*उत्तर रेलवे के तीन रेल खंड पर बनेंगे 17 आरओबी*

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के तीन रेलखंडों पर 17 आरओबी बनाए जाएंगे। उप्र राज्यसेतु निगम और रेलवे की गति शक्ति इकाई के बीच इसको लेकर एमओयू साइन किया गया है। दोनों संस्थाएं आरओबी निर्माण में खर्च होने वाली धनराशि का 50-50 फीसदी धनराशि वहन करेंगी। रेलवे की ओर से कानपुर रेलखंड पर आठ, अयोध्या परिक्षेत्र में सात और प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में दो आरओबी बनाए जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है।

रेलवे विभाग यात्रियों की सहूलियत के लिए रेलवे पटरियों के आर-पार होने के लिए आरओबी का निर्माण कराता है। फिलहाल जिले में उत्तर रेलवे रेलखंड पर कंधिया और इंदिरा मिल आरओबी हैं। वहीं कंधिया में एक अन्य आरओबी निर्माणाधीन है। इसके अलावा पूर्वोंतर में माधोसिंह पर आरओबी दो सालों से लटका हुआ हैं। वहीं बात करें उत्तर रेलवे के पश्चिमी छोर पर एक भी आरओबी नहीं है। पश्चिमी छोर पर पट्टी बेजांव रेलवे लाइन फाटक विहिन होने से लोग ऐसे ही आते जाते हैं। इससे अक्सर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

 रेलवे ने जो 17 आरओबी निर्माण की कार्ययोजना बनाई है। वह आरओबी कहां-कहां बनाए जाएंगे। यह अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन संभावना जतायी जा रही है कि कुंभ क्षेत्र में स्वीकृत आरओबी में एक आरओबी पट्टी बेजांव के पास ही बनाया जा सकता है। जनसंपर्क अधिकारी उत्तर रेलवे लखनऊ रेल मंडल विक्रम सिंह ने बताया कि आरओबी के लिए उत्तर रेलवे गति शक्ति की ओर से डीआरएम सुरेश कुमार सपरा, वीरेंद्र सिंह यादव, संदीप गुप्ता और उत्तर प्रदेश सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राकेश सिंह ने पारस्परिक समझौता की औपचारिकता पूरी कर लिया है। लागत दर भी निर्धारित होने पर निर्माण को हरी झंडी मिलेगी।

जंघई-वाराणसी रेल खंड के पश्चिमी परिक्षेत्र में सुविधा की मांग तेज

दुर्गागंज। सरायकंसराय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व जंघई-वाराणसी रेल का आधुनिकीकरण करते समय मंडल प्रशासन ने गजिया और इंदिरा मिल फाटकों को चिह्नित कर आरओबी का निर्माण कराया था। वहीं पश्चिमी छोर के सुरियावां, मोढ़, सरायकंसराय स्टेशनों पर पूर्वी-पश्चिमी फाटकों की उपेक्षा की जाती रही। रेल खंड स्थित पट्टीबेजांव के सैकड़ों परिवारों के लोग रेलवे लाइन आर-पार करते हैं।

 आरओबी और अंडरपास नहीं होने से काफी परेशानी होती है। उन्होंने यहां आरओबी या अंडरपास बनवाने की मांग की है। जनसंपर्क अधिकारी उत्तर रेलवे विक्रम सिंह ने बताया कि गति शक्ति परियोजना के तहत कोई रेल खंड नहीं छूटेगा। जहां आरओबी और अंडरपास की सुविधा न मिले। जंघई-वाराणसी रेल खंड भी योजना में शामिल होगा।

*पचपेड़वा नगर पंचायत में पहली बार कमल खिलाने में वैश्य समाज का योगदान*

बलरामपुर। नगर पंचायत पचपेड़वा भारत नेपाल बॉर्डर से सटा नगर पंचायत है,जो देश के महत्वपूर्ण क्षेत्र है ,1994 में पचपेड़वा को नगर पंचायत का दर्जा मिला, व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष एवम भाजपा मंडल मंत्री रोहित गुप्ता का कहना है कि वैश्य समाज के अगुवा रामसरन गुप्ता का चुनाव में मुख्य भूमिका रहा है,पचपेड़वा नगर पंचायत में वैश्य समाज का 3800 वोट है,रामसरन गुप्ता वैश्य परिवार में घर घर जाकर भाजपा के पक्ष में समर्थन दिलाया है और इसी का नतीजा रहा कि हिंदू समाज का 100%मतदान भाजपा के पक्ष में मिला।

