पहलवानों की एफआईआर उठाने की खबर भी झूठी है। इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी।

खुद की एक महापंचायत करेंगे पहलवान

इससे पहले पूनिया ने रविवार को ऐलान किया था कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की एक महापंचायत करेंगे। हरियाणा में सोनीपत जिले के मुंडलाना में पहलवानों के समर्थन में ‘सर्व समाज समर्थन पंचायत’ को संबोधित करते हुए उन्होंने वक्ताओं से किसी भी निर्णय की घोषणा न करने का अनुरोध करते हुए बताया कि अगले तीन से चार दिनों में पहलवान ‘महापंचायत’ बुलाएंगे।

बता दें कि भारत के स्टार पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं। भारत के स्टार पहलवान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को मांग पर लेकर जंतर- मंतर पर पिछले काफी समय से धरने पर बैठे थे, मगर 28 मई को उन्हें वहां से हटा दिया गया, जिसके बाद तीनों के नौकरी पर लौट गए हैं।ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया भारतीय रेलवे में ओसीडी (खेल) के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि उन्होंने साफ किया कि वे विरोध से पीछे नहीं हट रहे हैं।

अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा, 32 साल बाद आया फैसला

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अवधेश राय मर्डर केस में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया। इस हत्याकांड में अदालत ने गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट से मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा हुई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। मुख्तार को सजा देने वाला यह फैसला 32 साल 10 महीने के बाद आया है। 

इससे पहले 22 मई को इस केस में अंसारी की बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई थी, तब जज ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस हत्याकांड को बदमाशों ने 3 अगस्त 1991 को अंजाम दिया था। तब अवधेश के भाई अजय राय ने पांच लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से एक मुख्तार भी शामिल था।अजय राय ने वाराणसी के चेतगंज थाने में भाई की हत्या को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस हत्याकांड में मुख्तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम का भी नाम सामने आया था। साथ ही भीम सिंह और राकेश को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। यह एक हाईप्रोफाइल केस था, इस वजह से तब की सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीसीआईडी को सौंप दिया था।

तीन अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे। सुबह का वक्त था। एक वैन से आए बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। अवधेश राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना से पूरा पूर्वांचल सहम उठा था। पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया। साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक का भी नाम रहा। इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। राकेश न्यायिक का केस प्रयागराज कोर्ट में चल रहा है। 

बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। लेकिन इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड में उसे पहली बार उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

फिर मिलेंगे बिछड़े! चंद्रबाबू नायडू-अमित शाह की मुलाकात के क्या हैं मायने*

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मिशन-2024 को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी के लिए “महा” विपक्ष बनाने की कवायद चल रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी, एनडीए के उन पुराने सहयोगियों को साथ लाने की तैयारी में है, जो किसी वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं। बीजेपी सहयोगियों को साथ लाने की कोशिश में है, ताकि 2024 में विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर सके और तीसरी बार केन्द्र की सत्ता हासिल कर सके।इसी सिलसिले में रविवार को तेलगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू की अमित शाह के साथ मुलाकात हुई। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। 

करीब एक घंटे तक चली इस मुलाकात में इस साल के आखिर में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, इस साल होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और टीडीपी एक साथ आ सकते हैं।टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक में चुनाव पूर्व गठबंधन पर सहमति बन गई है। इसकी औपचारिक घोषणा जल्द की जाएगी।

संबंध सुधारने की कोशिश

पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल टीडीपी के साथ आने और दो राज्यों में मिल कर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी है। जल्द ही दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। आंध्रप्रदेश में जहां टीडीपी बड़े भाई की भूमिका में होगी, वहीं तेलंगाना में टीडीपी भाजपा के छोटे भाई की भूमिका में होगी। नायडू और शाह कि इस मुलाकात को लंबे समय बाद फिर से गठबंधन या कहें कि संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा।