 रोहित गुप्ता ने कहा कि जब 2012 में जब पार्टी का अच्छा दिन नहीं था जब कोई मंडल अध्यक्ष नहीं बनना चाहता था तो राम सरन गुप्ता ने नगर मंडल अध्यक्ष पचपेड़वा एवं 2015 में मंडल अध्यक्ष पचपेड़वा बनकर पार्टी की जिम्मेदारी को बखूबी निभाए और आज जिला संयोजक आर्थिक प्रकोष्ठ धर्मपत्नी जिला मंत्री भारतीय जनता पार्टी सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए पार्टी का समर्थन किया है।

 नगर पंचायत पचपेड़वा में टिकट के प्रबल दावेदार थे,जो वरिष्ठ होते हुए भी भारतीय जनता पार्टी का टिकट मिलने के बाद रवि वर्मा का पूर्ण रूप से समर्थन किया और उसी का आज सुखद परिणाम रहा रवि वर्मा जी चेयरमैन चुन लिए गए हैं,ये समस्त हिंदू समाज की जीत है,नगर के समस्त जनता की जीत है, मोदी और योगी की जीत है,भाजपा संगठन की जीत है।

*जनता हुई खफा तो 'शून्य' में पहुंची सपा*


लखनऊ। समाजवादी पार्टी और इसके मुखिया अखिलेश यादव के लिए उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव बुरे स्वप्न की तरह रहे। सीएम योगी द्वारा यूपी के चहुंमुखी विकास के खिलाफ बयानबाजी और माफिया के समर्थन के चलते प्रदेश की जनता ऐसी खफा हुई कि उसने सपा को एक बार फिर 'शून्य' में पहुंचा दिया।

पिछली बार की तरह इस बार भी समाजवादी पार्टी का नगर निगम चुनाव में खाता नहीं खुला। पिछली बार जहां 16 में 14 सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया था तो दो में बसपा को जीत मिली थी। वहीं इस बार सभी 17 नगर निगमों में भाजपा के मेयर होंगे, जबकि समाजवादी पार्टी हाथ मलते रह गई। इन नतीजों से स्पष्ट हो गया कि यूपी को सिर्फ योगी पर ही यकीन है। वहीं अखिलेश यादव और सपा को प्रदेश की जनता ने सिरे से नकार दिया। 

 

10 नगर निगमों में भाजपा से सीधे मिली शिकस्त 

शनिवार को नगरीय निकाय के चुनावों के नतीजों में समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। प्रदेश के सभी नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा हो गया। ऐसा माना जा रहा था कि इन चुनावों में भाजपा को सपा से कड़ी टक्कर मिलेगी, लेकिन कुछ एक जगह छोड़कर सपा कहीं टक्कर में नहीं दिखी।

सीएम योगी के विकास के बूते चुनावों में मजबूती से उतरी भाजपा को शुरुआत में आगरा में बसपा के सामने थोड़ी मुश्किल जरूर हुई, लेकिन वहां भी अंत में भाजपा बढ़त बनाने में कामयाब रही। नतीजों पर निगाह डालें तो 17 में से 10 स्थानों पर भाजपा ने सीधे सपा को शिकस्त दी, जबकि बाकी 7 स्थानों पर सपा तीसरे और चौथे नंबर पर नजर आई। हालत ये रही कि कई सीटों पर तो सपा के प्रत्याशी निर्दलीयों से भी पीछे रहे।

2017 में भी मिली थी करारी हार 

2017 में समाजवादी पार्टी ने सभी 16 नगर निगमों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन एक भी जगह पार्टी खाता खोलने में नाकाम रही। भाजपा ने जो दो सीटें गंवाई, वहां भी उसे सपा नहीं, बल्कि बसपा के हाथों हार मिली।

ये सीटें मेरठ और अलीगढ़ थीं। हालांकि, इस बार भाजपा ने इन सीटों पर भी कब्जा जमा लिया। 2017 में समाजवादी पार्टी का हाल ये था कि महज तीन सीटों पर ही उसके प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे थे, बाकी सभी सपा प्रत्याशी तीसरे या चौथे स्थान पर रहे थे। 