पुराने साथी ही नायडू

बता दें कि, चंद्रबाबू नायडू पहले एनडीए के साथी रहे। मगर बाद में अपना हाथ खींच लिया। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 2014 में एनडीए का हिस्सा थी लेकिन मार्च 2018 में आंध्र को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गई थी। इसके बाद वो बीजेपी के धुर विरोधी बन गए। लोकसभा चुनावों के लिए चंद्रबाबू नायडू ने थर्ड फ्रंट बनाने के लिए खूब दिल्ली दौड़े। लेकिन इसका कोई फायदा तो नहीं हुआ हां नुकसान जरूर करा बैठे. वो राष्ट्रीय राजनीति में इतना व्यस्त हो गए कि उनके हाथ आंध्र प्रदेश ही निकल गया।

हाल के महीनों में बदले नायडू के सुर

नायडू भाजपा की आलोचना करते रहे हैं लेकिन हाल के महीनों में उनके सुर बदले दिखे। अप्रैल में उन्होंने दूरदर्शी नेता कहते हुए पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी की राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया से जुड़ने की इच्छा रखते हैं। पहले से भी इस बात की संभावना जताई जा रही है कि आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी को हराने के लिए भाजपा और उसकी समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन हो सकता है। वैसे, माना जाता है कि 2019 के चुनाव के बाद से ही नायडू भाजपा से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लग गए थे।

नहीं रहे महाभारत के शकुनि मामा, लंबी बीमारी के बाद हुआ निधन

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मशहूर टीवी सीरियल महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाने वाले गूफी पेंटल अब इस दुनिया में नहीं रहे।लंबी बीमारी के बाद गूफी पेंटल ने दम तोड़ दिया। एक्टर की मौत की खबर से टीवी और सिनेमा जगत में सन्नाटा पसर गया है।बीते कुछ दिनों पहले ही गूफी पेंटल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीच में खबर आई थी कि उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है। लेकिन अचानक तबीयत बिगड़ने के चलते उनका निधन हो गया।

गूफी पेंटल लंबे वक्त से उम्र संबंधी कई बीमारियों जूझ रहे थे। गुफी पेंटल 31 मई को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टर्स ने उनके इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी।लेकिन आज सुबह मुंबई के अस्पताल में 78 की उम्र में गूफी पेंटल ने आखिरी सांस ली और हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह गए।जानकारी के मुताबिक, एक्टर का अंतिम संस्कार आज दोपहर अंधेरी में होगा।

बीआर चोपड़ा के मशहूर ऐतिहासिक शो 'महाभारत' को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। इस शो के हर किरदार ने फैंस के दिल में अपनी बेहद अहम जगह बनाई थी। इन कलाकारों में गूफी पेंटल का नाम भी शामिल है। गूफी पेंटल ने शो में शकुनि मामा का किरदार निभाया था। आज भी जब भी शकुनि मामा के अभिनय की बात की जाती है, उसमें गूफी पेंटल का नाम जरूर लिया जाता है।गूफी पेंटल भी अपनी दमदार अदाकारी के लिए जाने जाते थे। लेकिन उन्हें महाभारत में शकुनी मामा का किरदार निभाकर जो फेम मिला वो किसी और किरदार से नहीं मिला। उनके काम और उनकी अदाकारी को सभी ने सराहा था।

एक अभिनेता होने के अलावा, गूफी ने कुछ टीवी शो और श्री चैतन्य महाप्रभु नामक एक फिल्म का डायरेक्शन भी किया था। वह बीआर फिल्म्स के साथ उन्होंने एसोसिएट डायरेक्टर, कास्टिंग डायरेक्टर और प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में भी काम कर चुके हैं।

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब में हिमखंड टूटने से 6 लोग फंसे, 5 को सुरक्षित निकाला गया, रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी में टूटे हिमखंड में लापता सिख महिला यात्री की खोजबीन में रेस्क्यू की कमान आईटीबीपी ने संभाली है। एनडीआरएफ भी मौके के लिए तड़के गोविंदघाट से रवाना हुई है। हेमकुंड जाने का रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। हालांकि यात्रा अभी रोकी गई है।

गौरतलब हैं कि बीती शाम को अटलाकोटी में हिमखंड टूटने से अमृतसर के छः यात्री बर्फ के साथ खाई में गिर गए थे। जिनमें से पांच को तत्काल रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया था। एक महिला श्रद्धालु लापता हैं।

हिमखंड खिसक जाने के कारण जसप्रीत सिंह निवासी हकीमा गेट अमृतसर पंजाब का परिवार गलेशियर मे दब गए जिस पर मौके पर मौजूद नेपाली कंडी मजदूरों व स्थानीय दुकानदारों ने जसप्रीत सिंह और उनकी पुत्री मनसीरत कौर, पुष्पप्रीत कौर, मनप्रीत कौर पत्नी रवनीत सिंह,व रवनीत सिंह निवासी अमृतसर पंजाब को सुरक्षित रेस्क्यू कर घाघरिया लाया गया था।

घटना मे जसप्रीत सिंह की पत्नी कमलजीत कौर उम्र 37 वर्ष अभी गलेशियर मे दबने के कारण लापता है। रात्रि को अंधेरे के चलते रेस्क्यू रोक दिया था । तड़के आईटीबीपी के 15 जवानों ने रेस्क्यू की कमान संभाली हैं। आईटीबीपी के साथ एसडीआरएफ, मजदूर, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुटे हैं।

बताया गया कि एनडीआरएफ के 20 जवान भी रेस्क्यू के लिए गोविंदघाट से मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। अटलाकोटी में पैदल रास्ता भी सुचारू कर दिया गया है। यह रास्ता हिमखंड टूटने के साथ पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड का रास्ता सुचारू कर दिया गया है।

यात्रा अभी रोकी गई है। गोविन्द घाट में 1500 व घांघरिया में 3500 यात्री यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। रास्ता सुचारू किए जाने की सुचना प्रशासन को लेकर यात्रा खोलने का अनुरोध किया गया है।

बालासोर ट्रेन हादसे के तीसरे दिन पटरी पर ट्रेन, 51 घंटे के बाद यात्री ट्रेनों की आवाजाही शुरू

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ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे क बाद स्थिति को सामान्य हो रही है। खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और वहां पहले रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करते रहे फिर ट्रैक पर फैले मलबे को हटाकर फिर से इस रूट से सेवा बहाल कर दी गई. कल देर रात इस ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन भी शुरू कर दिया गया। वैष्णव ने देर रात कहा कि दोनों ट्रैक को बहाल कर दिया गया है। 51 घंटे के भीतर ट्रेन की आवाजाही सामान्य कर दी गई है। अभी से ट्रेन की आवाजाही शुरू हो गई है।

ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना प्रभावित खंड से भीषण दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार को रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन रवाना हुई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, “क्षतिग्रस्त डाउन लाइन पूरी तरह ठीक हो गई है। खंड से पहली ट्रेन रवाना हुई।”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मालगाड़ी को रवाना किया। इस दौरान कई मीडियाकर्मी और रेलवे अधिकारी भी वहां मौजूद रहे। कोयला ले जाने वाली मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए उसी पटरी से रवाना हुई और जहां शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हुई थी। इसके बाद दो और गाड़ियां निकाली गईं।

भारतीय रेलवे की ओर से कल रविवार को बालासोर हादसे की सीबीआई से जांच की सिफारिश की गई है। इस सिफारिश से कुछ घंटे पहले रेल मंत्री ने कहा था कि हमें रेल हादसे की वजह का पता चल गया है और जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। रेलवे ने हादसे के बारे में कल रविवार को कहा कि हादसे की शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन ओवरस्पीड नहीं थी और निर्धारित स्पीड से ही चल रही थी।

बता दें, बालासोर जिले में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पिछले हफ्ते शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी इस हादसे की चपेट में आ गई। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना का कहना है कि इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।

नाबालिग रेसलर ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ वापस ली शिकायत-सूत्र

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भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सांसद के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान ने अपना केस वापस ले लिया है। सूत्रों के अनुसार, 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट जाकर केस वापस लिया। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पहलवानों के प्रदर्शन का क्या होगा?

सूत्रों के मुताबिक 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी शिकायत वापस ली है। कोर्ट में नाबालिग पहलवान के साथ पिता और दादा दोनों मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को नाबालिग पहलवान ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत वापस लेने के लिए अपने पिता और दादा के साथ बयान दर्ज कराए थे। उसके बाद कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ली।सूत्रों की माने तो नाबालिग महिला पहलवान ने कोर्ट में कहा कि उनके साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कभी यौन उत्पीड़न किया ही नहीं। अब सवाल उठ रहे हैं कि नाबालिग महिला पहलवान के शिकायत वापस लेने के बाद पहलवानों के प्रदर्शन का क्या होगा?