सपा ने 2017 से नहीं लिया सबक 

2017 में नगर निगम के चुनाव में करारी हार के बावजूद समाजवादी पार्टी ने सबक नहीं लिया। ऐसा लगा मानो सपा ने पहले ही हार स्वीकार कर ली। एक तरफ जहां सीएम योगी ने निकाय चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी,तो वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव शुभ मुहूर्त का इंतजार करते रहे।

वह जब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतरे तब तक सपा का किला ढह चुका था। न अखिलेश की चुनावी रैलियों का कोई असर दिखा और न ही डिंपल यादव के रोड शो का। बल्कि जहां-जहां अखिलेश और डिंपल ने प्रचार किया, वहां सपा को और भी करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा योगी सरकार द्वारा प्रदेश में बड़े पैमाने पर किए गए विकास कार्यों का मजाक उड़ाना, उन्हें अपना बताना और माफिया के प्रति सॉफ्ट रुख दिखाना भी अखिलेश को महंगा पड़ा। अखिलेश के इन कृत्यों के चलते प्रदेश की जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया।

*पहली नगर पंचायत अध्यक्ष बन कर रिंकू मणि ने इतिहास में दर्ज कराया नाम*

 

 रमेश दुबे

 संतकबीरनगर। धनघटा विधानसभा नवसृजित नगर पंचायत हैसर बाजार धनघटा के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रिंकू मणि ने लगभग 15 सौ मतों से जीत दर्ज कर इतिहास में नाम दर्ज कराया । नव सृजित नगर पंचायत हैसर बाजार धनघटा की पहली अध्यक्ष बनकर रिंकू मणि ने इतिहास रचा है।

 रिंकू मणि प्रथम चक्र की मतगणना से ही आगे हो गई थी। जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ती गई अपनी जीत का अंतर बढ़ाती चली गई । अंतिम मतगणना का रुझान आया तो रिंकू मणि अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा समर्थित मनीषा पासवान पर लगभग 15 सौ मतों के अंतर से जीत दर्ज की ।

इसके साथ रिंकू मणि के नाम नगर पंचायत हैसर बाजार धनघटा से पहली नगर पंचायत अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड रिचार्ज हो गया। रिंकू मणि को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था।

*राकेश पाठक, सिंटू और अखिलेश की तिकड़ी ने ध्वस्त किया 20 वर्ष के वर्चस्व को*

रमेश दुबे

संतकबीरनगर । जनपद में भारतीय जनता पार्टी ने नगर पंचायत हैसर बाजार धनघटा मे अपना नगर पंचायत अध्यक्ष बना लिया है। वही सबसे अधिक चर्चा धनघटा भाजपा सभासद अखिलेश पाठक की जीत की हो रही है ।

दर असल जीत बहुत अच्छे मतों से हुई है लेकिन उस से बढ़कर कहीं इस जीत के पीछे 20 साल के वर्चस्व को खत्म करना मायने रखता है । अभी कुछ वर्ष पूर्व जब धनघटा नगर पंचायत में नहीं थी ग्राम प्रधान के चुनाव में सभासद प्रत्याशी के परिवार को मात्र कुछ मतों से हार झेलनी पड़ी थी ।

धनघटा के लोग यह मान गए थे की इस सीट पर निवर्तमान ग्राम प्रधान का हमेशा दबदबा रहेगा। निवर्तमान ग्राम प्रधान को लोग अजेय मानकर चल रहे थे । लेकिन हिंदू जागरण मंच गोरखपुर प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पाठक ,श्री ताराचंद महाविद्यालय के सहायक प्रबंधक सिंटू पाठक और प्रत्याशी अखिलेश पाठक की तिकड़ी ने किले को ध्वस्त कर दिया और शानदार जीत दर्ज कर ली ।

वही पाठक परिवार ने इसके लिए मतदाताओं का आभार प्रकट किया है । पाठक परिवार ने कहा के ग्राम प्रधान चुनाव से ही जो मतदाता मेरे साथ लगे रहे सबका धन्यवाद है और पाठक परिवार आजीवन उनका ऋणी रहेगा। अखिलेश पाठक की जीत मात्र सभासद की जीत नहीं है बल्कि एक युग के अंत की जीत है।