खुद की महापंचायत करेंगे पुनिया

वहीं, ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने आज यानी रविवार को एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पहलवान जल्द ही अपनी खुद की महापंचायत करेंगे, उनके साथ जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मंच पर मौजूद थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मालिक ने हाल में ही पहलवानों की मांगों से निपटने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। उन्होंने सोनीपत जिले के मुंडलाना में पहलवानों के समर्थन में जनसभा संबोधित किया। पुनिया ने कार्यक्रम में वक्ताओं से किसी भी निर्णय की घोषणा नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अगले 3-4 दिनों में पहलवान महापंचायत बुलाएंगे। उन्होंने कहा, हम एक महापंचायत करेंगे और उसके लिए आह्वान करेंगे।

ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर राहुल गांधी का केन्द्र की मोदी सरकार पर तंज, बोले- वे भविष्य की बात नहीं करते, विफलताओं के लिए हमेशा अतीत को दोषी ठहरा

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का अमेरिका का दौरा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने सोमवार (5 जून) को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विदेश से निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कार चलाते हुए एक्सीडेंट होने की बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया।उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि मोदी पीछे देखकर देश की गाड़ी को चला रहे हैं और यही वजह है कि वह समझ नहीं पा रहे कि यह आखिरकार लड़खड़ा क्यों रही है।

कुछ पूछो तो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया-राहुल

सोमवार को न्यूयॉर्क में प्रवासी भारतीयों की एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान हुई रेल दुर्घटनाओं के लिए अंग्रेजों को दोषी नहीं ठहराते थे बल्कि रेल मंत्री जिम्मेदारी लेते थे और इस्तीफा देते थे। बीजेपी और आरएसएस लोगों का भविष्य देखने में असमर्थ है।कार एक्सीडेंट की बात करते हुए उन्होंने ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की दुर्घटना को भी जोड़ दिया। उन्होंने कहा, अगर आप उनसे (बीजेपी) किसी भी चीज के बारे में पूछेंगे तो वो पीछे देखेंगे और आरोप लगा देंगे। अगर आप उनसे (बीजेपी) पूछेंगे कि ट्रेन एक्सीडेंट (ओडिशा) कैसे हुआ तो वो कहेंगे कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया?

बीजेपी सरकार वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती-राहुल

राहुल ने कांग्रेस सरकार में हुई एक ट्रेन दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे एक ट्रेन हादसा याद है जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तो कांग्रेस ने यह नहीं कहा कि ब्रिटिशों की गलती की वजह से हादसा हुआ। रेल मंत्री ने कहा था यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं इस्तीफा दे रहा हूं। यह एक समस्या है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार बहाने बनाती है और वास्तविकता को स्वीकार नहीं करती है।

हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं-राहुल

राहुल ने कहा कि आप मंत्रियों और प्रधानमंत्री की बात सुनें, आप उन्हें कभी भविष्य के बारे में बात करते नहीं पाएंगे। वे केवल अतीत की बात करते हैं। कांग्रेस नेता ने आगे दावा किया, ‘‘भाजपा और आरएसएस दूरदर्शी नहीं हैं। वे कभी भविष्य की बात नहीं करते, वे केवल अतीत की बात करते हैं और अपनी विफलताओं के लिए हमेशा अतीत में किसी को दोषी ठहराते हैं। 

बीजेपी-आरएसएस पर हमला

राहुल के मुताबिक, इंडिया में दो विचारधाराओं के बीच लड़ाई है- एक जिस पर कांग्रेस विश्वास करती है और दूसरी जिसे भाजपा तथा आरएसएस मानती है। वह बोले, ‘‘इसे समझाने का सबसे सरल तरीका यह है कि एक तरफ आपके पास महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ नाथूराम गोडसे।

पीएम नरेंद्र मोदी को चाहिए की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तत्काल इस्तीफा मांगे। 270 से अधिक लोगों की मौत के बाद भी कोई जवाबदेही नहीं है। सरकार घटना की जिम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती है।