*नगरीय निर्वाचन नगर पालिका परिषद व पंचायत में इनकी हुई जीत*

बलरामपुर। बलरामपुर, उतरौला, तुलसीपुर पचपेड़वा गैसड़ी जिले के पांचों जीते प्रत्याशियों का रिजल्ट इस प्रकार है। धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू ने 16955 वोट पाकर नगर पालिका परिषद बलरामपुर में जीत हासिल करते हुए भाजपा की दशकों से जीत ना होने का रिकॉर्ड ध्वस्त किया और नगर पालिका बलरामपुर परिषद पर भाजपा सीट से कब्जा किया।

वही उतरौला नगर पालिका परिषद अनूप गुप्ता पत्नी सविता गुप्ता ने7634 मत पाकर उतरौला सीट पर कमल खिला कर कब्जा किया दूसरी तरफ तुलसीपुर जो 20 वर्षों से भाजपा विहीन था इस सीट पर कहकशा फिरोज ने जहां लगातार दूसरी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजयश्री हासिल किया ।

वहीं अगर इनके पति को भी ले लिया जाए तो यह सीट तीसरी बार उन्हीं के घर में रही यहां के मतदाताओं के हिसाब से तीसरी बात जिताने का कारण भी तुलसीपुर का विकास रहा इसी प्रकार दशकों से भाजपा भी नगर पंचायत पचपेड़वा सीट पर रवि वर्मा ने जीत हासिल कर कमल खिलाया जो 4399 वोट पाकर विजई रहे वही गायत्री सीट से निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा के बागी उम्मीदवार प्रिंस वर्मा ने 1983 मत ले कर विजई रहे।

 जबकि इस सीट पर पूर्व विधायक शैलेश सिंह शैलू ने लगभग प्रतिष्ठा का स्वीट बना रखा था इस प्रकार जहां भाजपा ने जिले में बलरामपुर उतरौला साथ ही पचपेड़वा इस सीट पर कब्जा किया वही गैसड़ी से निर्दलीय प्रत्याशी तथा तुलसीपुर से निर्दलीय प्रत्याशी ने भारी मतों से विजय से प्राप्त की।

*नवनिर्वाचित महापौर डॉ मंगलेश ने लिया सीएम योगी से आशीर्वाद,मुख्यमंत्री ने भी दी जीत की बधाई*

गोरखपुर। गोरखपुर के नवनिर्वाचित महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव शनिवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद लेने गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय सीएम को देते हुए उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें जीत की बधाई दी।

नगर निकाय चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ मीडिया से बात की और शनिवार शाम गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। सीएम के आगमन की सूचना मिलते ही जीत का जश्न मना रहे नवनिर्वाचित महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव भी पहुंचे।

उनके साथ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह व भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता भी मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लेने व पूरे प्रदेश में प्रचंड जीत की बधाई देने पहुंचे। उन्होंने माला पहनाकर और केसरिया अंगवस्त्र ओढ़ाकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। सीएम योगी ने डॉ मंगलेश व पूरी भाजपा टीम को जीत की बधाई दी।

*बंथरा नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर बसपा ने जमाया कब्जा,भाजपा की शांति देवी को हराया*

 सरोजनीनगर /लखनऊ।नवगठित बंथरा नगर पंचायत चुनाव की मतगणना तहसील सरोजनीनगर परिसर में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच सकुशल संपन्न हुई। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदारों में प्रमुख पार्टियों में भाजपा से घोषित प्रत्याशी शांति देवी को बसपा की प्रत्याशी रामादेवी ने शिकस्त देकर नगर पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पर कब्जा जमा लिया और भाजपा की प्रत्याशी शांति देवी को हराया।

विजई प्रत्याशी रामावती ने 4195 मत प्राप्त किए। वहीं भाजपा प्रत्याशी शांति देवी को 3436 मत प्राप्त हुए हैं। सपा के उम्मीदवार विमला बहादुर ने 2047 व कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा रावत ने 2469 मत प्राप्त किए। साथ ही नगर पंचायत बंथरा में बनाए गए कुल 15 वार्डो में वार्ड संख्या 1 कुषमा देवी, वार्ड संख्या 2 से सीमा देवी, वार्ड 3 अतुल कुमार, 4 रेखा,5 बृजेश, 6 हंसराज रावत, 7 उर्मिला, 8 धर्मेंद्र सिंह, 9 जमुना देवी, 10 आशीष कुमार, 11 निशा गुप्ता, 12 हुकुम सिंह, 13 राजेश कुमार, 14 से गोविंद यादव, 15 सारिका शुक्ला ने जीत दर्ज की।

*बिल्हौर में इखलाक तो शिवराजपुर में निर्मला कटियार बनी अध्यक्ष*

कानपुर।नगर निकाय चुनाव को लेकर आज बिल्हौर के बीआरडी इंटर कॉलेज में बिल्हौर नगर पालिका व शिवराजपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष एवं सदस्य पदों के उम्मीदवारों की मतगणना सुबह से प्रारंभ हुई। दोपहर तक आते-आते कई सभासद प्रत्याशियों ने विजय हासिल की।

वहीं दूसरी ओर बिल्हौर नगर में निर्दलीय अध्यक्ष पद प्रत्याशी इखलाक खान ने कुल 3815 वोट पाए तथा दूसरे नंबर पर आशीष सिंह उर्फ चटरूं ने 2454 वोट प्राप्त किए। इस प्रकार इखलाक ने 1361 वोट से जीत हासिल की। वहीं तीसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी कौशल अवस्थी ने 1978 वोट प्राप्त किए। 

नगर पंचायत शिवराजपुर में अध्यक्ष पद पर निर्दलीय प्रत्याशी निर्मला कटियार ने 124 वोटों से विजय हासिल की। निर्मला कटियार को 1264 वोट मिले वही प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी गीता गुप्ता को 1140 वोट मिले।

*रायबरेली में नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा बरकरार,भाजपा को मिली पांच नगर पंचायतें, सपा हुई साफ*


रायबरेली। जिले की पांच नगर पंचायतों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर अच्छा प्रदर्शन किया है। हालांकि, सपा ने पिछली बार की दो सीटें गंवा दी और जिले में उसका खाता तक नहीं खुला है।

नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद की नौ सीटों पर इस बार भाजपा के प्रत्याशियों का अच्छा प्रदर्शन रहा। नगर पंचायत अध्यक्ष की नौ सीटों में पांच सीटें भगवा हो गईं। सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने कब्जा कर लिया, जबकि लालगंज की सीट पाकर कांंग्रेस का खाता नगर पंचायतों में खुल गया।

पिछले चुनाव में नगर पंचायतों की एक भी सीट कांग्रेस को नहीं मिली थी। सपा को दो सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार सपा ने उसे भी गवां दिया। पिछली बार निर्दलों ने नगर पंचायतों की चार सीटों पर कब्जा किया था, इस बार तीन सीटों से संतोष करना पड़ा।

वर्ष 2017 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने नगर पंचायत परशदेपुर व महराजगंज सीट पर कब्जा पाया था। इस बार परशदेपुर के नगर पंचायत अध्यक्ष रहे विनोद कौशल को भाजपा ने टिकट नहीं दिया। विनोद ने बागी बनकर निर्दल चुनाव लडक़र दूसरी बार जीत दर्ज कर ली।

नगर पंचायत महराजगंज सीट पर चौथी बार सरला साहू ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कराई है। इसके अलावा डलमऊ, ऊंचाहार, शिवगढ़ और बछरावां नगर पंचायत सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया है। इस चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान सपा को उठाना पड़ा है।

नगर पंचायत ऊंचाहार में अध्यक्ष की सीट भाजपा ने सपा से छीन ली है। इसके अलावा लालगंज की सीट कांग्रेस ने सपा से छीनी है। सभी नगर पंचायतों में सपा पूरी तरह से साफ हो गई है। परशदेपुर के साथ सलोन और नसीराबाद सीटों पर निर्दलीयों ने बाजी मारी है।

जहां रही बसपा की बात तो बसपा के प्रत्याशी किसी भी सीट पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। हर सीट पर बसपा प्रत्याशी मुट्ठीभर वोट पाए। कुल मिलाकर नगर पंचायतों में भाजपा का इस बार अच्छा प्रदर्शन रहा। सपा और बसपा को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा।